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Wednesday, 31 August 2016

मुसलमान खामोस कुंयु है

🔴आप क्यों खामोश हैं??!!
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🌟समाज में नफरत और द्वेष निर्माण किया जा रहा है..
❗❗आप खामोश हैं!!
🌟हिन्दू मुस्लिम भाइयों में अविश्वास का वातावरण निर्माण किया जा रहा है..
❗❗आप खामोश हैं!!
🌟देश में अराजकता और जंगलराज पैदा करने की कोशिश की जारही है..
❗❗आप खामोश हैं!!
🌟देशवासियों के आपसी भाईचारे और प्रेम को समाप्त करने का प्रयत्न किया जारहा है..
❗❗आप खामोश हैं!!
🌟समाज में साम्प्रदायिक द्वेष और घृणा को बढ़ावा दिया जा रहा है..
❗❗आप खामोश हैं!!
🌟देश में क़ानून की हुक्मरानी समाप्त कर क़ानून को अपने हाथ में लेकर समाज में दहशत निर्माण करने का प्रयत्न हो रहा है..
❗❗आप खामोश हैं!!
🌟देश में अलगाववाद की स्तिथि निर्माण की जारही ह..ै
❗❗आप खामोश हैं!!
🌟सामाजिक व धार्मिक  सलोखा व सदभावना को नष्ठ करने की कोशिश हो रही है ..
❗❗आप खामोश हैं!!
🌟पूरा देश साम्प्रदायिकता और नफरत केे लपेट में है..
❗❗आप खामोश है!!
  🤔🤔❗❗ और ताज्जुब और आश्चर्य तो इस बात पर भी है के कुछ लोग इस माहोल को बदल कर समाज में जातीय व धार्मिक सलोखा,भाईचारा,प्रेम,सदभावना,विश्वास,क़ानून की हुक्मरानी,
बंधुभाव,हिन्दू मुस्लिम एकता निर्माण करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं,आप के सामने,आपके शहर में...मगर आप फिर भी खामोश तमाशाई बने हैं❗❗❗❗❗❗
🔴क्या आपको अपने देश और समाज की चिंता नहीं???
🔴क्या आपको अपनी आने वाली नस्ल के भविष्य की चिंता नहीं??
  😊😊  बहोत से हिन्दू मुस्लिम और सर्वधर्मिय लोग "शान्ति व मानवता"अभियान के लिए सहयोग का हाथ बढ़ा चुके है..
🔵बस आपका इंतज़ार है..
🔷क्या आप तैयार है???

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हुजैफा पटेल
9898335767
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दहेज मुलनीवासी मीटींग

मुलनीवासी भाईयो आज 30/08/2016 को दहैज गांव मे रामदेव मोहलले मे मुलनीवासी भाईयो के साथ बांपसेफ के वीचार से मीटींग की जीसमे लगभग 50 लोग सामील हुये थे पोगराम 07:00pm को सुरु हुवा ,

हमने अपनी तरफसे पुरी तरहा से  बात संमजाइ तो लोगो को बहोत अछछी लगी बिच मीटींग मे अेक भाई ने वंहाके पंचायत के सभीयको बीच मे ही वहां के युवा को कंपनी मे नोकरी ना मीलने का पुरा मुददा बहोत गंभीर होकर उथाया तो पुरा मामला बीगर ता नजर आरहा था उस वकत गोहील भाई इसपीच देरहै थै उस भाई के बोलने पर लोगो का धांयान उस बात से हत गया जो इसपीच दे रहेथे इस बीच मे यानी हुजैफा पटेल मेने महोल को कबु करने के लीये खरे होकर बात सुरु की मेरी बात येथी ,

मुलनीवासी भाईयो आज हमे सबसे पेहले हमे अेकता , समता , ओर ताकत ये तीनो चीज पर धंयान देने की बहोत जरुरत है , जीस भाई ने अभी जो बात रखी थी युवा को नोकरी ना मीलने की इसकी तो ये बात बहोत अछछी है के ये भाई बात को खरे होकर बोले  लेकीन हमे हमारे सारी समसीया ओ को पुरी तरहा समजने की कोसीस करनी परेगी जैसाके मेने पेहले अेकता , समता ओर तीकात को मीलाकर काम करना होगा तभी अेसे जीतनी भी समसीया अे हे इसका नीकाल कर सकते है मेरे पयारे भाईयो हमे अपने अंदर सबसे पेहले अेकता,समता , ताकात की सोच बनानी परगी अगर हम सोचना सिरु करदेते है तो हर मसले का हल होता नजर आने लगेगा ,

