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Tuesday, 18 February 2025

मुस्लिम युवा और तथाकथित मुस्लिम तंजीम से मुक्ति ।






मिल्लत के नौजवानों के लिए नई सोच और नया मिशन

मुस्लिम समाज इस वक्त एक ऐसी आग की तरह है, जो फिलहाल चूल्हे में बुझी पड़ी है। इसकी चिंगारी अभी बाकी है, और इसे बुझने से बचाने के लिए लगातार फूंक मारते रहना ज़रूरी है। जैसे NRC के वक्त हमने अपनी कोशिशों से उस आग को जलाया था, वैसे ही अगर सही दिशा में प्रयास किए जाएँ, तो यह चिंगारी फिर से शोले में बदल सकती है।

मगर एक बड़ी सच्चाई यह भी है कि जब भी यह आग जलने लगती है, कुछ तथाकथित तंज़ीमें इसे बुझाने के लिए अपने हथकंडे अपनाने लगती हैं। यह हमेशा से होता आया है, और अगर हम इसे नहीं समझेंगे, तो आने वाले समय में भी यही स्थिति बनी रहेगी। इसलिए ज़रूरी है कि मिल्लत के नौजवान इन तंज़ीमों की असलियत को पहचानें, समाज को समझाएँ और अपने संघर्ष को सही दिशा दें।


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खामोशी से बाहर निकलने का वक्त

मिल्लत का एक बड़ा तबका आज खामोश है। कभी जो नौजवान बदलाव की उम्मीद लेकर निकले थे, वे आज हालात के सामने बेबस नज़र आ रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि यह खामोशी डर की वजह से आई है या यह एक नई रणनीति की खोज है?

हमें यह समझना होगा कि खामोशी हमेशा कमजोरी की निशानी नहीं होती, बल्कि कभी-कभी यह एक नए तूफान से पहले की शांति होती है। लेकिन अगर यह खामोशी सिर्फ थकान और निराशा का नतीजा है, तो इसे तोड़ना होगा। हमें यह तय करना होगा कि हम सिर्फ प्रतिक्रिया देने तक सीमित रहेंगे, या फिर खुद से एक मज़बूत बदलाव की शुरुआत करेंगे।


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नौजवानों के संघर्ष को नई दिशा देने की ज़रूरत

अगर हमें मिल्लत के युवाओं को फिर से सक्रिय करना है, तो हमें केवल विरोध और नारों से आगे बढ़कर एक मज़बूत रणनीति तैयार करनी होगी।

1. संगठित होना होगा

नौजवानों को बिखराव से बचाना होगा। अगर वे एक संगठित और मज़बूत संगठन के साथ जुड़ेंगे, तो उनकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।

2. मीडिया और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

मुख्यधारा का मीडिया अगर हमारी आवाज़ को दबा रहा है, तो हमें अपने मीडिया प्लेटफॉर्म खड़े करने होंगे। यही वजह है कि हमारी टीम रमज़ान के बाद "SOCIAL NETWORK" नाम से एक नया मीडिया स्टेप लॉन्च करने जा रही है।

3. शिक्षा और रोजगार पर ध्यान देना

अगर हमारी कौम खुद को मज़बूत नहीं करेगी, तो बाहरी ताकतें हमें कमजोर करने में सफल होंगी। इसलिए हमें अपने युवाओं को तकनीकी शिक्षा, व्यापार और नए क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना होगा।

4. राजनीति में भागीदारी

मिल्लत के नौजवानों को यह समझना होगा कि सिर्फ नारों और सोशल मीडिया पर गुस्सा निकालने से कुछ नहीं बदलेगा। हमें नीतियों को समझना होगा, राजनीति में भाग लेना होगा, और अपने अधिकारों के लिए प्रभावी तरीके से संघर्ष करना होगा।

5. धार्मिक और सामाजिक नेतृत्व को मज़बूत करना

अगर हमारा नेतृत्व खुद भ्रमित होगा, तो नौजवानों को सही दिशा नहीं मिल पाएगी। हमें अपने धार्मिक और सामाजिक संस्थानों को भी इस बदलाव में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना होगा।


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SOCIAL NETWORK – मिल्लत के लिए एक नई पहल

हमारी टीम एक नए मीडिया प्लेटफॉर्म "SOCIAL NETWORK" की शुरुआत करने जा रही है, जो सिर्फ खबरों और बयानों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे मिल्लत के हर क्षेत्र में जागरूकता फैलाने का एक मज़बूत माध्यम बनाया जाएगा।

इसके प्रमुख लक्ष्य होंगे:

युवाओं को सही और निष्पक्ष जानकारी देना

शिक्षा, रोजगार और कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देना

जमीनी स्तर पर एक मजबूत नेटवर्क बनाना

मुख्यधारा के मीडिया के मुकाबले एक वैकल्पिक मीडिया खड़ा करना


यह कोई छोटी पहल नहीं होगी, बल्कि एक बड़े और मज़बूत लक्ष्य के साथ आगे बढ़ेगी। आप सभी से अनुरोध है कि इस मिशन में सहयोग करें और इसे आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें।


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अब खामोशी नहीं, एक नए संघर्ष की शुरुआत!

अब यह समय ठहरने या सिर्फ प्रतिक्रियाएँ देने का नहीं है। अब यह समय खुद से बदलाव लाने का है। हमें अपने प्रयासों को छोटे-बड़े स्तर पर लगातार जारी रखना होगा।

मिल्लत के नौजवानों को इस धुएँ से अलग हटकर उम्मीद की हवा में जलते रहना होगा। क्योंकि अगर आग जलती रहेगी, तो रोशनी भी कायम रहेगी और ज़ुल्म के अंधेरे को खत्म भी किया जा सकेगा।

अब खामोशी को तोड़ने का वक्त आ गया है!
अब हमें आगे बढ़ना होगा!
अब हमें संगठित होना होगा!
अब हमें बदलाव की राह पर चलना होगा!

आप सभी से दुआ और सहयोग की गुज़ारिश है। इंशाअल्लाह, मिल्लत का भविष्य उज्जवल होगा!


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