Followers

Thursday, 14 July 2022

कैंसर को हराएगी समय पर इलाज और मरीज की बीमारी से लड़ने की इच्छाशक्ति


कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका समय पर इलाज नहीं होने के कारण मरीज की जान जाने की भी संभावना होती है लेकिन डाक्टरों का कहना है कि समय पर बीमारी की पहचान करने और इलाज कराने से बहुत लाभ मिलता है। बीमारी के शुरुआत में पहचान और इलाज मरीज को सस्ता होने के साथ फायदेमंद होता है। डाक्टरों का कहना है कि अक्सर लोग मानते हैं कि कैंसर बीमारी हो गई है तो मृत्यु तय है लेकिन यह धारणा गलत बनी हुई है। आज बेहतर इलाज संभव है। मरीज को डाक्टर पर विश्वास करने के साथ अपने अंदर बीमारी से लड़ने की इच्छाशक्ति बनानी होगी। मंगलवार को दैनिक जागरण ने अपने हेलो जागरण कार्यक्रम में नारायणा अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डा. प्रवीण मेंहदीरत्ता तथा डा. शिल्पी शर्मा को शामिल किया। डाक्टरों ने दोपहर 12 से एक बजे तक फोन पर कैंसर से बचाव तथा लक्षण जानने के साथ इलाज के बारे में दर्जनों लोगों को सलाह दी। डाक्टरों ने कहा कि जीवन बचाने के साथ-साथ सस्ता इलाज लेने के लिए कैंसर की समय पर पहचान करनी होगी। कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता कम है। महंगे इलाज के डर में लोग बीमारी को गंभीर बना रहे हैं। डाक्टरों ने कहा कि जल्द इलाज लेना सस्ता भी होता है और जीवन बचाता है।

पांच से 14 वर्ष के बच्चों में मृत्यु का नौवां बड़ा कारण कैंसर है। बच्चों में 10 प्रकार के कैंसर देखने में पाए गए हैं। एक्यूट ल्यूकेमिया, ब्रेन ट्यूमर, लिम्कोमा,न्यूरोब्लास्टोमा, विल्म ट्यूमर, रेटिनोब्लास्टोमा, साफ्ट टिश्यू सरकोमा शामिल है। डाक्टरों का कहना है कि इसमें बच्चों में सबसे अधिक एक्यूट ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) है। इसमें हीमोग्लोबिन का स्तर कम होना, श्वेत रक्तकण कम होना और कई बार अधिक हो जाना, प्लेटलेट्स कम होना लक्षण है। लेकिन यह होने का मतलब यह भी नहीं है कि यह कैंसर के लक्षण ही है। बच्चों में बेवजह बुखार आना और आलस होना, रक्तस्त्राव, हड्डी में दर्द, गर्दन में दर्द की शिकायत रहना।

चिता चिता समान है

मरीज जितना खुश रहेगा, उसके शरीर में बीमारियों से लड़ने वाली रोग प्रतिरोधक शक्ति ज्यादा पैदा होगी। किसी भी बीमारी से ग्रस्त मरीज को खुश रखा जाए तो उसे दवा से ज्यादा फायदा होगा। कैंसर का मरीज चिता ज्यादा करता है। यही कारण है कि कैंसर का मरीज जल्द बीमारी की जकड़ में आता है। जो मरीज ज्यादा चितित रहता है उसपर दोहरी मार होती है। क्योंकि उसके बीमारी शरीर को खोखला कर रही है और उसका साथ चिता दे रही है।

