*🇮🇳भारत देश कि Expirity Date 2026🕹*
*हिन्दुस्तान का अब तक का सबसे बड़ा राज अब लीक हो गया है*
*२६ नवम्बर १९४९ से २६ नवम्बर २००८ तक* और
*२६ जनवरी १९५० से २६ जनवरी २०२६ तक*
सच्चे भारतीयों पुरा अवश्य पढ़े।
हमारे संविधान ने हमें स्वातंत्र्य, समता बंधुता, न्याय यह मूलभूत अधिकार दिया।लेकिन कांग्रेस , बीजेपी द्वारा १९४७ से अब तक राजनीति, सशस्त्र बल: पुलिस, आर्मी, नेवी, वायु सेना, बीएसफ, सीआरपीफ, पैरामिलिटरी फोर्स, गुप्तचर संस्था रॉ,सीबीआई, एनआयए, न्याय व्यवस्था-जज,केंद्रीय लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग, रेलवे, युनिवर्सिटी कुलपति, राज्य शिक्षण बोर्ड, प्राथमिक शिक्षक, अध्यापक, प्रोफेसर, डॉक्टर, सभी सरकारी दफ्तरों के कर्मचारी.....हर वो पद जिसे सरकारी पगार लागू है और अहम जगह है वहा ब्राह्मणों को लगाया जाता रहा है।कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में ब्राह्मणों का ही प्रभुत्व है।
भारतीय मीडिया बनिया, जैन और ब्राह्मण द्वारा प्रसारित किया जाता है। ये सिर्फ पूंजीवाद और ब्राह्मणवाद फैलाते है। सुबह होते ही राशि भविष्य के बहाने ब्राह्मणवाद परोसा जाता है। सभी मुख्य अखबार ब्राह्मण और बनिया के है।अंग्रेजी अखबार द हिंदू (ब्राह्मण- अय्यंगार),टाइम्स ऑफ इंडिया (जैन), हिंदुस्तान टाइम्स (बिरला- बनिया), इंडियन एक्सप्रेस( बनिया-गोयनका), झी टीवी (बनिया- बी़जेपी सांसद सुभाषचंद्र गोयल)। सबसे बड़े हिंदी अखबारों मे शामिल दैनिक जागरण ( बनिया- गुप्ता), दैनिक भास्कर ( अग्रवाल-बनिया)। सबसे बड़ा गुजराती अखबार 'गुजरात समाचार' (जैन-शाह)। सबसे बड़ा मराठी अखबार लोकमत (जैन-दर्डा)। राजस्थान पत्रिका (जैन- कोठारी)। नवभारत टाइम्स (जैन), अमर उजाला (बनिया- माहेश्वरी)। ब्राह्मण आतंकवादी श्रीकांत पुरोहित का जब ये मीडिया जिक्र करता है तो लेफ्टिनेंट कर्नल से संबोधित करता है और वर्दी वाली फोटो दिखाता है।
ब्राह्मणों ने आम्बेडकर को जहर देकर मारने की कोशिश की थी।
सावरकर ने १९५२ मे भाषण मे आदेश दिया " हिंदूओ अब सामने आओ और थलसेना, नौसेना, वायुसेना मे भर्ती हो जाओ। भारतीय सुरक्षा दल के सभी दस्ते मे अपना बहुमत बनाये रखें।"
जब से देश आजाद हुआ तब से हर विभाग मे सशस्त्र सेना हो या सिविल सर्विसेस मे महत्वपूर्ण पदों पर ब्राह्मणों ने कब्जा जमाया हुआ है। पंडित नेहरू(ब्राह्मण) ने यह निती बरकरार रखी। सभी केंद्रीय, राज्य स्तर के नौकरियों में सभी नीच जाती के लोगों को अवसर नहीं दिया। विकासशील देश का राज आलाप कर सभी विभागों में ३०-४०% पद रिक्त रखे गये। भारत की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी "रॉ" में सिर्फ ब्राह्मणों को ही रखा गया है। उसमें सिख, मुस्लिम एक भी नहीं है।
*२६/११ मुम्बई हमले के कुछ अहम मुद्दे*
हमले से पहले राहुल गांधी का अमेरिकी राजदूत त्रिमोती रोईमर को ई मेल द्वारा देश में हिंदू आतंकवाद का खौफ बया किया था। हिंदू आतंकवाद का खतरा देश कि सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। यह विकिलिकस द्वारा लीक किया गया था जिसे नजरअंदाज कर दिया गया।
ब्राह्मण राज ठाकरे का कोई भी वक्तव्य नही देना इस बात की पुष्टि करता है कि मुंबई हमला यह ब्राह्मणों कि साजिश थी।
२६ नवम्बर को मुंबई हमले के दिन एक अज्ञात शख्स का फोन पूना पुलिस हेड क्वार्टर मे आया था जिसमें हेमंत करकरे को २-३ दिन में बम विस्फोट मे मार देने की बात मराठी भाषा में कही गयी थी।
हमले से चंद घंटों पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को करकरे ने खुद फोन किया था और उनको जान से मार देने के धमकी वाले फोन कॉलस के बारे मे बताया था।
*इंटिलेजनस ब्यूरो पर NIA की चार्जशीट के कुछ मुद्दे:*
१. आर एस एस के जातिवादी हरकतों के बारे में सरकार को अंधेरा मे रखा।
२. आर एस एस को सामाजिक और देशप्रेमी दिखाया।
३. सेल्यूलर और लेफट पार्टियों के साथ दोहरे मापदंड अपनाये।
४. महात्मा गांधी के हत्या को सही ठहराने वालों की पैरवी की।
५. अति संवेदनशील केस कि जांच NIA को करने की अनुमति न देना:
संसद हमला
नागपुर आर एस एस हेड क्वार्टर पर आतंकवादी हमला
अहमदाबाद विस्फोट
६. दंगों को नियंत्रित नहीं करना।
७. लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को ATS के ट्रेनिंग कैम्प मे अतिथि लेक्चर के लिए बुलाना।
८. अमेरिकी नागरिक हेवूड को देश से बाहर निकलने देना।
९. रॉ द्वारा सबूत दिए गये ३५ मोबाइल फोन नंबर को जानबूझकर नजरअंदाज करना।
१०. लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित का सेना से विस्फोटक लाने पर कुछ भी तहकिकात नहीं की। जम्मू से ६८ किलो आर डी एक्स वो बिना किसी के मदद के कैसे ला सकता है?
