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Wednesday, 30 December 2020
मध्यप्रदेश के उज्जैन का मुसलमान .
Gujarat chunav BTP MIM DAGHBANDHAN
Tuesday, 29 December 2020
किसान आंदोलन 2020
Sunday, 20 December 2020
तकरीबन 80 साल पेहले मुसलमानों के हालात के बारे लिखी गई बात जरुर परहे.
Wednesday, 2 December 2020
कृषिकानून किसान आंदोलन दिल्ली मे क्यु हुवा ?
मुस्लिम समाज का वर्तमान और आने वाला भविष्य कैसा हे.
Tuesday, 1 December 2020
अन्ना_हजारे_आंदोलन_से_केजरीवाल_की_आम_आदमी_पार्टी र्डाक्यूमेन्ट्री .
Sunday, 29 November 2020
Amod Darul Ulum
MIM और BJP की हिन्दू मुस्लिम राजनिती का षड्यंत्र समझें .
Monday, 23 November 2020
सना खान और मुफती अनस की निकाह
मोदी का परिवारवाद विकाश जरुर परहे.
Tuesday, 13 October 2020
sahi bukhari 3062
Monday, 12 October 2020
Sahi Bukhari 2311 Ayatul kursi Ki Hadis
Sunday, 11 October 2020
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Saturday, 10 October 2020
Ahadis ka khajana
देश की सत्ता पर बैठे लोगों की क्रोनोलोजी को समझिए.
Sunday, 4 October 2020
सर्वे : कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक 15 बीमारियों की हुई पहचान
सर्वे : कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक 15 बीमारियों की हुई पहचान
नवीनतम लैंसेट सर्वेक्षण ने 15 बीमारियों की पहचान की है, जो कोरोना से अधिक घातक हैं. उनमें से प्रत्येक की सालाना मृत्यु 10,00,000 है. यह अध्ययन हमारी वास्तविक स्वास्थ्य संबंधी रणनीतियों में सुधार की आवश्यकता पर जोर देता है. हृदय रोगों (1.78 करोड़), कैंसर (96 लाख), वृक्क रोगों (renal diseases ) (12 लाख), तपेदिक ( tuberculosis ) (11 लाख) लोंगो की मौत हो गई है. इन रोगों से हर साल 4.43 करोड़ लोगों की मौत हो रही है.
ज्यादातर जगहों पर इन बीमारियों के लिए चिकित्सीय चिकित्सा सुविधाएं घटिया हैं. कोरोना प्रकोप के पहले तीन महीनों के दौरान, दुनियाभर में 2.84 करोड़ सर्जरी (भारत में 5.8 लाख सहित) अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गईं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी कि चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण इस साल 16.6 लाख लोग तपेदिक के शिकार हो सकते हैं. क्या स्थिति सब के बाद बदल जाएगी?
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की जनगणना के अनुसार, देशभर में लाखों बच्चों को अकेले मार्च 2020 में निर्धारित समय पर टीका नहीं लग सका. कोरोना के अतिरिक्त अन्य बीमारियों के इलाज के लिए कोई डॉक्टर नहीं हैं.
हैदराबाद की एक गर्भवती महिला और उसके भ्रूण की मृत्यु हो गई, क्योंकि अस्पतालों ने भर्ती देने से इनकार कर दिया.
अधिकांश निजी अस्पतालों ने तालाबंदी के दौरान डायलिसिस, कीमोथेरेपी, रक्त आधान और बच्चे की डिलीवरी जैसी आपातकालीन सेवाओं को रद्द कर दिया गया.
केंद्र ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए और अस्पतालों को पूर्ण कामकाज सुनिश्चित करने का आदेश दिया, लेकिन हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नियंत्रण क्षेत्रों में नेत्र देखभाल सुविधाओं को बंद रखने का निर्देश दिया.
आधिकारिक और अनौपचारिक प्रतिबंध कई के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बना रहे हैं. मानसून और मच्छर जनित संक्रमणों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए पीएमओ के आधिकारिक आदेशों के बावजूद, वास्तविक स्थिति केवल बिगड़ रही है.