पहचानें इन लक्षणों को


 गर्भाशय कैंसर के अंदर कोशिका की हानिकारक वृद्धि तेजी से होने लगती है। गर्भाशय कैंसर के शुरुआती लक्षणों में पीरियड्स के बीच असामान्य खून बहना, दर्द होता है। हार्मोन असंतुलित होने से अंडाशय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नाम के दो हार्मोन पैदा करते हैं। एंडोमेट्रियल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। - कैंसर का समय पर इलाज नहीं होने से इलाज में लगने वाला खर्च बच जाएगा। आज भी ब्रेस्ट कैंसर और गर्भाशय कैंसर का इलाज तब शुरू होता है जब वह बीमारी गंभीर हो चुकी है। यही हाल पुरुषों में है। गले का कैंसर होने के शुरुआती दौर में परेशानी शुरू हो जाती है लेकिन डाक्टर से जांच नहीं कराई जाती। - सबसे बड़ी परेशानी यह है कि महिला बीमारी की शुरुआत में बोलती नहीं है। वह लंबे समय तक दर्द और बीमारी सहन करती रहती है। यही कारण है कि बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। अगर समय पर जांच हो जाए, तो बीमारी गंभीर नहीं हो पाती है। ब्रेस्ट और गर्भाशय कैंसर के लक्षण बहुत शुरुआती दौर में महसूस किए जा सकते हैं। - महंगी जांच भी कैंसर का कारण है। क्योंकि लोग महंगे खर्च के कारण समय पर जांच नहीं करा रहे हैं लेकिन समय पर जांच नहीं कराने से बीमारी गंभीर हो जाती है और इलाज भी अधिक महंगा हो जाता है। इसलिए कैंसर के लक्षणों की समय पर पहचान कर इलाज कराने में देरी ना करें।

लाइफ स्टाइल के कारण कैंसर का खतरा:

बड़े शहरों में बदलती लाइफ स्टाइल भी कैंसर का एक कारण बन रहा है। इसमें खान-पान बड़ा कारण है। आज बहुत बड़े स्तर पर लोग फास्ट फूड का सेवन कर रहे हैं। फास्ट फूड से हमारा पेट भर जाता है लेकिन शरीर को पौष्टिक तत्व नहीं मिलते। स्ट्रीट फूड और फास्ट फूड सामग्री में मिलाए जाने वाले केमिकल कार्सिनोजेनिक यानी कैंसर का कारण बन रहे हैं। यही कारण है कि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।

तला हुआ खाना:

बड़े शहरों में बड़े स्तर पर यह देखा गया है कि अधिकतर युवा तला हुआ बहुत खाते हैं। डाक्टरों का कहना है कि जब हम खाने की सामग्री को बहुत गर्म तेल में तलते हैं और उसमें हेट्रोसाइक्लिक अमीन और ग्लाइसेशन बनता है।

तंबाकू और धूमपान:


आज युवाओं में धूमपान करना एक स्टेटस सिबल बन रहा है लेकिन वह लोग समझ नहीं रहे हैं कि वह अपने को बीमारी के करीब लेकर जा रहे हैं। युवा लड़के और लड़कियां धूमपान करने को स्टेटस सिबल समझ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार देश में 10 फीसदी लड़कियां धूमपान कर रही है और देश का 15 से 35 वर्ष तक के युवा ज्यादा सेवन कर रहे हैं। देश में हर रोज पांच हजार से अधिक बच्चे धूमपान की शुरुआत करते हैं। आज देश में 35 से 40 प्रतिशत लोग किसी ना किसी रूप में धूमपान कर रहे हैं।

गले के कैंसर के लक्षण:

- तंबाकू और गुटखा खाने वालों को मुख का कैंसर हमेशा संभव है। तंबाकू का सेवन बंद कर देना चाहिए।

- गाल, जबड़ा या मसूड़ों से जुड़े हुए छाले होने और जल्द ठीक नहीं होना कैंसर के लक्षण है।

- गाल और जीभ के कैंसर के कारण बोलने में कठिनाई और बदलाव होते है। जब आवाज बदले तो डाक्टर को दिखाएं।

- कैंसर होने पर खाना निगलते समय गले में दिनोंदिन अटकाव महसूस होना कैंसर सूचक मानना चाहिए।

