માનનીય ટ્રસ્ટીઓ,
ISA ફાઉન્ડેશન.
યુકે.
*અમદાવાદ સ્થિત મૌલાના દ્વારા તમારા બેનર અને ઝકાત ફંડનો રાજકીય પ્રવૃત્તિઓમાં દુરુપયોગ*
અસ્સલામુઅલૈકુમ,
અમદાવાદ સ્થિત મૌલાના કે જેઓ સત્તાધારી ભાજપના નેતાઓ સાથે ગાઢ સંબંધ ધરાવે છે તથા અમદાવાદમાં આપના ઝકાત ફંડ અને ચેરિટી પ્રવૃત્તિઓનું સંચાલન કરે છે.
ISA ફાઉન્ડેશનના આ ઝકાત ભંડોળ અને ચેરિટી પ્રવૃત્તિઓ દ્વારા આ મૌલાનાએ મુસ્લિમ સમુદાયમાં ખ્યાતિ મેળવી છે.
કમનસીબે, તેઓ સાંપ્રદાયિક ભાજપ સરકારના હાથા બની ગયા છે અને મુસ્લિમ ચૂંટાયેલા જન પ્રતિનિધિઓને અસ્થાપિત કરવાનું આયોજન કરી રહ્યા છે.
તાજેતરમાં તેમણે AIMIM સાથે જોડાણ કર્યું છે અને આડકતરી રીતે મુસ્લિમ ધારાસભ્યોને નુકસાન પહોંચાડવાનું કાવતરું ઘડી કાઢ્યું છે.
આપના ISA ફાઉન્ડેશનની ઇમેજ અને સત્કાર્યો ના કારણે મેળવેલ ક્રેડીટ નો મૌલાના રાજકારણમાં સતત દુરુપયોગ કરી રહ્યા છે.
અમારી આપ સૌ ટ્રસ્ટીઓ ને નમ્ર વિનંતી છે કે કૃપા કરીને આ મૌલાનાને તમારા ISA ફાઉન્ડેશનમાંથી દૂર કરવામાં આવે અને ઈમાનદાર નિઃ સ્વાર્થ, બિન રાજકીય વ્યક્તિને જવાબદારી સોંપવામાં આવે. જેથી ઉમ્મત ની સાચી ખિદમત થઈ શકે.
આભાર.
લી.
અમદાવાદ શહેરના જાગૃત મુસ્લિમો વતી.
Date:14 Viral Image
_*अहमदाबाद के तमाम आलिमें दिन, मुफ्ती साहिबान और दीगर मुस्लिम तंजीमों के रहनुमाओं का शुक्रिया और दिली मुबारकबाद!*_
भाजपा से जुड़े हुए कुछ मुस्लिमो ने आज मजलिस के सदर ओवैसी की आड़ में गुजरात के मुस्लिमो को दो हिस्सो मे बांटने की कोशिश की। अहमदाबाद और अहमदाबाद से बाहर के आलिमों और मुफ्ती साहिबान को दावतनामे भिजवाए और खाने पीने का बड़ा तामझाम किया और एक तरीके से गुजरात में सिकुड़ती हुई मुस्लिम राजनीति को सिफर यानि शून्य कर देने की कोशिश की।
अल्लाह पाक का लाख लाख शुक्र है कि मुस्लिम समाज के जागरूक और चौकन्ना तबके ने इस की पुरजोश मुखालिफत की। जिस के चलते गुजरात के किसी भी मुफ्ती साहब ने इस प्रोग्राम में शिरकत नही की। आखिरकार भाजपा से जुड़े हुए मौलवी जिन्होंने ये प्रोग्राम किया था उन को मजबूरन खुद के मदरसे हॉस्टल के तलबाओ को ही प्रोग्राम में बिठाना पड़ा। आज ओवैसी के साथ में जिन लोगो ने स्टेज शेर किया वो लोग आए दिन गुजरात के भाजपाई मुख्यमंत्री, मंत्री, और आरएसएस के लोगो के साथ स्टेज शेर करते आए है। और ये बात अहमदाबाद का बच्चा बच्चा जानता है लेकिन *ISSA Foundation* के मातहत जो काम कौम के लिए होता है उस की शर्म भर के कुछ लोग इस प्रोग्राम में मजबूरन दिखे।
लेकिन इस प्रोग्राम के बाद अब *ISSA Foundation* भी शक के दायरे में आ गया है। क्या कौम के जकात फित्रे सदका लिल्लाह के पैसे से कौम को मजबूत करने की बजाय कौम को भाजपा की गुलाम बनाने की साजिश तो नहीं हो रही है ये सवाल खड़ा होता हैं। _*सवाल ये भी खड़ा होता है कि कौम के जकात फितरे के पैसे से आज का प्रोग्राम हुआ है तो कौम के पैसे का गलत इस्तेमाल हुआ है इस की जिम्मेदारी किस की रहेगी?!*_ ISSA Foundation के जिम्मेदारों को इस के बारे में आगे अब सोचना पड़ेगा। और *ISSA Foundation* से ऐसे लोगो को दूर करना पड़ेगा।
बहरहाल एक बार फिर से अहमदाबाद और अहमदाबाद के बाहर के सभी आलिम हजरात, मुफ्ती साहिबान, इमाम साहब और मोअजझिन हजरात का भाजपा और ओवेशी के संयुक्त प्रोग्राम का बहिष्कार करने के लिए शुक्रिया और तमाम को दिली मुबारकबाद।
सोसियल मीडिया पर मुस्लिमो के हक में सच को उजागर करनेवाले कौम के लिए लड़ाई लड़नेवाले तमाम का भी शुक्रिया।
✍ *भाजपा आरएसएस के एजेंटो का कट्टर विरोधी एक मुस्लिम स्माजसेवक*