Followers

Saturday, 29 December 2018

किसी भी सरकारी विभाग की Vacancy निकलती हैं तो उसकी फार्म फीस 500-700 होती ही हैं

नौकरी

यह कैसा लॉजिक है ,
DATE :- 29/12/2018
किसी भी सरकारी विभाग की Vacancy निकलती हैं तो उसकी फार्म फीस 500-700 होती ही हैं

सरकार विद्यार्थियों से *पैसा कमाना* चाहती हैं या उन्हें *रोजगार देना* ??? अभी तक पता नहीं चला है ।

उदाहरण के लिए:-
पोस्ट होती हैं *50* (Seat)
फॉर्म पूरे *भारत* से भरवाते हैं ।

फॉर्म फीस होती हैं 500 रु ,
*50 लाख से 80 लाख विद्यार्थी* फॉर्म भरते हैं

_*आइये सरकार का फायदा देखते हैं*_

500 रु फॉर्म फीस × 50,00,000 विद्यार्थीयों ने फॉर्म भरें =
(कुल आय फॉर्म फीस से)
*2 अरब 50 करोड़ रु*

नौकरी देनी हैं *50* को
सैलेरी *25000* रु प्रति माह मान लेते , ज्यादा मानी गयी हैं इतनी होती नहीं हैं

25000 × 50 लोग = 12,50,000 महीना

12,50,000 × 12 महीने = 1 करोड़ 50 लाख

*चालीस साल की नौकरी करने पर*
1,50,00,000 × 40 साल = *60 करोड़*

सरकार की फॉर्म फीस कुल आय = *2 अरब 50 करोड़ रूपए*

*अप्पोइंटेड लोगों की 40 साल तक की सैलेरी*
60 करोड़ रु

2,50,00,00,000 – 60,00,00,000 = *1,90,00,00,000*

*सरकार की कुल आय = 1 अरब 90 करोड़ रु*

मेरा सवाल – सरकार व विभाग से यह हैं कि आप विद्यार्थीयों को नौकरी देना चाहते हैं या
पैसा कमाना चाहते हैं ???

इस संदेश को अपने जान पहचान के लोगों को अवश्य बांटे…...
    👉🏻  *घुमा दो सारे ग्रुप मैं*

Sunday, 2 December 2018

एटीएम, चेक से कैश निकालना पड़ेगा भारी, प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर देने होंगे कम से कम 25 रुपये

Huzaifa Patel  SAF Team gujarat:
02/12/2018

बैंक उपभोक्ताओं पर अब जीएसटी की बड़ी मार पड़ने वाली है। इसके चलते बैंक के अंदर या फिर बाहर होने वाले सभी तरह के लेनदेन पर टैक्स देना होगा। चेक भुनाने से लेकर के एटीएम से कैश निकालने पर अतिरिक्त पैसा देना होगा। 

*एटीएम-बैंक में नहीं मिलेंगी मुफ्त सेवाएं*

इससे ग्राहकों को बैंक और एटीएम पर मिलने वाली मुफ्त सुविधा भी खत्म हो जाएगी। अभी ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से पांच बार मुफ्त ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। नई व्यवस्था लागू हो जाने के बाद यह मुफ्त ट्रांजेक्शन खत्म हो जाएंगे।  बैंक आपको ये सेवाएं मुफ्त देता हैं जबकि बैंकों को इस तरह की सेवाओं पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का सर्विस टैक्स देना पड़ता है।

*इतनी बढ़ेगी फीस*

बैंक इसके अलावा एटीएम पर होने वाले नॉन बैंकिंग ट्रांजेक्शन की फीस को भी 18 रुपये से बढ़ाना चाहते हैं। यह बढ़कर के 25 रुपये तक हो सकती है। इस फीस को 2012 में तय किया गया था और तब से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। एटीएम से एक ट्रान्जेक्शन की लागत एक दिन का 23 रुपये आती है।  

*अभी है यह चार्ज*

वर्तमान में सभी बैंक एटीएम पर होने वाले कैश ट्रांजेक्शन के लिए 15 रुपये और नॉन कैश ट्रांजेक्शन करने पर खाते से 5 रुपये काटते हैं। यह चार्ज हर महीने फ्री में मिलने वाले ट्रांजेक्शन के ऊपर लगता है। 

*इस वजह से बढ़ेगा चार्ज*

रिजर्व बैंक ने एटीएम पर होने वाले ट्रांजेक्शन के लिए काफी कड़े नियम बना दिए हैं, जिसके बाद एटीएम ऑपरेटर्स ट्रांजेक्शन चार्ज बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। एटीएम इंडस्ट्री ने ट्रांजेक्शन पर 3-5 रुपये बढ़ाने की मांग की है, ताकि वो अपने खर्चों को पूरा कर सके।

सीएटीएमआई के निदेशक के श्रीनिवासन ने कहा एटीएम ऑपरेटर्स के खर्चे पहले ही काफी बढ़ चुके हैं। कैश वैन के लिए बनाए गए इन नियमों के अनुसार कैश मैनेजमेंट कंपनियों के पास में कम से कम 300 कैश वैन, प्रत्येक कैश वैन में एक ड्राइवर, दो कस्टोडियन और दो बंदूकधारी गार्ड होने चाहिए ताकि कैश की सुरक्षा हो सके।

इसके साथ ही प्रत्येक गाड़ी में जीपीएस, लाइव मॉनेटरिंग के साथ भू मैपिंग और नजदीकी पुलिस स्टेशन का पता होना चाहिए ताकि इमरजेंसी के वक्त मदद ली जा सके। इसके साथ ही आरबीआई ने कहा है कि एटीएम का ऑपरेशन केवल वो ही व्यक्ति कर सकेगा, जिसने ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट हासिल किया हो। 

*18 फीसदी लगेगा इन सेवाओं पर जीएसटी*

जिन मुफ्त सेवाओं पर बैंकों ने 18 फीसदी जीएसटी लगाने का प्रस्ताव दिया है उसमें चेक बुक, एटीएम का प्रयोग, अतिरिक्त क्रेडिट कार्ड और पेट्रोल-डीजल का कार्ड से भुगतान पर मिलने वाले रिफंड शामिल है। फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक इस चार्ज को लगाना सबसे पहले शुरू करेंगे। इसके बाद अन्य बैंक भी इस तरह की घोषणा कर सकते हैं। 

*बेसिक बचत खाते पर भी लगेगा टैक्स*

जिन लोगों ने अपना बेसिक बचत खाता खुलवा रखा है, उनको भी एटीएम का प्रयोग करने पर टैक्स देना होगा। जो लोग अपने खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं उन से भी जीएसटी वसूला जाएगा।   

COPY
SAF Team Gujarat

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...