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Sunday, 16 January 2022

कोरोना वैक्सीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश.

 *सुप्रीम कोर्ट के आदेश और भारत सरकार के निर्देशानुसार कोई भी अधिकारी या डॉक्टर आपको कोरोना वैक्सीन या कोई अन्य वैक्सीन लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है* - June 26, 2021
∆ *यदि आप टीका नहीं लगवाना चाहते हैं। तो आपको यह निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार है*

∆ *उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि, जिन नागरिकों को पूरी जानकारी के बिना टीकाकरण के लिए मजबूर किया गया है। टीका लगाया गया है। धोखा दिया गया है, या टीकाकरण के लिए मजबूर किया गया है। उन्हें मुआवजे की मांग करने का अधिकार है।*

∆ *मानवाधिकार सुरक्षा परिषद और इंडियन बार असोसिएशन ने पीड़ितों को एक करोड़ रुपये अग्रिम मुआवजे (Interim Compensation) देने  की मांग की है।*

*नई दिल्ली :- नागरिकों को गुमराह करके उन्हें टीकाकरण के लिए बाध्य करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तथा नागरिकों के मानवाधिकारों और मूलभूत संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए प्रत्येक  पीड़ित नागरिकों को कम से कम अग्रिम मुआवजा 1 करोड़ रुपये सरकार उन्हें देना और वह राशि आरोपियों से वसूल करने की मांग मानवाधिकार सुरक्षा परिषद के राष्ट्रिय महासचिव रशीद खान पठान तथा इंडियन बार असोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अ‍ॅड. नीलेश ओझा ने की है।*

अ‍ॅड. निलेश ओझा 
                                   राष्ट्रीय अध्यक्ष
                            इंडियन बार  एसोसिएशन

https://supremecourtnewss.blogspot.com/2021/06/blog-post_26.html

*भारत सरकार के निर्देश और मा. सर्वोच्च न्यायालय तथा मा. उच्च न्यायालय ने भी फैसला सुनाया है । कि, वैक्सीन किसी के लिए बाध्यकारी नहीं है। मा. सर्वोच्च न्यायालय और मा. उच्च न्यायालय का भी दिया हुआ फैसला इंडियन बार असोसिएशन की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।*

Blog Link:- https://indianbaras sociation.in/vaccination-is-not-mandatory-as-per-the-latest-judgment-of-high-court/

*इसी आदेश के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति आयुर्वेदिक, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, यूनानी या किसी अन्य उपयुक्त उपचार पद्धति से अपना इलाज कर सकता है।*

*कोरोना वैक्सीन लेने से कई जानलेवा दुष्परिणाम सामने आए है, वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद भी कई लोंगो की कोरोना से मृत्यू हुई है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि, इंडियन मेडिकल असोसिएशन के मा. अध्यक्ष के. के. अग्रवाल वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी उनकी कोरोना से मौत हो गई।*

*इंडियन बार असोसिएशन ने उन्हें ५१ पन्नों की कानूनी नोटिस ( Legal Notice ) देते हुए डॉ. सौम्य स्वामीनाथन को, हुए प्रत्येक नागरिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनके विरुद्ध भारतीय दंड सहिंता  ( I. P. C) के तहत ३०२ , ३०४, १८८, १२० (ब) r/w ३४ के अनुसार करवाई करने का इशारा दिया।*

*नोटिस मिलते ही विश्व स्वास्थ्य संगठन [ डब्ल्यू. एच.ओ / WHO ] की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्य स्वामीनाथन ने घबराकर आइवरमेक्टिन के विरुद्ध में किये हुए 'ट्वीट' को डिलीट (Delete) कर दिया।*

*इंडियन बार असोसिएशन के प्रयास से  डब्ल्यू. एच.ओ [ WHO ] के अधिकारियों के झूठ और जनता को मुर्ख बनाकर उनके जीवन से खिलवाड़ करने तथा जीवन निर्वाह का हनन करके उनको गरीब बनाने का प्रयत्न सामने आ गया |*

*सभी नागरिकों से निवेदन है कि वे अपने डॉक्टरों के सलाह से आइवरमेक्टिन या आयुर्वेदिक या नॅचरोपॅथी के सहायता से उपचार करके अपने परिवार का जीवन और पैसा बचाकर तथा पुरे देश में फीर लॉकडाऊन ना लगने में सहायता करे।*

*इसी प्रकार , इस मुद्दे पर अनेक लोगों में जानकारी पहुचाये और जन - जागृती फैलाने का प्रयास करते हुए इस राष्ट्रीय आंदोलन में अपना सहयोग करें।*

*नोट:i) वैक्सीन कंपनियों के निर्देशानुसार एलोपैथी दवाईओं के दुष्परिणाम वाले लोगों को वैक्सीन (VACCINE) लेने से बचना चाहिए।*

Saturday, 15 January 2022

भारत में पिछले साल हर दिन दर्ज हुए रेप के 88 मामले, यूपी में 3 हजार से ज्यादा केस.