ओर आगे दोसतो हमे ये सोच को बनाने ओर समज नेके लीये पुरा टाइम पुरी सलाहीयत लगानी परेगी अेसे तो इस तरहा के बहोत मसले है हर जगाके रासते , गटर , पानी , नोकरी , मेहगाइ ये सारे जीतनेभी मसले है उसका कारंन इस मोहलले से लेकर तालुकासे लेकर जीलला ओर इसतेट ओर पुरे भारत मे जो होरहा है  इसकी वजाह है पुरा सीसतम इसको समजने की कोसीस करना होगा ओर अपने मसले का हल अकता, समता , ओर ताकात के बल पर हमे खुद करना होगा ,

हमे हमारे मसले का हल समजने के लीये पुरे भारत ते हालात को समज ना परे गा तब जाके पुरे हालात को समजकर इसका हल कर सके ओर हमे खाली हमारे लीये नही हमारे जेसे जीतने लोग है इनको भी समजने की कोसीस करके उनको साथ लेकर अेक होकर करना परे गा वेसे तो मेने ये थाइ साल मे बहोत जयभीम बोलने वाले लोग देखे लेकीन बाबा साहब के मीसन को भुलकर तुम खाली जयभीम बोल दोंगे इससे बाबा साहाब के आप अछछा मानते हो वो पुरुफ नही होगा बाबा साहाब ने पुरी जींदगी मुलनीवासी के हक ओर अधीकार के लीये जंग लरी आज हम मुलनीवासी लोग बाबा को मांते है लेकीन काय कोय ये बता सकेगा के बाबा का मकसद कायहै हमे बाबा के मकसद को भी समजना होगा तब जाके हम कुच बाबाके हकको अदा करसके भाईयो बाते तो बहोत होती रहे गी ये हमारी पेहली मीटींग है पेहली बार मे ये बाते समज मे नही आयेगी कुंयु के ये बाते महोल से ओर आप लोगोके वीचार से अलग है हमे दुसरी बार अेसी मीटींग का आयोजन करना परे गा ओर आगे बरकर इसकाम को यहांसे लेकर हर मोहलले मे ओर पुरे गांव मे फेला ना परै गा इस काम को करनै के लीये हमे यंहा अेक युनीटी बनानी परेगी उसके लीये कोन कोन तययार है अेक के बाद अेक ने हाथ उथाया ओर तकरीबंन 30 लोगोने नाम ओर मोबाइल नंबर लीखाया ओर बाद मे सभा खतंम की ,

आसा है के भरुच के वागरा तालुका के दहैज से अेक बेहतर काम उपर आये ओर लोग अेकता , ओर अपनी संमता , अपनी ताकात को सही जगाह लेजानेकी कोसीस करते हुये बाबा साहाब का मीसन पुरा करने मे लोक आगे बरहेंगै ,

आज जरुरत है अेक होने की,
आज जरुरत है ताकाट दीखाने की,
आज जरुरत है हक मांगने की,
आज जरुरत है दुसमन को जवाब देनेकी ,
आज जरुरत है हीमत की,
आज जरुरत है अकलीयत की,
आज जरुरत है अेक दुसरे की मदद की,
आज जरुरत है हीमायत की,
आज जरुरत है बोलने की ,

हुजैफा पटेल
9898335767

हुजैफा पटेल
गुजरात भरुच

Tuesday, 30 August 2016

भारत का मुसली केसा हौ ,

असलामुअ लयकुम व.व.व

    मेरे पयारे मुसलीम भाईयो हेमे अेक राह बनानी परेगी जीसके लीये हमे हरअेक को अेकहोनेकी सोच को सबसे पेहले बनानी परेगी ,

आज हमारे अंदर जो बीमारी है फीरका परसती की , जात परसती की , खांदान परसती की, बेकार की बते बोलना ओर फेलाना , वकतको जाये करना , ये सारी बीमारी हमे दीन मे मजबुती , ओर भारत मे रेह कर जो अधीकार मीलने चाहीये वो हमे नही मीलते , अगर हम ये सारी बीमारी से नीकल ने की सबसे पहले सोच बनाले तो ये सोच हमे कुच काम करने पर  उभारने का काम करेगी ,