११. सी.एस.टी.,कामा हॉस्पिटल, रंगभवन गली के अटैक पर संदेहास्पद भूमिका।
१२.हेमंत करकरे की जगह बहुत विवादास्पद अधिकारी की नियुक्ति करना।
*भारतीय थल सेना चीफ जनरल जे जे सिंह का नाम लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित और उपाध्याय के बीच बातचीत मे दर्ज है:*
"जनरल जे. जे. सिंह अपने साथ है और वो मराठा इनफंटरी से है।"
जनरल जे जे सिंह के कार्यकाल २००५-०७ के दौरान सभी बम विस्फोट हुए।
८ सितम्बर २००६ मालेगांव-1
३७ की मौत।
१८ फरवरी २००७ समझोता २००७
६८ की मौत
१८ मई २००७ मक्का मस्जिद हैदराबाद १४ की मौत
अक्टूबर २००७ अजमेर दरगाह ।
सितम्बर २००८ मालेगांव-२ ६ की मौत
खुद को सेकुलर कहने वाली भारतीय सेना का असली कट्टर भगवा हिंदुत्ववादी चेहरा नजर आता है।
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स्वामी दयानंद पांडेय ने जानबूझकर उसकी और बाकी हिंदू आतंकवादियों के बीच की चर्चा, फोन कॉलस
के ३ विडिओ, ३७ ऑडियो टेप लैपटॉप मे रिकार्ड किए।
उनकी बातचीत के वीडियो मे इसराइल मे उनके कैप्टन के जाकर आने का जिक्र है। इसराइल ने इस शर्त पर उनकी माँगें माँगने को सहमति दर्शाई कि उनके संघटन "अभिनव भारत" का नाम कुछ वारदातों मे आना चाहिए।
मालेगांव २९ सितम्बर २००८ मे जो बम विस्फोट हुआ उससे पहले से ही स्वामी दयानंद पांडेय ने जानबूझकर उसकी और बाकी हिंदू आतंकवादियों के बीच की चर्चा, फोन कॉलसके ३ विडिओ, ३७ ऑडियो टेप लैपटॉप मे रिकार्ड किए। यह सुराग छोड़ना इनके मिशन का ही एक हिस्सा था।
मालेगांव २९ सितम्बर २००८ मे जो बम विस्फोट हुआ उसमें प्रज्ञा ठाकुर ने
खुद की बाईक इस्तेमाल की।बस उसकी नंबर प्लेट मे उपर से पेंट कर दुसरे नंबर लिख दिए।उनका विश्वास है कि उन्हें आर्यावर्त देश में भगतसिंह का दर्जा मिलेगा।
उनके बातचीत से कई नाम सामने आए: जनरल जे. जे. सिंह, बी.जे.पी. सांसद योगी आदित्यनाथ, आरएसएस राजस्थान प्रमुख इंद्रेश कुमार,स्वामी असिमानंद,सुनील जोशी, संदीप डांगे, राम चंद्र कालसांगरा, शिवम धांकड, श्रीकांत पुरोहित, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, भरत रतेश्वर, कानपुर आर एस एस प्रचारक डॉक्टर अशोक वरिष्नय, राजेश मिश्रा ( २००२ भोपाल इजतिमा के पास विस्फोट जो ठीक से फटा नहीं।),
सेना के ६ अधिकारी :कर्नल ( रिटायर्ड) हसमुख पटेल, कर्नल (रि.) शैलेष रायकर, कर्नल (रि.) आदित्य धार,सेवारत ब्रिगेडियर माथुर( पहला नाम तक पता नही) उस समय देवलाली कैंट,नासिक मे पोस्टेड था, मेजर नितिन जोशी( रेजिमेंट पता नहीं), मेजर प्रयाग मोडक( रेजिमेंट पता नहीं) नेपाल नरेश ज्ञानेंंद्र के साथ समझोता किया ।
उनके बातचीत मे हर राज्य के दलितों, मुसलमानों, ब्राह्मणेतर समाज की लिस्ट बनाने का जिक्र है। सेना के अंदर मौजूद अभिनव भारत के ३ लाख सैनिकों को लेटर और अखंड भारत के २०००० नक्शे देने की बात है।
उन्हें पता था कि यह कांग्रेस, बी़जेपी का अजेंडा है। उन्हें कुछ नहीं होगा।इसलिए एक भी वीडियो, अॉडियो कभी सार्वजनिक किया गया नहीं।
यह उनकी भारतीय संविधान को खुली चुनौती थी। उनका अगला मिशन परमाणु हथियारों पर कब्जा करने का है।
२९ सितम्बर २००८ में मालेगांव मस्जिद के सामने रमजान के रोजे का इफतार कर आते समय बम विस्फोट हुआ जिसमें ६ लोगों की जान गयी।
१४४ गवाहो के दस्तावेज कोर्ट से गायब कर दिए है, सभी हिंदू संदिग्धो को मकोका से मुक्त कर दिया है। जनरल जे जे सिंह अब गवर्नर है। इंद्रेश कुमार, असिमानंद, प्रज्ञा ठाकुर, आदित्यनाथ.... सभी आजाद घुम रहे है। पुरोहित भी बाहर आ जाएगा। एक एक कर सभी बेगुनाह साबित हो जाएंगे।
महज कुछ दिनों में सभी को बरी कर दिया जाएगा। जो ८ मुस्लिमों को बेगुनाह होने के वजह से रिहा किया था उनकाे दुबारा जेल मे डाला जा सकता है या भोपाल एनकाउंटर की पुनरावृत्ति कि संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
*इसराइल कि अहम भूमिका*
२६ नवम्बर २००८ को दस या उससे अधिक पुरुषों (जैसा हम समझते है) मुंबई मे प्रवेश किया और अगले तीन दिनों तक १६७ लोगों की हत्या की।
कुछ अहम मुद्दों पर गौर करते है
तीन दिन पहले और बाद के दिनों की वारदात पर गौर करे:
१. १२ जनवरी २०००
इसराइली खुफिया एजेंसी मोसाद की आदत है कि वह कथित झूठे झंडे/संघटनो के नाम पर मुसलमानों को भर्ती करता रहा है। भारतीय खुफिया अधिकारियों ने कलकत्ता हवाईअड्डे से ११ विदेशी नागरिकों को ढाका के लिए विमान उड़ान भरने से पहले उतारा गया। वे विमान अपहर्ता होने के संबंध मे हिरासत मे लिए गये।