 

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2019 में हर दिन रेप के 88 मामले दर्ज किए गए. साल 2019 में देश में रेप के कुल 32,033 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 11 फीसदी पीड़ित दलित समुदाय से 

  • 2019 में रेप के कुल 32,033 मामले दर्ज
  • दर्ज केसों में से 11% पीड़ित दलित समुदाय से
  • 2019 में UP में 3,065 रेप के मामले सामने आए

डॉटर्स डे के ठीक दो दिन बाद भारत में एक और बेटी की जिंदगी को बेरहमी से कुचल दिया गया. उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सवर्ण समुदाय के चार लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था ​और उसे शारीरिक रूप से बुरी तरह प्रताड़ित किया था. इसके 15 दिन बाद पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया.

पिछले दो महीने में उत्तर प्रदेश में यह पांचवीं घटना है जिसमें किसी लड़की के साथ बलात्कार के बाद क्रूरतापूर्ण ढंग से हत्या की गई है. इनमें से तीन लड़कियां दलित समुदाय से हैं.  

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2019 में हर दिन बलात्कार के 88 मामले दर्ज किए गए. साल 2019 में देश में बलात्कार के कुल 32,033 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 11 फीसदी पीड़ित दलित समुदाय से हैं.

रेप सर्वाइवर्स की मदद करने वाली एक संस्था पीपुल अगेंस्ट रेप्स इन इंडिया (PARI) की योगिता भयाना ने इंडिया टुडे को बताया, “दलित समुदाय की महिलाएं ज्यादा असुरक्षित हैं. वे अपनी जाति की वजह से काफी सामाजिक दबाव झेलती हैं. बलात्कार के मामले ​में रिपोर्ट दर्ज कराने में वे झिझकती हैं. अगर वे एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत करें भी तो ज्यादातर पुलिस थाने में कोई उनकी बात नहीं सुनता. पुलिस की उनके प्रति ये उदासीनता ज्यादातर इसलिए होती है क्योंकि वे निचली जाति से हैं. अब वक्त आ गया है कि हर स्तर पर पुलिस के लिए जेंडर सेंसटाइजेशन (लैंगिक संवेदनशीलता) अभियान चलाया जाए.”


बलात्कार की महामारी
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले राजस्थान और उत्तर प्रदेश से दर्ज हुए. 2019 में राजस्थान में करीब 6,000 और उत्तर प्रदेश में 3,065 बलात्कार के मामले सामने आए.

उत्तर प्रदेश और राजस्थान में दलित समुदायों के प्रति यौन हिंसा में वृद्धि देखी गई है, जहां इसे उत्पीड़न के एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. उत्तर प्रदेश में बलात्कार के जितने केस दर्ज हुए, उनमें से 18 फीसदी पीड़ित दलित महिलाएं हैं. ये संख्या राजस्थान में दर्ज मामलों से करीब दोगुनी (9 फीसदी) है.

NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 10 वर्षों में महिलाओं के बलात्कार का खतरा 44 फीसदी तक बढ़ गया है. संस्था के आंकड़ों के मुताबिक, 2010 से 2019 के बीच पूरे भारत में कुल 3,13,289 बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं 

 2012 का निर्भया कांड

दिल्ली में 2012 में निर्भया के साथ बेहद क्रूरतापूर्ण ढंग से सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना हुई थी जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. इस घटना के बाद क्रिमिनल लॉ में संशोधन करते हुए बलात्कार और यौन हिंसा के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया.

इसी क्रम में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेज (POCSO) अधिनियम में भी संशोधन करके 12 साल तक के छोटे बच्चों के बलात्कार के मामले में मौत की सजा का प्रावधान किया गया. हालांकि, हाथरस में एक लड़की पर हुए अत्याचार से ये स्पष्ट है कि दंड के कड़े प्रावधान भी अपराधियों को रोकने में सक्षम नहीं हैं.

