बीस्सबिल्लाह हिर्रह मान निर्ह रीहम
अस्सला मुअलय कुम व.व.व.
Date :- 06\01\2017 जुम्मा
आज के दीन ये ते किया हे के कावी मे पोगरमा कीया जाये
देट १५ को सुबहा १० से १२:३० बारा बजे तक पोगराम रखा जाये
जिसका मकसद कावी इत्तीहादे मिल्लत को केसे आगे बरहा जाये अोर कावी के बरे चकले मे बरा इजलासी पोगरामकेसे किया जाये अोर कावी मे हालमे होरहे लोगो के ना इत्तीफाकीयोनके केसे दुर किया जाये अोर गाम जे हालहीनके चुनाव मे जो हालात बने हे इसको किसतरहा सुधारा जाये अोर गांम के दोनो हारे अोर जिते सरपंचको मिलाकर समाज मे संती अोर एकता का मेसेज दिया जाये ,
मेरी बात
सलाम दोसतो अोर हाजीरीन बहारसे आये मेहमान अोर हमारे गांवके वदीलोसे मे सुकर गुजार हु के आप लोग इस पोगरामे अपना किमटी वक्त ले कर आये मे आसा करता हु के आप लोग संती बनाये रखेंगे
मे अपनी बात सुरु करने से पेहले आपसे अपिल करता हु के आप अपना मोबाइल साइलंट या सिवीच अोरफ करदे ,
दोसतौ मे अपने बातकी सुरुवात मो.सलमान नदवी की एक बात से करुंगा के उनहोने हालही के थोरे दिनो पेहले बयान कियाथा जिनका जेहना था के जंहा मुस्लिम आबादी ५०%से कम हे वंहा मक्की निजामनपर मेहनत होनी चाहीये अोर जंहा ५०% से जायदा बसती हे वंहा मदनी निजाम पर मेहनत होनी चाहीये इस बात पर आगर गोर करे तो हमारा गंव मदनी निजाम पर मेहनत करने की कोसीस करना जरुरी हे अोर इस मेहनत को हम इत्तीहादे मिल्लत कावी के पेलेट फोर्म से करने की पुरी पुरी कोसीस करेंगे
हर बेतरीन सोच अोर समज सखने वालो अोर सलाहीयत याफता अोर समाज पती खिदमत का ज्जबा रखने चालो को एक करके कावी इत्तीहादे मिल्लत अपना काम करने की कोसीस करेंगी
जिसमे हर तहा के काम को रने की सोच रखके समाज को एक मिसाल बनाके समाज मे एकता अोर भाइचारा बनाना अोर समाज मे अपने हक्क अोर अधीकार की जागरुत्ता हो अोर इसके लिये हमारा समाज अपने हक्क अोर अधीकार के लिये अपनी आवाज बुलंद करे अोर पुरे भारात देश मे कया कया हो रहा हे इसके बारे मे लोगो तक हर बात को बारीके साथ इसका रीसर्च करके लोगो तक पोहचाना इ.मी. का मकसद रहे गा इस पोगराम को करने का मकसद हे समाज पती कोचलोग खरे हो अोर अपने समाज के लीये अपने सलाहीयत को अोर ज्जबात को समाज हीत मे काम करे वो भी सग्धन के रुप मे अेसे माहोलको बनाना ये इ.मी.का काम होगा ,
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आज मुस्लिम समाजको अेसे अफरादकी जरुरत हे जो अपनी जिमदारी को समजे अोर समाजाये अोर समाजके अटराफ (आजुबाजू) के हालात को समजने की कोसीस करे अोर इसको इस्लामकी रेहनुमाइसे मे रेहकर उलमासे अपनी सलाहीयत को दीखा कर अपने आपको समाजकी खीदमत कौ पेशकरे अोर समाज अोर देशके लीये अपने आपको कुरबान करे अपनी सलाहीतय को खुद समजे अोर समाजको खुसनुमा करने की कोसीस करे @@
बाकी की बाते आप के साम ने हमारे आने वाले मेहमान अपने अनुभवसे अपने अपने उनवान पर कहेंगे आप हजरातसे गुजारीस हे आप सीनती अोर अमलकी निय्यत से इसको सुने अल्लाह हाफीज