WhatsApp viral 13/06/2018
UPSC एग्जाम में तब्दीली के हवाले से PM आफिस से एक सुझाव आया है जिस पर डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग ने बाकी मिनिस्टरी से सजेशन माँगा है
सुझाव ये है जैसा कि यूपीएससी क्लियर करने के बाद रैंक की बुनियाद पर कैंडिडेट को अपना कैडर चुनने का हक़ था जैसे कि किसी की 10 रैंक आयी है और वो ये हक़ रखता है कि कोई भी कैडर चुन लें जैसे कि आईएएस या आईपीएस या आईएफएस लेकिन इस सुझाव के मुताबिक अगर इसे पास कर दिया गया तो जो एग्जाम क्लियर करने के बाद 4 माह की ट्रेनिंग होती है उस ट्रेनिंग के आधार पे कमेटी तय करेगी कि किसको कौन सा कैडर दिया जाये मतलब की किसी ने यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया और 10वी रैंक हासिल की लेकिन अगर वो ट्रेनिंग में कमेटी के मुताबिक बेहतर परफॉर्मेंस न दे सका तो उसे आईएएस या आईपीएस की जगह निचले दर्जे का कैडर जैसे कि Indian Postal Service या Indian Trade Service दिया जाएगा
इसका सीधा मतलब ये हुआ कि मुसलमानों और दलितो को जिनका अब रुझान एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ बढ़ा है उसको रोकने का लीगल तरीका खोजा गया है अब ये होगा कि आप लाख मेहनत करके अच्छी रैंक लाये आपको डिप्लोमेसी में घुसने नही दिया जाएगा और आधार बनाया जाएगा कि आपका ट्रेनिंग परफॉर्मेंस बेहतर नही था या एक एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पे सूटेबल नही था....DMK ने इसे एंटी दलित और एंटी पिछड़ा कह विरोध किया है लेकिन अभी तक माइनॉरिटी और खासतौर से मुसलमान जिनको डिप्लोमेसी में जगह बनाने से रोकने के लिये लाया जा रहा है वहाँ बिल्कुल खामोशी है
मोबश्शिर एहसान अल अज़ीज़ी