Thursday, 6 January 2022

18 की जगह अब 21 की उम्र में ही क्यों होगी लड़कियों की शादी, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

 
SAF Team guj. 18 dec 2021

भारत में किसी को बालिग कहे जाने की उम्र 18 साल है लेकिन शादी के मामले में लड़कों की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़कियों की उम्र 18 साल ही रखी गई थी. अब केंद्रीय कैबिनेट ने विवाह के लिए लड़कियों की उम्र भी 21 वर्ष किए जाने के विधेयक को मंजूरी दे दी है.


  • अब 18 की जगह 21 होगी लड़कियों की शादी की उम्र
  • इसी संसद सत्र में बदलाव के लिए बिल लाएगी मोदी सरकार

केंद्र सरकार ने देश में समाज सुधार से जुड़ा बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय कैबिनेट ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यानी अब लड़कों की तरह ही लड़िकयों की शादी की आधिकारिक उम्र 21 साल होने जा रही है.

भारत में किसी को बालिग कहे जाने की उम्र 18 साल है लेकिन शादी के मामले में लड़कों की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़कियों की उम्र 18 साल ही रखी गई थी. अब केंद्रीय कैबिनेट ने विवाह के लिए लड़कियों की उम्र भी 21 वर्ष किए जाने के विधेयक को मंजूरी दे दी है. मौजूदा सत्र में ही सरकार इस विधेयक को पेश करेगी. 

विवाह की उम्र में 43 साल बाद बदलाव

देश में विवाह की उम्र में ये बदलाव 43 साल बाद किया जा रहा है. इससे पहले 1978 में ये बदलाव किया गया था. तब 1929 के शारदा एक्ट में संशोधन किया गया और शादी की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 वर्ष की गई थी.

लड़कियों के विवाह की उम्र 21 वर्ष किए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2020 में लालकिले से की थी. उसी घोषणा पर सरकार अब आगे बढ़ी है. लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र क्या होनी चाहिए, इस पर जया जेटली की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था. 


महिला प्रतिनिधियों से भी बातचीत

10 सदस्यों की टास्क फोर्स ने जाने-माने स्कॉलर्स, कानूनी विशेषज्ञों और नागरिक संगठनों के नेताओं से सलाह ली थी. वेबिनार के जरिए देश की महिला प्रतिनिधियों से भी बातचीत की थी. इसी टास्क फोर्स ने दिसंबर 2020 में अपनी रिपोर्ट नीति आयोग को दी थी. टास्क फोर्स का ही सुझाव था कि लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए.

सरकार के इस कदम का फायदा देश की करीब साढ़े 4 करोड़ से ज्यादा लड़कियों को होगा. 2011 में हुई जनगणना के हिसाब से देश में 18 वर्ष के उम्र की करीब 1 करोड़ 29 लाख लड़कियां हैं.

करीब 1 करोड़ लड़कियों की उम्र 19 साल है जबकि करीब 1 करोड़ 39 लाख लड़कियों की उम्र 20 साल है. देश में 21 वर्ष की करीब 1 करोड़ 94 लाख से ज्यादा लड़कियां हैं.

कुल मिलाकर देखें तो देश में 18 से 21 वर्ष की लड़कियों की संख्या 4 करोड़ 64 लाख है. लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने की मांग पिछले काफी समय से की जा रही थी. 


क्या बोले समाजशास्त्री?

समाजशास्त्रियों का मानना है कि शादी की उम्र कम होने से, कम उम्र में लड़कियां मां बनती हैं, जिससे मां और बच्चे की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है. कम उम्र में शादी होने से मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर बढ़ जाती है. कम उम्र में शादी होने से लड़कियों की शिक्षा और जीवन स्तर पर भी बुरा असर पड़ता है.

The Registrar General And Census Commissioner of India की 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की 2.3 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष तक पहुंचने से पहले ही कर दी जाती है. इस मामले में देश के गांवों की स्थिति शहरों के मुकाबले ज्यादा खराब है.  

गांवों की 2.6 प्रतिशत लड़कयों की शादी 18 वर्ष से पहले कर दी जाती है. वहीं शहरों की 1.6 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष तक पहुंचने से पहले हो जाती है.

इस मामले में सबसे खराब रिकॉर्ड पश्चिम बंगाल का है जहां पर 3.7 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष तक पहुंचने से पहले हो जाती है. 33.2 प्रतिशत लड़कियां ऐसी भी हैं जिनकी शादी 18 से 20 की उम्र में होती है.


