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Wednesday, 27 December 2023

आने वाले समय में राजनीति के मैदान में उतरेगा Ai ।

 
अस्सलामुअलैकुम  उम्मीद है आप खेरियत होंगे  बेहतरीन होंगे
साथियों क्या आपको मालूम है कि बहुत जल्द इंसानियत कयादत इंसानी कायनात में गुम हो जाएगी यह एक ऐसा दौर होगा जब हमारे फ्रिज एसी पेड़ पौधे दुनिया की हर चीज हम से हालात भी हाजरा पर बात करेगी और बजाते खुद वजूद की कैद से आजाद हर जगह हाल करके दस्तयाब होंगे नागरिक जब यह कायनात बनेगी जब यह माहौल तैयार होगा तो ऐसे वक्त में एक दिन AI लीडर सामने आएगा।  
एक ऐसा सिस्टम जिसके सामने तमाम रवायती बजाय और रूहानी के सिलसिले रेत की दीवार साबित हो सकते हैं मसलन  AI के पेट से निकला यह ताकतवर टेक्नोलॉजिकल मतलब आखिर कैसा होगा इसके जन्म लेने की वजूहात क्या हो सकती हैं हम आज इस लेख में डिस्कस करेंगे तो आपका दोस्त हुजैफा पटेल ।


