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Wednesday, 26 October 2016

मोदी जी को खुल्ला खत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेरा खुला खत :-

प्रधानमंत्री जी आप अपनी पत्नी जशोदाबेन को न्याय ना दे सके और मुसलमानों की औरतों को न्याय देने की बात करते हैं , अच्छाई की शुरुआत अपने घर से की जाती है और बेहतर होता कि करवाँचौथ के दिन आप अपनी पत्नी को न्याय देकर उस महिला को अधिकार और सम्मान देते जो 40 साल से अपने भगोड़े पति की राह देख रही है।

अदालत में मामले के होने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपने कहा कि '"मेरी मुसलमान बहनों का क्या अपराध कि कोई फ़ोन पर तलाक़ कह देता है और उनकी ज़िंदगी तबाह हो जाती है।"

काश कि ऐसा कहते हुए आपने जशोदाबेन का भी सोचा कि किस अपराध में वह सभ्य महिला "ना विवाहित ना विधवा ना तलाकशुदा" रही और बर्बाद होकर चुपचाप अपना जीवन गुज़ार रही।

हज़ारों मुस्लिम माँओं की कोख , हजारों मुस्लिम महिलाओं को विधवा और हजारों मुस्लिम बच्चियों को यतीम बनाकर आज यदि आप मुस्लिम महिलाओं के हित की बात करते हैं तो मुझे "अरविंद केजरीवाल" की बात सच लगने लगती है कि आप "मानसिक रोगी" है जिसे संघी बिमारी ने इतना प्रभावित कर लिया है कि वह सिर्फ़ मुस्लिमों के विरुद्ध साजिश करते रहने की सतत प्रक्रिया का पालन करता है।

और यदि नहीं तो इमानदारी से मुस्लिम महिलाओं का भला ही करना चाहते हैं तो आइए ज़मीन पर और सर्वे कराईए कि किस तरह से सुधार की आवश्यकता है , मुस्लिम महिलाओं में "तलाक" कोई मुद्दा है ही नहीं क्युँकि पति से अलगाव की दर पूरी दुनिया में सबसे कम मुसलमानों की ही है और भारत में तो यही दर और कम है तथा सात जन्म के वैवाहिक सिद्धांत वाले हिन्दुओं से भी कम है।

प्रधानमंत्री जी भारत में मुस्लिम महिलाओं पर एक सर्वे करा लीजिए आपको कुछ 2-4 छद्म प्रगतिशील नास्तिक महिलाओं के अतिरिक्त समस्त मुस्लिम महिलाओं को इस्लाम की बताई वैवाहिक व्यवस्था से कोई समस्या नहीं मिलेगी , 1400 वर्षों से सब इसी व्यवस्था में खुशी खुशी अपना जीवन व्यतीत करती रहीं हैं , और उसका उदाहरण आपने अपने गृह राज्य गुजरात के जिले सूरत में देख लिया होगा।

प्रधानमंत्री जी , मुस्लिम महिलाओं में दरअसल जो वास्तविक समस्या है उसे दूर करने का प्रयास कीजिए तो कम से कम मैं लाख विरोध के बावजूद आपको समर्थन दूँगा और इस देश का हर मुसलमान देगा , मुस्लिम महिलाओं की असली समस्या शिक्षा की है तो उनके लिए बेहतर शिक्षा की व्यवस्था कीजिए , रोजगार की समस्या है तो उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करिए , आर्थिक समस्या है तो मुस्लिम महिलाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराईए , समाज में उनके परदे में रहने और हिजाब में रहने पर उनकी मुस्लिम पहचान के कारण होते भेदभाव की समस्या को दूर कराईए , पर यह सब आपसे नहीं होगा क्युँकि मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए आप इमानदार ही नहीं , आपको तो येन केन प्रकरेण इस्लामिक व्यवस्था पर चोट करनी है तो कुछ लोगों के गलत कामों को इस्लामिक व्यवस्था से जोड़कर उसपर मुस्लिम महिला के उत्थान की आड़ में आक्रमण करिए , आपका स्वभाव ही है किसी की आड़ में सब काम करना। इतिहास गवाह है कि आपने जीवन भर यही किया है , अपनी पत्नी आपने देश सेवा की आड़ में छोड़ा , गुजरात आपने गोधरा की आँड में किया , और अपने 30 महीने के कार्यकाल की विफलता को आपने सेना की आड़ में छुपाया इत्यादि इत्यादि।

