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Tuesday, 4 June 2024

मनुस्मृति की छोटी सी जानकारी और कुछ कानून...

 मनुस्मृति की छोटी सी जानकारी और कुछ कानून ....


*1. मनुस्मृति (100)* के अनुसार पृथ्वी पर जो कुछ भी है, वह ब्राह्मणों का है।

*2. मनुस्मृति (101)* के अनुसार दूसरे लोग ब्राह्मणों की दया के कारण सब पदार्थों का भोग करते हैं।

*3. मनुस्मृति (11-11-127)* के अनुसार मनु ने ब्राह्मणों को संपत्ति प्राप्त करने के लिए विशेष अधिकार दिया है। वह तीनों वर्णों से बलपूर्वक धन छीन सकता है अर्थात् डकैती कर सकता है।

*4. मनुस्मृति (4/165-4/166)* के अनुसार जान-बूझकर क्रोध से जो ब्राह्मण को तिनके से भी मारता है, वह 21 जन्मों तक बिल्ली की योनी में पैदा होता है।

*5. मनुस्मृति (5/35)* के अनुसार जो मांस नहीं खाएगा, वह 21 बार पशु योनि में पैदा होगा।

*6. मनुस्मृति (64 श्लोक)* के अनुसार 'अछूत' जातियों के छूने पर स्नान करना चाहिए।

*7. मनुस्मृति धर्म सूत्र (2-3-4)* के अनुसार यदि शूद्र किसी वेद को पढ़ते सुन लें तो उनके कान में पिघला हुआ सीसा या लाख डाल देनी चाहिए।

*8. मनुस्मृति (8/21-22)* के अनुसार ब्राह्मण चाहे अयोग्य हो, उसे न्यायाधीश बनाया जाए वर्ना राज्य मुसीबत में फंस जाएगा। इसका अर्थ है कि भूतपूर्व में भारत के उच्चत्तम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री अलतमस कबीर साहब को तो रखना ही नहीं चाहिये था।

*9. मनुस्मृति (8/267)* के अनुसार यदि कोई ब्राह्मण को दुर्वचन कहेगा तो वह मृत्युदंड का अधिकारी है।

*10. मनुस्मृति (8/270)* के अनुसार यदि कोई ब्राह्मण पर आक्षेप करे तो उसकी जीभ काटकर दंड दें।

*11. मनुस्मृति (5/157)* के अनुसार विधवा का विवाह करना घोर पाप है। विष्णुस्मृति में स्त्री को सती होने के लिए उकसाया गया है।

*12. मनुस्मृति में* दहेज देने के लिए प्रेरित किया गया है।

*13. देवल स्मृति में* तो किसी को भी बाहर देश जाने की मनाही है।

*14. मनुस्मृति में* बौद्ध भिक्षु व मुंड़े हुए सिर वालों को देखने की मनाही है।

*15. मनुस्मृति (3/24/27)* के अनुसार वही नारी उत्तम है, जो पुत्र को जन्म दे।

*16. मनुस्मृति (35/5/2/47)* के अनुसार पत्नी एक से अधिक पति ग्रहण नहीं कर सकती, लेकिन पति चाहे कितनी भी पत्नियां रखे।

*17. (1/10/51/52), बोधयान धर्मसूत्र (2/4/6), शतपथ ब्राह्मण (5/2/3/14)* के अनुसार जो स्त्री अपुत्रा है, उसे त्याग देना चाहिए।

*18. मनुस्मृति (6/6/4/3)* के अनुसार पत्नी आजादी की हकदार नहीं है।

*19. मनुस्मृति (शतपथ ब्राह्मण) (9/6)* के अनुसार केवल सुंदर पत्नी ही अपने पति का प्रेम पाने की अधिकारी है।

*20. बृहदारण्यक उपनिषद् (6/4/7)* के अनुसार अगर पत्नी संबंध करने के लिए तैयार न हो तो उसे खुश करने का प्रयास करो। यदि फिर भी न माने तो उसे पीट-पीटकर वश में करो।

*21. मैत्रायणी संहिता (3/8/3)* के अनुसार नारी अशुभ है। यज्ञ के समय नारी, कुत्ते व शूद्र को नहीं देखना चाहिए अर्थात नारी व शूद्र कुत्ते के समान हैं।

*22. मनुस्मृति (1/10/11)* के अनुसार नारी तो एक पात्र (बर्तन) के समान है।

*नोट - यह जानकारी हिन्दू (ब्राह्मण) धर्मग्रंथों से लिया गया है जिसे कोई संदेह हो वह हिन्दू (व्यवस्थावादी धर्म) को पढ़ सकते है*।  

         जिसे समझना है, वो मनुस्मृति खरीदें....