- कोई आशंका हो तो डाक्टर से मिलें।

- डाक्टरी सलाह के अनुसार उचित समय कैंसर के लिए अपनी जांच करा लें।

. मेरा नाम अजय है। डाक्टर साहब मैं धूमपान करता हूं। क्या कैंसर हो सकता है।

- देखिए कैंसर का खतरा पूरा रहेगा लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं कि वह ताउम्र धूमपान करते हैं और उन्हें कैंसर नहीं होता है। वही लोग प्रचार करते हैं कि धूमपान से कैंसर नहीं हुआ। जबकि कैंसरग्रस्त मरीजों को संख्या देखो जो धूमपान के कारण कैंसर ग्रस्त हुए हैं। धूमपान से कैंसर ही नहीं टीबी होने का भी खतरा रहता है। जो धूमपान, तंबाकू और शराब का सेवन करते हैं उन्हें गले का कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है। सबसे अधिक खतरा तंबाकू, धूमपान का सेवन करने से रहा है और दूसरा कारण शराब होता है।

. मेरा नाम रामकरण सिंह है। मेरे गले में कई बार दर्द रहता है और दो-तीन दिन बाद स्वयं ठीक हो जाता है। क्या यह कैंसर के लक्षण है?

आपके बताए मुताबिक आपको यह समस्या लंबे समय से है । देखिए यह कैंसर नहीं है लेकिन आपको जांच करा लेनी चाहिए। मुझे लगता है आपको टौंसिल होते हैं और आप ध्यान रखें कि यह क्या खाने से आपको होते हैं और उस सामग्री को खाने से बचें। . मेरा नाम गौतम है। मुंह में छाले होते रहते हैं। क्या यह कैंसर होने के लक्षण है?

- इसके कई कारण हो सकते हैं। आप का कहना है कि आप धूमपान नहीं करते हैं और न तंबाकू खाते। आपको छालों की समस्या भी पुरानी है तो यह आपको अन्य कारणों से समस्या है। आप किसी फिजिशियन डाक्टर को दिखाएं। कई बार पेट में समस्या होने के कारण यह परेशानी होती है। . मेरा नाम नताशा और आयु 34 वर्ष है। मेरे ब्रेस्ट की साइड में गांठ है लेकिन दर्द नहीं है। क्या कैंसर होने की संभावना है?


दर्द नहीं होने का मतलब नहीं है कि कैंसर नहीं है। आप जांच जरूर कराएं। जांच कराना कोई महंगा नहीं है। जरूरी नहीं है कि गांठ होना कैंसर ही है लेकिन जांच कराना बहुत जरूरी है। हम दर्द नहीं होने कारण कई बार जांच नहीं कराते हैं और लंबे समय के बाद पता चलता है कि वह कैंसर है और तीसरी-चौथी स्टेज का कैंसर है। ऐसे में मरीज का बेहतर इलाज संभव नहीं होता और अधिक महंगा होता है। . 12वीं कक्षा में मैंने धूमपान करना शुरू कर दिया था। दस साल से लगातार धूमपान कर रहा हूं। क्या कैंसर का खतरा है?


खतरा रहेगा लेकिन कैंसर हर हाल में होगा, ऐसा कहना ठीक नहीं है। अगर संभव हो तो आप धूमपान छोड़ दें। देखिए, जो लोग धूमपान नहीं करते हैं और वह उनके साथ रहते हैं जो धूमपान करते हैं तो उसके अंदर भी वह धुआं जाता है जो धूमपान नहीं कर रहा है और उन्हें भी नुकसान करता है। अब सोचिए कि जो धूमपान कर रहा है उन्हें कितना खतरा होगा। वैसे भी गुरुग्राम और एनसीआर के शहरों में पहले ही वायु प्रदूषण का कहर रहता है। यहां पर हर व्यक्ति सांस के द्वारा अपने अंदर जितना धुआं लेता है वह रोजाना 20 सिगरेट पीने के बराबर है। . डाक्टर साहब मैं जानना चाहता हूं कि कौनसा तंबाकू कैंसर बीमारी का कारण होता है?