पिछले २ महीनों से वे हिंदुस्तान मे तबलीक कर रहे थे, धर्म प्रचार कर रहे थे। वो बांग्लादेश मे ढाका के पास एक इस्लामी सम्मेलन मे भाग लेने की योजना मे थे लेकिन बांग्लादेश ने उन्हें विजा नकारा।बाद मे भारत ने इसराइल के दबाव के तहत उनको तेल अवीव उड़ान भरने के लिए अनुमति दी। वो ११ अफगानी नागरिकों के पास इसराइली पासपोर्ट था और उन्होंने कुछ समय ईरान में भी व्यतीत किया था। दिल्ली-आधारित ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से
वन वे टिकट पर बांग्लादेश विमान के कलकत्ता-दिल्ली मार्ग के टिकट और सुरक्षित लैडिंग की अनुमति ली गयी थीं। भारतीय खुफिया अधिकारी भी, हैरान थे ग्यारह राष्ट्रीयता प्रोफ़ाइल के द्वारा । "वे कर रहे हैं निश्चित रूप से मुसलमानों, वे कहते हैं कि वे आप किसी पर tabligh (उपदेश इस्लाम) भारत में दो महीने के लिए। लेकिन वे इजरायल के एक केंद्रीय खुफिया अधिकारी थे।" (संदर्भ: दी विक भारतीय साप्ताहिक २० फरवरी २००६)
२. _१२ नवम्बर २००८_
करकरे के नेतृत्व मे महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा जम्मू स्थित शारदा सर्वज्ञा पीठ के प्रमुख महंत दयानंद पांडेय उर्फ अम्रुतानंद को उसके भाई के घर कानपूर से हिरासत मे लिया गया। अगले दिन कोर्ट मे पेश कर उसकी ट्रान्ज़िट रिमांड की मांग की। मुम्बई मे
संयुक्त पुलिस आयुक्त हेमंत करकरे ने संवाददाताओं से कहा "महंत ने विस्फोट षड्यंत्र भाग लिया था ।देश के विभिन्न भागों में अन्य संदिग्ध के साथ कई बैठकें की। उनकाे हिरासत मे लिया गया है। महंत कई उपनाम का उपयोग करता था और हम अभी तक जांच कर रहे हैं ।"
३. _२० नवम्बर २००८_
करकरे ने कहा सुधाकर चतुर्वेदी के लैपटॉप से " महत्वपूर्ण सबूत" मिले है। अब तक में 29 सितंबर २००८ मालेगांव विस्फोट केस मे आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने गुरुवार को लागू कड़े महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।उम्मीद है कि 90 दिनों के अंदर जांच को पूरा किया जाएगा।
पुलिस पूछताछ मे चतुर्वेदी ने कहा कि उसे पुरोहित द्वारा रिवाल्वर और पहचान पत्र दिया गया । तोपखाने केंद्र शिविर नासिक का पहचान पत्र एक अस्थायी पास दिया।नासिक पुलिस सूत्रों का कहना है सुधाकर चतुर्वेदी मालेगांव विस्फोट मामले में गिरफ्तार कर लिया है। वे कट्टरपंथी समूह अभिनव भारत का राष्ट्रीय समन्वयक बना रहा।कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित के साथ संपर्क में रहा।
अंततः से पांडेय के लैपटॉप से सामग्री बरामद की गई। लेकिन चतुर्वेदी के लैपटॉप से बरामद (शायद अधिक विस्फोटक सामग्री) थे कभी सार्वजनिक नहीं बनाया गया।दी सीएनएन आईबीएन के वीडियो
पर दयानंद पांडेय के लैपटॉप के वीडियो में इसराइल का उल्लेख है।
इसराइलीयो की मदद से पांडेय और उसके कई आतंकवादी साथी जिन्होंनेे बमबारी की और कई भारतीयों को मार डाला और भारत सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते थे। इज़राइल का एक निहित स्वार्थ एटीएस टीम नेता करकरे के मृत देखना था।
४. _26 नवंबर सुबह 2008_
तथ्य यह है की दयानंद पांडेय की लैपटॉप सार्वजनिक हो जाता है और अदालत के रिकॉर्ड मे जमा होता है।
एटीएस ने बताया कि दयानंद पांडेय के लैपटॉप से एक. वीडियो रिकॉर्डिंग , ३७ ऑडियो रिकॉर्डिंग मिला है।
५. २६ नवम्बर दोपहर २००८
पूना पुलिस हेड क्वार्टर में एक अज्ञात व्यक्ति का मराठी भाषा में फोन आता है और करकरेजी को २-३ दिन मे बम धमाके मे मारने की जानकारी देता है।
६. २६ नवम्बर शाम २००८
कांग्रेस वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह वक्तव्य देते है कि करकरे ने उन्हें फोन कर जान को खतरा होने की चिंता जताई थी। यह फोन मुंबई पर हमला होने से पहले २ घंटे पहले हुआ था।
७. २६ नवम्बर २००८
*करकरेजी को मार दिया गया*
करकरेजी को पुलिस अधिकारी राकेश मारिया का फोन पुलिस इमरजेंसी रूम से आता है कि कामा अस्पताल के पास पुलिस अधिकारी सदानंद दाते (चितपावन ब्राह्मण) को आतंकवादियों ने घायल कर दिया है और उसकाे मदद की जरूरत है। करकरेजी बुलैट प्रुफ जँकैट पहनकर गये और मारे गये। लेकिन सदानंद दाते बच गया। अब वह एटीस के आधुनिक हथियारों से लेस मुंबई के बाहर काम करने वाले दस्ते का प्रमुख है।
८. २७ नवम्बर २००८
बीबीसी न्यूज पर खबर आती है कि करकरेजी के कातिल विदेशी गोरे थे।
पप्पू मिश्रा अपने काँच के शीशे से बने कँफे में ग्राहकों को अटेंड कर रहे थे।
छत्रपति शिवाजी टर्मिनल के बाहर जो आतंकवादी फायरिंग कर रहे थे वे विदेशी नागरिक थे। 'लियाेपोल्ड कँफे' के बाहर एक और चश्मदीद विदेशी नागरिक का बयान है कि वह विदेशी गोरे दिख रहे थे। (संदर्भ: बीबीसी न्यूज)
९. क्या नरिमन हाउस (ज्यू छाबाड़ केंद्र ) आतंक का केंद्र था?
