आजादी के बाद से हमारे देश मे सभी धर्मो मे शमाजी,मझहबी चेरेटी ट्रस्ट,N.G.O.वजुद में है,जो कुदरती आपदा जेसे आधी तुफान,शेलाब,अर्थ वेक(जलजले )या फीर कोमी फसादात।मे अपने अपने तोर से मुतासिरो की मदद करने के लिए पेश पेश रहते है।
कुछ रोज पहले ही गुजरात में *ताऊ ते *नामी तेज आधी और बारिश का तुफान आया था,काफी नुक्शानात और परेशानी हुइ है,काफी लोग मुतासिर भी हुए हे।जिसका मुजे बेहद रन्जो गम हुआ और हे।
इस हालात से निपटने के लिए और मुतासिर लोगो की नुशरत (मदद)के लिए भारत सरकार ने प्रधान मंत्री राहत कोस से 1000 करोड और गुजरात सरकार की तरफ से 500 करोड यानी 1500 करोड की सहायता राशि का एलान हुआ है।अब हमारी मुस्लिम नामक तंजीमे जो अन्य मुस्लिम तंजीम के हसद की बीना पर मुतासीर इलाको में जाकर बडे बडे
एलान कर दीये हम इतने मकानो की तामीर करेगे और मुतासिरो के कन्धो पर चंदा अपील की बंदूक फोडी जायगी😭
अभी फिलहाल मुतासिरो को दवाईया और तेयार खाने सहुलते मील नी चाहिये।
निस्वार्थ खिदमत के लिये वहा पर अपना टेन्ट कायम किया जाए और हकुमत की जानीब से जो इमदाद का एलान हुआ है उसके मुताबिक मुतासिरो के नुक्सानात का सर्वे कराया जाय जो काफी हद तक जरुरी होगी,कोम पर बोज डालने की कोइ जरुरत नहीं है।
हकुमत की जानीब से इतनी मदद का एलान हुआ है के मुतासिरो अन्य मदद की जरूरत नही है।
सिर्फ केश डॉलस का जो मापदंड तय हुआ है वही अगरचे हमारी मुस्लिम तंजीम के खिदमत गुजार इमानदारि से हकुमत से दिलवा ने काम करना शुरू किया जाय तब मुतासिरिनो को घरो मे खाने-पीने के राशन की कमी नही रह सकती।
हकुमत की ओर से बालिग को रोजाना प्रती एक को ₹100और बच्चो को प्रती एक को ₹ 60 की मदद पहले चरण में 60 दीन तक और ज्यादा 90 दीन का हे,अब इस बात से अंदाज लगाया जा सकता है कि यदी एक घर मे तीन बडे और चार छोटे रहते है तब उन्हे रोजाना ₹540 सहायता राशि प्राप्त हो सकती हे यानी पुरे माह के ₹16,200, दो माह के 32,400,तीन माह के 48,600 बनते हे,और मिल्कतो,खेत ख्लियानो,बागानो को हुआ नुक्सान अलग से !!!जिसकी लिंक उपर भेजी हे। क्या खिदमतगुजार तंजीमे यह मदद हकुमत से दिलवाने मे पीछे क्यो हटते हे?यदी हकुमत ने मदद का कोइ एलान नही कीया है तब तंजीमो के मदद करे वह सही है।
क्या मुस्लिमो की तंजीमो के सरदार हकुमत से मिलने वाली इमदाद को हराम करार देते हे ?या अपने लाभ को देखते हुए मुसलमानो को उससे जानबुज कर महरूम रखते हैं?
एक बात यह भी सही है कि हकुमतो से इमदाद दिलाने के लिए खिदमत अंजाम देगे तब मलाई,मखन,घी खाने को कहा से मिलेगा🤣🙏
**😭✍अब्दुल लतीफ ए शेख।
सिनियर असिस्टेंट इन्वेस्टीगेटर
न्यूयोर्क लाइफ इन्स्योरंस कंपनी ओफ अमेरिका**