यह सही है कि तंबाकू अलग-अलग तरह के हैं लेकिन यह करना कि कौन से तंबाकू से कैंसर होने का खतरा रहता है और कौन से तंबाकू से कैंसर नहीं होता है, ऐसा कुछ नहीं है। आप कोई भी तंबाकू का सेवन करते हैं वह कैंसर का कारण बन सकता है। . डाक्टर साहब मैंने एक भी ऐसा मरीज नहीं देखा जो कैंसर से ग्रस्त था और स्वस्थ हो गया।

- आप हमारे पास आएं, हम ऐसे दर्जनों मरीजों से मिलाएंगे, जो कैंसर से ग्रस्त थे और आज स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। उन्होंने समय पर इलाज लिया और बीमारी को हरा दिया। कैंसर के इलाज में समय का बहुत महत्व होता है। अगर आपने बीमारी गंभीर कर ली तो डाक्टर के लिए बेहतर इलाज देना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। . क्या व्यायाम करना कैंसर से बचाव है?

- व्यायाम करना कैंसर ही नहीं, अन्य बीमारियों से बचाव होता है। व्यायाम करने के साथ पौष्टिक आहार के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। . क्या बच्चेदानी के कैंसर की पहचान पहले की जा सकती है?


बच्चेदानी के कैंसर ही ऐसी बीमारी है जो शुरुआत में ही पहचान ली जाती है। बस महिला को अपनी बीमारी के संबंध में छिपाना नहीं चाहिए। अगर छिपाया जाता है तो बीमारी गंभीर हो जाएगी। बच्चेदानी से गंदे पानी का रिसाव, महामारी का अनियमित होना, सहवास के समय खून आना, कमर या पैर में अधिक दर्द होना और पेशाब में रुकावट इसके शुरुआती लक्षण हैं। बच्चेदानी के मुंह का कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसर में दूसरे स्थान पर आता है। . मेरा नाम महावीर है। मुझे वर्ष 2006 में गले का कैंसर हुआ था। अब आपरेशन के बाद सिंकाई चल रही है। क्या दोबारा कैंसर होने का खतरा है?

- जैसा आपने बताया कि आपने वर्ष 2010 में कैंसर का आपरेशन कराया था। अब आपको सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे में आप समय-समय पर अपने डाक्टर से मिलते रहें और जांच कराते रहें। आपने बताया कि आपको नसों में खिचाव महसूस होता है तो आप एक बार सीटी स्कैन कराइए और जिस डाक्टर से आपका इलाज चल रहा है उनको दिखाइए। . मेरा नाम जय प्रकाश मिश्रा है। मुझे जानना है कि कैंसर होने के क्या कारण होते हैं?


देखिए, कैंसर होने का कोई एक कारण नहीं होता है। अगर कैंसर बीमारी का समय पर पता लग जाए तो बेहतर और सस्ता इलाज संभव है। मरीज के पूरी तरह ठीक होने के चांस अधिक होते हैं। अगर आप सावधानी की बात कर रहे हैं तो सभी प्रकार के मादक पदार्थों का सेवन छोड़ दें। अधिकतर बीमारियां मादक पदार्थों के सेवन से होती हैं। . मेरा नाम मनोज कुमार है। मेरी बहन को ब्रेस्ट कैंसर है। क्या वह पूरी तरह से ठीक हो सकती है?

- जी, आप अभी कहां इलाज ले रहे हैं। कैंसर के पहली और दूसरी स्टेज में प्रयास रहता है कि मरीज को आपरेशन की नौबत न आए। आपकी बहन को कैंसर की कौन सी स्टेज है इसपर निर्भर करता है वह पूरी तरह ठीक हो पाएंगे या नहीं। लेकिन आप किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें। . मेरा नाम जतिन है। मुझे फूड पाइप और सांस नली के बीच में कैंसर है?