मोदी जी  , इस देश में महिलाओं की दुर्दशा का सर्वे करा लीजिए 99% बलात्कार पीड़ित , यौन शोषित महिलाएँ मुस्लिम नहीं होंगी तो उनके सम्मान का भी सोचिए , अदालतों में पति से अलग होने के लिए मुकदमे से जूझ रही और अपने चरित्र पर आक्रमण झेल रही महिलाओं का सर्वे करा लीजिए आपको उनमें भी 99% महिला मुस्लिम नहीं मिलेगी तो उनके स्वाभिमान का भी सोचिए , दहेज और घरेलू हिंसा के कारण गैस लीकेज में जलकर मरने और फाँसी पर लटक जाने वाली महिलाओं का सर्वे करा लीजिए आपको वहाँ भी 99% महिला मुस्लिम नहीं मिलेगी तो उनके जीवन का भी सोचिए , गर्भ में मार दी जा रही बच्चियों की माँओं का सर्वे करा लीजिए आपको वहाँ भी 99% मुस्लिम महिलाएँ नहीं मिलेंगी तो उनके जीवन को बचाने का सोचिए , 2-3 साल लिव इन रिलेशनशिप में रहकर धोखा खाईं और फिर छोड़ दी गयीं महिलाओं पर एक सर्वे करा लीजिए वहाँ भी 99% महिलाएँ मुस्लिम नहीं मिलेंगी उनके बारे में भी सोचिए, प्रेम संबंधों में सहमति से शारीरिक संबंध बनाकर धोखा खाईं महिलाओं पर भी सर्वे करा लीजिए आपको उसमें भी 99% महिला मुस्लिम नहीं मिलेगी तो उनके न्याय का भी सोचिए, देश में तलाकशुदा और विधवा महिलाओं पर भी सर्वे करा लीजिए आपको 93•7% मुस्लिम महिलाएँ वहाँ भी नहीं मिलेंगी उनके पुनर्उत्थान का सोचिए, और जहाँ मुस्लिम महिलाएँ अधिक प्रतिशत में मिलेंगी वह सर्वे होगा अशिक्षा का बेरोजगारी का , भुखमरी का , गरीबी का जिसे दूर करने के नाम पर संघ आपको धकिया कर कुर्सी से नीचे फेंक देगा। तो बस आप आग लगाईए।

लगातार तीन तलाक इस्लाम में ही मना है और ऐसा करने वालों पर तमाम गुनाह लगाया गया है इसलिए इसपर तो कोई आपत्ति नहीं पर यह भी तो सर्वे कराईए कि मुसलमानों में ही धड़ल्ले से "तीन तलाक" होने का प्रतिशत कितना है ? आप नहीं करा पाएँगे ना सर्वे देख पाएँगे।

परन्तु आपकी दूसरी बात ज़रूर चौकाने वाली है कि "फोन पर तलाक दे दिया जाता है" जबकि आप "डिजिटल इंडिया" के ध्वजवाहक हैं , और इस डिजिटल युग में कोई तलाक का संदेश फोन से देता है तो आपको उसपर आपत्ति है ? कोई व्हाट्सअप करके देता है तो उसपर आपको परेशानी है , गज़ब का दोगलापन है आपमें , खुद सारा काम डिजिटल इंडिया और ट्विटर के सहारे करते हैं और कोई अपने वैवाहिक जीवन को समाप्त करने के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल "तलाक" का संदेश देने के लिए करता है तो आपको उसपर भी आपत्ति है ? प्रधानमंत्री जी दोगलेपन की कोई सीमा है कि नहीं ?