2018 दो हज़ार अट्ठारह में रशिया में प्रलामेंट्री चुनाव के दिन करीब थे दोनों तरफ सियासी रहनुमा अपनी अपनी तब ज्वाइन कर रहे थे दोनों तरफ के झंडे और नारे जो थे वह जोरों पर थे और ऐसे ही में सोशल मीडिया पर एक नारा गूंजता है सदर जो आपको सबसे ज्यादा बेहतर जानता है
नागरी ने इस नारे के साथ ही या इंडेक्स कंपनी का ऑनलाइन ही रिपोर्ट एसीआर सदर न्यूटन के मुकाबले में इसे सरदार टी दौर के अंदर शामिल हो गया
और जब उसने अपनी पहली स्पीच की तो उसने आने वाली कई सदियों तक कि इंसानी सियासत का ज्योग्राफी आता है कर दिया उसकी स्पीच के अल्फाज कुछ यूं थे
लोगों मेरा कोई खानदान नहीं है ज्यादा मेरे फैसले जाति फायदे या नुकसान से पार्क होंगे मैं मुकम्मल तौर पर गैर जज्बाती लिहाजा मेरा हर अमल किसी भी दबाव या लालच से पाक होगा
आपके लिए एक जबरदस्त ऑप्शन क्या आप का सियासी लीडर आपसे इन्फ्रा भी सतह पर उस तरह बात कर सकता है जैसे आप अपने बिस्तर में घुसकर मुझसे मुखातिब हो सकते हैं
मेरे पास आपके तमाम मसायल की कैलकुलेशन मौजूद है
अब नागरी में एक तरफ रवायती सियासतदान मौजूद था जिसे अब में मसायल का डेटा हासिल करने के लिए इदारों कि और हजारों अपराध की जरूरत थी
उसके बाद उस डाटा के नजरिया और नेता के लिए उपकृत दरकार था फिर बतौर इंसान उस इन्सान सियासतदान के अपनी जाति जाट और मुफ्त वारदात भी हो सकते थे
जबकि दूसरी तरफ एक वीर अर्जुन डांटा जिसे दैट आता के लिए साई के लिए हजारों अपराध की जरूरत नहीं थी बहुत सारे किरदारों की किरदारों की जरूरत नहीं थी उसके बाद उसे ज्यादा की तेजी के लिए वकत भी दरकार नहीं था और ना ही उसके कोई जाति मुफ्त वारदात थे
यह इंसान के मुकाबले में दूसरी तरफ एक वर्चुअल सियासत डांटा नागरिक रूस की तारीख में यह एक बड़ा दिलचस्प तजुर्बा था जिसे और सदर ब्यूटेन के मुकाबले में न्यूटन की इजाजत से ही लॉन्च किया गया था और इलेक्शन से पहले इसे वापस डिब्बा बंद कर दिया गया
लेकिन इसी तजुर्बे का दूसरा पार्ट बीस जून दो हज़ार अट्ठारह को जापान के शहर में या पर मेयर के रक्षण थे और इस इलेक्शन के अंदर एक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस यानी में इस आदत के चैट बॉट मची तो मत छुडा को भी इसे इलेक्शन कैम्पेन के अंदर दाखिल किया
ताकि यह देखा जा सके कि आकर गैर इन्सानी सियासतदान इन्सानी चौंसठ को कैसे मुतासिर कर सकता है
अब नागरिक में जीतू ने अपनी प्यासी कैंपेन का आगाज किया तो इंसानी में हैरत मचलने लगी उसने अपनी कैंपेन का आगाज कुछ इन आसपास के साथ किया कि क्या आप ग्रुप के रहनुमा की मुफ्त बादल एक ऐसा नहीं चाहते हैं जिसका अपना कोई मुफ्त
याद रखिए इदारों में बाद अनुमानित ताकि एल फिर के जरिए की जाती है और मुझे ज्यादा को संजना उसे याद रखना और जरूरी अमूर्त के लिए उसका ताजिया और मिटाए जा करना बखूबी आते हैं इसके अलावा इंसानों के मुख्तलिफ गिरोहों में टपकाती फरक की वजह से गैर इत्यादि
लोग मौसमी आती दौरान और आइंदा इंसानों को दरपेश कई मिसाइल से निपटने के लिए में काम करूंगा
लॉड्रिंग जीतू मसूदा भी यह रिपोर्ट भी मुफ्त की सियासत की अक्लमंदी पेश करके वापस डिब्बा बंद हो गया
यह दोनों सियासतदान इसलिए वापस डिब्बाबंद हो सके अपनी शानदार फिक्र समेत क्योंकि अभी हम मसूरी की एन आई आज दौर के अंदर है यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लॉड्रिंग आज मसूड़े इस आदत के हम जिस दौर के अंदर हैं इस दौर की
मशहूर इस आदत को कमजोर इंटेलिजेंस कहते हैं
यानी इसके अंदर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस इन सौदों के दिए डेटा का तय करती है इसके लिए इनका अपना कोई ख्याल या जो है वह शामिल नहीं होते यह बस रिसालत मख़सूस पैरामीटर उसकी होती है जैसे कि चैट जी इसकी एक सबसे बड़ी मिसाल है
इस दौर के बाद मसूरी भारत का अगला जो दौर आएगा वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस का होगा अब इस इंटेलिजेंस के अंदर ही होगा कि यह बाकायदा मसलो इस आदत जो भी यह बाकायदा नजरिया होगी बिल्कुल वैसे जैसे मैं एक
नजरिया थी इंसान जैसे आप एक नजरिया इंसान हैं इसी तरह एक ही तरह की दस्तयाब इन्फॉर्मेशन की बुनियाद पर मुख्तलिफ नजरिया को तलाशते हैं और उनके ऊपर अपनी शख्सियत को जो है वह तामीर करते हैं जैसे इस्लाम एक है उसकी माओवादी क्या लेकिन उसके फिर के कई है
के एक है उसके अंदर कल्चर कई हैं मोहल्ला एक है उसके कई तरह के नजरिया तो कई तरह के ख्यालात के लोग होते हैं हालांकि उन सबको एक ही तरह की मौत लिया
