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Wednesday, 5 May 2021

यहूदियों की मज़हबी किताब तलमूद के मुताबिक...




1..यहूदियों के अलावा दुनिया के सारे इन्सान *"गोयन्स"* हैं मतलब सब हयुमन, मतलब मनुष्य के रूप में जानवर, पूर्ण मनुष्य सिर्फ़ यहूदी हैं!

2. इसलिए यहूदियों का अधिकार है कि वह *गोयन्स* का चाहे जैसे इस्तेमाल करें। जैसे हम जानवरों का इस्तेमाल चाहे जैसे कर सकते हैं!

3. तलमूद के मुताबिक़ यहूदियों को अधिकार है कि *गोयन्स* के साथ किसी भी तरह का ज़ुल्म किया जा सकता है चाहे मार पीट की जाय... चाहे गुलाम बनाया जाए... यहां तक कि उसकी हत्या भी की जा सकती है, इस पर कोई गुनाह नहीं..!!

4. तलमूद के मुताबिक अर्ध मनुष्यों की औरतों का चाहे वह बलात्कार करें... चाहे उनसे वेश्यावृति करायें... इन पर कोई गुनाह नहीं..!!

5. यहूदियों में आपस में ब्याज़ लेना देना गुनाह है मगर वह बाकी सब हयुमन से ब्याज़ ले सकते हैं...!!

6. यहूदियों में खिंज़ीर (सुअर) खाना हराम (निषेध) है मगर वह बाकी अर्ध मनुष्यों को सुअर खिला सकते हैं..!!

7. तलमूद के मुताबिक यहूदियों को ईश्वर ने पूरी दुनिया के अर्ध मनुष्यों पर शासन करने के लिए पैदा किया है यही वजह है कि इनकी *ज़ायोनिज़्म* तहरीक सारी दुनिया की अर्थ व्यवस्था को अपने क़ब्ज़े में करना चाहती है..!!

8. तलमूद के मुताबिक बाकी अर्ध मनुष्यों को ईश्वर ने इनकी सेवा करने के लिए पैदा किया है। 

इसके अलावा भी और बहुत सी बातें हैं जो तलमूद में लिखी हैं। तलमूद यहूदियों की ऐसी किताब है जो 576 से 300 ई. के बीच लगभग 800 साल में तैयार की गई। इस किताब को यहूदी रब्बियों ने तौरात की व्याख्या के नाम पर तैयार किया यह किताब सैंकड़ों जिल्दों (भागों) में है और बेहद गोपनीय है इस किताब के कुछ हिस्से मुस्लिम स्पेन के पतन के बाद कैथोलिक ईसाइयों के हाथ लगे... जिससे उपरोक्त जानकारी मंज़रे आम पर आ सकी फिर जर्मनी में हिटलर के शासन के दौरान कई ईसाइयों ने दुबारा यह जानकारी छापी..!!
आज कंडीशन यह है कि यहूदियों के लिए तौरात में से सिर्फ़ "टेन कमांडमेंट्स" ही पढ़े जाते हैं वह भी सिर्फ़ सवाब हासिल करने के लिए... अमल करने के लिए तलमूद ही असल किताब है और *इस्राईल* के स्कूलों में यहूदी स्टूडेंट्स के लिए तलमूद के स्पेशल कोर्स कराये जाते हैं..!!
 
*यहूदी* एक नस्लवादी क़ौम है। नस्ली बरतरी का घमंड इनमें कूट कूट कर भरा हुआ है... यह एक बेहद बुज़दिल क़ौम है जो सिर्फ़ साज़िश करना जानती है इनका इतिहास ख़तरनाक साज़िशों से भरा हुआ है इनकी साज़िशों की वजह से ही जर्मनी की पहले विश्व युद्ध में करारी हार हुई थी और हिटलर की यहूदियों से दुश्मनी भी इनकी गद्दारियों की वजह से ही हुई थी इसीलिये उसने इनके लिए "फाइनल सोल्युशन" का इंतज़ाम किया था। 

इस क़ौम से जिसने हमदर्दी या दोस्ती की उसने नुक़सान उठाया है..

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[08/05, 11:36 am] Business: 👉 Posted by. :-
*Faizan Ashraf Hamidi*
SAMBHAL. [  U.  P] 
📞  *8958025786*

""""  *दिल व दिमाग़ को झंझोड़ने वाली तहरीर* """"""

( *A ) मस्जिदे अक़्सा को शहीद करने की साज़िश का नाम कोरोना वायरस*( Covid-19)       

( *B) कोरोना यहूदियों ( Jewesh's) का एक ख़ुफ़िया एजेन्डा*..........

मैसेज दिल दिमाग़ को हाज़िर करके पूरा पढ़ें ///////

_यह मालूमात पढ़कर आपकी ऑंखें फटी की फटी रह जायेंगीं_,
वहम और ख़ौफ़ से दुनिया में फैलाए गये झूठी Theories को  " *कोरोना वायरस* " कहा जाता है, 
क्या आप जानते हैं यह लफ़्ज़ ( Word) *कोरोना* यहूदियों की मज़हबी किताब " *तलमूद* (Talmood)" में भी बड़े अच्छे अंदाज़ में मौजूद है । कोरोना को *इबरानी* ज़बान में  "קרא נא" ऐसे लिखा जाता है उसके मानी है " *पुकारना या आवाज़ लगाना* " 

