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Friday, 6 January 2017

भारत देश मे मुस्लिम हालात की कुच नजर

समय हो तो पूरा ज़रूर पढ़े.

मेरे सेक्युलर मुल्ले भाइयो मैं तुमसे बड़का वाला सेक्युलर था, वक़्त ने मुझे सच्चाई से रूबरू कराया है,,

हमने अपनी आँखो से सेकुलरों द्वारा बाबरी मस्जिद शहीद करते देखा है.
हमने गुजरात मे छोटे छोटे बच्चों को तलवार की नोक पर रखकर कत्ल करते देखा है

हमने सेकुलरों द्वारा मुजफ्फरनगर दंगा कराकर 5000 लोगों को बेघर, कई बहनों की इज्जत से खिलवाड़ और कई लहासे देखी हैं

हमने मुजफ्फरनगर जलाकर सैफ़ई महोत्सव मॆ सेकुलरों को  नाचते गाते डाँस करते जश्न मनाते देखा है

हमने सेकुलर सरकार द्वारा मेरठ पुलिस के द्वारा कई नौजवानों को नदी के किनारे ले जाकर गोलियों से भूनते देखा है

हमने सेकुलरों द्वारा DSP जियाउल हक, तंजील अहमद, जैसे तमाम होनहार अफसर की लाश से बहते हुए खून को देखा है

हमने ईद मे जिन लोगों को शिवई खिलाई उनके बच्चो को गोदी मे खिलाया वही आटाली गाओ मे उन्ही लोगों द्वारा मस्जिद को शहीद करते और छोटे बच्चों का गला दबाते देखा है

हमने कभी अख़लाक़ को ईंट से कूच कूच के उसका दम टूटते और उसके बाद अख़लाक़ को मारने वाले लोगों को सरकार द्वारा इनामों कि बारिश होते देखा है

हमने सेकुलरों द्वारा एक रोजेदार के मुँह मे जबरदस्ती मूत पिलाने कि कोशिश करते देखा है

मै क्या क्या बयाँ करूँ दोस्तो सेकुलरों ने कैसे ये दिल छलनी किया है

हमने सेकुलरों द्वारा अपने भाइयों को गौ माता के नाम पर बेरहमी से पीटते देखा है

हमने सेकुलरों द्वारा हमारे नौजवान साथियों को आतंकवाद के नाम पर उठाकर उनके 20, 30 साल बर्बाद करते देखा है

हमने नौमान को रोजे कि हालत मे गौ आतंकियों द्वारा मौत के घाट उतारते देखा है

हमने कश्मीर मे अपने भाई बहन और छोटे बच्चो को पैलटगन से अंधा होकर मरते देखा है

हमने झारखंड मे पुलिस कस्टडी मे मिन्हाज को मरते देखा है तो JNU मे आतंकियों द्वारा नजीब को गायब होते देखा है

हमने अपने भाइयों को शांति प्रदर्शन करने पर लाठियों से सेकुलरों द्वारा मार खाते देखा है

हमने सिर्फ दाढी रखने की वजह से मेडिकल स्टूडेंट असद समेत कई लोगो को कॉलेज से निकालते देखा है

हमने अपने आका की शान मॆ गुस्ताखी करने वाले लोगों को सेकुलरों द्वारा महँगी कार और बॉडीगार्ड उपलब्ध कराते देखा है.

शायद तुमने ये सब नहीं देखा या देखकर आँखे बंद किये हुए हो या तुम अंधे हो तुम्हें कुछ नहीं दिखता या तुम समझना ही नहीं चाहते लेकिन  

एक दिन तुम भी समझ जाओगे इंशाअल्लाह।।
बस डर है समझते समझते कहीं और देर न कर देना।।
*जाकरीन चौहान.मेरठ*
लेख अच्छा अफे तो कोमेंट जरुर देना

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