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Wednesday, 31 July 2019

वैधानिक सूचना whatsapp viral

*❗❗वैधानिक सूचना ❗❗*

*मुसलमान_नवजवान_सोशल_मीडिया_का_इस्तेमाल_सूझ_बूझ_कर_करे*

*टाडा और पोटा से भी ज्यादा खतरनाक #एन्टी_टेरर_ऐक्ट जिसमे नज़रियाती तहरीक भी काबिल गिरफ्त है*

*27/07/2019 कल ही लोक सभा मे मरकज़ी वजीर ए दाखला अमित शाह ने "#एन्टी_टेरर_एक्ट" यानी आतंक विरोधी कानून पास कराया है ।*
*यह कानून  टाडा और पोटा से भी ज्यादा खतरनाक है और इसका* *दायरा भी बहुत बड़ा  रखा गया है*
*जिसमे पहली बार नज़रियाती तहरीक को आतंकवादी से जोड़  दिया गया है । पहले भी टाडा पोटा का इस्तेमाल ज्यादातर मुस्लिम* *नवजवान के खिलाफ ही किया गया और अब भी हज़ारों की तादाद में मुल्क की मुख़्तलिफ़ रियासतों की जेलों में मुस्लिम नवजवान फंसे पड़े है ।*
*मुल्क में हर दिन मुसलमानो के लिए कड़ी आज़माइश और इम्तिहान का आता जा रहा है यह सोशल मीडिया का दौर है और सोशल मीडिया की वजह से ही कई नवजवान अब भी जेलों में कै़द है*
*इसलिए सरपरस्तों वालदैन और खुद मुस्लिम नवजवान पर यह बड़ी जिम्मेदारी आयद हो जाती है के वह कोई ऐसी हरकत ना करे और ना* *किसी ऐसी साज़िश के जाल में फंस जाए ज़िस से ज़िंदगी भर निकलना मुश्किल हो जाए , मुस्लिम नवज़वानो के फसाने के लिए बाज़ फ़िरकापरस्त लोग* *व्हाट्सएप, फ़ेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर ऐसे मैसेज वायरल कर सकते है जो मुस्लिम नवजवानों तक पहुचे और मुस्लिम नवजवान  उन्हें दुसरो तक वायरल करें ।*
*अगर ऐसा हुआ तो जितने मैसेज जितने फोन में वायरल होंगे तो उतने सारे लोग कानूनी झमेलों में फंस जाएंगे ।* *इसलिए बहुत ज़िम्मेदारी से बहुत सोच बुझ से और बड़े ऐतेदाल के साथ ज़िंदगी गुजा़रने का वक़्त आ गया है नही तो लम्हा की खता सदियों की सज़ा का सबब बन जाएगी ।*
*अगर सोशल मीडिया पर नज़रियाती तहरीक या कोई क़ाबिल ऐतराज़ चीज़ वायरल होती है तो मुस्लिम नवजवान उसे हरगिज़ दूसरो तक ना पहुचाए और जगह पर ही उसे डिलीट कर के किस्सा खत्म करें वरना यह महफूज़ रहेगा तो *#ऐंटी_टेरर_एक्ट* *के मुताबिक सबूत बन जायेगा । एन्टी टेरर एक्ट कानून होने के बाद ख़ुफ़िया एजेंसियां भी पूरी तरह से सर गरम अमल हो जाएगी और सोशल* *मीडिया पर भी उनकी कड़ी नजर रहेगी । कही सोशल मीडिया के जरिये तो नज़रियाती* *तहरीक को फ़रोग़ नही दिया जा रहा है ? अगरचे मुस्लिम नवजवान इसमें मुलव्विस नही रहेंगे लेकिन उन्हें फसाने के लिए जाल बुना जा सकता है ।*
*संगीन मसाईल का मुनासिब हल सिर्फ और सिर्फ एहतियात और ज़िम्मेदारी है!*

સમાજ ની વર્તમાન સમય ની માંગ ટ્રીપલ તલાક વિધેયક શું છે ??

Whatsapp viral 31/07/2019

સમાજ ની વર્તમાન  સમય ની  માંગ
ટ્રીપલ તલાક  વિધેયક શું છે ??

કોઈ પણ મુસમલમાન પુરુષ પત્નીને  એક જ સમય માં તલાક ત્રણ વાર બોલે તો જેલ ની સજા નો કાયદો. તેને કહેવાય ટ્રિપલ તલાક વીધેયક.

ખરેખર વાત સમજવાની  એ છે કે આ કાયદો  વિધેયક લાવવવાની  જરૂર કેમ પડી ??

25 કરોડ મુસમાનો ના રેહનુમા , આલીમો બુદ્ધિજીવીઓ  કે સમાજ ના મહાનુભવો, કોની ચૂક થી આ સ્થિતિ ઉભી થઇ ???

આ પ્રશ્ર વિચાર માંગી લે તેવો છે

પ્રશ્ન એ છે કે  કોઈ મુસલમાન પુરુષ ત્રણ તલાક એક સાથે બોલે તો શરીઅત  કુરાન માં આ બાબત કઈ રીતે અને ક્યાં સંજોગ માં સહમતી આપે છે? તે પણ બારીકાઇ  થી જોવું રહયુ.

