Followers

Thursday, 23 September 2021

गुजरात भरुच के मुसलमानों की परिस्थितियां .


*सर जमीनें गुजरात के भरुच क्या हे,मुसलमानों की धार्मिक,सामाजिक,आर्थिक,राजकीय परिस्थितियां  ❓*

       *बाद सलाम तमाम मिल्लत के फिकरमंद अफराद के लिये पैशे नजर हे आजका ये लेख.*
  
     *"जिंदगी का सफरनामा"*
      DATE: 23 Sept 2021
    ✒️  *Huzaifa Patel* 
        Gujarat Bharuch
       *Dedicated Worker*
   Only What.9898335767 

      *मानवता समाज के लिये मेरी जिम्मेदारी को निभाते निभाते आजतक हमने अल्लाह के फजल करम से बहोत से नामुमकिन कामों को करके देखा हे,* बहोत सी परिस्थितियों को समझने के लिये अमली काम के साथ अभ्यास करते हुये हमने हमारे समाज को जितना आज के इस फितने और जुल्म के डोर मे *इन्सानियत और इस्लाम को समझने वालें को समझना चाहिये उसकी कई हदतक मे अल्लाह के फजल करम से अनुभव और इल्म हासिल किया हे.*

    अाज मे हमारे गुजरात के जिल्ला भरुच से  जुडी कुच बातें यंहा शेर करुंगा हो सकता हे कुच लोगों को पसंद ना आये लेकिन हकीकत को समझना समाज के हर बुद्धिजीवी और फिकरमंद की इच्छा होती हे.

       *हमारा भरुच गुजरात के अन्य जिल्लों से मुस्लिम बहुमत मे दुसरे नंबर पर हे,* गुजरात का कच्छ जिल्ला पहेले नंबर पर मुस्लिम बहुमत मे आता हे, लेकिन हमारा भरुच कच्छ के मुस्लिम समाज से कई आगे हे, जैसे आर्थिक क्षेत्र मे मजबूत होना दुसरा यंहा मुसलमानों की धार्मिक परछाईं कच्छ से कइ ज्यादा आगे दिखाय देती हे, और भरुच का मुसलमान राजकीय क्षेत्र मे पहेले से अपनी अलग से एक मजबूत पकर रखता था, *इन सारे विषय को मेने आपके सामने इस लिये रखा ताके हमारी असल बात आपको समझने मे आसान हो.*

    *अब बात करते हे यंहा भरूच के मुसलमानों की धार्मिक प्रवृत्तियों को लेकर* यंहा बहोत ज्यादा संख्या मे बडे बडे मद्रारीश बनाये गये हे, दुसरा यंहा बडी संख्या मे करोड़ों करोडो के खर्च से मस्जिद हर मुस्लिम बहुमत वाले गांवों  मे मिल जायेगी.

    बात करते हे राजकीय प्रवृत्ति यंहा  शुन्य 0 लेलव पर कहे तो कोइ गलत नही होगा, राजनीति मे भरुच के मुसलमानों अन्य जिल्लों से ज्यादा खतरनाक आपसे मे विवाद पाये जाते हे, साथ मे यंहा वर्तमान राजनीति की परिस्थितियों पर मजबूत सलाहियत वाले इन्सान की कमी मुझे दिखाय देते ही. 

  अब बात करते हे सामाजिक प्रवृत्ति भरुच के हर मुस्लिम बहुमत वाले गांव मे सालों पुरानी संस्थाएं आपको एक से अधिक मिल जायेगी, और इस डोर मे बहोत सी नइ नई संस्थान बनाये गई हे, पुरानी संस्थाओं मे से तकरिबन अनुमान से  80% निष्क्रिय नजर आती हे, नई संस्थान और युनिटी ज्यादातर वेलफर के कार्यों मे सक्रिय रेहती हे, हमारे भरूच मे कइ नामवर परिवार हे जो समाजको आर्थिक क्षेत्र मे सालों  से मदद करते आ रहे हे,भरुच के हर मुस्लिम बहुमत वाले गांव के लोग आपातकालीन कुदरती समस्याओं के समय देश के हर कोने कोने तक मदद के लिये अपना पैसा और समय लगाते हे, साथ मे यंहा की बहोत सी संस्थान सिर्फ एजुकेशन मे बहोत ताकत से काम करती हे.

