तारीख:- 21/01/2019
हम इस्लामकी व्यवस्था को मानते ओर अमल करते तो आज हम सबसे उपर होते लेकीन ये बात सिध्द करती हे हम इस्लामिक सामाजिक व्यवस्था को निर्माण करने ओर अमल करने मे पिछे हे , इसी लिये आज हम उपर से निचे आ गये हे,
इसी लिये हम आज दुनिया के हर पेहलू मे सबसे पिछे हे , आजभी अगर हम इस्लामकी सामाजिक व्यवस्था को तन मन से अपने अंदर अमल करते हुये अगर समाजमे जिते हे , तो हम निचे से उपर आ सकते हे , जेसे १६०० साल पेहले अरबसतान के हालात को उथाकर देखे तो ये ही परिस्थितियों से वंहा के लोगों के हालात थे कुच बातों मे हमशे ज्यादा खतरनाक हालात से सामाजिक व्यवस्था हमसे ज्यादा खतरनाक थे भारत देशके मुसलमानों से वक्त चिख चिख साफ साफ ये समजाने की कोशिश करता हे,
हम जिस दिने इस्लाम को मानते हे , उसको अमली अपनी जिंदगी मे लाने की पुरी पुरी कोशिश करे ओर इसकी सुरूआत हम अपने आपसे करे तो इस्लाम की सामाजिक व्यवस्था ओर एकता हो सकती हे ,
भारत देशका मुसलमान इस्लाम को मानकर मुस्लिम हुवा लेकीन भारत देशकी सबसे बरी बिमारी जातिवाद , उचनीच मे आजभी इस्लामकी विचारधारा को अपने अंदर नही ला सका हे, जिसको हमे समजना परेगा हमे इस्लामकी सामाजिक व्यवस्था को अपने अंदर लाने मे सुरुआती कदम मे पेहला कदम जातिवाद से अपने आपको मुक्त करना जरुरी हे,
ये बिमारी एसी बिमारी हे जो सारी बिमारियों की जड हे, इस पर हम अपने अापको मुक्त होने के लीये मानसिक , शारिरिक , ओर अमली मेदान मे उतरकर प्रयास करते हे तो हमारा मानना हे हमारे समाजकी मसलक, फिरका पर्सती, जेसी बिमारी से कइ लोग मुक्त होकर इस्लामिक एकता पर काइम हो सकते हे,
हुजैफा पटेल भरुच गुजरात
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