મુખ્ય વાત એ છે કે જો તલાક આપનાર પુરુષ ખરેખર નિકાહથી શરીઅત મુજબ પતિ પત્નીના બંધન માં બંધાયા  હોય, તો તલાક માં પણ તમો શરીઅતથી 100%  બંધાયેલ છો .
પછી  કોર્ટ માં જવાની જરૂર  કેમ ઉભી થઈ ??
જ્યાં જરૂર જણાઈ આવે ત્યાં તો ઇસ્લામી કાનૂન છે જ!
કેમ કોઈ એ આ મામલાને કોર્ટ માં જતા અટકાવવામાં આજ સુધી અવાજ ના ઉઠાવ્યો  ???   
સવાલ આ જ મહત્વનો  છે.
કોઈ પણ સામાજિક મામલા ને શરિયત  ના દાયરામાં  સુલજાવી  દીન અને ઈમાન ની હિફાઝત કરો,
આવા કાયદા ઓ થી સાચા મુસલમાન ને કોઈ ફર્ક ના પડે.
બસ જરૂર છે  સમાજ ના મારખાને સંગઠીત  કરી સંકૂચિતતા માંથી, તેમજ  લાલચ માંથી બહાર આવી, કુદરત ના કાનૂનને અપનાવી, અાખેરત ને સુધારી, મોમીન તરીકે જીવન વ્યતીત  કરવાની આવશ્યકતા છે.
એમાં જ  કૌમ ની ભલાઈ છે.
આપણે એજ દુઆ કરવી કે, મુસ્લિમ બેહનોના ઈન્સાફની જે વ્યક્તીને વધારે ફિકર હતી તેમને અલ્લાહ સદબુદ્ધી આપે અને એ  જશોદાબેન સાથે પણ ન્યાય અને ઈન્સાફ કરે.

मुस्लिम समाजका आनेवाला वर्तमान और भविष्य

Da.31/07/2019
#हमारा_आज_आने_वाला_कल_कैसा

आजकल लोग समस्या के लिये प्रवुतियो करने वालों के साथ आते है, कल समस्या और बढ़ने से शक्ति पदर्शन करने वालो के साथ जायेंगे,
ओर मजीद समस्या बढ़ेगी तब बिना आयोजन की प्रवुतिया ओर शक्ति पदर्शनसे लोग बहोत नुकसान का ऐहसास के बाद कूच लोंगोंकी अक्ल ठिकाने आयेगी ओर वो समाजमे अनुभव, बुद्धि और स्य्यमता से कार्य और नेतृत्व करने वालो के पास सामने से जायेंगे ये बात लिखलो..

ओर कुछ समय बाद ये होना है, फिलहाल परवूतियाँ का दौर है, आने वाला डोर शक्ति पदर्शन का होगा...

#आजकी_समाजिक_समस्यो_पर_परवूतियो_का_विश्लेषण_के_लिये_इतने_कार्य_करो...

नंबर 1-  क्या सामाजिक समस्यों पर हो रही फिलहाल की परवूतियाँ समस्याओ को दूर कर सकती है❓

नंबर 2 - गटर,पानी,रॉड, जिसको हम हमारी समस्या समजते है, क्या वो बेजीक समस्या है❓

नंबर 3 - हमारी बेजीक समस्या क्या है❓

नंबर 4 - वर्तमान तमाम समस्याओं और प्रवुतियो का समाज मे ध्यान और भरोसा बन रहा है ❓

नंबर 5 - हमारी सामाजिक समस्याओं के लिये  आसपास हो रही प्रवुतियो का विश्लेषण हमारे पास कितना है❓

नंबर 6 - भारत देश के मुस्लिम समाजकी संस्थाओ के पास क्या समाजकी बेजीक समस्याओ को समजने समजाने ओर सुल्जाने का हुनर है❓

नंबर 7 - हमारे समाजकी दीनी ओर दुनिया वी तालीम के पीछे कार्य करने वाली संस्था समाजकी पार्थमिक ओर बेजीक समस्याकी प्रवुतियो से  दूर कुयु है ❓

नंबर 8 - वर्तमान समय मे समाजिक परवूतियाँ हो रही है, इसका फायदा भविष्य में मिल सकता है❓

इस तरहा के विषयों पर हमें इस बेहतरीन एनालिसिस करना जरूरी है,

मुस्लिम समजको पोलिटिकल नेतृत्व के ना मिलने के जिमेदार कोन?

*मुसलमानो के नाम हमारा ये मैसेज,*

*विषय:-* _मुस्लिम समाजकी राजक्रिय प्रतिनिधत्व ना होना और मिलने के जिम्मेदार क्या पोलिटिकल प्रवुतिया करने वाले है,_

Da.31/07/2019
✒ *हुजैफा पटेल भरूच गुजरात*
SAF🤝Team Mo.9898335767

*सबसे पेहले  में ये खुलासा कर देना चाहता हु में किसी पार्टिका हिमायती नही हु..*

*सभी सोशोयल मीडिया के मुस्लिम सुपचिन्तक युवा और वडिलों से प्यारा सलाम,  हमारे आज के विषय मे हमारा आने वाला कल ओर वर्तमान समयकी हजारो समस्यों का संविधानिक अधिकार प्राप्त करने का बहोत बड़ी जरूरत है,*