    ये सारी बातों के बाद अब असल मुद्दे और वर्तमान के हालात पर आते हे, भरुच मे जब मुस्लिम समाज को अधिकार,न्याय,इन्साफ के लिये लोकतांत्रिक तरिके से आवाज उठाने मे कोइ ताकत नही हे,जब जब समस्याओं को लेकर प्रयास किया गया बहोत कम संख्या भरुच का मुसलमानों दिखा पाया हे, *"जिसके बहोत से कारण हे"* फिलहाल साफिया नामकिो लडकी को लेकर कलेक्टर को आवेदन दिया गया पांच लोगों मे एक मुस्लिम उपस्थित रहा था, इसके अलावा बहोत से आंदोलनों मे धार्मिक सोच वाले उस कार्यों मे अपना योगदान देने मे बहोत बहोत पिछे हे.

     *मेने कइ अलग अलग तरहा के  छोटे बडे  100 से ज्यादा प्रोग्राम आयोजित किये हे,* जिसमे एजुकेशन, सामाजिक एकता, सरकारी अर्ध सरकारी योजनाओं को लेकर और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर आंदोलन करना, NRC को लेकर मोहल्ला सभा करना एसे कई कार्यों  के बाद मेने बहोत से अनुभव और अभ्यास किये हे,जिसके बाद मे भरुच के मुसलमानों की परिस्थितियां वर्तमान हालात को समझने  की शक्ति को लेकर  बहोत सोचने के बाद  15% दे सकता हूं, इसके अलावा अपने अपने विस्तार मे सामाजिक समस्याओं मे मुस्लिम संस्थान कि प्रवृत्तियों को लेकर  बहोत सोचने के बाद  5% मुस्किल से मिल सकता हे, बाकी परिस्थितियां भरुच के मुसलमानों को बहोत गंभीर हे.

   यंहा मेने बहोत सी बातें नही लीखी हे, जैसे फिरका परस्ती और जातिवाद को लेकर क्या हे❓ यंहा के मुसलमानों की परिस्थितियां  ये बहोत गेहरा विषय हे, लेकिन फिलहाल भरुच के एक गांव मे दो दिन पहेले दलित परिवार पर किसी मुस्लिम नामके व्यक्ति ने अपने व्यक्तिगत मामलें मे लडाई करके परमार (दलित) समाज के परिवार के महिला को बहोत बुरी तरहा मारा लेकिन इसके बाद जिस तरहा नफरत की राजनीति करने वालों ने अपना काम सुरु किया वैसे मुसलमानों ने अपने गैहरी और मीठी निंद मे होनेका सबुत जरुर दिया हे.

      भरुच तालुका के परियेज गांव की घटना के बाद हो सकता हे राजनीति करने वाले इस मुद्दे को और बडा बनाकर सामाजिक नफरत फैलाने का कार्य करे ,  और ये बात कोई नही हे, हमारे महान भारत मे हर गांव और शहेर मे होता हे इस तरहा राजनीति करने वाले समाज को बटवारा करने मे लग जाते हे,इसको जानने के बावजूद उस गांव और आसपास के गांव के लोगों की निष्क्रियता (मीठी निंद) मे रहेना साबित करता हे आप किस परिस्थितियों मे जि रहे हो.

       और बहोत सी बातें  हे लेकिन ये चंद बातें  को जानने के बाद आप और अच्छे से समझ शके होंगे. हमारे भरुच को. . . .  . . .

social active foundation SAFTEAM GUJ.

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...