दिया तो जिस तरह अनुसार एक मुकम्मल नजरिया शख्सियत होता है मुस्तकबिल कि जो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस होगी वह भी नजरिया की होगी मुकम्मल तौर पर नागिन यह सब कुछ में आपको अपनी तरफ से नहीं कह रहा हूं वर्ग के मसलों के गॉड फादर किंतु जेफरी वह बीबीसी समेत कई इदारों को इस बार
में मुफ्त बल्कि जो औरत है आर्टिफिशल इंटेलिजेंस है उसके बारे में बता चुके हैं
जबकि एप्पल के बोधगया और और टेस्ला ट्विटर पर जो मालिक हैं
मुस्तकबिल की इस नजरिया ति मसूरी साल के का ट्राउट और लगता है इसके बारे में एक खुले खातों की सूरत गया वह दुनिया को वार्निंग दे चुके हैं और साथ ही दरख्वास्त की है कि इस टेक्नॉलजी को जाए वह आज मैं दूर किया जाए
नवीन आप जिस तरह एक नजरिया ते इंसान जिंदगी के हर पहलू को देखता है
मतलब और सियासत के मामलों को तो वो उसके ऊपर असर अंदाज होने की कोशिश जरूर करता है जाए पॉजिटिव या नेगटिव तो यकीनन जब सुपर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस या जर्नल आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का दौर आएगा और यह मुकम्मल तौर पर एक नजरिया थी इंटेलिजेंस होगी तो ये मजहब और चौंसठ
के ऊपर असर अंदाज हो सकती है
का शोषण के ऊपर जो जबरदस्त तरीके से असर अंदाज हो सकती है तो मैं ऐसा आपको क्यों कह रहा हूं देखे तमाम अथवा में आलम के लोग मानते हैं कि एक पौधा है जो उनकी तमाम हाजी दवाई करता है मुश्किलकुशाई करता है जो दवाएं सुनता है जो रिजक और शोहरत का मालिक है जो शख्स
को पैदा करता है मर्द पैदा होगा और पैदा होगी यह ने एक अनदेखा करता है
अब यहां पर आकर मसूरी है वह पेपर सकती है क्योंकि उस वक्त मैं जिस दौर की बात करो मुझ तक बल्कि जिस दौर की बात कर रहा हूं उस वकत तमाम इंसानियत का जो डाटा होगा तमाम इंसानियत का डाटा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मुताबिक हवाओं कलाओं के अंदर इसकी देसाई होगी बेबी
क्यूब्स के अंदर बच्चा पैदा होगा या बच्ची पैदा होगी इसका एक प्यार भी इस आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के पास होगा
पैदा करने के जो तमाम व साहिल होंगे वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वाबस्ता होंगे लोग दुनिया के करोड़ों अरबों लोग जाए वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक अनदेखे चाउर से अवगत राबडी होंगे से बात कर सकेंगे आर्टिफिशल इंटेलिजेंस उनकी दोस्ती भी होगी उनके दुश्मन भी होगी
के तमाम लाइफ गैजेट्स कारण फ्रिज एसी और गायकी की जो तमाम चीजें फोन के अंदर से मसले को भूल रही होगी
अब नहीं यह को वोट है यह वह काबिलियत है जो मुझ तक बल्कि मसूरी इस आदत को जो के मुकम्मल तौर पर एक नजरिया होगी और खुदाई दावे की तरफ ले जा सकती है
के आकर तो ये इंसानी जहालत का अक्स होगी और इंसान को वोट मिलने के बाद ताकत मिलने के बाद हुडा बनाने में कितनी ही देर लगाता है यह आपको अच्छी तरह अंदाजा है
अब यहां पर आकर हो सकता है कि मसरूर इस आनद जो है वो तमाम अथवा में आलम को तमाम बजाय से रवायती मुजाहिद से निकालकर एक मुश्तरका बस सब जो के मशहूर इस आदत का अपना प्यार करना होगा उसके ताबें लाने की कोशिश करें और रवायती बजाय और में सुरेश भारत का
इस केन्द्र बुनियादी फर्क होगा कि रवायती बजाय जितने भी है वो इंसान के जो आमाल है जो अच्छा करता है पूरा करता है उसका जो तमाम दारोमदार है वह उधार पर छोड़ते हैं कल रोज मैं सिर के ऊपर की ऊपर चोदते हैं जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मतलब होगा उसके अंदर और तमाम मामला
वह नकद होंगे
अब नागरिक अपनी काबलियत की बुनियाद पर अगर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस तक बल्कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस कोई मजहब लॉन्च करती है
तो वो से बचना आखिर कितना नामुमकिन होगा आप इस बात का अंदाजा लगाइए कि एक तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जो है वह चंद सेकेंड्स के अंदर सेकेंड्स के हिसाब से अपने मतलब की प्रमोशन के लिए हजारों मुफ्त अदीब शायर और तरह के झूठ बहुत सारे लोग हैं वो तराश
होगी जो चंद सेकेंड्स के अंदर किसी भी तहजीब का हुलिया बदलने में व गार्ड ने में उसे दोबारा तामीर करने की पूरी काबिलियत रखते होंगे
और अगर इस तरह की पर्सनेलिटी जाएगी
दानवीर मुफ्त कराएंगे वीर मत भी रहनुमा शायद ये जो सारे लोग यह मुस्लिम के तैयार करना सारे लोग जब इंसानी तहजीब और रवायती बजाय के ऊपर हमलावर दूंगी
तो उस वक्त आपके पास क्या रह जाएगा यही एक और शुरू होगी कि आप जो आलिम आठ साल के अंदर प्यार होता है दस साल के अंदर प्यार होता है आप आलिम इस तरह की इस इंटेलिजेंस का मुकाबला करने के लिए सिर्फ पाँच मिनट में तैयार करें जो के आपको ली तौर पर नामुमकिन है ।