*मुस्लिम समाजको पोलिटिकलि नेतृत्व ना मिलने के जिम्मेदार क्या सिर्फ पोलटिकल लोग जिमेमदार है❓ अगर आपकी सोच ये है के "हा" पोलिटिकली लोग जिम्मेदार है तो ये सरासर गलत, बेवकूफी वाली बात और खुदको समाजको गुमराह करने वाली बात है, किसीभी समाजको भारत जैसे विशार देशमें अपना नेतृत्व स्थापित करने के लिये बहोत सारी इतिहास और वर्तमान समयकी समस्याओं का खूब अभ्यास करना जरूरी है,*

*हमारा मानना है, मुस्लिम समाजकी सिर्फ राजक्रिय परिस्थियां कमजोर और लाचार नही है, बलके आप समाजिक लीडरशिप,मु. समाजकी पुरानी संस्थाओ, संगठनों के हालात और उनकी गतिविधियों और तमाम प्रूवतियो के हालात देखो, येही काफी नही है, आप दीनी मदरसों, मस्जिदों, दीनी संस्थाओ का अभयास करो क्या हालात है❓*

*भारत देशके मुसलमानो को हर पेहलु में कमजरो करने की साजिश आजादी के पेहले से चलती आ रही है, याब सवाल होता है, आप के जेहनो में तो इसका जिम्मेदार कोने है❓तो सबसे पेहले किसिभ समाजको अपनी हर क्षेत्रों में मजबूती ओर ताकत इख्तियार करने के लिये उस समाजके परहे लिखे (एज्यूकेशनल) लोंगों ओर समाजके अगेवानो, लिडोरों ओर जागृत युवाओ के साथ मा-बहनों ओर बच्चों की समाज पार्टी मानसिकता बहोत बड़ा काम करती है, जिसके विषयमें हमे बहोत सोचना जरुरी है, के हनरे समाजकी मानसिकता है क्या❓ तो आप देखे हमारे समाजके 99% लोग सिर्फ  अपनी जिंदगी जीने में मस्त है, समाजके प्रति अपनी जिम्मेदारी के बजेत आती है तो ये लोग कहते है छोड़ो समाजको अपना करो, क्या ये सोच इतनी बड़ी संख्या में जिस समाजमे हो उसका विकाश ओर समाजिक, राजक्रिय, नेतृत्व मिलना मुश्किल है,*

*हम इस लेख को ज्यादा आगे नही बरहे ते है, हमारी एक नही हजारो अनुभव केहते है समाजकी वर्तमान राजक्रिय ओरिस्थिति कमजोर और बिना नेतृत्व के होंने के जिम्मेदार हमारे पोलिटिकली लोग ही सिर्फ जिम्मेदार नही है, इसमे बहोत से लोग जिम्मेदार है, जिसमे अवाम मुस्लिम समाज के हर वो व्यक्ति जो 18 साल से बड़ा है और जिन्हों ने की बार वोट दिया है, ओर देने वाले है वो सभी अमीर,गरीब इसमे आते है, रही बात इसमें ज्यादा जिम्मेदार कौन है❓ तो इसका जवाब आसान है आज हमारे भारत देशमें जिन लोगों ने सत्ता प्राप्त की है इसका अभ्यास करो सारे सवालों का जवाब उसी में मिल जायेगा,*

*मेरा खुदका अनुभव है , की दफा समाजके उनवान से मुलाकात की गई जिसमे ऐसे अनुभव हुये आप सोच नही सकते है, कूच तो ऐसे लोगों से एमुलक्ट हुई जिन्होंने अपने खुदके खर्चे से दो तीन मस्जिदे बनाई है, वो कहते है समाजको छोरो अल्लाह अल्लाह और अपना करो येही काफी है,*

*आप समजें के नही आजकल हमारे लोग मुस्लिम समाजकी कुच समस्याओं पर काम करने खड़े होते है, जैसे रॉड,गटर, पानी, जैसी समस्यो पर तो बना समजें सोचे ओर आयोजन कर बगेर सारी समस्याओ का समाधान जल्दबाजी में धुंते है ये बहोत हदतक समाजको बहोत बहोत नुकसान करने वाली है,*

मैसेज अच्छा लगे तो आगे शेर करना।

Tuesday, 30 July 2019

उवैसी साहब को पत्र

*जनाब उवैसी साहब आपसे अपील है इस पत्र का जवाब देंगे,*👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿

तारीख.30/07/2019

*_गुजरात के मुस्लमानो के लिये उवैसी साहब को ऑफिसियल निवेदन देना चाहिये, क्या वो गुजरात मे आने के लिये उत्सुक है_*

*रोज रोज फेसबुक और whatsapp में  MIM आ रही है ,केहने वालो को शांति मिलेगी अगर उवैसी साहब अपना ऑफिसियल निवेदन देते है तो..*
*ओर मजीद येभी होगा के ये नोजवान ओर आगे की रणनीति बना सकते है ..*

*फिलहाल हमारे रिपोर्ट के अनुसार कोई आने वाला नही है..* ☑💯 %

*जितने लोग बात करते हैं सायद वो जल्दबाजी या फिर सिर्फ विरोध की मानसिकता की वजाहसे कर रहे है..*

*अगर समाजको पोलटीकली प्रीतिंधित्व देना है तो दुश्मन का विरोध करने और उसके कार्यो को सिर्फ और सिर्फ देखकर काम करना समाज को ओर अंधकार में ले जाना होगा..*

