एक बार सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी के इंटेलिजेंस ब्यूरो चीफ अली बिन सुफियान ने सुल्तान सलाहुद्दीन से कहा........
सुल्तान जब दुनिया के मुसलमानो को इस्लाम की कोई फिक्र नही आप जिस मुस्लिम हुक्मरान से ईसाईयों यहूदियों के खिलाफ तआवुन मांगते हैं वो आप से ही दुश्मनी कर लेता है और मुसलमानो को आपके खिलाफ भड़काया भी जाता है तो आप क्यों इन जैसे मुसलमानो की फिक्र करते हैं आखिर इनको इनके हाल पर छोड़ क्यों नही देते
आप तो सुल्तान हैं और दूसरे सुल्तानों के तरह आप भी आराम किजये अपने महल में छोड़ दिजीये बैतूल मुक़द्दस की जिद इसकी किसी को फिक्र नही....
सुल्तान सलाहुद्दीन ने अली बिन सुफियान से कहा
ए अली जो तुमने कहा यही बात में भी कभी कभी सोचता हूँ ......🤔
फिर अचानक दिल के किसी कोने से आवाज़ आती है अए सलाहुद्दीन क्या तुझे अल्लाह ने इसी लिए सुल्तान बनाया है के तू आराम करे....😢
अली....जब लोगों को देखता हूँ तो सोचता हूँ आखिर इन मुसलमानो के जीने का क्या फायदा जो जिंदा रहने को ही अपनी जिंदगी समझ लेते हैं फिर चाहे वो गुलामी की ही क्यों न हो
ए अली .....ऐसे इंसान के जीने मरने से दुनिया को कोई फर्क नही पड़ता जो खुद के लिए जीते हैं और एक दिन इस मिट्टी में मिलकर खाक हो जाते हैं
ए अली तुमको पता है में 25 साल की उम्र तक काफिरों के बीच रहा उनके मंसूबों को बड़ी अच्छे से बहुत करीब से देखा तो पाया के आखिर क्या है इस्लाम...?
जो इसको मिटाने के लिए सारी दुनिया के काफिर इतनी मेहनत करते हैं
फिर सोचता हूँ कुछ तो बात रही होगी वरना दुनिया उसे मिटाने की साजिश नही करते
ए अली तुमको पता है ये यहूदी अपने बच्चों को क़ुरआन हदीष पढ़ाते हैं पता है क्यों....?
ताकि ये हमारे मस्जिदों में घुस पाएं और अली जो बातें मेहराब पर चढ़कर कही जाती हैं ये भोले भाले मुसलमान बिना तहक़ीक़ के कबूल कर लेते हैं
ये अपने बच्चों को हमारे बर्बादी के लिए वक़्फ़ कर देते हैं
अली तुमको याद है पिछले बार जो तुमने यहूदी जासूस लड़कीयों को पकड़ा था क्या कहा था उसने
के उसके रब्बी उन्हें कहते हैं की अगर तुम्हें किसी एक मुसलमान को राहे हक से भटकाने के लिए दस मुसलमान के साथ सोना पड़े तो भी जायज़ है
ए अली क्या हम ऐसे क़ौम से जीत सकते हैं ये कहकर सुल्तान के आंखों में आंसू आगए....😢
अली बिन सुफियान ने कहा सुल्तान जब तक आप जैसे लोग इस्लाम के कमांडर रहेंगे कोई इस्लाम का कुछ नही बिगाड़ सकता
सलाहुद्दीन अय्यूबी ने बीच मे टोकते हुवे कहा ए अली में कब तक जिंदा रहूंगा आखिर हमेशा तो नही लेकिन जो ज़हर यहूदियों ने हमारे क़ौम में बो दिया है ये हमारे क़ौम को कभी फूलने नही देगा याद रखना अली ये बैतूल मुक़द्दस जो हम आजाद करने निकले हैं अगर हम आजाद करा भी लिए तो यकीन मानो ये मुसलमान इसको ज्याद वक़्त तक संभाल भी नही पाएंगे.....😢
[दास्तान ईमान फ़रोशों की]