बाल विवाह के लगातार बढ़ रहे हैं आंकड़े

देश में लड़कियों की शादी की उम्र भले ही 21 वर्ष करने की तैयारी हो रही है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में बाल विवाह के मामले 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं. बाल विवाह यानी 18 वर्ष से कम उम्र में शादी हो जाना है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक साल 2020 में बाल विवाह के 785 मामले दर्ज किए गए थे.  ये आंकड़ा वर्ष 2019 के मुकाबले 50 प्रतिशत अधिक था. 

साल 2019 में बाल विवाह की 523 शिकायतें आई थीं. बाल विवाह के सबसे ज्यादा केस कर्नाटक में दर्ज किए गए हैं, पिछले 5 सालों की रिकॉर्ड देखें तो 2015 से 2020 तक बाल विवाह की शिकायतों में बढ़ोतरी हुई है.

2015 में बाल विवाह के 293, 2016 में 326, 2017 में 395, 2018 में 501, 2019 में 523 और 2020 में 785 केस दर्ज हुए हैं. ये आंकड़े एक नजरिए से अच्छी खबर हैं क्योंकि इससे पता चलता है कि लोग जागरुक हुए हैं और बाल विवाह की शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन चिंताजनक  बात ये है कि बाल विवाह की ये कुप्रथा बंद नहीं हुई है.



मोदी जी बाल बाल बचे पंजाब फिरोजपुर 05 Jan 2022.

 "बाल बाल बच गये"

    हमारे देशमे ही पावर फुल सिक्युरिटी मे अगर कोई इन्सान अपने आपको सुरक्षित मेहसुस ना करे और  खौफ़ जदा हो जाये सोचो अगर वो करोडो के  खर्च की सिक्युरिटी के बाद अपने आपको खौफ़ मे मेहसुस करता हे, तो देशका आम नागरिक के क्या हालात होंगे.
  अपनी सत्ता के लिये हर तरहा के षड्यंत्र किये जाते हो खासकर धार्मिक नफरत फैलाकर सत्ता हासिल की जाती हो, उस षड्यंत्र का कितना खौफ़ होगा देशकी आम जनता मे सोचो अगर देशकी जनता के टेक्स के करोडो के खर्च से हाय सिक्युरिटी मे अपने आपको 20 मिनट किसी जगाह रुकना उसके लिये खौफ़ मे दाल देता हे, जब के देशकी परिस्थिति एसी हे, जंहा पोलिश स्टेशन मे एक मुस्लिम होने के नाते पिट पिट कर मार दिया जाता हे, एसी घटनाएँ हर दिन इस भारत मे होती हे, ट्रेन मे रास्ते मे चलते हुये एक मुस्लिम होने के नाम पर मार दिया जाता हे,  एसे मे लाजमी मे सत्ता के लिये खौफ़ और नफरत पैदा करके राजनीति करने वाले खौफ़ मे आमे वाले हे.

दोपहर तक तो रैली हुई है ...
कै. अमरिंदर और पंजाब बीजेपी अध्यक्ष के भाषण भी हुए हैं ...
बस सुनने वाले सिर्फ 1500 लोग थे, बाकी 98,500 कुर्सियां खाली थीं !
PM के आने का इंतजार था !
मीडिया ने लाइव रैली दिखाई भी है !

फिर अचानक PM हेलीकॉप्टर छोड़ कर,
सड़क से जाने का हुकुम सुनाते हैं,
किसान सड़कों पर थे ही !

बस हो गई सुरक्षा में चूक और जान को खतरा !
और जो रैली हो चुकी थी, वो रद्द भी हो गई !
वाह मोदी जी वाह !
क्या कहानी है, क्या स्क्रिप्ट है !
जबरदस्त ... सुपर हिट !

किस को ANI बना रहे हो ??
PM के आने जाने के रूट पर SPG 48 घंटे पहले कब्जा कर लेती है, राज्य की पुलिस भी उसी के आर्डर पर काम करती है !
IB और RAW भी पल पल की खबर रखते हैं, मिलिट्री इनटेलीजेंस भी एक्टिव रहती है !
पास का हवाई अड्डा और अस्पताल अलर्ट कर दिए जाते हैं, PM के खून के ग्रुप का खून रिज़र्व कर दिया जाता है !
इतना सब ताम झाम होता है और PM जाम में फंस जाते हैं यह कैसे संभव है ? 
एक थर्ड क्लास के ड्रामा की स्क्रिप्ट है यह पंजाब की सरकार को बदनाम करने के लिए ...
और 5 राज्यों के चुनाव के लिए मुद्दा गढ़ने के लिए !