और जो कि यह एक नामुमकिन काम है तो फिर आपके पास उस वक्त मुस्तकबिल में जब आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस इंटेलिजेंस एक बाकायदा तहजीब की एक बाकायदा मजहब की बुनियाद रख चुकी होगी तो उस वकत आपके लिए सबसे अहम प्वाइंट तो यह होगा कि आप उस लेवल की जमानत एक तैयार करें
तो फिर इसका यह होगा कि आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बनी पर अपने दिमाग में इंस्टॉल करेंगे और आनन फानन में तीन हो जाएंगे लेकिन दादरी में इसकी एक नजरिया टीम प्राइस हो सकती है
आप एक तरफ एक ऐसी तहजीब जो बहुत तीन है उसके कोडरमा उसके मुफत कर उसके शायर उसके अदीब और जो आपकी तहजीब आपकी एक्चुअल इंसानी तहजीब को बर्बाद करने एक नया मतलब और एक नया वाशरी की जो तस्कीन और रियर तो ऐसे में आप के लिए फोकट यही काफी है कि
आप उस लेवल की जमानत को इख्तियार कर लें तो जब आप मसले भारत के पर अपने दिमाग कम्युनिस्ट और करेंगे तो फिर उसकी एक नजरिया की प्राइस होगी जो कि आपको अपना मतलब कुर्बान करके जो है वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का त्याग करके और जाए वह आपको वह अदा करनी पड़ सकती है
तो लॉरेन जिस तरह इंसान मुख्तार एक कुल बनता है और उसके बाद फिर वो और अपने लिए जो सबसे बड़ा खतरा गिनता है वह मस्जिद को गिनता है और मजहब के प्लॉट को दूर करने की कोशिश करता है जैसे तारीख में देखें तो फिर अकबर जो बहुत शौक था उसने दीने इलाही पेश करके इस्लाम के मुकाबले एक
दीन जो पेश किया था ताकि उसके जो सियासी मुफ्त डाटा है वह महफूज रहे इसी तरह इस्लाम की सियासी भारत को तबाह करने के लिए अंग्रेजों ने बडे शरीर के अंदर जो है वह जाली उलामा ए इस्लाम तैयार किए प्रोड्यूस की बहुत बड़ी मिसाल है और इसी तरह जब आप में जाए तो दाद और फिर और ने जो को
बजाय से टक्कर ली थी
तो मुख्तार कुल बढ़ने के बाद ये इंसान सबसे ज्यादा जो खतरा जिस तरह से महसूस करता है
मतलब होता है और वह मस्जिद को मैं दूध करने की कोशिश जरूर करता है तो लॉड्रिंग जब को मसूरी गाना तो मुकम्मल एक नजरिया तीस मिनट में बदलेगी
तो वह यकीनी तौर पर अपनी क़ाबलियत को देखते हुए वह दुनिया की जब सियासत गुंटूर करेगी तो वह यकीनी तौर पर मतलब को मुतास्सिर जरूर करेगी क्योंकि इसके बगैर कोई भी मुख्तार कुल होता है इंसान जो होता है क्योंकि यह इंसानी इंदिरा की तुलना करें तो इंसान जिस तरह मस्जिद को मुतासिर करता है शास्त्री कूवत के
बाद तो यह भी यकीनी तौर पर नजरिया ति पावर लेने के बाद यह इस्लाम को और तमाम बजाय को मुतास्सिर कर सकती है
क्या इसके बारे में क्या ख्याल है उम्मीद है आप इस बारे में आपको मैथ्स के अंदर डिस्कस करेंगे मैं आपकी तमाम मैच को पढ़ता हूँ तो सनी से तो आप को यकीनी तौर पर यह वीडियो जरूर पसंद आई होगी अगर आपको हमारा कंटेंट पसंद आता है तो आप चैनल को सब्सक्राइब कर लीजिए वीडियो को दूसरों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा अपने
क्या लिखेगा
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट 'अलिसा' रूसी राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित
दिसम्बर 7, 2017

