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Friday, 24 December 2021

राजकीय बिमार शरीर का इलाज करना जरूरी हे.

 *कानून और सामाजिक व्यवस्था, राजनीति के शरीर की दवा हे,जब राजनैतिक शरीर बिमार हो जाये उसे दवा देना जरूरी बन जता हे.*
  
    👆  *"ये बात र्डा.बाबा साहेब आंबेडकर ने कही हे"*
  
         Date:24 Dec 2021
       ✒️  Huzaifa Patel 
           Dedicated Worker.

           हर बिमारी का इलाज होना चाहिये, आजकल सायंस ने कई गंभीर बिमारियों का ईलाज करने का रास्ता निकाल लिया हे, जैसे कैन्सर जैसी गंभीर बिमारी देखलो,ये तभी संभव हुवा जब उसके पिछे लगातार सायंस ने बिमारी का ईलाज खोजने के लिये नये नये प्रयास किया तब जाकर आज कैन्सर जैसी मिबारी से इन्सान बच सकता हे.

           हमारे पुर्जों ने भारत देश को अंग्रेज हुकूमत से आजाद किया उसके बाद हमारे देश मे सामाजिक व्यवस्था बनाने के लिये संविधान के कानून को बनाया गया, जिसको 26 जनवरी 1950 के दिन लागु किया गया, सोचने वाली बात ये हे , आज बहोत से लोग जो अलग अलग परिस्थितियों का एनालिसिस करते हे,यंहा तक के देश के बडे बडे नेता ये केहते हुये पाये जाते हे, ये देश फिरसे गुलामी की तरफ बढ रहा हे, अब हमे ये समझना हे ये क्यु हो रहा हे❓जिसके बहोत से कारण आपको मिल सकते हे, लेकीन मेरे अभ्यास मे सबसे पहेले प्रजातंत्र मे प्रजा के प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वालों कायदे कानून और सामाजिक व्यवस्था बनाने के लिये कोई खास जानकारी इल्म ना होना सबसे पहेले कारण हे, प्रजा के प्रतिनिधि बनने वालों मे  99.99% लोग देश के संविधान और सामाजिक व्यवस्था बनाने के कार्यों से दुर रहे,इनहो ने लोकतंत्र को अपने फायदे के लिये इस्तेमाल किया जिसके कारण आज गांवों से लेकर शहरों मे देशका हर समुदाय और व्यक्ति बहोत सारी परिस्थितियों मे दिन ब दिन चिंतित नजर आता हे.

  इसका उपाय एक ही हे, जैसे उपर बताया जब राजकीय नेतृत्व करने वाले लोग प्रजा के लिये नेतृत्व करने वालें प्रजातंत्र के कानून और व्यवस्था बनाने के जानकार ना हो उसके लाईकात ना रखते हो, एसे तमाम किो दवा कानून और सामाजिक व्यवस्था लागू करने का विद्रोह किया जाये तब ही इस देश की परिस्थितियों मे सुधार आ सकता हे.

    जिस तरहा शारीरिक बिमारी के लिये सायंस हमेशा प्रयास सिल रेहता हे, वैसे हर समाज मे कानून और सामाजिक व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से लोग अपने मोहल्ले,गांव, शहर की परिस्थितियों का एनालिसिस करे फिर इसमे बदलाव और राजकीय बिमार शरीर का इलाज करने लीये आजके युवाओं को आगे आना पडेगा,जिसमे ना कोई कौमवाद,जातिवाद,भेदभाव हो वोही इस कार्य के लिये आगे बड सकते हे .

      _हमारी टीम लगातार इसको ध्यान रखते हुये आपने जिम्मेदारी निभाती हे._
       *अगर मेसेज अच्छा लगे आगे शेर करे.*

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