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Saturday, 26 September 2020

उल्मा और दिनी रेहबर कोन ?

दिन के इल्म रखने वाले मुस्लिम समाज मे उल्मा ए किराम कहे जाते हे, इल्म के जानकार चाहे इसमे दुनिया या फिर  किसी भी उलुम का जानकार हो उसको अरबी मे आलीम (जानकार) कहा जाता हे.

अब उम्मत को क्या करना हे? सबसे पेहले दिने इस्लाम के नाम पर जो लोग दुनियावी मफाद के खातिर इल्म हासिल करते हे, और उम्मते मुहम्मदी को अपना गुलाम बनाते हे, फिरको मे बात ते हे और उम्मत को माअासी (सामाजिक)  लेवल से कमजोर करते हे,  एसे उल्मा ए किराम से मिल्लत को और खुद को कैसे बचाये?

*सबसे पेहले हमे ये ते करना होगा हम दिन का आलिम और दिन का रेहबर मे अंतर समझना और मिल्लत को समझाना जरुरी हे,* जैस मेने कहा हमारे उल्मा मिल्लत को गुलाम बनाते हे, चाहे फिरको मे बात कर हो चाहे मशलको मे उलझा कर हो वो मिल्लत को कमजोर करते हे, तो एसे मे हमे सबसे पेहले दिन के जानकार सिर्फ कहे जाने वाले उल्मा की वैचारिक बातों की रुप रेखा समझने के साथ मिल्लत को  समझाना जरुरी हे.

ये लोग अपनी गुलामी मे रखने के लिये अकसरो बेस्तर उल्मा के फजाइल से डर और खौफ मे  रखने की  कोशिश  ये लोग हमेशा करते हे, जो गैर इस्लामी विचारधारा हे, मिल्लत के उल्मा जो उम्मत को गुलाम बनाने मेलगे हे वो हमेशा अपनी बातों (बयानों ) मे उल्मा की  इज्जत करो और उल्मा अंबिया के वारिस हे एसी बातें  करके दर और खोफ मे रखते हे, इसको बहोत गेहराइ से मिल्लत के समझदार और परहे लिखे जिम्मेदार लोगों  को समझने की बहोत बहोत जरुरत हे.

सबसे पेहले उम्मत एक बात समझले दीनी इल्म के जानकार लोग जो उल्मा हे उनके इल्म की इज्जत जरुर करेंगे लेकीन  दिन इल्म के साथ तिन किरदार रखने वाले उल्मा ए किराम को ही हम सिर्फ हमारा रेहबर और अंबिया का वारिस समझेंगे बाकी सिर्फ दिन के इल्म वाले उल्मा की इल्म के वजाह से इज्जत जरुर करेंगे लेकीन दिनी इल्म से रेहबरी ना करने को लेकर हम उनको अंबिया का वारिस नही और उल्मा ए किराम नही समझेगे .

*"दीन के इल्म रखने वाले दिनी रेहबर और उल्मा का तफावत और  तीन किरदार को लेकर बात करते हे"*

1️⃣ 👉 *जो दीन का जानकार आलीम बात करे उस पर वो अमली जिंदगी बसर करता हो.*

2️⃣ 👉 *कुरान और सही अहादी दिस मे रेहकर  अपनी बात रखने की कुव्वत (तकवा) रखता हो.*

3️⃣ 👉 *मिल्लत को फिरकावारी कमजोर सोच और साजिश से बचाने मे अपना बेहतरीन योगदान अदा करे.*

*जो उल्मा दिन के इल्मे से रेहबर नही वो अंबीया का वारिस कैसे हो सकता हे?*

ये चंद बाते हे इस पर गोर करो

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