Wednesday, 5 January 2022

AIMPLB Social Media Message

 (ગુજરાતી )

તમામ મુસ્લિમોને વિનંતી છે કે આપણા દેશભરમાં કાવતરાનો યુગ ચાલી રહ્યો છે, આરએસએસ અને ભાજપ દેશના ખૂણે-ખૂણે મુસ્લિમો વિરુદ્ધ દરરોજ ઘરે-ઘરે હિંદુ સમુદાયને ઝેર ઓકાવી રહ્યા છે.  બહાને ક્રૂરતા અને મૃત્યુદંડ આપવામાં આવી રહ્યો છે.  આરએસએસના લોકો મુસલમાનો પર દુર્વ્યવહાર કરવાની તકો શોધી રહ્યા છે.  આ સ્થિતિમાં આપણે આપણા અધિકારોને પણ જાણવું જોઈએ જે ભારતના બંધારણ દ્વારા આપણને આપવામાં આવ્યા છે.

 કારણ કે આ દેશની દરેક ઈંચ જમીન પર આપણો સમાન અધિકાર છે.  જો કોઈ તમારી સાથે ખરાબ વર્તન કરે અથવા તમને મુસલમાન હોવાના કારણે માર-પીટ કે અપશબ્દો બોલે તો ચૂપ ન રહો કારણ કે તમારું મૌન આ દેશના ગદ્દારોનું મનોબળ મજબૂત કરે છે.  તમે માનનીય નાગરિક છો.  હોવાની ફરજ નિભાવો અને આવા દેશના દુશ્મનો સામે ફરિયાદ કરો.

 1. ઓલ ઈન્ડિયા મુસ્લિમ પર્સનલ લો બોર્ડ એટલે કે.  AIMPLB એક એવી સંસ્થા છે જે ઘણા વર્ષોથી મુસ્લિમોના અધિકારો માટે કામ કરી રહી છે.  જો કોઈ મુસ્લિમ ભાઈને કોઈ સમસ્યા હોય, તો તમે સંસ્થાને ફોન કરી શકો છો જ્યાં તમને સંપૂર્ણ મફત કાનૂની સહાય અને વકીલાત મળશે.

 AIMPLB (દિલ્હી) સંપર્ક: 911126322991 ફેક્સ: 911126314784 ઇમેઇલ: aimplboard@gmail.com

 સેવા (દિલ્હી) લઘુમતી હેલ્પલાઇન 1800112001 (ટોલ ફ્રી) 09002354354.

 ત્યાં ઘણી મુસ્લિમ સંસ્થાઓ પણ છે જેનો સંપર્ક કરી શકાય છે:

 ગુફા (એ.આર. અગવાન) 011-29946037 9911526380

 MCED (ગફ્ફર શેખ) 0240-2321223 / 24 09422206541

 મુસ્લિમ યુવી મંચ (વસીમ ઈરફાની) 01477-220137

 મુસ્લિમ વક્ફ બોર્ડ: આંધ્ર પ્રદેશ (એમ.જે. અકબર) 09440810006 040-66106248

 આસામ (મકીબ અલઝમાન) 09864021968 0361-2235285

 વસંત (સૈયદ શેર અલી) 07739323777 0612-2230581

 ગુજરાત (AI સૈયદ) 09909908299 079-23235467

 મધ્ય પ્રદેશ (શૌકત મોહમ્મદ ખાન) 09425004331 0755-2543175

 ઉત્તર પ્રદેશ (ઝફર અહમદ ફારૂકી) 09455557777 0522-2239378

 દિલ્હી (એસ.એમ. અલી) 09650131666 011-23274417

 ઓડિશા મુફ્તી ગુલામ હૈદર રિઝવી મિસબાહી 8114636099

 બને તેટલું શેર કરો જેથી કોઈ મુસ્લિમ ભાઈ સાથે અન્યાય ન થાય.  સારા સમાચાર:

 છેવટે કોઈએ કંઈક શરૂ કર્યું ...

