*1. मनुस्मृति (100)* के अनुसार पृथ्वी पर जो कुछ भी है, वह ब्राह्मणों का है।
*2. मनुस्मृति (101)* के अनुसार दूसरे लोग ब्राह्मणों की दया के कारण सब पदार्थों का भोग करते हैं।
*3. मनुस्मृति (11-11-127)* के अनुसार मनु ने ब्राह्मणों को संपत्ति प्राप्त करने के लिए विशेष अधिकार दिया है। वह तीनों वर्णों से बलपूर्वक धन छीन सकता है अर्थात् डकैती कर सकता है।
*4. मनुस्मृति (4/165-4/166)* के अनुसार जान-बूझकर क्रोध से जो ब्राह्मण को तिनके से भी मारता है, वह 21 जन्मों तक बिल्ली की योनी में पैदा होता है।
*5. मनुस्मृति (5/35)* के अनुसार जो मांस नहीं खाएगा, वह 21 बार पशु योनि में पैदा होगा।
*6. मनुस्मृति (64 श्लोक)* के अनुसार 'अछूत' जातियों के छूने पर स्नान करना चाहिए।
*7. मनुस्मृति धर्म सूत्र (2-3-4)* के अनुसार यदि शूद्र किसी वेद को पढ़ते सुन लें तो उनके कान में पिघला हुआ सीसा या लाख डाल देनी चाहिए।
*8. मनुस्मृति (8/21-22)* के अनुसार ब्राह्मण चाहे अयोग्य हो, उसे न्यायाधीश बनाया जाए वर्ना राज्य मुसीबत में फंस जाएगा। इसका अर्थ है कि भूतपूर्व में भारत के उच्चत्तम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री अलतमस कबीर साहब को तो रखना ही नहीं चाहिये था।
*9. मनुस्मृति (8/267)* के अनुसार यदि कोई ब्राह्मण को दुर्वचन कहेगा तो वह मृत्युदंड का अधिकारी है।
*10. मनुस्मृति (8/270)* के अनुसार यदि कोई ब्राह्मण पर आक्षेप करे तो उसकी जीभ काटकर दंड दें।
*11. मनुस्मृति (5/157)* के अनुसार विधवा का विवाह करना घोर पाप है। विष्णुस्मृति में स्त्री को सती होने के लिए उकसाया गया है।
*12. मनुस्मृति में* दहेज देने के लिए प्रेरित किया गया है।
*13. देवल स्मृति में* तो किसी को भी बाहर देश जाने की मनाही है।
*14. मनुस्मृति में* बौद्ध भिक्षु व मुंड़े हुए सिर वालों को देखने की मनाही है।
*15. मनुस्मृति (3/24/27)* के अनुसार वही नारी उत्तम है, जो पुत्र को जन्म दे।
*16. मनुस्मृति (35/5/2/47)* के अनुसार पत्नी एक से अधिक पति ग्रहण नहीं कर सकती, लेकिन पति चाहे कितनी भी पत्नियां रखे।
*17. (1/10/51/52), बोधयान धर्मसूत्र (2/4/6), शतपथ ब्राह्मण (5/2/3/14)* के अनुसार जो स्त्री अपुत्रा है, उसे त्याग देना चाहिए।
*18. मनुस्मृति (6/6/4/3)* के अनुसार पत्नी आजादी की हकदार नहीं है।
*19. मनुस्मृति (शतपथ ब्राह्मण) (9/6)* के अनुसार केवल सुंदर पत्नी ही अपने पति का प्रेम पाने की अधिकारी है।
*20. बृहदारण्यक उपनिषद् (6/4/7)* के अनुसार अगर पत्नी संबंध करने के लिए तैयार न हो तो उसे खुश करने का प्रयास करो। यदि फिर भी न माने तो उसे पीट-पीटकर वश में करो।
*21. मैत्रायणी संहिता (3/8/3)* के अनुसार नारी अशुभ है। यज्ञ के समय नारी, कुत्ते व शूद्र को नहीं देखना चाहिए अर्थात नारी व शूद्र कुत्ते के समान हैं।
*22. मनुस्मृति (1/10/11)* के अनुसार नारी तो एक पात्र (बर्तन) के समान है।
*नोट - यह जानकारी हिन्दू (ब्राह्मण) धर्मग्रंथों से लिया गया है जिसे कोई संदेह हो वह हिन्दू (व्यवस्थावादी धर्म) को पढ़ सकते है*।
जिसे समझना है, वो मनुस्मृति खरीदें....