*आज गुजरात के मुस्लिम समाजको पोलटिकली नेतृत्व से बढ़कर सामाजिक नेतृत्व की बहोत जरूरत है, गुजरात के हर जिल्ले ओर तेहसिले में  अलग अलग संस्था ओर संगठनो के कोदिनेशन में सामाजिक नेतृत्व देने का कार्य खड़ा कर पाते है , उसके बाद गुजरात के मुस्लिम समाजको पोलिटिकली प्रतिनिधित्व हासिल करने में की हदतक सफलता मिल सकती है...*

*माफ करना साथियो जिनको दिलमे लगी हो वो साथी माफ करे..*

*मेरा इतना मैसेज उवैसी साहब तक पोहचाने आगे शेर करे,*

*हुजैफा पटेल भरूच गुजरात*
SAF🤝Team Mo.9898335767

માનસિક યુદ્ધ

*whatsapp viral Da.30/07/2019

     કોઇ પણ કોમ ને દબાવવા માટે તે કોમ માં ભય પૈદા કરવો આ યુક્તિ નવી નથી!
  કુરાન શરીફ નો અભ્યાસ કરવાથી આપણે એ હકીકત થી   વાકેફ થઇ એ છીએ છે કે ફિરઔને છોકરાઓની હત્યા દ્વારા ડર નું વાતાવરણ સર્જ્યું હતું અને બનિ ઇસરાઇલ ને ગુલામ બનાવવા માટે સફળતાપૂર્વક આ યુક્તિનો ઉપયોગ કર્યો હતો.
      તે એક ઐતિહાસિક હકીકત પણ છે કે મુસ્લિમોની ખોપરીમાં દારૂ પીતા તાતારીઓ ના એ દ્રશ્યને જોયા પછી અને તેમને તેમના બાળકોને રમકડાં આપ્યા પછી, મુસ્લિમો એટલા ડરતા થયા કે તેમનો મુકાબલો કરવાની હિંમત ન રહી.
        ભય ના આ જ મનોવિજ્ઞાન નો સફળતાપૂર્વક હિટલર દ્વારા ઉપયોગમાં લેવાયો હતો અને જર્મનીનો સરમુખત્યાર બન્યો હતો.
      આજે, ઇઝરાયેલ યુનાઈટેડ સ્ટેટ્સ અને તેના લોકોને વિશ્વની સામે તેમની શક્તિનો ઉપયોગ કરવા માટે પ્રયાસ કરે છે, જાણે કે તેઓ હંમેશાં હતા.
         સોશિયલ મીડિયાના આ યુગમાં, આ કાર્ય વધુ સરળ બન્યું છે.
       આપણા દેશ માં તાજેતરના દિવસોમાં લઘુમતીઓ અને દલિતો પર થતા મોબ લિંચીગ ના વાયરલ વીડિયો સંઘ પરિવારના એજન્ડાનો ભાગ છે અને તે જ મનોવૈજ્ઞાનિક યુદ્ધનો એક ભાગ છે.  આવી વસ્તુઓ નિયમિત ધોરણે ફેલાય છે અને ભવિષ્યમાં ચાલુ રહેશે જેથી કરીને તેના દ્વારા મુસ્લિમો પર ડરનું વાતાવરણ લાવવામાં આવશે, તેમને સતત માનસિક તાણમાં રાખવામાં આવશે જેથી તેઓ નિરાશા અને નિરાશા સિવાય કંઇ પણ જોઈ શકે નહીં.
      ખેદજનક રીતે, આપણી કોમના કેટલાક લોકો અજાણતા આ કાર્યને એક મહત્વપૂર્ણ  ફરજ તરીકે ઓળખાવે છે, અને આમ ભય ફેલાવીને તેમના વિરોધીઓના હેતુઓને પરિપૂર્ણ કરવામાં સહાય કરે છે.
આ કુરઆનનું માર્ગદર્શન યાદ રાખો!
* انما ذلكم الشيطن يخوف اوليآءه فلا تخافوهم وخافون ان كنتم مؤمني
"હવે તમે જાણી ગયા કે તે શેતાન હતો જે તેના મિત્રો થી  ડરાવી રહ્યો હતો. તેથી ભવિષ્યમાં, તમારે માણસોથી ડરવું જોઈએ નહીં, જો તમે સાચી રીતે ઇમાનદાર છો તો મારા થી ડરો.'

(આલે ઇમરાન 3: 175)
* આવો *

* આ ષડયંત્ર ને આપણે નિષ્ફળ બનાવીએ
*અાપણે બધા દ્ઢ નિશ્ચય કરીએ કે  "અાપણે હિંસક, રડતા ચિત્રો, વિડિયોઝ અને ડર, નિરાશા અને ધિક્કારના દ્રશ્યોને ફેલાવીશું નહીં.

અાપણે આપણા પોતાના શબ્દો દ્વારા કંઈ પણ એવું નહીં કરીએ જે ઉમ્મતે મુસ્લિમા ને નિરાશ કરે, નિર્બળ બનાવે અને ડરાવે. 


અલ્લાહ પાક આપણ ને પોતાની હિફાઝત અને સલામતીમાં રાખે .

