इत्तिहाद करलें, वरना तो फसाद के लिये तैयार हो जाएं,
_________________________________________
"मेहदी हसन एैनी क़ासमी के क़लम से"
29 सितम्बर को लखनऊ में बरेलवी विचारधारा के रहनुमा मौलाना तौक़ीर रज़ा खान और देवबंदी
रहनुमा मौलाना महमूद मदनी के एक स्टेज पर आ जाने के बाद अगले ही दिन मौलाना तौक़ीर रज़ा साहब ने हम से कहा कि अब इत्तिहाद तो हो गया?
आगे करना क्या है?
यह सवाल अब हर मुसलमान का है कि इत्तिहाद का लाईन आफ़ एक्शन क्या हो? हिन्दुस्तान में जब भी मुसलमानों के पिछड़ेपन और पसमानदगी की बात
की जाती है तो उस की असली वजह उन के आपसी झगड़ों और दूरियों को बताया जाता है,
मुसलमानों के पतन और पिछड़ेपन की बात होती हे तो इस की वजह आपसी कलह
और असहमति ही बतलायी जाती है,
इस्लाम दुश्मनों ने मिल्लत ए इस्लामिया को कभी भी एकजुट होने नहीं दिया क्योंकि उन्हें मालूम है कि
जिस दिन एक ही पंक्ति में महमूद और अयाज आ गए तो दुनिया की कोई ताकत उनका बाल भी बांका नहीं कर सकती,
तो सारांश यह निकला कि इत्तिहाद समय की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है, पर सवाल यह उठता है कि इत्तिहाद का पैमाना क्या हो?
तो इसके लिए सभी के पास अलग-अलग प्रतिक्रिया है,
कोई कहता है कि समस्याओं का विवाद समाप्त कर दिया जाए,
कोई कहता है कि पंथ व मशरब कुछ नहीं, मूल वही है जो नबी रहमत ने छोड़ा है, यों तो इस संबंध में फैसला कुन कलाम कुरान की आयत "है,
"और अल्लाह की रस्सी को मज़बूती के साथ थामो"
मुफस्सिरीन के नज़दीक अल्लाह की रस्सी कुरान और सुन्नत है, यानी "कलाम उ ल्लाह,
सुन्नत ए रसू्लुल्लाह ,
अब यह बात तो साफ़ हो गई कि इस्लाम के उसूल यानी अका़ईद ए इस्लाम में मतभेद स्वीकार्य नहीं होगा।
यानी जिन फिरक़ों के विचार कुरान और सुन्नत के मुखालिफ़ होंगें,उन्हें अहले इस्लाम में शुमार नहीं किया जाएगा।
अलबत्ता जिन पंथों के फुरूई मसलों में आपस में
मतभेद हैं उन्हें आपसी सहमति से सुलझाया जाएगा.और उन्हें ही यानी "उसूल ए इस्लाम पर मुत्तफिक़,विचारों में मुखतलिफ़" मसलकों को अहले इस्लाम में से गरदाना जाएगा,
वैसे इस वक्त अगर हम इख्तिलाफ़ की बात करें तो उसे तीन हिस्सों में बाँटा जा सकता है,
01.मसलक और मशरब का इख्तिलाफ़
02.मिल्ली इख्तिलाफ़ .
03.सियासी इख्तिलाफ़
जहां तक बात पंथ यानी मशरब के अलग अलग होने की है, तो इस का मुख्य कारण वैचारिक मतभेद हैं, जिन को समाप्त कर पाना असंभव है,
क्योंकि प्रत्येक पंथ और मशरब अपनी अपनी जगह अपने तर्क की रोशनी में सत्य है,
अलबत्ता कुछ फिरक़ों का बातिल होना
दलीलों से साबित होता है,
इस लिये मसलक व मशरब के इत्तिहाद का ख्वाब
तो शायद कभी भी पूरा ना हो सके,
लेकिन सभी पंथों में एकता का मिज़ाज बनाए रखने के लिए आपसी समझ बूझ और सहयोग का वातावरण बनाना हर एक समझदार मुसलमान
का दीनी और मिल्ली कर्तव्य है,
और मिल्लत के पक्ष में मुसलमानों के बाहमी
असहमति और इख्तिलाफ़ को बंदे और खुदा के बीच का मामला समझ कर छोड़ देना चाहिए,
लेकिन इसका मतलब हरगिज़ नहीं कि इस्लाम
की हिफ़ाज़त का काम छोड़ दिया जाए,
रही बात मिल्ली समस्याओं में गठबंधन की तो
उसका पैमाना यह है कि जो समस्याएं मुसलमानों
के बीच मुशतरक यानी संयुक्त हैं,
यानी मुसलमान समझे जाने वालों के जो शआईर
और मसाईल हैं,
जैसे कुरान और शरीयत की हिफ़ाज़त ,
मस्जिदों और मदरसों,खानक़ाहों,और अवक़ाफ़
की हिफ़ाज़त,
अज़ान व नमाज़ की स्थापना,
निकाह व तलाक़ की स्थापना,
दीन की तबलीग़, आदि तो उनके लिए एकजुट होकर आवाज उठाना प्रत्येक मुसलमान का शरई फरीज़ा है,
साथ ही मुस्लिम पर्सनल लॉ और मुसलमानों के वैवाहिक व परिवारिक मसाईल भी इसी श्रेणी में
आते हैं.