- आपको कब पता चला कि आपको कैंसर है। देखिए, अभी आप जहां इलाज ले रहे हैं, अपने डाक्टर के बताए अनुसार जांच और इलाज लेते रहिए। घबराइए मत, कैंसर लाइलाज बीमारी नहीं है। मरीज घबराएं नहीं बल्कि सावधानी बरतें और इलाज लेते रहें। . मेरा नाम अंजलि है। मुझे ब्रेस्ट में कई बार दर्द होता है। क्या मुझे ब्रेस्ट कैंसर है?

- आप घबराएं नहीं, ब्रेस्ट में दर्द कई कारणों से होता है। क्या आपको ब्रेस्ट में कोई गांठ दिख रही है या कोई और समस्या महसूस हो रही हो डाक्टर से मिलें। डाक्टर ठीक प्रकार से जांच कर आपको सही जानकारी दे सकेंगे। . मेरा नाम अनिल कुमार है। मुझे हड्डी में कैंसर है। क्या यह कैंसर फैल सकता है?


देखिए, आपको शरीर में किसी और जगह कैंसर होगा जोकि बढ़ कर हड्डियों तक फैल गया है। यह कैंसर आगे न फैले इसके लिए आप दूध और दूध से बनी चीजें खाइए। आपने बताया कि कैंसर की दूसरी स्टेज है। अभी आप जहां से इलाज ले रहे हैं वहां से लेते रहिए। .मेरा नाम ज्योति है। मेरे जानने वाले हैं जिन्हें फूड पाइप में कैंसर है और अंतिम स्टेज मे हैं। क्या वह पूरी तरह ठीक हो पाएंगे?

- कैंसर लाइलाज बीमारी नहीं है। बस हमें सतर्क रहना होगा। शरीर में किसी प्रकार का बदलाव दिखे तो डाक्टर से संपर्क करें। कहीं पर आपको गांठ हो रही है तो उसे नजरअंदाज न करें बल्कि डाक्टर को दिखाएं और ठीक से जांच कराएं। अंतिम स्टेज में ठीक होने के चांस 40 प्रतिशत होते हैं। . मेरा नाम राजपाल है। मेरा पैर और कमर कई बार सुन्न हो जाता है और दर्द होता है। क्या यह कैंसर के लक्षण हैं?

- नहीं, यह कैंसर का कारण नहीं है। आप फिजिशियन को दिखाएं। यह कैंसर से संबंधित बीमारी नहीं है। आपको कोई और दिक्कत होगी जो फिजिशियन से मिलकर ठीक हो पाएगी। . मेरा नाम महेंद्र सिंह है। मेरी पत्नी को ब्रेस्ट कैंसर था। सर्जरी होने के बाद कई बार ब्रेस्ट में दिक्कत रहती है।


आपने जहां सर्जरी कराई थी वहां जाकर डाक्टर से मिलें। वह कुछ जांच करेंगे उसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि क्यों यह दिक्कत हो रही है। आप एक बार आकर हमें यहां अस्पताल में दिखा सकते हैं। अपनी पुरानी रिपोर्ट भी साथ लेकर आएं। . मेरा नाम राकेश है। मुझे सिर में गांठ है। यह कई सालों से है। क्या मुझे कैंसर का खतरा है?

- क्या आपने गांठ की कोई जांच कराई है। अगर नहीं तो एक बार करा लीजिए। घबराने की जरूरत नहीं है। यह रसोली या अन्य गांठ भी हो सकती है। लेकिन इसको नजरअंदाज न करें। एक बार जांच करा लीजिए। बहुत सी ऐसी गांठ होती हैं कि वह दर्द नहीं करती है लेकिन आगे चलकर गंभीर बीमारी बना देती हैं। इसलिए किसी भी बीमारी का इलाज स्वयं न करें, उसे डाक्टर को जरूर दिखाएं। डाक्टर को तय करने दें, कि वह कौनसी बीमारी है या नहीं।


7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...