Monday, 29 July 2019

भैंसे ओर चोर के साथ पब्लिक की कहानी।

चोर बहुत चालाक होते हैं, जब वो भैंस चुराते हैं तो सबसे पहले वो भैंस के गले से घंटे को खोलते हैं।
फिर

एक चोर घंटा बजाते हुए पश्चिम की ओर भागता है

और

बाकी चोर भैंस को पूर्व की ओर ले जाते हैं।

गांव के लोग घंटे की आवाज सुन कर पश्चिम की ओर भागते हैं,

और

आगे जाकर चोर घंटे को फेंक कर भाग जाता है।

इसलिए गांव वालों के हाथों में सिर्फ घंटा ही आता है

और

चोर भैंस चुरा ले जाते हैं।

                       *हमारी भैंस*
"शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य व्यवस्था, महिला सुरक्षा, परिवहन व्यवस्था, कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार,पीने योग्य पानी,किसान रक्षा,प्रदूषण रहित हवा जैसे और कई अनगिनत  मुख्य मुद्दे हैं।"

                      **भैंस का घंटा**
मंदिर-मस्जिद, हिन्दू-मुस्लिम, दलित-सवर्ण, बिहारी-गुजराती, नेहरू-पटेल, हरा-भगवा, पाकिस्तान-चीन।"   

ये सिर्फ़ भैंस की कहानी ही है। सोचा सुना दूँ😝

मोब लिंचिंग पर पत्र लिखने वाले 49 हस्तियों के खिलाफ याचिका दायर !

https://hindi.siasat.com/news/%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%ac-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%9a%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%97-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%96%e0%a4%a8%e0%a5%87-1111218/

Sunday, 28 July 2019

RTI Act

Hamari team me join karne k liye AAP ka biodata shirf what's app no.8140802958 per hi bheje.
શુ આપ આપના અધિકાર થી માહિતગાર છો?  કોઇ પણ પ્રકારની સરકારી માહિતી મેળવવા માટે આર. ટી. આઈ કરો.  વધુ માહિતી માટે ફોન કરો. 8140802958 time.7.45 to 8.45 p.m
https://m.facebook.com/groups/2183997775183310?view=permalink&id=2219288854987535
Please share your groups...
RTI Gujarat ek facebook page for Right to information
like kare, share kare aur coment kare
feed back jarur de...

Please go through...
RTI sample application total 270 post are as under link please watch and use.,and give feedback.

Mahiti adhikar...aap ka adhikar
🌹⭕⭕⭕ RTI ⭕⭕⭕🌹
         RTI लिखने का तरीका -
👉RTI मलतब है सूचना का अधिकार - ये कानून हमारे देश में 2005 में लागू हुआ।जिसका उपयोग करके आप सरकार और
किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते है। आमतौर पर लोगो को इतना ही पता होता है।परंतु आज मैं आप को इस के बारे में कुछ और रोचक जानकारी देता हूँ -

👉RTI से आप सरकार से कोई भी सवाल पूछकर सूचना ले सकते है।
👉RTI से आप सरकार के किसी भी दस्तावेज़ की जांच कर सकते है।
👉RTI  से आप दस्तावेज़ की प्रमाणित कापी ले सकते है।
👉RTI से आप सरकारी कामकाज में इस्तेमाल सामग्री का नमूना ले सकते है।
👉RTI से आप किसी भी कामकाज का निरीक्षण कर सकते हैं।
👉RTI में कौन- कौन सी धारा हमारे काम की है।

👉धारा 6 (1) - RTI का आवेदन लिखने का धारा है।
👉धारा 6 (3) - अगर आपका आवेदन गलत विभाग में चला गया है। तो वह विभाग
इस को 6 (3) धारा के अंतर्गत सही विभाग मे 5 दिन के अंदर भेज देगा।
👉धारा 7(5) - इस धारा के अनुसार BPL कार्ड वालों को कोई आरटीआई शुल्क नही देना होता।
👉धारा 7 (6) - इस धारा के अनुसार अगर आरटीआई का जवाब 30 दिन में नहीं आता है
तो सूचना निशुल्क में दी जाएगी।
👉धारा 18 - अगर कोई अधिकारी जवाब नही देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए।
👉धारा 8 - इस के अनुसार वो सूचना RTI में नहीं दी जाएगी जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हो या विभाग की आंतरिक जांच को प्रभावित करती हो।
👉धारा 19 (1) - अगर आप
की RTI का जवाब 30 दिन में नहीं आता है।तो इस
धारा के अनुसार आप प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हो।
👉धारा 19 (3) - अगर आपकी प्रथम अपील का भी जवाब नही आता है तो आप इस धारा की मदद से 90 दिन के अंदर दूसरी
अपील अधिकारी को अपील कर सकते हो।

👉RTIकैसे लिखे?

इसके लिए आप एक सादा पेपर लें और उसमे 1 इंच की कोने से जगह छोड़े और नीचे दिए गए प्रारूप में अपने RTI लिख लें
...................................
सूचना का अधिकार 2005 की धारा 6(1) और 6(3) के अंतर्गत आवेदन।
सेवा में,
              (अधिकारी का पद)/
               जनसूचना अधिकारी
विभाग का नाम.............
विषय - RTI Act 2005 के अंतर्गत .................. से संबधित सूचनाऐं।
अपने सवाल यहाँ लिखें।

1-..............................
2-...............................
3-..............................
4-..............................