विठ्ठल तांडेल (स्थानीय मछुवारा) ने बताया "बुधवार की शाम ६-७ बोट आई और फिर लगभग दस लोगों ने अपना सामान उतारा और नरिमन हाउस मे दाखिल हुए।" टीवी पत्रकार वीरेंद्र घुनावत नरिमन हाउस को हमले के शुरूआत होते ही कवर कर रहे थे। नरिमन हाउस का किरदार संदेहास्पद है। बुधवार की शाम को १०० किलो मांस और भी खाने की चीजें ऑर्डर की गयी थी जो लोगों के ग्रुप को २० दिन तक काम आती।
(संदर्भ: मिड डे अखबार २८ नवम्बर २००८)
"एक आतंकवादी ने आज फोन कर अपनी मांग रखी। जब उसे पुछा के वे कितने है और कहा से बोल रहा है? उसने बताया उनके ६ लोग इधर है और वो नरिमन हाउस में है। " पुलिस अधिकारी ने बताया।
(संदर्भ: मिड डे .कॉम
Mumbai attack:Was nariman house terror hub)
इसराइली अधिकारियों द्वारा यह खबर की पुष्टि कि गयी की छह बंधकों की हत्या हुई है।
1)Rabbi Gavriel Holtzberg, उम्र 29, Brooklyn निवासी और
2)उसकी इसराइली पत्नी, Rivka, 28, the Lubavitch emissaries in मुंबई प्रबंधक Nariman House;
3) Brooklyn मे कार्यरत इजराइल निवासी _Leibish Teitelbaum_ 4)_Bentzion Chroman_, इसराइली और अमेरिकी दोहरी नागरिकता धारक ; 5 &6)दो अज्ञात इसराइली महिला"
*Rabbi Zalman Shmotkin*, ब्रुकलिन स्थित
Lubavitch and The Associated Press प्रवक्ता spokesman ,
दो अज्ञात महिलाएँ बंधक थी। अजीब इत्तेफाक देखिए कई न्यूज रिपोर्ट और
आखो देखे गवाह दावा करते है कि हमलावरों में एक महिला जरूर थी।
१०. *महिला आतंकवादी*
इकॉनॉमिक टाइम्स में छपा है कि "एक रहस्यमयी महिला आतंकवादियों के साथ कामा हॉस्पिटल आई थी (जहां पर करकरेजी को मारा गया )। कामा हॉस्पिटल के कर्मचारियों, धोबी तालाब के रहवासी, कुलाबा में दुकानदार सभी ने इंटरव्यू दिया और एक महिला आतंकवादि होने की बात कही। कुलाबा के दुकानदार से दो महिलाओं ने उसके दुकान से खाने का सामान खरीदा था।
(संदर्भ: इकॉनॉमिक टाइम्स, खबर
Mystery woman had accompanied terrorists at cama)
गौर कीजिए नरिमन हाउस मे मारे जानेवालाे में अज्ञात महिलाएँ थी।
११. *नरिमन हाउस के ६ बंधकों के शवों का पंचनामा तक नहीं हुआ*
"इसराइल ने धार्मिक और प्रायवसी के हवाले से भारत से यह विनंती कि उनके ६ इसराइली नागरिकों का पोस्टमार्टम ना किया जाए। " इसराइली दूतावास के संवाददाता ने बताया।
(संदर्भ: द टेलीग्राफ)
भारत के पुलिस के फोरेंसिक जांच एवं पोस्टमार्टम मे वह ६ इसराइली बंधक किसके गोलियों से मारे गये यह पता चलता कि वे भारतीय कमांडो/पुलिस या अज्ञात आतंकवादियों द्वारा मारे गये थे। उनके हाथ,शरीर,कपड़ों पर गन पावडर के कणों से वो ६ लोगों ने फायरिंग किया था या नहीं पता चलता। जो गोलियाँ भारतीय कमांडो और पुलिस पर बरसायी गयी वे किसने फायर की इसकी भी पुष्टि हो जाती।
१२. *सँडरा सैम्यूअल : आया गायब कर दी गई*
नरिमन हाउस कें अंदर बिते तीन दिनों में असलियत में क्या हुआ था इसकी इकलौती गवाह(भारतीय कमांडो के अलावा) Holtzberg कुटुंब की अनपढ़ भारतीय आया ने भारतीय जांच एजेंसियों के साथ एक शब्द तक नहीं बोला। उसे और हमले मे बचे इसराइली बालक मोशे को इसराइल एयर फोर्स के स्पेशल विमान से ०२ दिसम्बर को ६ शवों के साथ(अब कोई पता नहीं लगा सकता के वो ६ बंधक थे या आतंकवादी)।
(संदर्भ: इंडियन एक्सप्रेस
After funeral baby moshe leaves for Israel)
१३. *कितने आतंकवादी बोट से आए थे १० या १५?*
कम से कम ५ आतंकवादी हमले के पहले भूमिगत हो गये है, वो दुबारा हमला करेंगे यह इकलौते जिंदा पकड़े गये आतंकवादी ने बयान दिया। जिस भारतीय मछुआरों के बोट को अगवा कर वो आतंकवादी आए थे उसमें १५ लोगों के लिए इंतजाम के सबूत मिले। १५ जैकेट, १५ टूथ ब्रश मिले"पुलिस।
१४. *छाबाड़ हाउस के मोसाद के साथ संबंध हैं*
Knesset कमिटी ने पहली बार माना है कि दुनियाभर में स्थित छाबाड़ धर्म प्रचार हाउस खुफिया जानकारी प्राप्त करना, मोसाद को सुरक्षित स्थान मुहैया कराने का काम करता है। कट्टर ज्यू लोगों को फौज की नोकरी करने से छुट देकर उनको छाबाड हाउस मे तैनात किया जाता है। छाबाड़ मे सैन्य की २ साल की नोकरी पुरी करने बाद नौजवान इसराइली जिस देश मे जाते है वहाँ पर छाबाड़ हाउस स्थित है। ४००० ज्यू दुनियाभर मे छाबाड़ हाउस में तैनात है।
संदर्भ: Roitov
Chabad articles
१५. *डेविड हेडली डबल एजेंट २६/११ में सक्रिय और CIA को पता था*