आज भारत मे हरदीन मुसलमान को मारा पीता बदनाम कीया जाता है इसकी वजहा हम खुद है , आज ही 30/08/2016 के रोज परवीन तोगदीया ने मीदीया मे भासंन कीया के जो पाकीसतान  की बात करे उसको कतल करदो ,

मेरे पयारे भाईयो काय हम वोटसओप पर फेसबुक पर कुच अेसा नुयुज देखते है जीसका ताआलुकक मुसलमान से हो ता है तो काय हमपे दील मे इसकी आह नही नीकल ती है ,

ये मेरा लेख अगर मे चाहुतो बहोत लंबा लीख सकता हु पर मे आपके सामने कुच बेजीक बात रखना चहता हु ,

     हमे ये सारे हालात से लरने के लीये खुदको तययार करना परे गा ओर तययारी हमे हमारे हक ओर अधीकार की लरनी परे गी इसमे हमको हमारे युवा को तययार करना परेगा , हर गांव शहर  ओर मोहोलोमे इसकी अेक युनीटी कायम करे ,जीसका काम हो ,

नं. १  हर अेक को जोरने की कोसीस हो जीसमे उलमा, वकील , दोकतर , पोरफेसर , बीजनेस मेन , युवा , १८ साल के इसतुडंत ओर ओरतो को सामील करके अेक मजबुत युनीटी कायम करो ,

नं २ युनीटी हर वो काम करे जीससे अवाम मे अेकता पेदा हो ओर अवाम के छोते बरे मसले को हलकरे ताके हमारा समाज अंदर से मजबुत बने ओर ताकतवर बने ,

नं ३ खास कर हमारे बचचो की तालीम की फीकर करने वाला अेक तबका खरा करे ओर ओर उंको जीममेदारी दे कर हमारे समाज को सीकसीक करने मे आगे बरहा ये , ओर दुसरा काम ये ले के जो बचचे परलीखे है उकी नोकरी ओर रोजगार का पुरा पोगराम तययार करे ,

आज जरुरत है अेक होने की,
आज जरुरत है ताकाट दीखाने की,
आज जरुरत है हक मांगने की,
आज जरुरत है दुसमन को जवाब देनेकी ,
आज जरुरत है हीमत की,
आज जरुरत है अकलीयत की,
आज जरुरत है अेक दुसरे की मदद की,
आज जरुरत है हीमायत की,
आज जरुरत है बोलने की ,

हुजैफा पटेल
9898335767

मुसलीम समाज के युवा

मुसलीम समाज की सबसे बरी खफलत युवा मे हे इसकी वजाह से समाज कमजोर लचार बीगरा हुवा दीखता हे ,

अगर येही युवा तबका समाज के मुल हक ओर अघीकार की तरफ नजर रखने वाला बने  तो काय समाज इतना बीगरा ओर कंमजोर नजर आसकता है ,

इसकी वजाह हमारे लीदर है ,

जो इनके पीछे सही तरीके से काम को अंजाम नही देते है,

अगर हर युवा को समाज की मुल अधीकार से वाकीफ करने की मेहनत करे तो काय ये युवा तययर नही हो सकते ,

लेकीन समाज के हर तबके के लोग अपनी अपनी मेहनत को करते नजर नही आते ,

सबसे बरी बात करने जा रहा हु मे देख रहाहु के हर अलग अलग तंजीम अलग अलह तरीके से मेहनत करती नजर आती है,
      ओर बात सब ये करते है के उममत को १ पेलेट फोरम पर आना चाहीये जबके वो लोग ही बात मे अलग अलग नजर आते है तो उममत मे ईततीहाद कंहासे आयेगा ,

सबसे पेहले हर पेलेट फोरम चलाने वालो को अेक होने की जरुर है,

ओर खास कर युवा ओ को जींमेदारी का अेहसास कराके  उनको समाज के कुच कामो की जींमे दारी देकर काम मे लगाना चहीये ,