 જરૂરિયાતમંદ મુસ્લિમો માટે હેલ્પલાઈન ખોલવામાં આવી છે નેશનાલિસ્ટ મુસ્લિમ ફોરમને પહેલા દિવસે 742 કોલ આવ્યા જો કોઈ છોકરો મુસ્લિમ છોકરીને હેરાન કરી રહ્યો હોય તો તેને કેવી રીતે બચાવવી... તેની માહિતી પણ આપવામાં આવી રહી છે.  રાષ્ટ્રવાદી મુસ્લિમ મંચના રાષ્ટ્રીય અધ્યક્ષ આસિફ અહેમદે કોઈપણ મુસ્લિમને મદદ કરવા માટે લગભગ 500 કાર્યકરોની ટીમ 24 કલાક તૈયાર રહે છે, તેમણે જણાવ્યું હતું કે, "આ હેલ્પલાઈન મુસ્લિમોમાં ભાઈચારાને પ્રોત્સાહન આપવાના ઉદ્દેશ્યથી શરૂ કરવામાં આવી હતી. અને અન્ય લોકોને મદદ કરવા માટે, અમે મદદ કરીશું. ફોન કરનારને તરત જ મદદ કરવાનો પ્રયાસ કરો."

 ઓછામાં ઓછું હવે તમે જમીન પર મુસ્લિમો માટે કંઈક કરવાની હિંમત કરો છો.. આભાર.

 સંખ્યાબંધ મિત્રો બનાવો અને મુસ્લિમ ભાઈઓ સાથે શેર કરો.  9610426063 7677437443 822 9870024 9045966061 8890095786 9529380372 9024514986 9680526142

 ભાઈ, તમારી પાસે મુસ્લિમ મીડિયા ગ્રુપ 9826026117 છે તે બધા ગ્રુપને કૃપા કરીને ચાર ગ્રુપમાં મોકલો.

