Date:17oct23
✒️ Huzaifa Dedicated
Bharuch - Gujarat
*सोशियल मीडिया में फलस्तीन के मुसलामानों की तस्वीरे देखकर मेरे और हर जिंदादिल मुसलमान के दिल में हलचल होती है।*
हम मजलूम के लिए कुछ नहीं कर सकते हे, 🥲 *अफसोस हमारे इंसान होने पर* और मुस्लमान होने पर, *हम भारतीय मुसलमानो में बहुत से नाम निहात मुसलमान* जब कभी इंशानो पर कुदरती और मानव सरजीत आफत आती हे, इंशानियत की दुहाई देते हे, मानव सेवा की बात करते हे, ये सारे लोग बिलो में चले गए हे, *फलस्तीन के मजलूम मुसलमानो के लिए एक आवाज नहीं दिखाए देती हे...*
आज यहूदी कोम (इजराइल) *फलस्तीन के मूलनिवासी मुसलमानो पर* बेतहासा बमबारी करके बच्चे,बूढ़े महिलाओं को शिकार बना रहे हे, दुनिया भरमे मानव अधिकार और मानव समाज की बात करने वाले कहां गए ❓सब को साप सुंग गया हे क्या ? यूनाइटेड नेशन सारी दुनिया की महासत्ता होनेका दावा करती हे, लेकिन उसके विदेश मंत्री इजराइल में जाकर आतंकवादी यहूदियों को स्पोर्ट करता हे, *में खुद यहूदी हूं इस लिए में इजराइल के साथ खड़ा हु,* "ये बयान देता हे" Uno इजराइल को पीछे से पुष्ट पनाही करती हे, अफसोस मुस्लिम OIC अपनी कयादत में खामोश नजर आता हे।
*कार्लमार्श की लोकतंत्र और प्रजातंत्र की व्यस्था का असली चेहरा अब खुकर बाहर आ चुका हे,* अब दुनिया भरके मुसलमानो को आगे सोचने की जरूरत हे।
हम भारत के मुसलमानो से पूछना चाहते हे हमारी मुस्लिम समाज की मजहबी तंजीमें और लीडरशिप कहां चली गई ❓आप देखो कैसे खामोश बैठे हे, ये नकारा और डरपोक कयादत हमारे फलस्तीनी मुसलमानो के लिए आवाज तक नहीं उठा रही हे, *"आप देख रहे हे"* अब आपको सोचना पड़ेगा इन्ही मजहबी लीडरशिप ने हमे फिरको और शख्सियत के नाम पर आपस में एक दूसरे का दुश्मन बनाया हे, भारतीय मुस्लिम नौजवानों को ये घटना से अपने जमीर को जगाने की जरूरत हे..
*बड़े अफसोस से केहना पड़ता हे,हम तो चाहते हम अपनी तरफ से फलस्तिनी मुसलमानो के लिए आवाज उठाए, लेकिन हमारे आसपास दुनिया की मोज में मगन मुसलमान को देखकर फिर हम सड़को पर उतरकर फलस्तीनी मुसलमानो के लिए आवाज उठाने का सोचना बंध कर देते हे।*
*हम उम्मीद कभी नहीं हारेंगे, हमे हालात के चलते मजबूत नेटवर्क बनाने के लिए आगे कामज्द होने की जरूरत हे.*
_मेसेज अगर आपके दिल की बात करता हे तो , आप इसको आगे शेर करे।_