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Sunday, 16 January 2022

कोरोना वैक्सीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश.

 *सुप्रीम कोर्ट के आदेश और भारत सरकार के निर्देशानुसार कोई भी अधिकारी या डॉक्टर आपको कोरोना वैक्सीन या कोई अन्य वैक्सीन लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है* - June 26, 2021
∆ *यदि आप टीका नहीं लगवाना चाहते हैं। तो आपको यह निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार है*

∆ *उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि, जिन नागरिकों को पूरी जानकारी के बिना टीकाकरण के लिए मजबूर किया गया है। टीका लगाया गया है। धोखा दिया गया है, या टीकाकरण के लिए मजबूर किया गया है। उन्हें मुआवजे की मांग करने का अधिकार है।*

∆ *मानवाधिकार सुरक्षा परिषद और इंडियन बार असोसिएशन ने पीड़ितों को एक करोड़ रुपये अग्रिम मुआवजे (Interim Compensation) देने  की मांग की है।*

*नई दिल्ली :- नागरिकों को गुमराह करके उन्हें टीकाकरण के लिए बाध्य करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तथा नागरिकों के मानवाधिकारों और मूलभूत संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए प्रत्येक  पीड़ित नागरिकों को कम से कम अग्रिम मुआवजा 1 करोड़ रुपये सरकार उन्हें देना और वह राशि आरोपियों से वसूल करने की मांग मानवाधिकार सुरक्षा परिषद के राष्ट्रिय महासचिव रशीद खान पठान तथा इंडियन बार असोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अ‍ॅड. नीलेश ओझा ने की है।*

अ‍ॅड. निलेश ओझा 
                                   राष्ट्रीय अध्यक्ष
                            इंडियन बार  एसोसिएशन

https://supremecourtnewss.blogspot.com/2021/06/blog-post_26.html

*भारत सरकार के निर्देश और मा. सर्वोच्च न्यायालय तथा मा. उच्च न्यायालय ने भी फैसला सुनाया है । कि, वैक्सीन किसी के लिए बाध्यकारी नहीं है। मा. सर्वोच्च न्यायालय और मा. उच्च न्यायालय का भी दिया हुआ फैसला इंडियन बार असोसिएशन की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।*

Blog Link:- https://indianbaras sociation.in/vaccination-is-not-mandatory-as-per-the-latest-judgment-of-high-court/

*इसी आदेश के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति आयुर्वेदिक, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, यूनानी या किसी अन्य उपयुक्त उपचार पद्धति से अपना इलाज कर सकता है।*

*कोरोना वैक्सीन लेने से कई जानलेवा दुष्परिणाम सामने आए है, वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद भी कई लोंगो की कोरोना से मृत्यू हुई है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि, इंडियन मेडिकल असोसिएशन के मा. अध्यक्ष के. के. अग्रवाल वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी उनकी कोरोना से मौत हो गई।*

*इंडियन बार असोसिएशन ने उन्हें ५१ पन्नों की कानूनी नोटिस ( Legal Notice ) देते हुए डॉ. सौम्य स्वामीनाथन को, हुए प्रत्येक नागरिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनके विरुद्ध भारतीय दंड सहिंता  ( I. P. C) के तहत ३०२ , ३०४, १८८, १२० (ब) r/w ३४ के अनुसार करवाई करने का इशारा दिया।*

*नोटिस मिलते ही विश्व स्वास्थ्य संगठन [ डब्ल्यू. एच.ओ / WHO ] की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्य स्वामीनाथन ने घबराकर आइवरमेक्टिन के विरुद्ध में किये हुए 'ट्वीट' को डिलीट (Delete) कर दिया।*

*इंडियन बार असोसिएशन के प्रयास से  डब्ल्यू. एच.ओ [ WHO ] के अधिकारियों के झूठ और जनता को मुर्ख बनाकर उनके जीवन से खिलवाड़ करने तथा जीवन निर्वाह का हनन करके उनको गरीब बनाने का प्रयत्न सामने आ गया |*

*सभी नागरिकों से निवेदन है कि वे अपने डॉक्टरों के सलाह से आइवरमेक्टिन या आयुर्वेदिक या नॅचरोपॅथी के सहायता से उपचार करके अपने परिवार का जीवन और पैसा बचाकर तथा पुरे देश में फीर लॉकडाऊन ना लगने में सहायता करे।*

*इसी प्रकार , इस मुद्दे पर अनेक लोगों में जानकारी पहुचाये और जन - जागृती फैलाने का प्रयास करते हुए इस राष्ट्रीय आंदोलन में अपना सहयोग करें।*

*नोट:i) वैक्सीन कंपनियों के निर्देशानुसार एलोपैथी दवाईओं के दुष्परिणाम वाले लोगों को वैक्सीन (VACCINE) लेने से बचना चाहिए।*

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...