इस बातको समझने के लिए हम छोटीसी बातसे समझने का प्रयास करते हे, जैसे एक इंसान हे जिसके बच्चो हो , उसी व्यक्ति के सामने वो बच्चे पानी में दूब रहे हो, वो बचाना चाहता है, लेकिन बचा नही सकता हे क्यू के?? उस व्यक्ति का कुछ समय पहले एक हादसे में दोनो हाथ कट चुके हे, अब बिना हाथ का व्यक्ति कैसे अपने बच्चो को बचाए??
बस इसी घटना की तरह डरा हुवा समाज और व्यक्ति एक समय में बिना हाथ का हो जाता है, जो चाहते हुवे अपने समाज के लिए चाहकर कुछ नही कर सकता हे।
हमारे देश की परिस्थितियों को ध्यान करने के साथ ब्रिटिश हुकूमत से आजादी का इतिहास याद करते हुए, अगर वर्तमान परिस्थितियों पर ध्यान करे, धीरे धीरे ये देश फिरशे "पूजिवाद" की गुलामी की तरफा बढ़ रहा हे, *भारत में सबसे बड़ा मजलूम समाज मुस्लिम ,दलित और आदिवासी हे,* लेकिन इन समाज के बुद्धिजीवियों ने 1946 के बाद बदलने वाली नई व्यवस्था की तरफ ध्यान "न" करने की वजह से अपने समाज के लिए बिना हाथ के उस व्यक्ति की तरह बन चुका हे, जिसके सामने उसके बच्चे पानी में दूब रहे हे, लेकिन वो बचा नही सकता हे।
*हर नई व्यवस्था को हर पहलु से समझना जिंदादिल और बुद्धिजीवी इंशन के लिए बहुत जरूरी हे,* जैसे इंसान के शरीर में धड़कन का धड़कना जरूरी हे, अगर धड़कन बंध हो जाए अथवा उसकी रफ्तान कम ज्यादा हो जाए तो उस इंसान का शरीर बहुत सी बीमारी का शिकार होता हे, वैसे ही आज हमारे देश के मुख्य तीन समाज के लोगों ने ब्रिटिश हुकूमत को इस देश में चले जाने के बाद देश को चलाने के लिए *लोकतंत्र (प्रजातंत्र) के रूप में पहचान दी गई* लेकिन इसको समझने और इसके बेहतर निर्माण के लिए और इस नई व्यवस्था में *मानव समाज के लिए क्या फायदे हे? क्या नुकसान हे? कैसे फायदा उठा सकते हे? कैसे नुकसान हो सकता हे?* इन बातों पर "मुस्लिम,दलित और आदिवासी" मुख्य तीन समुदाय ने खास कोई ध्यान नहीं दिया ।
अगर बात करे दलित और आदिवासी समाज की तो इस समाजने समय पर बदलती हुई नई व्यवथा के लिए प्रयास बहुत किया लेकिन उतनी कामयाबी नही मिली, लेकिन अफसोस मेरा मुस्लिम समाज इस विषय में 0 रहा जिसकी वजह से, देश में हर मुद्दे में मुस्लिम को शिकार और टारगेट किया जाया हे, *भारत का मुस्लमान चुनाव के समय एक खिलौना बनकर रह चुका हे.*
*इसी कारण से आज सबसे ज्यादा मुस्लिम समाज के लोग सबसे ज्यादा पीड़ित हे, जुल्म और नाइंसाफी के शिकार होते हे।*
इस विषय में और गहराई से अध्यन करना जरूरी हे।
📆 051123
✒️ *Huzaifa Patel*
Dedicated Worker
मेसेज सही लगे तो आगे शेर करे।