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લીટરેસી વાંચવામાં રસ હોય તો જ આ પોસ્ટ વાંચી શકો છો નહીં તો ડિલીટ કરી વિડિયો ક્લીપ જોવા લાગી જશો અને  વાચનારે અમલ કરવાની જરૂર નથી (ઈલ્યાસ યુસુફ બરફવાલા મછાસરા) 
_*મધ્યમ - ગરીબ વર્ગ ના યુવાનો નાના સામાજિક કાર્યકરો યાદ રાખો પૈસો છે તો બધુ જ છે*
મિત્રો , 
નમસ્કાર , 
હું નવિન ચુનીલાલ સંઘવી - હાલ ઉ.વ ૬૭ , અમદાવાદ આજે મારી વિતકથા જણાવુ છુ .
આજે હું વૃધ્ધત્વ ને આરે ઉભો છુ પતિ - પત્નિ અને પરણીગયેલા દિકરો અને દિકરી તેમ બે સંતાનો છે .બંને તેમની રિતે આજે સામાન્ય સ્થિતી ના કહી શકાય તેમ છે. 
મૈં મારા વતન વિશનગર માં ધોરણ ૧૧ એ સમય ની SSC નો અભ્યાસ પુર્ણ કરી અમદાવાદ આવ્યો ભણ્યો એ સાથે સમાજ સેવા નો ચસકો લાગ્યો સેવા ક્યારે પદ લાલચુ અને પ્રસિધ્ધી ના નશા ફેરવાઇ ગઇ એ ખબર જ ના પડી માન - મોભો - સ્ટેજ - ખુરશી અને પછી રોજ એ રોજ મળતી વાહવાહી મને તો ફલાણાં ઓળખે - ઢીંકણા ઓળખે તેવો મોભો અને લોકો મને મોટો કરી મારો સમય લઇ પોતાનુ કામ કરાવવા લાગ્યા મારી પોતાની ઓળખાણ મોટી છે એવા ભ્રમ માં રાચવા લાગ્યો .
લગ્ન થયા સંતાનો થયા પણ તેમને સમય કે ન્યાય આપવા ની જગ્યાએ બહારે ને બહારે રેહવા લાગ્યો એક પછી એક ફંકશન ની તૈયારી - વિવિધ લોકો ના આદર સત્કાર પછી તેમા સેવા ની ભાવના ની જગ્યા એ ઇગો પોષવા નો શરૂ થઇ ગયો હતો મારી પાસે નાની મોટી વોટબેંક હોવા થી કોર્પોરેશન થી વિધાનસભા ચુંટણી માં મારી પુછપરછ થવા લાગી આપણા વગર કોઇ ને ના ચાલે તેવુ લાગ્યુ ... દેરાસર ના પ્રસંગ હોય કે કોઇ ના ઘર ના લોકો કંકોતરી થી લઇ કેટર્રસ વાળા માટે આપણે ત્યાં આવી જતા થોડો મોટો કરી આપણો સમય લઇ પોતાનુ કામ કરાવી જતા ... 
સરવાળે નામ મોટુ પણ ઘર ખાલી છોકરાઓ ને સારૂ એજ્યુકેવન ના આપાવી શક્યો મોટુ નામ હોવા થી ક્યાંય હાથ પણ ના લંબાવી શક્યો  ના મારા સંતાનો ને સારો બિઝનેશ આપી શક્યો સેવા માં ને સેવા માં ગૃપો માં વહેંચાઇ ગયો કહેવાતા  સેવા ક્ષેત્રે આવતી ચુંટણીઓ માં રાજકારણ કરતો થઇ ગયો મારા કે મારા સાથી સભ્યો ના  મિથ્યાઅભિમાન ને સાચવવા માટે  હિત ને સાચવવા માટા " સંસ્થા નુ હિત " " શાશન નુ હિત " વગેરે રૂપાળા શબ્દો વાપરતો થયો સરવાળે સતા મુકવી પોષાતી નહતી બીજી કોઇ પ્રવૃતી ના હોવા થી પ્રવૃતી નુ કેન્દ્ર જ આ હતુ ...
 પણ પછી શું દિકરો મારી આ પારકી પંચાયત નિતી થી કંટાળી જુદો થઇ એક કંપની માં સામાન્ય નોકરી કરે છે ઇ મને કે હું એને મદદ કરી શકુ તેમ નથી મારૂ જુનુ ઘર જુના અમદાવાદ માં છે હવે તેમાં ધીમે ધીમે મુસ્લિમ વસ્તી વધી રહી છે મારી પાસે ઘર બદલાવવા નાણા નથી ...
 મારા યુવાન મિત્રો તમારી જીંદગી નો અમુલ્ય સમય કોઇ સમાજ - મંડળ - સંસ્થા - રાજકિય પાર્ટી ઓ ના આકા ના હિત સંતોષવા માન - મોભો - સાલ  - માળા - પદ - આભાસી પ્રતિષ્ઠા - મને પૂછી ને થાય તેવો નશો - કેટરસ વાળા થી લઇ કલાકાર - સંગીત કાર - મને જાહેર માં યાદ કરે તેવા નશા માં કાઢી ના નાખતા .. તમે જરા વિચારજો તમે જે સંસ્થા માં કામ કરતા હશો તે સંસ્થા ના કરોડપતી દાતા કે ટ્રસ્ટીઓ કોઇ પોતાના સંતાનો ને આ બાજૂ ફરકવા પણ નહીં દે માત્ર તમને " વખાણ " નામ ની લોલીપોપ પકડાવી તમારા સમય અને યુવાની નો લાભ વગર વળતરે પોતાને મોટા થવા લેવા માં આવે છે ..
