‘वन्दे मातरम’ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले देखे BJP/RSS की धज्जियां उड़ा दी – देखें
By
Deshyug
August 20, 2017
अब नहीं गाना पड़ेगा मुसलमानों को ‘वन्देमातरम’; सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फ़ैसला; पूरे देश में फ़र्ज़ी देशभक्तों की बाढ़ आयी हुई है और देश भर में मुसलमानों को अपनी देश साबित करने के लिये मजबूर किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से ‘वन्देमातरम’ गाने को लेकर देश में भूचाल सा आया हुआ है और मुसलमानों को ज़बरदस्ती ये गाना गाने के लिये मजबूर किया जा रहा है।
अब इस संबन्ध में सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही अहम फ़ैसला सुना दिया है। क्या कहा सुप्रीम कोर्ट नें… सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बैच ने साफ़ कर दिया है कि ‘वंदेमातरम’ गाना अनिवार्य नहीं है। बैंच ने एक याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 51A में सिर्फ़ राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज को बढ़ावा देने की बात कही गयी है। जबकि ‘वंदेमातरम’ का इसमें कोई ज़िक्र नहीं है।
क्या है अनुच्छेद 51A…
संविधान के इस अनुच्छेद में सभी भारतीय वासियों के कर्तव्यों का ज़िक्र किया गया है। ये कर्तव्य हर एक भारतीय को निभाने चाहिये। लेकिन वंदेमातरम को उन कर्तव्यों की सूची में नहीं रखा गया है। काफ़ी समय से चल रहा है बवाल… वंदेमातरम के नाम पर कुछ कट्टरपंथी लोग से माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि जो वंदेमातरम नहीं गायेगा वो देशभक्त नहीं है जबकि संविधान में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है।
भारत हमेशा से ही एक धर्मनिरपेक्ष देश रहा है लेकिन भाजपा सरकार को ये मंज़ूर नहीं क्यूंकि BJP सरकार की नींव ही साम्प्रदायिक तनाव पे राखी गयी थी बाबरी विध्वंस के रूप में. भारत का नागरिक हर बात के लिए आज़ाद है और भारत का हर नागरिक देशभक्त है. BJP सरकार या भाजपा सरकार से जुड़े दल और असामाजिक तत्व कौन होते है किसी देशभक्ति का सर्टिफिकेट देने वाले.
सुप्रीम कोर्ट का ये फ़ैसला उन तमाम असामाजिक तत्वों और धर्म और देशभक्ति के नाम पर लड़वाने वालों के मुंह पर एक ज़ोरदार तमाचा है. सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ़ कर दिया की वन्देमातरम गाने का दबाव कोई भी भारतीय नागरिक किसी दुसरे भारतीय नागरिक पर नहीं डाल सकता.