*किसको पुकारना* ???
इसका जवाब है यहूदियों का मसीहा
आर्थोडोक्स यहूदियत के मुताबिक़ *मसीहा* जिसे इंग्लिश में 
*Moshiach* या *Hashem* कहते हैं, दज्जाल नही बल्कि एक ऐसा लेबरल यहूदी नस्ल रहनुमा होगा जो *मस्जिद अक़्सा* को शहीद करके उसकी जगह दज्जाल के लिए  " *हैकल सुलैमानी* " तामीर करेगा यहूदियत के मुताबिक, जब वह मसीहा आयेगा तो उस वक़्त सब लोग घरों में छुपे हुए होंगें, उसे पुकार रहे होंगें मतलब हर कोई उसे इन लफ़्ज़ों से पुकार रहा होगा कि
*कोरोना* *कोरोना* *कोरोना*...............
यानी ऐ हमारे मसीहा
*आजाओ*, *आजाओ* *अब आजाओ*........!!!!

इसके अलावा नये कोरोना वायरस को ( *Covid-19*) का नाम भी यहूदियों ने दिया है और आप इसे भी हरगिज़ इत्तेफाक़ ना समझें, 

हमेशा पढ़ने वालों को समझाया जाता है कि यहूदी हमेशा Context लफ़्ज़ ईजाद करते हैं जिनका ज़ाहिरी मतलब कुछ और जबके अस्ल मतलब कुछ और ही होता है ।

लफ़्ज़ *Covid* यहूदी मज़हबी किताब  " *तलमूद* (Talmood)" के *Volume -5*  *Masechet Berachot* के पहले पैराग्राफ में कुछ इस तरह मौजूद है
*"אין עומדין להתפלל 
  אלמתוך כובד דראש"*
इसका मतलब है कि 
" *किसी आदमी को उस वक़्त तक नमाज़ के लिए नही उठना चाहिए जब तक कि उसको Covid ना हो* "

*कोविड क्या है* ????
यहूदी उलामा उसके explanation करते हुए बताते है कि इसका मतलब यह है, आजिज़ी humility, आपका इस बात पर ईमान हो कि हम कुछ भी नहीं हैं और हाशिम ( मसीहा) के बग़ैर हम कुछ भी नही कर सकते इसलिए हमें उसको Covid के साथ पुकारना होगा, आजज़ी से आवाज़ देनी होगी ।( *मआ़ज़ल्लाह*) 

*और क्या आवाज़ देनी होगी* ???
*उसका जवाब है  19*

*अब यह 19 क्या है* ???
*19. Sim Shalom ("Grant Peace") - asks God for peace, goodness, blessings, kindness and compassion.*
यहॉं *19* का मतलब *तलमूद* में मौजूद यहूदी नमाज़ का *19 वॉ* कल्मा है, 
यानी हमें कोरोना के साथ *19* वॉं *कल्मा* दोहराते (Revision) रहना होगा जब ही हमारा मसीहा आकर *मस्जिदे अक़्सा* गिराकर वहॉं दज्जाल के लिए *हैकले सुलैमानी* तामीर करेगा ,
अब आपके समझ में आ गया होगा कि यहूदी अपने प्लान को किस तरह ख़ुफ़िया Context Word बनाकर पैश करते हैं ।

अब आप इस्राइल Health और Defense Minister's के बयानों को अपने दिमाग़ में लाकर उनपर ग़ौर करें ,जिसमें एक कहता है कि हमें कोरोना से कोई परेशानी नही, और दूसरा कहता है कि हमें निजात ( छुटकारा)  दिलाने वाला 
*मसीहा* जल्दी आने वाला है, इसके अलावा इस्राइल के चीफ़ रबी ने भी ऐलान किया है कि *मसीहा* इस साल आयेगा, पिछले दिनों पहले आप ने ट्विटर पर उसका ट्रेन्ड भी देखा होगा जो पड़ोसी मुस्लिम मुल्क में *कादयानियों* ने बनाया था और यहूदियों की वह नाजाइज़ औलादे जो इस वक़्त पड़ोसी मुल्क में मौजूद हैं उन्होंने इस पर ख़ूब महनत की थी ।

जी हां *100%* बिल्कुल ठीक समझ रहे हैं आप इसलिए सबको घरों में क़ैद करवा कर, हर जगह कोरोना कोरोना करवाया जा रहा है, यह सिर्फ इत्तेफ़ाक़ नही डिजिटल दौर के शुरू में इस कोरोना के नाम पर आपके लिए जो ویسلِین  तैयार की गई है उससे आपके दिमाग से हक़ीक़ी माबूद ( *अल्लाह रब्बुल आलामीन*)  का ख़्याल निकालकर आपको दज्जाल की  पैरवी पर तैयार किया ज रहा है 
‼️ *लिहाज़ा* इस लफ़्ज़ को भी इस्तेमाल करने से रोकें क्यूंकि कोरोना वायरस नही, सिर्फ़ यहूदियों का पैदा किया गया एक झूठा नज़रयाती वहम है ।।
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*इस ऑंख खोलने वाली तहरीर को ज़रूर शेयर कीजिए, और हर मुसल्मान को अपने ईमान व अक़ीदे के तहफ़्फ़ुज़ की तरफ़ तवज्जुह दिलाऐं* !!,!
اِن اللہ لَا یُضیعُ اَجرَ المُحسنِین
अल्लाह पाक किसी की नैकी को ज़ाइअ़ नही फ़रमाता*
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[08/05, 11:36 am] Business: Bhai Agr koi is massla k baray m hakikat jankari h to batay

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...