मैं आवेदन फीस के रूप में 20रू का पोस्टलऑर्डर ........ संख्या अलग से जमा कर रहा /रही हूं।
या
मैं बी.पी.एल. कार्डधारी हूं। इसलिए सभी देय शुल्कों से मुक्त हूं। मेरा बी.पी.एल.कार्ड नं..............है।
यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित
नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोकसूचना अधिकारी को पांच दिनों के
समयावधि के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत
सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें।
              भवदीय
        नाम:....................
        पता:.....................
       फोन नं:..................
      हस्ताक्षर...................
ये सब लिखने के बाद अपने हस्ताक्षर कर दें।
👉अब मित्रो केंद्र से सूचना मांगने
Please go through under link....
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=400262940707320&id=204385233628426
ગ્રાહક સુરક્ષા કાયદા વિષે જાણો
આ કાયદા અન્વયે ગ્રાહકના મુખ્ય છ હકકોને પ્રાધાન્ય આપવામાં આવ્યું છે જેમ કે

સલામતી મેળવવાનો અધિકાર (Right to Safety)
જાણકારી મેળવવાનો અધિકાર (Right to be Information)
પસંદગી કરવા માટે અધિકાર (Right to Choose)
રજૂઆત સંભળવવાનો અધિકાર (Right to be heard)
નિવારણ મેળવવાનો અધિકાર (Right to seek redressal)
ગ્રાહક શિક્ષણ અધિકાર (Right to Consumer Education)
ગ્રાહક બજાર વર્તમાન વ્યવસ્થાને લીધે વસ્તુની ગુણવત્તા, જથ્થો, કિંમત અને સેવા એમ દરેક બાબતે છેતરામણીનો ભોગ બનતો હોય છે. તેથી ગ્રાહક સુરક્ષા અધિનિયમ-૧૯૮૬ મુજબ વિવિધ સ્તરેથી અસરકારક કાર્યો થવા જોઈએ. સદર કાયદો ગ્રાહકને તેની ફરિયાદનું સરળ, ઝડપી અને સસ્તી રીતે નિવારણ કરી યોગ્ય વળતર અપાવે છે. આ માટે અત્રે જણાવેલ માહિતી સર્વેને મદદરૂપ થશે.

ગ્રાહક એટલે જે વ્યકિત પોતાના અંગત ઉપયોગ માટે વસ્તુ ખરીદે અથવા સેવા મેળવે.
વપરાશકર્તાઓને આપવામાં આવતી કોઈપણ સેવાઓ જેવી કે બેંકિંગ, નાણાંકીય, વિમા, પરિવહન, પ્રક્રિયા, વીજ તથા અન્ય પૂરવઠો, રહેવા જમવાની સગવડ, મનોરંજન, સમાચાર, માહિતી પુરી પાડવી વગેરે. આમાં નિઃશુલ્ક સેવા કે વ્યકિતગત કરાર હેઠળની સેવાઓ ગણવાપાત્ર નથી.
વસ્તુની ગુણવત્તા, જથ્થો, શુદ્ધતા, ક્ષમતા, નિયત ધોરણ મુજબની ન હોય તો તેને ખામીયુકત સામાન ગણાય.
કાયદા પ્રમાણેના ધોરણો મુજબ ગુણવત્તા ન હોય કે કામગીરીમાં ખામી અથવા અપૂર્ણતા હોય તો તેને સેવામાં ઊણપ ગણાય છે.
મોનોપલીઝ એન્ડ રિસ્ટ્રીકટીવ ટ્રેડ પ્રેકટાઈસીસ ( એમ. આર. ટી. પી. MRTP) એકટ ૧૯૬૯ની કલમ ૩૬/એ મુજબ ગ્રાહકના હિતના ભોગે માલ વેચવાની પ્રથા એટલે કે ટૂંકમાં અનુચિત વેપારધંધાની પ્રથા. છેતરામણી થાય તો ગ્રાહકે ફરિયાદ કરવી જોઈએ  ગ્રાહકને લાગે કે પોતે છેતરાયેલ છે તો તેણે તે બાબતે લેખિતમાં ફરિયાદ કરવી જોઈએ. ફરિયાદ કરવા માટે ગ્રાહક સુરક્ષા અધિનિયમ-૧૯૮૬ મુજબ ત્રિસ્તરીય માળખાની વ્યવસ્થા કરવામાં આવી છે જેમાં કેન્દ્રિય કક્ષાએ આ વિભાગના મંત્રીશ્રીના વડપણ હેઠળ કેન્દ્રિય સમિતિ, રાજય વિભાગના રાજય સરકારશ્રીના મંત્રીશ્રીના વડપણ હેઠળ રાજય સમિતિ અને જિલ્લા કક્ષાએ ગ્રાહક સુરક્ષા ફોરમની વ્યવસ્થા કરવામાં આવી છે.
ગ્રાહકે જો વસ્તુ અથવા સેવા અને વળતરની રકમ રૂપિયા એક લાખ કરતાં ઓછી હોય તો તે અંગેની ફરિયાદ જિલ્લા ફોરમમાં અને રૂપિયા એક લાખ કરતાં વધુ પરંતુ દસ લાખ કરતાં ઓછી હોય તો રાજય સમિતિમાં અને રૂપિયા ૧૦ લાખ કરતાં વધુ રકમ હોય તો ફરિયાદ રાષ્ટ્રીય સમિતિ સમક્ષ કરવાની રહે છે.