डेविड हेडली का पिता पाकिस्तानी था। वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और LeT का डबल एजेंट था। उसने मुंबई हमले के जगहों का सर्वे किया था। अमेरिका के मे खुफिया एजेंसी में जो हेडली का काम पर नजर रखें हुए थे उन्होंने बताया कि उसको गिरफ्तार करने का निर्णय तब लिया गया जब उसने भारत से ध्यान हटाया और युरोप कि तरफ लगाया। क्याेकि पाकिस्तान का संघटन उसे मुंबई की तरह युरोप में हमलों के लिए सर्वे कराना चाहते थे। इस तरह की जानकारी बहुत सारे फेडरल (अमेरिकी) और भारतीय सूत्र से आने लगी थी। इससे यह साबित होता है कि अमेरिका को पहले से २००८ के मुम्बई हमले की और हेडली के शामिल होने की जानकारी थी। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास भी जानकारी थी, अन्यथा ताज होटल के मालिक टाटा ने बताया कि" हमें कुछ जानकारियाँ मिली थी और हमने महिनो पहले से मेटल डिटेकटर लगाया था। लेकिन हफ्ते पहले थोड़ी सुरक्षा व्यवस्था कम कर दी थी।"यह संदेह पैदा करता है।
२६/११ हमलों के बाद अमेरिकी सरकार ने ही सैटेलाइट फोन के बातचीत मीडिया मे दी।
संदर्भ: Outlook India
David Coleman Headley double agent
१६. *अमेरिकी खुफिया एजेंसियों में मोसाद द्वारा भारी घुसपैठ*
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों में मोसाद ने भारी घुसपैठ की है और अमेरिकी एजेंट ज्यू लॉबी के लिए काम करते है। हमले से पहले CIA के पास जानकारी होगी क्याेकि उसके अंदर मोसाद और इसराइल की जड़ें फैली हुई है।
१७. *रॉ और मोसाद के घनिष्ठ संबंध*
भारत और इसराइल संधी के बाद रॉ और मोसाद के घनिष्ठ संबंध अब राज नही रहे; जब आर. के.यादव (पूर्व रॉ अधिकारी )द्वारा आनंद कुमार वर्मा (१९९० मे रॉ प्रमुख के पद से रिटायर्ड ) पर दिल्ली हाईकोर्ट में केस दाखिल किया। दो फर्जी कंपनियों को बनाकर खुफिया फंड को दुसरे जगह लगाया गया। यादव ने आरोप लगाया के वर्मा क पासे १९८७-१९९९ के दौरान बहुत इमारतें थी जिसकी मौजूदा किमत १०० करोड है। अब उजागर हुआ के वे २-३ फ्लैट रॉ के कथित कम्पनी द्वारा मोसाद के अधिकारियों के लिए दिल्ली में भूमिगत रहने के लहजे से सुरक्षित स्थल थे।
संदर्भ: इंडिया टुडे
Disappropriate case Mossad r k yadav anand kumar verma
१८. *२६-२९ नवम्बर मे जब ये सब चल रहा था तो पाकिस्तानी आतंकवादी(ताज ,ओबेरॉय) के ऊपर मीडिया का ध्यान केंद्रित था*
२६ नवम्बर २००८ के रात ओबेरॉय, ट्राईडेंट, नरीमन पॉइंट (नरिमन हाउस से बेहद करीब) को आतंकवादियों द्वारा कब्जा किया गया। ३२ स्टाफ और गेस्ट को ३ दिन के नरसंहार मे मार दिया गया।
मशहूर ताज होटल पर अटैक मुख्य खबर, सुरखिया बना। ३१ लोग मारे गये। जब सीझ किया तब उसके अंदर ४५० लोग ताज महल पँलेस और होटल के अंदर मौजूद थे।तुरंत ३० नवम्बर को टाटा चेअरमन रतन टाटा ने CNN दिये इंटरव्यू में बताया कि उनको हमले के पहले चेतावनी मिल गयी थीं और हमने प्रतिबंधातमक उपाय भी किए थे।
१९. *भारतीय मीडिया और सरकार द्वारा लश्कर ए तोयबा एक पाकिस्तानी आतंकवादी ग्रुप के प्रमुख हाफिज सईद को मुम्बई हमले का दोशी ठहराया गया*
१९९० में उसकी स्थापना हाफिज सईद, अब्दुलाह आजम और जफर इकबालिन द्वारा अफगानिस्तान में की गई। भारतीय सरकार/ मीडिया और इंटरनेशनल मीडिया में इस संघटन को दोषी ठहराया गया। हाफिज सईद को भारत मे वापस लाने की भरसक कोशिशें की गयी।
२०. *जुलै २०१४ मे आर. एस. एस. के पत्रकार और बाबा रामदेव के करीबी वेद प्रताप वैदिक हाफिज सईद के साथ मुलाकात*
वेदिक कोई मशहूर पत्रकार भी नहीं है लेकिन संघ परिवार और आर एस एस के साथ मजबूत रिश्तों के लिए जाना जाता है। जिसके सर पर १० मिलियन डॉलर का इनाम है ऐसे शख्स से वैदिक मिला। अमेरिका ने जिस पर १० मिलियन$ इनाम रखा है उस हाफिज सईद से मिलकर चाय पिता है और Twitter पर फोटो डालता है। २६/११ का मास्टर माइंड हाफिज सईद कहता है हम मोदी का पाकिस्तान मे स्वागत करेंगे। गौर करे हाफिज सईद को ISI कडक सुरक्षा देती है। बिना उसके इजाजत के कोई मिल नहीं सकता।यकीनन २६/११ के बाद कोई भारतीय पत्रकार उसे मिला नहीं था।
*२६/११ की घटना या तो लश्कर के हमले की आड़ में करकरेजी की हत्या है ;नहीं तो फिर झूठे झंडे तले लश्कर के नाम का झूठा संघटन जिसमें CIA और मोसाद की घुसपैठ हो ऐसे संघटन का हमला है।*
यह हमला २६ नवम्बर को ही करने पिछे यह कारण है कि इसी दिन हमारे संविधान का कच्चा मसुदा Draft इसी दिन १९४९ मे तयार हुआ था।
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*२६ जनवरी २०२६*
ब्राह्मणों के पास *आर्यावर्त* यह
नया देश की स्थापना करने के ३ विकल्प है :
*१. सशस्त्र क्रांति*
*२. कॉमनवेलथ कानून*
*३. अंतरराष्ट्रीय मंच यूनो*
*पहला विकल्प सशस्त्र क्रांति*
