Followers

Saturday, 26 October 2019

कमलेश तिवारी मर्डर प्रकरण में कुछ सवाल जो आपको भी सोचने चाहिए

1) ये घटना महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव के दरमियान है क्यों हुई जबकि दोनों जगह बीजेपी की हालत बुरी थी और जैसे ही चुनाव खत्म हुआ मीडिया ने तुरंत ही रुख चुनाव पर अचानक ही कर लिया

2) इस मुद्दे में आरोपी पकड़े गए उसके पहले ही मीडिया ने बताना शुरू कर दिया था कि कमेलेश तिवारी की हत्या पैगम्बर साहेब की बारे मे 4 साल पहले दिए गए बयान के कारण हुई...मीडिया  इतना विश्वास कहा से आया?

3) कमलेश तिवारी की सुरक्षा के गार्ड्स की कम क्यो किया गया?? ओर उस दिन सिर्फ एक बूढ़ा गार्ड ही क्यो था??क्या बाकी के गार्ड लोग इस ने शामिल थे?? या फिर ये कुछ ओर ही प्लान था

4) कमलेश तिवारी के मर्डर के पहले के वीडियो में उसने बीजेपी पर शक जताया था तो तब उनके संगठन के लोगो ने क्या किया???कोई एक्शन क्यो नहीं लिया??विश्व हिन्दू परिषद ने क्यो कोई एक्शन यही किया ओर किसी ने भी आवेदन भी दिया?

5) कभी भी किस भी संगठन ने किसी को भी अगर कोई भी पड़ दिया जाता है तो उसको मिला जाता है तो असफाक को हिन्दू समाज पार्टी ने सूरत के वार्ड ओर वो भी आईटी सेल की जिम्मेदारी दी गई तो कभी तो उसके साथ गुजरात के या सूरत जिला के किसी कार्यकर्ता ने बात की होगी या मिले तो होंगे ही??तो बात करने के ट्यून से पता नहीं चला होगा कि ये उर्दू वर्डस यूज करने वाला आदमी है तो हिन्दू केसे हो सकता है?

6) मीडिया के मुताबिक आरोपी 4 साल से प्लान बना रहे थे तो कुछ सवाल एस है कि सही ने यह लोग 4 साल से प्लान बना रहे थे तो वो मिठाई का डिब्बा जो है वो किसी लोकल दुकान से खरीदते कैमरा वाले हाइ फाई दुकान में जाने से तो खतरा होता ..दूसरी बात सूरत में कोन मिठाई के डिब्बे का बिल लेता है मुझे आज तक नहीं पता चला..तीसरी बात चलो मान लो बिल लिया तो वो खून करने की जगह पर कोंन साथ में लेकर जाता है भाई??? चलो ये भी मान के साथ लेकर भी गए होंगे तो वह खुद छोड़कर क्यों आते???दूसरी बात क्या मिठाई के डिब्बे ओर कोई बारकोड लगाया गया था ताकि पता चले कि यही वो डिब्बा है जिसे असफाक ने खरीदा था...ओर सूरत में उसी दौरान चंदी पड़वा का त्योहार भी हुआ करता है तो इस त्योहार में लोग खुद हिन्दू हो या मुस्लिम सब मिठाई कहते है तो जरूरी है कि असफाक जो मिठाई लेने गया वो मर्डर के लिए ही थी वो चनदी पड़वा के लिए भी तो हो सकती है

7) मीडिया के मुताबिक वो लोग ट्रेन में गए और वहां होटल में रुके वहा उनके पास 1 नकली आधारकार्ड था तो फिर उन्हों ने आपने असली आधारकार्ड से रूम बुक क्यो किया??ओर जब की जाने वाले दो लोग थे तो आधारकार्ड 2 नकली बनाते एक ही क्यो बनाते??

8) वो लोग वीडियो में इस तरह से टहलते दिखाई दे रहे थे जैसे वो वहा के हो तो एक अनजान सिटी में आदमी इतने कॉन्फिडेंस से एक ही जटके में केसे पहोच सकता है?

9) मीडिया के मुताबिक वहा गोली चली तो गोली कि आवाज सुनकर कार्यालय के बाहर लोग इकट्ठा क्यो नहीं हुए??