देश में इस समय लगभग 9 करोड़ में थैलेसीमिया और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित हैं. लाखों लोग अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं.
जबकि, अस्पतालों में कोरोना के मरीजों की भरमार है. दीर्घकालिक स्थितियों वाले रोगियों की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ रही है. सरकार को तेजी से काम करना चाहिए और गैर-कोरोना रोगियों के लिए समान सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए.
किसान कृषि बिल 2020 | Agriculture Farm Bill 2020
- नया किसान बिल में किसानों को फसल बेचने के लिए स्वतंत्र कर दिया है। अब कोई भी किसान अपनी फसल को मंडी के बहार भी व्यापारी के पास बेच सकता है।
- किसान अपने फसल को देश के किसी भी हिस्से में कहीं भी बेच सकता है।
- किसानों को किसी भी प्रकार का कोई भी उपकर नहीं देना होगा। साथ ही बिल के अनुसार अब माल ढुलाई का खर्च भी देना होगा।
- नये किसान कृषि विधेयक के अनुसार किसानों को ई-ट्रेडिंग मंच प्रदान किया जायेगा। जिससे माध्यम से इलेक्ट्रोनिक निर्बाध व्यापार सुनिश्चित किया जा सके।
- kisan Krishi Bill के तहत मंडियों के अतिरिक्त व्यापार क्षेत्र में फॉर्मगेट, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस, प्रसंस्करण यूनिटों पर भी व्यापार की स्वतंत्रता होगी।
- इस बिल के माध्यम से किसान और व्यापारी सीधे एक दूसरे जुड़ सकेंगे जिससे बिचौलियों का लाभ समाप्त होगा।
शंकाएँ
- सरकार द्वारा निर्धारत किया गया न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की ख़रीद बंद हो जाएगा।
- किसान फसल को मंडी से बहार बेचता है। तो एपीएमसी मंडियां समाप्त हो जाएंगी
- ई-नाम जैसे सरकारी ई-ट्रेडिंग पोर्टल का क्या होगा?
समाधान
- MSP पर पहले की तरह फसल की खरीद जारी रहेगी। किसान अपनी उपज एमएसपी पर बेच सकेंगे। आगामी रबी
- सीजन के लिए एमएसपी अगले सप्ताह घोषित की जाएगी।
- किसान को अनाज मंडी के अलावा दूसरा ऑप्शन भी मिलेगा।
- सरकार द्वारा शुरू की गयी ई-नाम ट्रेडिंग व्यवस्था भी जारी रहेगी।
- इलेक्ट्रानिक मंचों पर कृषि उत्पादों का व्यापार बढ़ेगा। इससे पारदर्शिता आएगी और समय की बचत होगी।
Wednesday, 30 September 2020
बाबरी गीराने वालों को देश की न्यायालय ने निर्दोष छोड दिया.