સદર કાયદા મુજબ છેતરાયેલ ગ્રાહક ફરિયાદ કરે તેમાં પ્રક્રિયા સરળ અને ઝડપી હોઈ ગ્રાહકને વળતર સમયમાં મળી રહે છે. વળી ઉપરોકત ત્રણે માળખામાં કોઈ ફી આપવાની હોતી નથી. ફરિયાદી પોતે અથવા તેના ધ્વારા અધિકૃત કરેલ વ્યક્તિ પણ ફરિયાદ આપી શકે છે. આવી ફરિયાદ પોસ્ટથી પણ આપી શકાય છે. છેતરાયેલ ગ્રાહકે ફરિયાદમાં પોતાનું નામ તથા સરનામું, જેની સામે ફરિયાદ કરી હોય તેમનું પુરૂ નામ તથા સરનામું. ફરિયાદ સંબંધી વિગતો અને બિના કયારે બની તેની વિગતો તેમજ ફરિયાદ સંબંધી જરૂરી દસ્તાવેજો અને રાહત કે વળતર મેળવવાની ઈચ્છા વગેરે દર્શાવવી.

વળતર :
ફરિયાદીની વિગતો તથા માંગેલ વળતર મુજબ ફોરમ માલમાં રેલ ખામીનું નિરાકરણ કરવા, માલ બદલી આપવી, માલની કિંમત પરત કરવા કે નુકશાન ઈજા સહન કરવા બદલ વળતર આપવા અંગેના આદેશ કરી શકે છે.

અપીલ પ્રક્રિયા :
જિલ્લા ફોરમના નિર્ણયથી અસંતોષ હોય તો ૩૦ દિવસની સમય મર્યાદામાં રાજય સમિતિને અપીલ કરી શકાય છે. તદઉપરાંત રાજય સમિતિના નિર્ણયથી અસંતોષ થાય તો પછીના ૩૦ દિવસમાં કેન્દ્રિય સમિતિને અપીલ કરી શકાય છે. ત્યારબાદ કેન્દ્રિય સમિતિના નિર્ણયથી અસંતોષ હોય તો ૩૦ દિવસમાં સુપ્રીમ કોર્ટમાં અપીલ કરી શકાય છે.

ફરિયાદના નિકાલ માટે :
ગ્રાહક સુરક્ષા અધિનિયમનો મુળભૂત હેતુ ગ્રાહકને સરળ, ઝડપી અને સસ્તો ન્યાય મળે તે છે. તેથી જો ત્રણે કક્ષાએ જે કિસ્સામાં ચીજવસ્તુનું પરિક્ષણ કે વિશ્લેષણ જરૂરી ન હોય તો ત્રણ–પાંચ માસમાં ફરિયાદનું નિવારણ થાય છે. અપીલના કિસ્સામાં અપીલની પહેલી સુનાવણીથી ત્રણ માસના સમયગાળામાં તેનું નિવારણ કરાય છે.

ગ્રાહક સુરક્ષા અંગેનું માળખું :
ગ્રાહક સુરક્ષા અધિનિયમ-૧૯૮૬ હેઠળ ત્રિસ્તરીય માળખું કાર્યરત છે જે બે વિભાગમાં કામ કરે છે.

ગ્રાહક સુરક્ષા પરિષદ (કન્ઝયુમર પ્રોટેકશન કાઉન્સીલ) :
આ સુરક્ષા પરિષદની રચના ત્રણ કક્ષાએ થાય છે.

કેન્દ્રિય ગ્રાહક સુરક્ષા પરિષદ (ધી સેન્ટ્રલ કન્ઝયુમર પ્રોટેકશન કાઉન્સીલ)
જેના અધ્યક્ષ તરીકે કેન્દ્ર સરકારના ગ્રાહક સુરક્ષા બાબતોના મંત્રાલયના મંત્રીશ્રી અને કેન્દ્રિય પરિષદમાં ઠરાવેલ સરકારી અને બિનસરકારી સભ્યો હોય છે. તેના મુખ્ય હેતુઓ નીચે મુજબ છે. ગ્રાહકના જીવન તેમજ મિલ્કત માટે જોખમી હોય તેવા સામાનના વેચાણ સામે ગ્રાહકોના હિતોનું રક્ષણ કરવું.
માલની ગુણવત્તા, જથ્થો, નિયત ધોરણો અને કિંમત અંગે ગ્રાહકને જાણકારી મેળવવાનાં અધિકારની જાળવણી કરવી અને અને અનુચિત વેપાર પ્રથાને રોકવી.
શકય હોય ત્યાં સુધી વિવિધ વસ્તુઓ તેમજ સેવાઓ ગ્રાહકને વ્યાજબી દરે મળી રહે તે માટેના ગ્રાહકોના હકકો જાળવવી.
ગ્રાહકની ફરિયાદને યોગ્ય ફોરમમાં રજૂ કરવાનાં હકકને જાળવવો.
ગ્રાહકને અનૈતિક શોષણ તથા અનુચિત વેપાર સામે રક્ષણ મેળવવા અધિકારની જાળવણી કરવી. (૬) ગ્રાહક શિક્ષણ બાબતના અધિકારો જાળવવી.
રાજય ગ્રાહક સુરક્ષા પરિષદ (ધી સ્ટેટ કન્ઝયુમર પ્રોટેકશન કાઉન્સીલ) :
તેના અધ્યક્ષ તરીકે રાજય સરકારનાં ગ્રાહક સુરક્ષા બાબતોના મંત્રાલયનાં મત્રીશ્રી અને તેના અન્ય સભ્યો તરીકે રાજય સરકાર દ્વારા નિયુકત સરકારી તથા બિનસરકારી સભ્યો હોય છે. તેનો મુખ્ય હેતુ કેન્દ્રિય ગ્રાહક સુરક્ષા પરિષદના હેતુઓને સંરક્ષણ તેમજ પ્રોત્સાહન મળે તે માટેનું કાર્ય કરવાનો છે.

