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Saturday, 24 July 2021

प्रोटेस्ट करने व जागरूकता फ़ैलाने वालों को ये सब मालूम होना चाहिये वरना पुलिस वाले और आपके ही वकील आपको परेशान करेंगे।


IPC 151 (मामूली)
यह झगड़ा या शांति भंग के केस में लगाया जाता है। पर कुछ थाना वाले दुसरे केस में भी यह धारा लगा देते हैं झूठा झगडा का केस दर्ज करके। सन 2010 में इसमें सुधार किया गया है इसमें *जेल नही भेज सकते और थाना में ही जमानत हो जाता है।* थाना वाले यह धारा लगायें बिना झगडा के तो उन्हें मना करें क्योंकि उन्हें झूठा FIR करने का अनुमति नही।

IPC 188 (मामूली)
शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने पर यह धारा लगाया जाता है जैसे लॉकडाउन में कोई बाहर घुमे या दुकान खोले या शासन का आदेश ना माने। *फ़िलहाल छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट इस धारा का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दिया है।*
IPC 269, 270 (मामूली)
यह महामारी अधिनियम की धारा है जो लगने पर घर के ही कोई जमानत के कागज में साइन करके मामला ख़त्म कर सकते हैं, जेल नही होगा। बाद में कोर्ट में लोकल चालान पेश होने पर वहां 400 रूपए पेनाल्टी देनी होती है। जमानत हो जाये तो जेल नही होतीं वरना 2 वर्ष जेल है।

IT ACT 66(A)
यह धारा पहले सोशल मीडिया में राजनैतिक या आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर लगता था पर मार्च 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया है। अतः यदि कोई थाना वाले यह धारा लगायें तो उन्हें मना करें।
IT ACT 66(C)
इन्टरनेट में किसी दुसरे "असली" व्यक्ति के पहचान का इस्तेमाल करने पर यह धारा लगाया जाता है अर्थात फेक आईडी बनाने पर। शोशल मीडिया में "काल्पनिक" फेक आईडी बनाने पर यह धारा नही लगेगी क्योंकि आपने किसी असली व्यक्ति के पहचान या फोटो की चोरी नही की है।

IT ACT 66(D)
इन्टरनेट से धोका देने पर लगाया जाता है पर धोके में सामने वाले व्यक्ति को नुकसान हुआ हो और आपको फायदा हुआ हो तो ही यह धारा लगेगा। केवल सोशल मीडिया में अपना नाम या पहचान छिपाना धोका नही कहलाता।

IT ACT 66(B)
यह इन्टरनेट से चोरी के मामले में लगाया जाता है।

IT ACT 67(A) व 67(B)
इन्टरनेट से किसी को गन्दी तस्वीरें या विडियो भेजने या पोस्ट करने पर ये धारा लगते हैं। कोविड या वैक्सीन संबंधित पोस्ट में यह धारा लगायें तो मना करें।

CRPC 482
जब पुलिस गलत धारा लगाये या झूठा FIR दर्ज करे तो CRPC 482 के जरिये आप तुरंत उसी दिन हाई कोर्ट में एप्लीकेशन देकर FIR को ही रद्द करवा सकते हैं। जब तक एप्लीकेशन हाई कोर्ट में रहेगा तब तक पुलिस आप पर कोई कार्यवाही नही कर सकती।

IPC 166, 167, 219, 220, 199
ये सारे धारा आप पुलिस वालों के खिलाफ ही लगा सकते हैं यदि वो आप पर गलत केस कर रहे। उन्हें जेल होगी या उनकी नौकरी जाएगी। इन धाराओं का नाम लेने मात्र से पुलिस डर जाती है।

Note- ऊपर लिखी जानकारियों में त्रुटी हो सकती है इसलिए स्वयं कानून की नयी किताबें जरुर पढ़ें। और वकील के चक्कर में ना पड़ें क्योंकि वकील चाहते हैं कि आपका FIR हो जाये उल्टे-सीधे धारा लग जाएँ। ताकि कोर्ट केस चले और उनकी कमाई शुरू हो। शासन से लड़ रहे तो स्वयं कानून की जानकारी जरुर इकट्ठी करें किताबें पढ़ें।
पुलिस को मीडिया में आपका नाम फोटो देने का अधिकार नही है क्योंकि यह सम्मान से जीने के मानवाधिकार के खिलाफ है। पुलिस को मना करें पहले से ही, न माने तो मानहानि का केस करेंगे कहें।

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