यह फैसला अत्यधिक दुखद और न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है। – मौलाना महमूद मदनी
बाबरी मस्जिद की शहादत में संलिप्त सारे दोषियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 वर्ष की लंबी प्रतीक्षा के बाद आज आश्चर्यजनक तौर पर बाइज़्जत बरी कर दिया। इस पर अपनी प्रतिक्रिया को प्रकट करते हुए जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा है कि यह फैसला अत्यधिक दुखद और न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है। जिस तरह से प्रमाणों (सुबूतों) को उपेक्षित किया गया और खुले आम दोषियों के शर्मनाक और आपराधिक कार्यों पर पर्दा डाला गया है। इसका उदाहरण मुश्किल से ही मिलता है। यह एक ऐसा फैसला है जिसमें न इंसाफ किया गया है और न इसमें कहीं इंसाफ दिखता है। इसने न्यायालय की आज़ादी पर वर्तमान में लगाए गए प्रश्नवाचक चिन्ह को और गहरा कर दिया है। जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की बदनामी और जग हंसाई का कारण बनता है। मौलाना मदनी ने आगे कहा कि यह निर्णय चिंताजनक भी है क्योंकि जहां एक तरफ इससे फासिस्टवादी और कट्टरपंथी तत्व जो कि दूसरी मस्जिदों को निशाना बनाने के लिए पर तोल रहे हैं। उन्हें बढ़ावा मिलेगा और देश में शांति सद्भाव को जबर्दस्त ख़तरा पैदा होगा। वहीं दूसरी तरफ देश में अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्गों के बीच निराशा फैलेगी और न्यायालय पर से विश्वास में कमी आने के कारण बहुत सारे विवाद शांतिपूर्ण तरीके से हल किए जाने के बजाय ज़ोर ज़बरदस्ती और हिंसा के माध्यम से निर्धारित करने का चलन स्थापित होगा। मौलाना महमूद मदनी ने देश के आम हितों एवं इंसाफ के सिद्धांतों के दृष्टिगत यह मांग रखी है कि सीबीआई को इस फैसले के खिलाफ़ उच्च न्यायालय में अपील करनी चाहिए और यह यकीनी बनाना चाहिए कि इस फैसले से पैदा होने वाले नुकसान से देश को कैसे बचाया जा सके। मौलाना मदनी ने कहा कि 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करना एक आपराधिक कार्य था। और इसके करने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए।
6 दिसंबर 1992 को लाखों की संख्या में जमा हुए सांप्रदायिक और फासिस्ट शक्तियों व राजनीतिक दलों के नेताओं और उनके समर्थकों ने दंगा भड़काने वाले भाषण दिए। और नारे लगाए। और फिर मिलकर 500 वर्षीय पुरानी बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया। देश और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसके वीडियो और फोटो बनाए। जो आज भी रिकॉर्ड में मौजूद हैं। इसलिए यह कहा जाना कि बाबरी मस्जिद का गिराया जाना षड्यंत्र नहीं था सरासर गलत है। क्योंकि इतनी मजबूत इमारत को अत्यधिक संसाधनों के बगैर अचानक ध्वस्त नहीं किया जा सकता था । इस संबंध में जस्टिस लिब्राहन कमीशन की रिपोर्ट भी बहुत ही स्पष्ट है। इसके अलावा देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने इस्माइल फारूकी केस 1994 फैसले में स्पष्ट तौर से कहा था कि जिन लोगों ने मस्जिद को ध्वस्त किया है। ऐसा करने वालों ने अपराधिक और शर्मनाक कार्य किया है। हिंदू समाज को अपने अन्य सम धर्मी लोगों के ऐसे कार्य पर शर्मिंदा होना चाहिए। उन्होंने न सिर्फ एक धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाया है। बल्कि देश के कानून, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के आदर्शों सिद्धांतो को भी ध्वस्त किया है। हाल में वर्तमान में बाबरी मस्जिद संपत्ति मुकदमें में भी सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रुप से कहा कि बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी धार्मिक ढांचे को तोड़ कर नहीं बनाया गया। बल्कि 6 दिसंबर को एक धार्मिक ढांचा ध्वस्त किया गया जो कुछ भी इस दिन कार्य किया गया, वह एक आपराधिक कार्य था और देश के कानून का उल्लंघन था।
અપને વાલા હૈ. WhatsApp Masej
Gujarat gunda act 21 sep 2020
विरोध-प्रदर्शनों में गुंडागर्दी रोकने के लिए गुजरात सरकार लागू करेगी नया कानून, होगी 10 साल जेल.
Saturday, 26 September 2020
उल्मा और दिनी रेहबर कोन ?
कोरोना वायरस, 5G और एजेंडा नैनो-चिप.
ઈસસે બડી કયામત કી અલામત કયા હોગી?
Thursday, 24 September 2020
आने वाला वक्त कैसा होगा? WhatsApp Masej
7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓
सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...
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मुस्लिम शरिफ की हदीश 179 जिल्द ,1 हिंदी और उर्दू मे आपकी खिदमत मे पैश करते हे. SAFTeamguj. 03 Aug 2021 السلام عل...