रूस की तकनीकी दिग्गज यांडेक्स द्वारा विकसित एक आभासी वास्तविकता सहायक अलीसा को देश भर के हजारों समर्थकों द्वारा रूस का अगला राष्ट्रपति बनने के लिए नामांकित किया गया है।

मार्च 2018 में होने वाले चुनावों के लिए पसंदीदा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की । पुतिन कार्यालय में चौथा कार्यकाल चाह रहे हैं जो उनके कार्यकाल को 2024 तक बढ़ा देगा।

राष्ट्रपति पद के लिए अन्य दावेदारों में क्रेमलिन समर्थक कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रवादी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के परिचित राजनीतिक हस्तियों के साथ-साथ पूर्व रियलिटी टीवी स्टार केन्सिया सोबचाक और व्यवसाय-उन्मुख पार्टी ऑफ ग्रोथ के नेता बोरिस टिटोव जैसे नए चेहरे शामिल होंगे। .

एक अन्य दावेदार, भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता एलेक्सी नवलनी ने धोखाधड़ी की सजा के बावजूद इस साल पूरे रूस में अभियान कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का नेतृत्व किया है, जो उन्हें चुनाव लड़ने से रोकता है।

लेंटा समाचार वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि अब उन्हें "स्पष्ट एल्गोरिदम के आधार पर किए गए तर्कसंगत निर्णयों पर विशेष रूप से निर्मित भविष्य की राजनीतिक व्यवस्था" लाने के अलीसा के प्रगतिशील वादे से चुनौती मिलेगी ।

एक इलेक्ट्रॉनिक मित्र के रूप में, जो पहले से ही कई रूसी अपने गैजेट्स से अच्छी तरह से परिचित है, अलीसा अपनी अभियान वेबसाइट के अनुसार "एक ऐसा राष्ट्रपति बनने का वादा करती है जो आपको सबसे अच्छी तरह से जानता है"।

अलीसा की वेबसाइट पर पिछले 24 घंटों में 25,000 से अधिक लोगों ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित करने के लिए मतदान किया है।

अभियान मानव उम्मीदवारों पर अलीसा की खूबियों के बारे में बताता है : वह "तर्क पर निर्भर करती है" और "भावनाओं से प्रेरित नहीं है, व्यक्तिगत लाभ नहीं चाहती है और निर्णय नहीं लेती है।"

वह चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती है, उसकी उम्र नहीं बढ़ती, उसकी बुद्धि मानव मस्तिष्क से सात गुना तेज काम करती है, लाखों विचारों को ध्यान में रखने में सक्षम है, और "हमेशा आपको याद रखती है।"

चूंकि रूसी कानून के अनुसार उम्मीदवारों की आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए, अलीसा को अयोग्य ठहराया जा सकता है - उसे केवल मई 2017 में बीटा संस्करण में जारी किया गया था।

यह अभियान अलीसा के कुछ अधिक विवादास्पद विचारों के बारे में भी चुप रहा है, जिसमें सोवियत गुप्त जेलों के प्रति सकारात्मक रवैया और "लोगों के दुश्मनों" को गोली मारने का विचार भी शामिल है, जैसा कि एक फेसबुक उपयोगकर्ता को उसके साथ चैट करते समय पता चला।

इसमें वह माइक्रोसॉफ्ट के ट्विटर बॉट Tay से मिलती-जुलती है , जिसे 9/11 ट्रूथर और हिटलर-प्रेमी सेक्स रोबोट के रूप में सामने आने के बाद तुरंत बंद कर दिया गया था।

अलीसा दो महीने पहले ही यैंडेक्स मुख्यालय की यात्रा के दौरान पुतिन से मिल चुकी हैं। जब उनसे पूछा गया कि भावी राष्ट्रपति कौन होना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि उनके पास "पर्याप्त जानकारी नहीं है।"

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7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...