हुजैफा पटेल
गुजरात भरुच
9898335767

भारत के नागरीकके हक अधीकार

जबतक हर भारत का नागरीक भारत देस आजाद हुवा उससे पेहले जो चरवर चालाइ गइ थी उस वकत काय हालात थे ,

मुसलीम , अेसी , अेसटी , ओबीसी , के लोगो के हालात का थे ओर कुंयु थे ,

ओर जब इस देस मे से अंगरेज देस छोरकर जाने वाले थे ओर इस देस को चलाने के लीये जो कायदे बनाये गये वो केसे बने ओर कुंयु बने कीसने बनाये ये सब जानना बहोत जरुरी है,

देस की वरतमान परीसती को जानने के लीये अटीत की परीसती जानना बहोत जरुरी है,

ओर जो वरतमान मे कीये गये काम हे वो अभीभी कीतना नुकसान करती है वो जानना जरुरी है,

अगर आप देस अटीतके बारे मे कुच नही जांनते तो वरतमान परीसती को केसे हल करे वो नही जान सकते इसके लीये अटीत की जीनकारी को हासील करे ,

हुजैफा पटेल
9898335767

भारत देश मे इंसानीयत मरचुकी है,


 
   ✍हुजेफा पटेल

  उड़ीसा के इंतिहाई पिछड़े क्षेत्र कालाहांडी के निवासी दीना मांझी द्वारा अपनी बीवी की लाश को कांधे पर उठाकर 12 कि.मि.पैदल चलने की तस्वीर जब से वायरल हुयी है पूरा समाज आहत है.
आइए हम आपको एैसे हजा़रों मांझियों से मिलवाते हैं,
जो इसी समाज में हर दिन इंसानियत की लाश अपने कांधों पर उठाते हैं.
और हमें उनका पता भी चलता है,पर हम क्या करते है,सिर्फ रियेक्ट?प्रोटेस्ट,रिक्वेसट,और टाइम वेस्ट बस.