कोई व्यक्ति तलाक के लिए आपके डिजिटल इंडिया का सहारा ना ले तो आपने जशोदाबेन के लिए क्या तकनीक अपनाई ? आपने जशोदाबेन को छोड़ने के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई जो आप कभी पत्नी होना नकारते हैं तो कभी स्वीकारते हैं ?

जवाब दीजिएगा ? मुझे इंतजार रहेगा

■ दोस्तों इतना शेयर कीजिए कि प्रधानमंत्री तक यह पत्र पहुँच जाए।🌳🌳mohmmas  salim ansari
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मुस्लिम औरतों के हक़ और अधिकार की बात करने वाले मोदी पहले इन औरतों को हक़ और इंसाफ दिलायें। - http://hindi.siasat.com/?p=839948

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने और धुर्वीकरण की कोशिश कर रहे हैं। इसका सीधा उदाहरण प्रधानमंत्री मोदी द्वारा महोबा की रैली में दिए गए भाषण में दिखा।


सोमवार को उत्तर प्रदेश के महोबा में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक़ पर अपना पक्ष साफ़ किया और समान आचार संहिता “एक देश एक कानून” के तहत लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि “अगर कोई फ़ोन पर तीन तलाक़ कह देता है तो एक मुस्लिम बिटिया की जिंदगी बर्बाद हो जाती है।

मोदी ने मुस्लिम महिलाओं कि जिंदगी सवारने की बात बिना किसी हिचकिचाहट के कही। मोदी जब मुस्लिम महिलाओं के हक़ और अधिकार की बात कर रहे थे तब उनके विरोधी इस बात पर हस रहे थे कि मोदी खुद अपनी पत्नी की बात क्यों नहीं करते हैं। मोदी तीन तलाक़ को मुद्दा बना कर और यूसीसी को लागू करने की बात कर के चुनावी धुर्वीकरण करना चाहते हैं।
युसीसी एक ऐसा मुद्दा है जिसे साम्प्रदायिक धुर्वीकरण के लिए हमेश इस्तेमाल किया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी का मुस्लिम महिलाओं के प्रति प्रेम अचानक ने जाग गया है ऐसे में मोदी पहले इन महिलाओं के हक़ और अधिकार की बात करें।


जकिया जाफ़री,
जकिया जाफ़री 2002 के दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी हैं। एहसान जाफ़री को 2002 में गुजरात दंगो को दंगाइयों ने अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में जिन्दा जला कर मार डाला था। चश्मदीद गवाह के अनुसार सोसाइटी के बाहर खड़ी भीड़ को देख कर एहसान जाफ़री ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को फ़ोन कर मदद मांगी लेकिन जवाब में कथित गली मिली और और मोदी ने कहा तुम्हे अब तक मर जाना चाहिए था। तब से जकिया जाफ़री अपने पति के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ रही हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुस्लिम औरत की कोई मदद नहीं की।
नरोदा पाटिया पीड़ितों में भी हज़ारों मुस्लिम बिटिया, माँ और बहन की जिंदगी बर्बाद हुई, प्रधानमंत्री मोदी को पहले इन मुस्लिम औरतों के लिए हक़ और अधिकार की बात करनी चाहिए।

दिल्ली से सटे हरियाणा के मेवात में 25 अगस्त 2016 को कथिततौर पर गौरक्षकों द्वारा सज़ा के तौर पर उनके साथ गैंग रेप किया गया था। ठीक इसी तरह कश्मीर में भी इंशा मालिक को सुरक्षा कर्मियों ने पेलेट गन से इतनी गोली मारी की उसकी दाई आँख फैट गयी और बाई आँख छिल गयी है जससे वो दुबारा नहीं देख पायेगी। जब के ईशा मालिक ना तो पत्थर फ़ेंक रही थी ना ही किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने गयी थी।

ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिसे यह पता चलता है कि मोदी का मुस्लिम प्रेम झूठा है। आगे वे मुस्लिम औरतों की जिंदगी की इतनी परवाह करते हैं तो पहले वे इन औरतों की जिंदगी बर्बाद नहीं करते और कम से कम बाद में उसकी भरपाई करते हुए उनकी मदद तो कर देते।

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...