इस लिये इनकी हिफाज़त के लिये मुसलमानों का
एक होना फर्ज़ है,
इस लिए मौजूदा मुश्किल परिस्थितियों में जरूरत
इस बात की है अपने अपने पंथ व मशरब पर रहते हुए मुसलमानों के संयुक्त मुद्दों पर एकजुट होकर कलमा गो मुसलमान,और अवाम उलमा व दानिशवरान मिलकर आगे बढ़ें,
और मिल्लत को उसके हकूक़ दिलाने के लिए पीठ कस लें,
।
यह वह समस्याएं हैं जिनके लिये मिल्लत के
दर्द मंदों और मसीहाओं का एक होना समय की जरूरत है,
मसलहतों के जाल को तोड़ कर दिफाई स्थिति
से निकल कर खुद से पहल करना ही इस देश
के मुसलमानों लिए उनके इबादतखानों के लिये, व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन के लिये,
सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों के लिए ज़रूरी है,
रहा मुद्दा राजनीतिक इंतिशार व मतभेद का,
यह वर्तमान समय में महत्वपूर्ण और विचारणीय
मुद्दा है।
जिस के लिये सभी पहलुओं पर नज़र डाल कर
कोई अंतिम रणनीति तै कर के कदम उठाना ही इस देश में मुसलमानों के महफूज़ भविष्य की गारंटी होगी,
क्योंकि देश जिस ढर्रे पर जा रहा है,
मुसलमानों को पूरी तरह काठ का उल्लू बना दिया गया है, हम ना तो बोल सकते हैं, ना ही आह
कर सकते हैं और ना ही अपनी राय खुलकर कर दे सकते हैं,
भारत की जेलें मुसलमानों के दम से ही आबाद हैं,
मीडिया से लेकर सरकारी अधिकारी मुस्लिम नाम
सुन कर ही आग बगूला हो जाते हैं,
एैसे में अगर यही हालात चलते रहे तो मताधिकार
भी हमसे छिन जाएगा और हम उफ़ तक करने के लिए अधिकृत नहीं होंगे,
इसलिए हम सबको मिलकर राजनीतिक भविष्य के बारे में सोचना पड़ेगा,
2017 और फिर 2019 मुसलमानों के लिये बड़ी परीक्षा के दिन होंगे,
राम मंदिर की निर्माण और हिंदू राष्ट्र की स्थापना
का राग अलापने वाले
किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं,
ऐसे में मुस्लिम राजनीतिक नेतृत्व क्या करेगी
और उन से किस हद तक उम्मीद रखी जाए
यह उत्तर प्रदेश का चुनाव तय करेगा,
लेकिन मौजूदा हालात में मुस्लिम राजनीतिक गठबंधन की बाँग देने वालों को इस तथ्य से नजर कभी नहीं चुराना चाहिए कि
हम इस देश में महज 15 से 18 प्रतिशत है,
मुस्लिम एकता हो या ना हो पर इस बांग से
बहूवर्ग नकारात्मक तरीके से एकजुट हो जाएगा
और फिर उसका नुकसान क्या होगा इस का नज़ारा 2014 के लोकसभा चुनाव में बखूबी किया जा चुका है,
इसलिए फिलहाल सभी राजनीतिक दलों के मुस्लिम नेताओं की जिम्मेदारी है कि वह जमीनी स्तर पर अपने-अपने क्षेत्रों में खूब मेहनत करें और
रचनात्मक काम करें,
ताकि जनता का विश्वास जीत सकें,
फिर बिहार की तरह एक मज़बूत सेक्यूलर फ्रंट
बनाने का माहौल तैयार करें,
एक मजबूत मोर्चा यानी महागठबंधन के गठन पर जोर दिया जाए जिसकी बुनियाद धर्मनिरपेक्षता
को ही रखा जाए
इसमें सभी बड़ी छोटी बड़ी सेक्यूलर पार्टियों की भागीदारी हो,
इस देश और अल्पसंख्यकों की भलाई मिली जुली सरकार में ही है,
ताकि अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं हल के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सके ,
यही हालात की पुकार है,
लेकिन इस लिये करोड़ों लोगों को अपने पीछे लेकर चलने वाले मिल्ली व राजनीतिक नेताओं को बंद कमरे में राजनीतिक दलों से सांठ गांठ का सिलसिला ख़त्म करके आम जनता के सामने खुले आम मुआहदा करना होगा,
