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Thursday, 15 April 2021

कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच सरकार ने कंपनियों को राहत देने के लिए कानून में किया बड़ा बदलाव.

SAFTEAM 15 APRIL 2021

कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच सरकार ने कंपनियों को राहत देने के लिए कानून में किया बड़ा बदलाव.

कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) की वजह से कंपनियों को हो रहे भारी नुकसान में राहत देने के लिए सरकार (Government of India) ने बड़ा फैसला लेते हुए IBC (Insolvency and Bankruptcy Code) में बदलाव किया है. आइए जानें इसके बारे में...

नई दिल्ली.  सरकार ने एक अध्यादेश (Ordinance) के जरिए इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC-Insolvency and Bankruptcy Code) में बदलाव कर दिया है. इस संसोधन के बाद कोविड-19 महामारी की वजह से जिन कंपनियों ने डिफॉल्ट किया है, उन्हें उनके लेंडर्स (कर्ज़ देने वाली बैंक या कंपनी) IBC (कोर्ट) में नहीं घसीट सकते हैं. सरकार ने ऑर्डिनेंस के जरिए IBC के सेक्शन 7, 9 और 10 को फिलहाल सस्पेंड कर दिया है. अगर आसान शब्दों में कहें तो आपने कारोबार चलाने के लिए बैंक में कर्ज लिया है और लोन नहीं चुकाने की वजह से अगर आपको डर हैं कि कहीं आप पर आईबीसी के तहत कार्रवाई न हो जाए तो  इसका इंतजाम कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने दिवाला से संबंधिन एक नए अध्यादेश को लागू करने की मंजूरी दे दी है. ये कानून आपको कर्जों से फिलहाल राहत देने में मददगार है.

मार्च तक मिली कंपनियों को राहत- कोरोनवायरस और लॉकडाउन की वजह से 60 दिनों तक आर्थिक गतिविधियां ठप रहीं जिसके वजह से कई कंपनियों ने डिफॉल्ट कर दिया है.


ऑर्डिनेंस के मुताबिक, 25 मार्च 2020 के बाद से अगले 6 महीने या 1 साल तक किसी भी कंपनी के खिलाफ CIRP का आवेदन नहीं किया जा सकता यानी उन्हें IBC में लेकर नहीं जाया जा सकता.

केंद्रीय कैबिनेट ने 3 जून को उस प्रस्ताव को पास कर दिया जिसमें IBC के तहत इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी गई है.


सरकार ने इस प्रक्रिया पर अभी इसलिए रोक लगाई है क्योंकि अभी डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों की संख्या बहुत ज्यादा है.ऑर्डिनेंस के मुताबिक, डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों पर सेक्शन 10 A 25 मार्च से अगले छह महीने या 1 साल तक लागू नहीं होगा.

क्या है आईबीसी-इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के अंतर्गत कर्ज न चुकाने वाले बकाएदारों से निर्धारित समय के अंदर कर्ज वापसी के प्रयास किए जाते हैं. इस कोशिश से बैंकों की आर्थिक स्थिति में कुछ हद तक सुधार जरूर हुआ है.




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