જિલ્લા ગ્રાહક સુરક્ષા પરિષદ:
રાજય સરકાર દરેક જિલ્લામાં જાહેરનામું બહાર પાડી જિલ્લા ગ્રાહક સુરક્ષા પરિષદોની રચના કરે છે જેના અધ્યક્ષ કલેકટર હોય છે અને રાજય સરકાર ઠરાવેલ સંખ્યા મુજબ સરકારી તથા બિન સરકારી સભ્યોની નિમણૂંક કરે છે.

આમ કેન્દ્ર સરકાર અને રાજય સરકાર દરેક ક્ષેત્રે ગ્રાહકનાં હકકોની જાળવણી કરવા તેમજ આ કાયદા અંગે જાગૃતિ આવે તેવા પ્રયત્નો કરે છે. આવા પ્રયત્નો બાદ પણ ગ્રાહકોને છેતરામણીનો ભોગ બનવું પડે છે. આ સંજોગોમાં ન્યાય મેળવવા સરકારશ્રી દ્વારા ત્રણ ક્ષેત્રે ગ્રાહક તકરાર નિવારણ પંચની રચના કરેલ છે જે ગ્રાહકને ખુબ ઉપયોગી છે.

જિલ્લા ગ્રાહક તકરાર નિવારણ મંચ (ડિસ્ટ્રીકટ કન્ઝયુમર ડિપ્યુટ રીડ્રેસલ ફોરમ):
રાજય સરકાર દ્વારા દરેક જિલ્લામાં જાહેરનામું બહાર પાડી જિલ્લા ગ્રાહક તકરાર નિવારણ મંચની રચના કરવામાં આવે છે જેના પ્રમુખ તરીકે જિલ્લા ન્યાયાધીશ રહી ચૂકેલ હોય તેવી વ્યક્તિ અથવા તેની સમકક્ષ વ્યકિત હોય છે. અન્ય બે સભ્યોમાં એક મહિલા હોય છે. દરેક જિલ્લામાં એક અને જરૂર પડે તો એક કરતાં વધુ ફોરમ રાજય સરકાર રચે છે

રાજય ગ્રાહક તકરાર નિવારણ પંચ (સ્ટેટ કન્ઝયુ મર ડીટ્યુટ રીફૅઅલ કમિશન) :
ભારતના દરેક રાજયમાં ગ્રાહક તકરાર | નિવારણ પંચ સ્થાપવામાં આવેલ છે. હાલ દેશમાં ૩૪ જેટલા રાજય કક્ષાનાં પંચ કાર્યરત છે. તેના પ્રમુખપદે રાજય વડી અદાલતના ન્યાયાધીશ અથવા તેની સમકક્ષ વ્યકિત હોય છે. ગુજરાત રાજયમાં તેનું સરનામું : ગુજરાત રાજય ગ્રાહક તકરાર નિવારણ પંચ, ગોતા ચાર રસ્તા પાસે, (એસ.જી. હાઈવે), ગોતા, અમદાવાદ (ઈમેલ : guj-forum@nic.in) રાષ્ટ્રીય ગ્રાહક તકરાર નિવારણ મંચ (નેશનલ કન્ઝયુમર ડીટ્યુટ રીડ્રેસલ કમિશન) :

કેન્દ્રિય કક્ષાએ આ પંચ સ્થાપવામાં આવેલ છે જેના પ્રમુખપદે સુપ્રિમ કોર્ટના ન્યાયાધીશ અથવા તેની સમકક્ષ વ્યક્તિ હોય છે. તેનું સરનામું : રાષ્ટ્રીય ગ્રાહક તકરાર નિવારણ મંચ, ઉપભોકતા ન્યાયભવન, એફ બ્લોક, જી.પી.ઓ. ભવન, આઈ.એન.એ., નવી દિલ્હી–૧૧૦૦૨૩, ફોન નં. : (૦૧૧) ૨૪૬૦૮૮૦૧, ફેકસ ૨૪ ૬૫૮૫૦૯ web : http//ncdrc.nic.in છે. ગ્રાહક સુરક્ષાને લગતી માહિતી તેમજ વિવિધ કેસોના ચુકાદાની વિગતો confonet.nic.in વેબસાઈટ ઉપરથી મળી શકે છે.

ટૂંકમાં ગ્રાહકે કોઈપણ ખરીદી ચોકસાઈપૂર્વક કરવી જોઈએ અને બિલ અવશ્ય લેવું જોઈએ. બિલ હોય તો જ પુરાવા સાથે ચીજવસ્તુ કે તેવી બાબતે અસંતોષ હોય તો તેની ફરિયાદ લેખિતમાં જે તે કક્ષાએ કરી શકાય અને તેનું નિવારણ ધ્વારા યોગ્ય વળતર મેળવી શકાય. અવારનવાર ગ્રાહક તકરાર નિવારણ પંચના ચૂકાદાઓ સમાચારોમાં આવતા હોય છે જે વાંચતા આપણને જણાય કે ગ્રાહક પોતાની સાચી વાતને યોગ્ય સ્તરે રજૂ કરે તો તેને ચોકકસ ન્યાય મળે છે.

                                
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AAP sab Ko RTI k 600 sample application mil Gaye ho to usko 1000 logo Ko bhejo kisi ka kam ho jayega yah bhi ek sewa he ..
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7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...