पहले सभी नागरिकों में देशभक्ति का प्रचार किया जाएगा ताकि बली के बकरे बनने के लिए मूलनिवासी तैयार हो जाए।उनका असली मकसद अधिक से अधिक ब्राह्मणेतर लोगों की संख्या कम की जाए। अखंड भारत के लुभावनी बाते दिखाकर देश के लिए मरने मिटने का ट्रेंड पैदा किया गया है। अखंड भारत मे बर्मा, बांग्लादेश, तिब्बत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, श्रीलंका शामिल है।ये बेचकाने,बेतुके
उद्देश्य के लिए भारतीयों पर युद्ध थोपने की कोशिश की जाएगी।
अमेरिका का दुश्मन चीन है, ब्राह्मणों ने अमेरिका की चटुकारिता की हद पार कर दी है। आज तक का इतिहास है जिस देश मे अमेरिका ने हवाई पट्टी या आर्मी बेस बनाया है वो जमीन उस देश को कभी नहीं लौटाई। भारत के साथ दोस्ती का यही मकसद है कि
चीन को रूस की तरह तबाह किया जाए। उसके लिए भारत को इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए हथियारों का निर्माण करने के लिए इजराइली कंपनी और भारत कि कंपनी पुंज लॉयड के संयुक्त भागीदारी से मध्यप्रदेश में फैक्टरी शुरू हो गयी है। भारत चीन घनघोर युद्ध होगा और बहुत लोगों की बलि चढ़ेगी(ब्राह्मणेतर)। कैलाश पर्वत को चीन से छिनने के लिए युद्ध की शुरुआत करवायी जाएगी। युद्ध में धार्मिक आस्था जोड़कर वो अपनी चाल में कामयाब हो जाएंगे। पाकिस्तान के साथ पुराने युद्ध के बदले की भावना से युद्ध की शुरुआत की जाएगी।
*ब्राह्मणों का असली मकसद आर एस एस के गुरु गोळवलकर के सिद्धांत " अंतिम समाधान" के तहत बाकी जातियों के लोगों कि हत्या करना है।*
३५% लोगों को किसी भी तरह मरवा दिया जाएगा। २० % मुस्लिमों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जाएगा।
युद्ध मे ब्राह्मण सैनिक, अधिकारियों को हीरो बनाया जाएगा। मेडल की बरसात उन पर की जाएगी। मीडिया में उनके कथित पराक्रम की गाथाए चलती रहेंगी।
युद्ध के बाद जब देश कमजोर हुआ होगा तब पैसों के रिमोट कंट्रोल से नक्सलियों के हमले में, सांप्रदायिक दंगों में ब्राह्मणेतर जनता काे जितना मुमकिन है मार दिया जाएगा।
जब देश मे सिविल वॉर होता है या देश में राजकीय क्रांति होती है तब खून खराबा होगा, उसके लिए ब्राह्मण तैयार हो चुके है। दुर्गा वाहिनी के बहाने से उन्होंने अपनी महिलाओं को भी लाठी, तलवार, बंदूक चलाने मे माहिर कर दिया है। बाबा रामदेव ने प्रायवेट सिक्युरिटी गार्ड के नाम पर हथियार प्रशिक्षित गुंडो कि टोली बना रहा है।कभी गौरक्षा, चोटी कटवा,... किसी ना किसी बहाने से अपने गुंडो का प्रैक्टिस करवाया जा रहा है।
देश कि अंतर्गत और बाहरी सुरक्षा व्यवस्था मे सुरक्षा तंत्र व्यस्त होगा।
यहीं सही समय पाते ही २०२६ में अलग देश *"आर्यावर्त"*की घोषणा कर दी जाएगी।इसराइल देश की तर्ज पर आर्यों के देश की स्थापना की जाएगी।
इससे पहले भी ब्राह्मण यह नाकाम कोशिश कर चुके है। उन्होंने हिटलर को यकीन दिलाया था कि वो भी आर्य है। हिटलर अपने भाषणों में
जर्मन जनता के आर्य होने का दावा करता था। उसने अपने एयरलाइंस का नाम भी संस्कृत रखा था जो आज भी प्रचलित है :"लुत्फ़ हंस"। तब अगर हम अँगरेजी हुकूमत से आजाद हो भी जाते तो जर्मनी के गुलाम बन जाते। अपने ही इन पेशवाई ब्राह्मणों के राज में नया राष्ट्र शुरू होता।
इसराइल का आदर्श राष्ट्र के तौर पर जिक्र हर हिंदुत्ववादी संघटन के भाषणों में आता है। विश्व भर मे बसे १.२ करोड अनिवासी भारतीयों को आवाहन किया जाएगा कि इस देश की नागरिकता स्वीकार करे। विदेशों में बसे वैज्ञानिक, व्यापारी, डॉक्टर, अभियंता ब्राह्मणों को देश के हालात शांत होते ही दाखिल कर दिया जाएगा।
जर्मनी में सभी बड़े उद्योगपति, अखबार पत्र के मालिक Jew (यहुदि) लोग थे। मजदूर यूनियन के नेता सब Jew लोगों के हाथ में। उनके बढ़ते महत्वाकांक्षा, सत्ता की भूख ने उन्हें अलगाववादी भूमिका धारण कर जर्मनी का विभाजन कर यहुदी बहुल क्षेत्र को नया देश की मांग ऐसे समय की जब देश प्रथम विश्वयुदध हार चुका था, कमजोर हो चुका था। जर्मनी की हार की वजह यहुदी द्वारा अखबारों में लगातार प्रोपोगंडा किया जाना कि राजा विलियम कैसर न् अपना नाम कमाने के लिए देश को युद्ध में झोक दिया है। अंत मे मजदूर यूनियन के नेताओं को खरीद कर अँमयुनेशन (आयुध) फैक्टरी में हरताल करवा दी। जिसके परिणाम स्वरूप जर्मनी हार गया। उसका विभाजन भी हुआ। तब जनता को इनका असली चेहरा ज्ञात हुआ। उसका बदला हिटलर ने ६० लाख यहुदीयो का वध करके लिया। हालाँकि पहले उसने सभी को २ साल तक देश छोड़ कर जाने का आवाहन किया था।