गुड़गावं में 3 घंटे लाइन में लगकर प्यास से दम
तोड़ने वाली नेहा हो,या बहराइच में रिशवत ना देने
पर इलाज ना होने की वजह से मरने वाला कृष्णा हो या फिर टीबी की मरीज़ आगरा की पूनम जिसे अस्पताल से भगा दिया गया था,और वो दो घंटे तक पैदल चलती रही,फिर गिर कर बेहोश हो गई,
या फिर पिछले साल मध्य प्रदेश के उमरिया जिले की
"विशाली बैगा"
जिसके आत्महत्या करने बाद पोस्टमार्टम के लिए लाश ले जाने के लिए पैसे ना होने पर गाड़ी ना मिलने की वजह से दो आदिवासियों ने  उसे चारपाई पर रख कर पांच घंटे तक  पैदल चले.
और इनसे भी  दुखद आज की घटना है जिसमें बालासोर की सलामनी बारिक की सोरो इलाके में ट्रेन से कट कर मरने के बाद एम्बूलेंस ना होने की वजह से स्वास्थकर्मियों ने शव की कूल्हे की हड्डी तोड़ कर गठरी बना कर दो किलेमीटर तक पैदल लेकर गये,.
यह और इन जैसी घटनाएं हमारे समाज के माथे पर
कलंक हैं,पर सवाल ये है कि एैसी घटनाएं,
बार बार होती हैं और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ़
तबादला,सस्पेंड,या फिर कभी खत्म ना होने वाली  जांच.और फिर मीडिया के दबाव में आकर जांच से पहले ही कार्रवाई,
और इन सब के साथ मीडिया का नमक मिर्च,
कल से अभी तक बड़ी बड़ी बहस,डिबेट्स,
और चीखना चिल्लाना,गला फाड़ना इसके
अलावा मीडिया में कुछ भी नहीं हुवा,
दीनामांझी के बहाने मीडिया ने अपना खलनायक
ढूंढ लिया है,
अब बात करते हैं सरकार की,प्रशासन की,सिस्टम की,
तो उसकी शुरुआत सफाई से होती है, फिर जांच पर पहुंचती है और फिर जांच से पहले कार्रवाई हो जाती है.
कालाहांडी की ज़िलाधिकारी ब्रुंडा देवराजन ने कहा कि करीब 2 बजे बिना बताये वह शव को लेकर चले गए. अगर मदद मांगी होती तो हम मदद करते. डीएम ने यह भी कहा कि अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें बताया कि दीना मांझी ने शराब पी रखी थी. अब सवाल ज़िलाधिकारी से पूछा जा सकता है कि अस्तपाल के कैंपस से बिना किसी प्रमाण पत्र के कोई लाश लेकर कैसे निकल गया. क्या कर्मचारियों ने भी शराब पी रखी थी?
रवीश कुमार ने कल सच ही कहा था कि आहत होने से, खुद को लानत भेजने से हम दीना मांझी के साथ न्याय नहीं कर पायेंग दरअसल, यह सिस्टम की संवेदनशीलता का पतन है. समाज की संवेदनशीलता का पतन नहीं है. समाज को लेकर छाती पीटने की ज़रूरत नहीं है. सवाल सिस्टम की क्षमता को लेकर होना चाहिए.
एक सवाल है. राष्ट्रीय मीडिया भले ही दिल्ली मुंबई से काम चला लेता है लेकिन स्थानीय अखबारों में ऐसी लापरवाहियों की तमाम खबरें होती हैं. क्या उनका सरकार और समाज पर कोई असर हो रहा है?
या इन सबके बिना ही राष्ट्रवाद हो रहा है,?
देशभक्ति इसी तरह से चल रही है,?
डिजिटल इंडिया का क्या यही उद्देश्य है?
और क्या मांझी या उस जैसे दूसरे ग़रीबों के इन घटनाओं से सरकार और समाज पर कोई असर हुआ?
हरगिज़ नहीं हुआ,कोई असर नहीं होता,
हर दिन ना जाने कितने मांझी यूँ ही दम तोड़ते हैं,
सरकारी अस्पतालों में चले जाइये,एक अजीब
जल्लाद खाना जैसा लगता है,डाक्टर बात करने को तैयार नही,जूनियर डांट डपट देते हैं,
नर्स और वार्ड ब्वाय की तो पुछिए ही मत,
इन सबके साथ हर दिन एक बड़ी सी पर्ची जिसमें
हजारों की दवाइयां,डिस्चार्ज करते समय एक लम्बी
लिस्ट,जिसमें पीने के पानी से लेकर पेशाब करने तक
हर चीज़ की फीस लिखी होती है.
प्राईवेट अस्पतालों,नर्सिंग होम्स की तो बात ही मत करिए,यहाँ तो एैसा लगता है कि उन्होंनें मरीजों के खुन चूसने का कान्ट्रेक्ट ले रखा है,
इसीलिए शायद एक कहावत मशहूर है कि
सफैद,काली,और खाकी वर्दी से खुदा बचाये.
अब एैसे में मांझी करे तो क्या करे,मज़बूत जिगर का हो तो कांधे पर एक और बोझ उठाकर पैदल चलता है,
व्यवस्था को आईना दिखाता है,
वरना तो खुदकुशी को आखिरी समाधान समझ कर
अपने प्राण त्याग देता है.
और ये हर विभाग में है,हर दिन सैंकड़ों मांझी
सिस्टम से मार खाकर जिंदगी की रेस में पीछे रह जाते हैं,
इसकी वजह है असामनता,नेता और जनता
के बीच,सिस्टम और सिस्टम वालों के बीच.
इसे खतम करने की ज़रूरत है.
जिस देश के
प्रधान सेवक 10 लाख की सुट पहनते हैं
लग्ज़री गाड़ी और बंगले में रहतेूुड,ब हैं
नेता हज़ारों करोड़ का घोटाला कर जाते हैं,
उस देश का एक मांझी जिसके पास एक लाश को पुर्ण रूप से सम्मान देने भर के भी  कुछ पैसे  नहीं होते..
यह एक एैसी विडम्बना है जिसका समाधान ढ़ूने बगैर
देश कभी भी शिखर पर नही आ सकता ...
और इसका एक  ही समाधान है व्यवस्था की क्षमता को मज़बूत करना और हर विभाग से काली भिड़ों को साफ़ करना,
स्वास्थ जैसे बहूत ही अहम विभाग को आधूनिक
चीज़ों से लैस करना और हर नागरिक तक उसकी पहुंच को आसान करना,तब शायद देश मेन स्ट्रीम में आ सके,
साथ ही मीडिया को भी चाहिये कि व्यवस्था की कमजोरियों के उजागर करे,
ये बताये कि देश को इन इन चीज़ों की ज़रूरत है.
बस यही समाधान है देश के सिस्टम को सुधारने,
संभालने और उन्नति देने की.
रही बात दीना मांझी की तो वो इस देश का एक सच्चा और झूझारू एथलीट है जिसने जिंदगी के मैदान दौड़ने और संघर्ष करने वालों को एक नया रास्ता दिखाया है,
वह सच्चे मायनों में भारत रत्न है.