9) मीडिया के मुताबिक वहा गोली चली तो गोली कि आवाज सुनकर कार्यालय के बाहर लोग इकट्ठा क्यो नहीं हुए?? तब के तभी है वो लोग पकड़े जाते...दूसरी बात कार्यालय की गली के सीसीटीवी फुटेज है तो कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज कहा है?? ओर अगर किसी को जान का खतरा होता है तो उसका वहा सीसीटीवी लगा होता ही होता है ओर उपर से ये तो कार्यालय था

10) खून कर के आरोपी वहा से भागे तो होंगे ही?? तो वो फिर से सीसीटीवी में कहा है?? क्योंकि वो तो गली में लगा हुआ सीसीटीवी था

11) आरोपी खून करके भागे होगे तो पूरे कपड़े केसे बताया गया है कि खून से भरे थे तो लोगो ने उन्हें देखा तो होगा?? ओर अगर देखा होगा तो किसी ने पकड़ा क्यो नही??

12) खून से को लथपथ होकर ही वो होटल भी पहोचे होंगे तो होटल मैनेजर ने उसी वक्त पुलिस को कॉल क्यो नहीं किया?

13) आरोपियों ने खाना मंगवाया था रूम में तो कोई तो खाना देने गया होगा तो तभी भी किसी ने खून वाले कपड़े नहीं देखे?? अजीब बात होगी ये तो

14) चौकाने वाली ये बात दिखी सारी क्रिटिकल जानकारी तुरंत मीडिया को केसे मिल रही थी???क्या ये पूरा प्लान ही था??की एटीएस सरी थोड़ा कुछ भी मिलता की मीडिया को बता रहा था जो कभी भी एटीएस नहीं करता

15) स्टेशन के दिखाए गए फुटेज तो कुछ ओर ही थे दोनों मुख्य आरोपी की हाइट में काफी अंतर है ओर एक के बाल कम है तो फुटेज में दोनों के बाल कहा से आए??ओर दोनों की हाइट सेम केसे हो गई??

16) मर्डर करने के बाद वो लोग पैदल होटल भागते गए होंगे ओर जैसे की मीडिया बता रही है कि मैनुद्दीन के हाथ में गोली लगी थी तो साफ है ब्लड बाहोत ही निकाल ही रहा होगा तो होटल के मैनेजर या रिसेप्शन पर भी किसी ने ये देखा नहीं हो वो सीधा रूम में चले गए ये गले से उतर नहीं रही है बात

17) मीडिया ऐसा बता रही है कि यूपी में उनके मददगार थे तो सवाल ये वो लोग वही रुकते ..ओर हर होटल में इ आधार से आधारकार्ड को चेक किया जाता है तो क्या जब वहा के मैनेजर ने एक ही नाम के दो अलग अलग आधार कार्ड देखे तब वहा से पुलिस को कॉल क्यों भी किया?

18) कमलेश तिवारी की माता जी ने सबसे पहले मीडिया में आकर बयान दिया की मेरे बेटे के हत्या बीजेपी के लोगो ने करवाई ...उसके बाद उनके अंतिम संस्कार पर बयान आया मुझे नजर कैद रखा गया है ओर मुझे बोलने दिया नहीं जा रहा है...उसके अंत में बयान आया कि में सरकार की शुक्रगुजार हूं...क्या ये ऐसा नहीं हो सकता की उनकी माताजी को नजर कैद रखकर डराया गया ओर जिसके चलते उनका अंत में बयान पूरा बदल गया

19) आज न्यी खबर आई है कि कमलेश तिवारी के दफ्तर पर विश्व हिन्दू परिषद ने दावा किया है ओर उनका परिवार को दफ्तर के उपर रहता ता उनको कहीं ओर जाने को कहा गया है...अचानक प्रेम भावना खतम??क्यों??चुनाव खत्म हो गए इसी लिए??

20) अभी उत्तरप्रदेश में एक अवधेश पाशी नाम के लड़के को ब्रामण समुदाय के लोगो ने गोली मारकर हत्या कर दी ऐसी बाहोत सी घटना SC ST OBC MINORITY के लोगो के साथ हुई है तब मीडिया ने एक सेकंड के लिए भी कवरेज भी नहीं दिया ऐसा क्यों??

एसे बहॉत सारे सवाल है ..हमारा मकसद ये नहीं है कि हम कुछ दावा कर रहे है या कुछ साबित करने की कोशिश कर रहे है हमारी कोशिश यह है कि लोग दोनों पहलू पर सोचे...ओर निर्णय देने का काम अदालत करेगा पर अगर आप अपनी सोच मीडिया की दिखाई गई या छापी गई बातो से ही फिक्स करते है तो यह मीडिया आपको हिन्दू - मुसलमान के दंगे देगी ओर कुछ नहीं ।

ली.
आवाज

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...