બધુ જ ભુલી તમારા કામ કાજ બિઝનેશ ને મજબુત બનાવો તેના જેવુ ઉતમ સેવા ક્ષેત્ર એકે નથી ... બાકી સેવા કરવી જ જોઇએ પણ પહેલા પરીવાર , પછી આપણે ત્યાં કામ કરતા લોકો નુ જીવનધોરણ ઉંચુ આવે પછી આપણા અંગત મિત્રો , પછી આપણા ઉપકારીઓ જેમ કે શિક્ષક થી લઇ દુધ - છાપા વાળા અને સારા પાડોશીઓ અને પછી  સમાજ અને દેશ બાકી તમારા માતા - પિતા , પત્ની સંતાનો ને સમય આપો તેને બેસ્ટ એજ્યુકેશન આપો , દુનીયા ફેરવો , 
સેવા એવી કરો કે તમે કોઇ  તકતી - પબ્લિકસીટી , કે વાહ વાહી ના મોહતાજ ના હો આજ નુ સમાજ જીવન નિવૃત માણસો અને પેટ ભરેલા માણસો ને ટાઇમ પાસ અને પોતાની બૌધ્ધિકતા બતાવવા નુ પ્લેટફોર્મ છે તમારી યુવાની માં કોઇ નો હાથો ના બનો તમારા પોતાના સપના ને વિસ્તાર આપો બાકી કોઇક ની મહત્વકાંક્ષા સંતોષવા કે ઇગો પોષવા તેને બંધ કરો ક્યારેય સમાજ ના સંસ્થા ના સંઘ ના મંડળ ના આંતરીક રાજકારણ નો હિસ્સો ના બનો તમારા નેતાઓ તમારી જાણ બહાર એક થઇ જશે તમે હતા ત્યાં ને ત્યાં પાછા કહેશે અમે સંસ્થા ના હિત માં સમાધાન કર્યુ છે .. આવો મારો જાહેર જીવન નો ૪૭ વર્ષ નો સળંગ અનુભવ છે .
વળી પાછા તમે આર્થિક રિતે મધ્યમ હોય ત્યારે તમારા પર એક વર્ગ સતત આર્થિક તમે ખોટુ કરો છો આના થી જ તમારૂ ઘર ચાલે એવા દ્રષ્ટીકોણ થી જ જોવે છે ? શું જરૂર છે આવી ? જાય નહી..તેલ લેવા , 
યાદ રાખો કોઇ ગમે તે કહે પૈસો જ સર્વસ્વ છે તેના વગર કોઇ જ વેલ્યુ નથી કોઇ સંસ્થા - સમાજ ગમે તેવા દારૂડીયા અને ચારિત્ર્યભ્રષ્ટ લોકો નુ પણ દાન લે છે તકતી પૈસા ના દાન ની લાગે છે જે કમાઇ શકાય છે કોઇ તકતી અમુલ્ય સમયદાન ની નથી લાગતી જે ક્યારેય પાછુ નથી આવતુ ..
 જો કરોડો પતી ટ્રસ્ટીઓ પોતાના સંતાનો ને પોતે જેમા જવાબદાર છે તેમાં ઇન્વોલ નથી કરતા તો તમારૂ ક્યાં કઇ લુંટાઇ જાય છે ભાઈ બિઝનેશ કરો નહીંતર મારા જેવા ઘણા ફરે છે કે કોઇ જાતી જિંદગી એ ભાવ પુછવા વાળુ નથી હોતુ દુનીયા - સમાજ સ્વાર્થીજ છે તે સનાતન સત્ય જ છે તમે જેટલું વહેલુ સમજી શકશો તેટલા વહેલા સુખી થશો .
સંતો મહંતો મહારાજ સાહેબો પૈસો ભલે નથી પકડતા પણ પૈસા વાળા ને તો બરાબર પકડે છે તે ત્યાં  ધાર્યુ કરાવી જ જાય છે પાછો જવાબ મળે સંસ્થા શાશન ના કામ માટે તેમની જરૂર છે ... 
મારી દરેક સમાજ ના યુવાનો ને નમ્ર અપીલ છે કે પહેલા ઘર પેઢી ધંધો મજબુત કરી આજે જેટલુ વાપરીએ છીઇએ તેટુલુ ૧૦૦ વરસ વપારાય એટલુ પ્લાનીંગ કરી પછી *" અભરખા ની સેવા "* કરો યાદ રાખો વખાણ અને આભાસી પ્રતિષ્ઠા ના નશા થી દુનીયા નો કોઇ નશો ખરાબ નથી ...
સચિન તેંડુલકર , ધીરૂ અંબાણી , રતન ટાટા , વગેરે એ દાન આપ્યુ છે પણ પોતાનુ ફોકસ છોડી કહેવાતી સેવા કરવા નથી નિકળ્યા માટે સફળ થયા છે .
માટે જાગ્યા ત્યાર થી સવાર પહેલા પોતાનો પરીવાર - સ્ટાફ - મિત્રો - ઉપકારીઓ પછી બીજુ બધુ ... 
આજે હું ખોરાક થી લઇ દવા માટે લાચાર છુ મારો દિકરો મહિને ચાર વાર કહે છે કે "  પપ્પા તમે મારા માટે શું કર્યુ " હા મારી પ્રાથનસભા માં બે સારી વાતો જરૂર થશે પણ અત્યારે શું ? 
આત્મસંતોષ માટે શાંતી થી સારૂ કામ કરી બિઝનેશ કરો તેમા ધ્યાન આપો આગળ વધો તેવા અંતર થી આશિર્વાદ 
*" પોતાની ભુલ માં થી જે શિખે તેને અનુભવી કહેવાય બિજા ની ભુલ માં થી શિખે તેને હોંશિયાર કહેવાય "*
મારી જીવન ની ભુલ માં થી શિખવા આપને આંમત્રણ આપુ છુ.
લી .
*નવિન ચુનીલાલ સંઘવી*
મુળવતન - વિશનગર 
હાલ પાનકોર નાકા , અમદાવાદ

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...