Monday, 29 August 2016

मुलनीवासी अेकता संग भरुच

मुलनीवासी यो के सभी हक अोर अधीकार के लीये लरता संगधन जो भरुच के sc,st,obc,मुसलीम के हक ओर अधीकार के लीये लरता है ,

तारीख :- 09/08/2016 के रोज हमने उना मे हुये दलीत अतीयाचार ओर मुसलमान के उपर होरहे अतीयाचार के खीलाफ धरना पदँसन कीया था ,

उसी रोज हमारे सामने यानी भरुच के रेलवे इसटेसन के पास बाब साहेब के परतीमां के पास धरने पे बेथे  उसी वकत अेक पोलीस वाला अेक रीकसा चालाक को रोक कर रीकसा के काच को तोर ने की कोसीस करने पर रीकसा चालाक रीकसा से बहार नीकला तो पोलीस वाला उसको मारने लगा ओर मारते मारते उसको खीचकर पोलीस टेसन लेगया ओर दुसरे पोलीस मीलकर बेरेहमी से मारने लगा ,

हम मुलनीवासी संग के करीयकरता पोलीस थाने मे जाके उस लरके को बहार ले के आये ओर उसको मीदीया के सामने दीखाया ,

बाद मे हम उस लरके को सीवील होसपीताल लेगये ओर वंहा मार मारने का पुरा रीपोत लीया ,

पोलीस थाने जब हम गयेतो पोलीस वाले रीपोत लीखने से मना कररहे थे जब हमारे सारे मुलनीवासी के करीयकरता ने वीदीयो बनाने का सुरु कीया तो पोलीस ने कंमपलेन लीखने लगे ,

बाद मे पोलीस ने मुलनीवासी संग के संगधंन के इस काम से घभरा कर सुलेह की बात की हम लोगोने उस लरके के उपर छोर दीया उस वकत हमे कलेकटर ओफीस जाने की वजाह से हम पोलीस थाने से नीकल कर कलेकटर ओफीस दलीत ओर मुलनीवासीयो पर होरहै अतीयाचार के खीलाफ आवेदन देने गये ,

जब हम आवेदन देने  गये थे  इस बीच पोलीस ने उस लरके के मां बाप ओर उसके ससुरको बुलाकर सुलेहकी बात मनवाने की कोसीस की जब हम लोग आवेदन देने के बाद फीँ होगये तो उस लरके के भाई के उपर फोन आया ओर पोलीस थाने बुलाया जब हम गये तो देखा वो जो लरका जो रीकसा चालाने वाला था वो मेरे पास आया जीसका नाम आसीफ भोला था वो मेरे पास आया आेर उसने अपनी तरफसे सुलेह की बातकी मेने कहा अगर आज अेसा करो गे तो कल काय जब तुम हारे साथ दुसरी बार अेसा होगा तो कोय तुमहारे साथ खरा रहेगा फीर उसके ससुर ओर बाप हमारे पास आकर सुलेह की बात की हम काय कर सकते थे हम ने भी मान लीया आेर अेसे ये काम हम से अथुरा रेह गया ,

इस बात मे हम ये केहना चाहते है के लोग अपने उपर होरहे जुलम के सामने लरते ही नही ओर जब उंको साथ देने के लीये कोय खरा होता है तो मदद करने वाले को बीचमे छोर देते है ,

जब तक आम इनसान हक ओर अधीकार के लीये खरा नही होगा तब तक कुच होने वाला नही है ,

हुजैफा पटेल
गुजरात भरुच

मुहमद उमर फारुक पटेल

ये मेरा भतीजा है जीसका दुनीया मे आने से मुजे बहोत खुसी हीई अे मेरा खांदान का जुनीयर है ,

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...