इसराइल के गलतियों से सिखकर हमारे इंडियन ज्यू ने पूर्व तैयारी कर ली है। उनकि इच्छाओ कि कोई सीमा नहीं है। हम उनके चार्तुवर्ण, देवदासी, अछूत, सती..... वगैरह संस्कृति १० हजार साल से सहते आए थे। सत्ता में शीर्ष रहने कि हवस ने इनकाे भूतकाल से धोकेबाज, धूर्त , चालाख बनाया है।
पहले ब्राह्मण चाणकय ने चंद्र गुप्त को मोहरा बनाकर राजा बनाया। ब्राह्ममण पुष्यमित्र शुंग (१८५ से १४९ ई॰पू॰) उत्तर भारत के शुंग साम्राज्य के संस्थापक और प्रथम राजा थे। इससे पहले वह मौर्य साम्राज्य में सेनापति थे। १८५ ई॰पूर्व में उन्होंने अन्तिम मौर्य सम्राट (बृहद्रथ) की सैन्य समीक्षा के दौरान हत्या कर दी और अपने आपको राजा उद्घोषित किया।
निहत्ते गांधी को मारनेवाला : नथुराम गोडसे,छत्रपति शिवाजी पर तलवार का वार करने वाला भास्कर कुलकर्णी, वीर संभाजी को गिरफ्तार करवाने वाला रंगनाथ स्वामी,छत्रपति शिवाजी महाराज का स्वराज्य हथियाने वाला और उनके वंशजो को बेदखल करने वाला बालाजी विश्वनाथ,देवगिरी के साम्राज्य मे गद्दारी करनेवाला हेमाद्री पंडित,संत तुकाराम कि गाथा डुबेाने वाले मंबाजी भट्ट, रामेश्वर भट्ट, महात्मा फुले पर जानलेवा हमला करने वाला केशव भट्ट
*सभी ब्राह्मण थे।*
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मानव तस्करी, वेश्या व्यवसाय, बाल मजदूरी की वारदातों द्वारा ब्राह्मणेतर लोगों कि तादाद कम की जाएगी। अभी बंगाल में एक महिला आरएसएस कार्यकर्ता कि गिरफ्तारी बहुजनाें के बच्चियों की तस्करी करके वेश्या व्यवसाय में धकलने के वजह से हुई है।
देश भर में शिया सू़न्नी, दलित हिंदू दंगे करवाये जाएंगे। बनिया और ब्राह्मणों द्वारा नये देश को अमेरिका की तरह बसाया जाएगा। वहां के मूलनिवासीयो का वजूद खत्म कर दिया जाएगा। ब्राह्मणेतर लोगों को यहाँ से खदेड दिया जाएगा। ब्राह्मण डॉक्टर आज तक दलित, आदिवासी, मुस्लिमों को ऐसी दवाई देते आए है जिसके साईड Effects से प्रजनन क्षमता कम होती है, नपुंसकता आती है। आज आर एस एस और हजारों उसके सहयोगी हिंदुत्ववादी दल है। मौजूदा समय मे उनकी तादाद २२ करोड है। युद्ध की अफरातफरी मे और महत्वपूर्ण पदों पर इनके पदस्थ होने की वजह से उनकी पहुंच परमाणु हथियारों तक पहुंच चुकी होंगी।
उसकी धमकी देकर देश का विभाजन कर दिया जाएगा।
नये देश *आर्यावर्त* का जन्म हो जाएगा। आज तक इतिहास गवाह है ब्राह्मण ने पीठ मे छुरा भोक सत्ता हासिल की है। पुष्यमित्र शुंग हो या पेशवा हो।
*२. दुसरा विकल्प कॉमनवेलथ समूह कानून*
भारत जब आजाद हुआ तब अंग्रेज ५५३ रियासतों के राजाओं को अपना अपना स्वतंत्र राज्य सौप कर गये थे। उस समय जो आजादी की लहर चली थी उसमें उनके आवाज को दबाया गया था। उनके पास ईस्ट इंडिया , रानी विक्टोरिया, आजादी तक के ब्रिटिश सरकार के दिये हुए दस्तावेज है। उनको तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल द्वारा बलपूर्वक भारतीय गणराज्य मे शामिल करवाया था।उनके वंशजो द्वारा UK में मुद्दा उठाते ही, तुरंत मान्य कर दिया जाएगा। अमेरिका, इसराइल समर्थन करेंगे। भारतीय संविधान रद्द हो जाएगा , जब देश ही रद्द हो गया तो संविधान कैसा?
हर राज्य के प्राचीन काल से लेकर १९४७ तक के ऐतिहासिक सबूत इकट्ठा किए गए है। लगभग ९ लाख पन्नों की विशाल रिपोर्ट बनायी गयी है।
जो राजाओं ने अग्रेंजो के साथ संधि की थीं उनके वंशजो के साथ गुट बन गया है। ब्राह्मणों ने धीरे धीरे अपनी जड़ों को जमा दिया है। राजस्थान में जयपुर हाईकोर्ट के बाहर मनुस्मृति के रचियता मनु का पुतला स्थापित किया है।कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में ब्राह्मणों का ही प्रभुत्व है।संसद के राज्य सभा सांसदों की मेजॉरिटी की संख्या २/३ तक पहुंच गयी होगी।
भारत में मौजूद सभी मंदिरों के पुराने खजाने को धीरे धीरे खाली कर दिया गया है। हर धार्मिक स्थल के जमीन को हथियाने की या ९९ साल के लीस पर लेने की प्रक्रिया पुरी हो चुकी है।
उच्चशिक्षित अभियंता, वैज्ञानिक, व्यापारी लोगों को विदेश में स्थापित किया जाएगा। जो आर्य देश के हालात स्थिर होने के बाद आएँगे।
१. २०२० वर्ष से अखबार, टीवी,सोशल मीडिया में बाबाओं की अश्लीलता, देशद्रेाहि मुद्दों से एक विशिष्ट जाती के वर्ग को इतना फैलाया जाएगा कि सबके दिल में
नफरत, घृणा भर जाएगी।
२०२४ में देशद्रेाहि की मोहर लगाकर
गृहयुद्ध में मुस्लिम, बौद्ध, जैन ... को क्षत्रियो के हाथों नरसंहार किया जाएगा। नक्सली हमले , सांप्रदायिक दंगों में इनका खातमा किया जाएगा।
ईसाई लोग उनके लक्ष्य में बाधा बनेंगे।उनके उपर हमले का मतलब अमेरिका, इंग्लैंड से दुश्मनी मोल लेना।