और यह तय करना होगा कि मुसलमान उसी पार्टी को वोट देंगे जो देश भर के मुसलमानों को गरीबी, हिंसा, और भगवा आतंकवाद से निजात दिलाने का पक्का वादा करती हो,
अंतिम बात यही है कि जिस दिन मुस्लिमों की मसीहाई का दम भरने वाले मिल्ली व सियासी नेता अपने हितों पर मिल्लत को प्राथमिकता देने लगेंगें
क़ौम उसी दिन से विकास और तरक़्की का सफर शुरू कर देगी,इंशाअल्लाह ।
Mehdihasanqasmi44@gmail.com
09565799937
http://www.upuklive.com/2016/10/mehdi-hasan-aini-qasmi_24.html
============================================
❗❗❗❗❗❗❗
मुसलमानों अपने हक को जानों :
तमाम मुस्लिम बाशिंदों से गुज़ारिश है
कि हमारे देश में चारों ओर साजिशों का दौर चल पड़ा है
RSS एवं BJP हर रोज़ हिन्दू समाज को घर-घर जाकर मुसलमानों के खिलाफ जहर पिला रहे हैं।
प्रतिदिन देश के किसी न किसी कोने में मुसलमानों पर किसी भी बहाने से जुल्म को अंजाम दिया जा रहा है ।
RSS के लोग मुसलमानों पर ज्यादती के मौके तलाश रहे हैं ।
ऐसे में हमें भी चाहिए कि हम अपने अधिकारों को जाने
जो कि हमें भारत के संविधान ने दिये हैं
क्योंकि हम इस देश में किराएदार नहीं है इस मुल्क की एक एक इंच जमीन पर हमारा भी बराबर का अधिकार है ।
अगर कोई भी व्यक्ति आपसे बुरा व्यवहार करता है या आपसे मुस्लिम होने की वजह से मारपीट या गाली गलौज करता है
तो आप चुप न बैठें क्योंकि आपकी यही खामौशी इन देशद्रोहीयों के हौसलों को मजबूत करती है ।
आप एक इज्जतदार नागरिक होने का फर्ज निभाए
और ऐसे देश के दुश्मनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएँ।
1. आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॅा आफ बोर्ड यानी की AIMPLB एक ऐसी संस्था है जो कई सालों से मुसलमानों के अधिकारों के लिये काम कर रही है।
जब बैरिस्टर असदउद्दीन औवेसी लंदन से वकालत की तालीम लेकर भारत आए
तो मुसलमानों के कमज़ोर हालात और उनके साथ हो रही नाइंसाफी को देखते हुए
उन्होंने हिन्दुस्तान के कुछ मशहूर मुस्लिम वकीलों और समाज सेवकों को साथ लेकर इस संस्था का गठन किया।
अगर किसी मुसलमान भाई को कोई भी परेशानी हो तो आप इस संस्था में कॅाल कर सकते हैं
जहाँ से आपको पूरी फ्री कानूनी मदद मिलेगी एवं वकील भी मुहैया कराए जाएंगे।
AIMPLB ( Delhi )
Contact: 91-11-26322991
Fax: 91-11-26314784
Email: aimplboard@gmail.com
खिदमत ( Delhi )
अल्पसंख्यक हेल्पलाईन
1800112001 (toll free)
09002354354
. और भी कई मुस्लिम संस्थाएं हैं जिनपर सम्पर्क किया जा सकता है:
CAVE ( A. R. Agwan )
011-29946037
9911526380
MCED ( Gaffar sheikh)
0240-2321223/24
09422206541
Muslim Yuva Manch
(Wasim Irfani )
01477-220137
मुस्लिम वक्फ बोर्ड:
Andhra Pradesh
( M.J. Akbar )
09440810006
040-66106248
Assam
( Nakibur Jaman)
09864021968
0361-2235285
Bihar
( Syed Sharim Ali )
07739323777
0612-2230581
Gujarat
( A.I. Sayed )
09909908299
079-23235467
Madhya Pradesh
( Shokat Mohammed Khan)
09425004331
0755-2543175
Utter Pradesh
( Zafar Ahmed faruqui )
09455557777
0522-2239378
Delhi
( S. M. Ali )
09650131666
011-23274417
इसे अधिक से अधिक शेयर करें
ताकि किसी मुस्लिम भाई के साथ नाइंसाफी न हो।
❗❗❗❗❗❗❗. कोमेंट जरुर दे