Sunday, 2 June 2024

समाज सुधार और सामाजिक बदलाव ।

 *समाज सुधार और सामाजिक बदलाव दोनों ही समाज को बेहतर बनाने के प्रयास हैं, लेकिन वे विभिन्न तरीकों और दृष्टिकोणों से काम करते हैं। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं:*
       
      ✒️ Huzaifa Dedicated 
   Bharuch - Gujarat 



 समाज सुधार (Social Reform):
- **क्या है:** यह समाज में पहले से मौजूद समस्याओं को सुधारने या खत्म करने का प्रयास है।
- **कैसे:** छोटे-छोटे कदमों के जरिए, जैसे कि कानून बदलना, लोगों को जागरूक करना, और शिक्षा के माध्यम से।
- **उदाहरण:** 
  - बाल विवाह का विरोध करना और इसे खत्म करना।
  - विधवाओं को पुनर्विवाह का अधिकार दिलाना।
  - जाति-प्रथा के खिलाफ काम करना।
- **लक्ष्य:** समाज को अधिक न्यायपूर्ण और समावेशी बनाना।

### सामाजिक बदलाव (Social Change):
- **क्या है:** यह समाज की मौलिक संरचनाओं और प्रणालियों में बड़े बदलाव लाने का प्रयास है।
- **कैसे:** व्यापक और गहरे स्तर पर बदलाव, जो समय के साथ समाज की सोच, संस्कृति, और जीवन शैली को बदलते हैं।
- **उदाहरण:** 
  - औद्योगिक क्रांति जिसने काम करने के तरीके और समाज की आर्थिक संरचना को बदल दिया।
  - महिला अधिकार आंदोलन जिसने महिलाओं के अधिकारों और समाज में उनकी भूमिका को पुनर्परिभाषित किया।
  - डिजिटल क्रांति जिसने सूचना और संचार के तरीके को बदल दिया।
- **लक्ष्य:** समाज को एक नई दिशा और रूप देना।

### मुख्य अंतर:
1. **दायरा और गहराई:**
   - **समाज सुधार:** विशेष समस्याओं पर केंद्रित होता है और उनका समाधान खोजने की कोशिश करता है।
   - **सामाजिक बदलाव:** पूरे समाज की संरचना और मूलभूत तरीकों को बदलने पर केंद्रित होता है।

2. **प्रक्रिया और दृष्टिकोण:**
   - **समाज सुधार:** धीरे-धीरे और क्रमिक बदलाव करता है, जो मौजूदा व्यवस्था के भीतर सुधार करने की कोशिश करता है।
   - **सामाजिक बदलाव:** तेजी से और गहरे स्तर पर बदलाव लाने की कोशिश करता है, जिससे समाज की पूरी संरचना बदल सकती है।

3. **समय सीमा:**
   - **समाज सुधार:** आमतौर पर अल्पकालिक और तत्काल समस्याओं को हल करने पर ध्यान देता है।
   - **सामाजिक बदलाव:** लंबी अवधि के लिए होता है और भविष्य की दिशा में बड़े बदलाव लाने का प्रयास करता है।

### सरल शब्दों में निष्कर्ष:
- **समाज सुधार:** जैसे आप घर के किसी कमरे की मरम्मत करते हैं।
- **सामाजिक बदलाव:** जैसे आप घर को पूरी तरह से नया डिजाइन देते हैं।

दोनों ही आवश्यक हैं, लेकिन उनका दृष्टिकोण और प्रभाव का स्तर अलग-अलग होता है। समाज सुधार सामाजिक बदलाव की दिशा में पहला कदम हो सकता है, क्योंकि यह समाज में सुधारों की आवश्यकता को पहचानता है और उसे लागू करता है।

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...