१५ अगस्त २०२५ को *अंतिम समाधान* के सिद्धांत के तहत मुस्लिम, बौद्ध, जैन लोगों को देश छोड़ने का अभियान चलाया जाएगा।
२. २६ जनवरी २०२६ को *आर्यावर्त* देश कि घोषणा की जाएगी। मुस्लिम, बौद्ध, जैन, क्षत्रिय, ईसाई जातियों के नेताओ को छत्तीसगढ़, ओडिसा, बिहार, बंगाल राज्यों मे जाकर बसने का आदेश दिया जाएगा। समुद्र क्षेत्र पर कोई अधिकार का दावा नहीं करना,उनको नौदल सेना, परमाणु हथियार ना रखने की संधिपर सभी जातियों के शीर्ष नेताओं से हस्ताक्षर लेने के बाद ही उनके लोगों को सुरक्षित बाहर निकलने को दिया जाएगा। दो साल से चल रहे नरसंहार से आहत नेताओं के पास कोई रास्ता ही नहीं बचा होगा।
ईसाई लोगों को उड़ीसा के बरिपादा, नाचेंदा, जाखपुरा जिलों में सुरक्षा मुहैया कर बसाया जाएगा। लेकिन बालासोर के सैटेलाइट स्टेशन के २०० वर्ग किलोमीटर इलाका पर आर्यावर्त देश के अधीन होगा। उत्तर पूर्वीय राज्यों मे भी स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। गंगटोक, दारजिलिंग,सिलिगुडी, पूर्णिया, मुज़फफरपूर तक का इलाका नये देश को पूर्वीय राज्यों को जोड़ने के लिए कब्जे मे होगा।बांग्लादेश के चितगॉंग जिले पर कब्जा किया जाएगा ताकि *आर्यावर्त* समुद्र के रास्ते से आवागमन कर सके।
कॉमनवेलथ कानून के तहत यह रिसायते ब्रिटिश सरकार के Indian Independence act के अनुसार इन राजाओं की है। जो ९९ वर्ष के लीस पर दी गयी है। कांग्रेस और बी़जेपी यह जैकपॉट अपने हाथों से कैसे जाने देगी।?खालिस्तान को मान्यता दी जाएगी। लेकिन लैंड लॉकड देश होने की वजह से उसे समुद्र तक रास्ता देना पड़ेगा। उनको कुछ शर्तों पर यह दर्जा दिया जाएगा।
२०१६ मे मालदीव जैसे छोटे देश ने कॉमनवेलथ देशों के समूह से इस्तीफा दिया। इन गद्दारो ने यह कदम जान बूझकर नहीं उठाया।
३ *तिसरा विकल्प यूनो*
देश मे अराजकता का हवाला देकर नया देश बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। जो पहले ही तय षड्यंत्र के तहत तुरंत मान्य कर दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो यूनो की शांतिसेना की मदद भी मुहैया की जाएगी।
*आर्यावर्त देश की कुछ रूपरेखा*:
कश्मीर, हिमाचल प्रदेश , उत्तराखंड, हरियाणा , राजस्थान, गुजरात, दिव दमन , गोवा, पॉंडेचरी, अंदमान, निकोबार, लक्ष्यद्वीप,मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, केरल, तमिलनाडु और उत्तर पूर्वीय राज्य।
जिन राज्यों में आणविक नाभिकिय ऊर्जा केंद्र, इसरो वगैरह महत्वपूर्ण संस्था है।संस्कृत भाषा राष्ट्रभाषा होगी।इस नये देश में कोई मूर्तिपूजा नहीं होगी। इसमें मौजूद सभी छद्म पूजा स्थल नष्ट कर दिए जाएँगे। मूलनिवासीयो के सभी देवताओं के मंदिर, दरगाह सभी या तो पहले ही सिविल वार में नक्सलियों की मदद से नष्ट किए होंगे। वेद पर आधारित धार्मिक व्यवस्था होगी।मांसाहार पर पाबंदी नहीं होगी।संस्कृत भाषा राष्ट्रभाषा होगी।
मनाली इनका अध्यात्मिक केंद्र होगा।
ब्राह्मणेतर लोगों के सारी चल-अचल संपत्ति के अधिकार खत्म हो जाएंगे। नई करंसी अस्तित्व मे आएगी। वेद राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित होंगे।
कभी आपने किसी ब्राह्मण का
बच्चा पैसे की कमी की वजह से पढ़ाई अधूरी छोडते देखा है, किसी ब्राह्मण लड़की को अगवा कर वेश्यालय भेजने कि खबर सुनी है, बच्चे जिनको अगवा कर उनके हाथ पाँव काट कर भिकारी बनते हुए हम देखते आए है । क्या कभी ऐसा कोई ब्राह्मण भिकारी बच्चा आपने देखा है? नहीं ना।
नकली बाबा को प्रचार कर कामयाब करने का आर एस एस का अजेंडा तो अब हर भारतीय को पता है। इसके पिछे हम भारतीयों को परमेश्वर के ऊर्जा स्रोत से गुमराह/दूर करने की विकृत मानसिकता ब्राह्मणों की है।
हर कौम मे अपने कौम के खराब लोगों के बारे मे कोई ना कोई बोलता है। क्या आपने किसी ब्राह्मण को अपने पूर्वजों के अमानवीय व्यवहार, अत्याचार के बारे मे मीडिया में बोलते हुए सुना है?
कार्यरत/सेवानिवृत्ति सेना के तीनो दलों मे सैनिक और अधिकारी, अर्ध सैनिक बल, केंद्रीय पुलिस बल, राज्य पुलिस बल, विद्यार्थी संगठन, मजदूर यूनियन, नक्सली गुट, आर एस एस के सहयोगी दल (लगभग४५०० ) ऐसा उनके पास २३ करोड लोगों का संघटन है।
भारतीय संविधान को , भारत की सार्वभौमिकता को मिटाने का षड्यंत्र ब्राह्मण कर चुके है। अब भारत के गणतंत्र का अंत नजदीक है।
४००० साल की गुलामी के बाद ये आजादी मिली है इसको हम १०० साल भी बरकरार नहीं रख सके। क्या हम इतने नपुंसक बन गए है।
इन नमक हरामों की साजिश, देशद्रेाहियों के प्लान को इतना शेयर करो कि हर भारतीय तक यह मेसैज पहुंचना चाहिए।🇮🇳🇮🇳