नमंगली 1983 में नेल्ली (Assam) में हुआ नरसंहार एक अत्यंत दुखद और महत्वपूर्ण घटना थी। इस नरसंहार में हजारों मुसलमानों की हत्या हुई, और यह घटना असम की राजनीति और सामाजिक तनाव के कारण सामने आई थी।
1983 के नेल्ली नरसंहार का मुख्य कारण उस समय के असम आंदोलन से जुड़ी राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियाँ थीं। इस आंदोलन का उद्देश्य असम में विदेशी घुसपैठ को रोकना था, जिसमें विशेष रूप से बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों को निशाना बनाया गया था। इस दौरान एक अफवाह फैल गई कि लाखों अवैध प्रवासी मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं, जिससे एक भय और घृणा का माहौल पैदा हुआ।
घटना का विवरण:
तारीख: 18-19 फरवरी 1983
स्थल: नेल्ली, असम
मृतकों की संख्या: अनुमानित 2,000 से अधिक मुसलमान मारे गए थे, हालांकि कुछ रिपोर्टों में यह संख्या 10,000 से अधिक बताई जाती है।
कारण: असम आंदोलन और विदेशी घुसपैठियों के खिलाफ चल रही राजनीति। इस घटना को उस समय के कुछ कट्टरपंथी संगठनों ने आयोजित किया, जो मानते थे कि मुस्लिम समुदाय असम में अवैध तरीके से बसने वाले बांग्लादेशी प्रवासी हैं।
घटनाक्रम: अफवाह फैलने के बाद, हिंसक भीड़ ने स्थानीय मुस्लिम आबादी को निशाना बनाना शुरू किया। अधिकांश हत्याएं अवैध प्रवासियों के खिलाफ थीं, जो मुस्लिम समुदाय से संबंधित थे।
इस नरसंहार की व्यापक आलोचना की गई थी और इसे असमिया समाज में मुस्लिमों के खिलाफ घृणा और भेदभाव की एक भयावह मिसाल माना गया। इसके परिणामस्वरूप, असम समझौता (1985) हुआ, जिसमें इस तरह के मुद्दों को सुलझाने के लिए सरकार और विभिन्न समुदायों के बीच समझौता हुआ।
नेल्ली नरसंहार को लेकर अभी भी असम और भारत के विभिन्न हिस्सों में विवाद है, खासकर जब यह मुद्दा मतदाता पंजीकरण और अवैध प्रवासियों के संदर्भ में सामने आता है।