30/12/2016 गुरु वार टाइम :- 10:00 am
अस्सला मुअलय कुम वालेकुम सलाम वर्हमतुल्लोह
✒ हुजैफा पटेल मुलिवासी योध्दा गुजरात भरुच
साथीयो अोर दोसतो अोर मुस्लिम समाज के सामाजीक धार्मिक (उल्मा ) पोलीटीकल लिदरो को अोर मेरी मां अोर बेहनो को मेरा प्यार भरा सलाम ,
साथी यो मे ये लेख अपने अनुभव अोर कुच आपके सामने हो रहे हालात को अपने नजरीये से समजाना चाहुंगा आसाहे के आप पुरा लेख परहेंगे ,
हमा बात करेगे मुस्लिम समाज के हलात जब जब देश मे इल्कसन आताहे तब कया होता हे इसके बारे मे जानेगें ,
चुके मे गुजरात भरुच से रेहने वाला हु आपमे से बहोत से साथी मुजे जानते हे इसलीये मे सीधी बात करुंगा के गुजरात के दो जिल्ले अेसे हे जो सबसे बरी मुस्लिम आबादी वाला गिना जाता हे गुजरात के जिल्लो मे कच्छ अोर भरुच इनमे मुस्लिम बसती जय्दा हे मे बात यंहा के हालात से जो के मे वाकीफ हु तो यंहा के हालात से आपको पुरे देशके हालात को समजाने मे आसानी होंगी अेसे अंदाज मे बात लिखने की कोसीस करुंगा आसा हे के आप अपना किमटी समय देकर अोर आगे परहेंगे ,
यंहा भरुच मे भरुच सहर के मुस्लिम जितनी भी सोस्यटी हे वंहा जंहा जंहा भी सोस्यटी की कमीटी का गंधन होता हे वो पोलीटिक लोगो के दव्रा बनाइ जाती जे जिसकी वजाह से पोलीटीकल पारटींया अपने अपने लोगो को कमीटी बना देते हे अोर इसका वो लोग सिर्फ अोर सिर्फ खाली मत के लीये उपयोग करते हे जो कमीटी सोस्यटी के फायदे के लिये बनाने की बात की जाती हे वो सिर्फ पोलीटीकल पार्ती की गुलाम बनजाती हे अोर वो लोग अपनी सोस्यटी के जो बेजीक काम होते हे उसको छोर कर अपनी पुरी ताकात पार्ती को मजबूत करने मे लगा देते हे जिसका नुकसान सोस्यटी के लोगो को भोगत ना परता हे अोर ये हालात भरुच सहेर के हरवो जगाह जंहा मुस्लिम बसती जयादा हे वंहा भी ये हालात पाये जाते हे , अोर मेरा तो यंहा तक्का अनुभव हुवा हे के आजसे 30 या 35 साल पेहले के जो लोग थे जिनहोने सिर्फ अोर सिर्फ समाजके हित मे कामीती या फ़िर संसथा ये बानाइ थी जिनके बदोलत आज भरुच के हर अलग अलग मुस्लिम समाज के लोगो ने दिन ( धर्म ) अोर दुनीया मे तरक्की हुइ थी उसपर भी आज हर मुस्लिम गांव मे आसानी देखा जाता हे के जंहा समाज हित मे काम होरहा था वंहा अब पार्ती के लीये काम होता हे हर सोसयती या गांव या समाज मे कीसी भी कमीटी का गधन होता हे वो समाज के अच्छे काम अोर समाज मे अेकता बनी रहे अोर समाज हर काम मे आगे बरहे इके लीये होता हे लेकीन देखा ये जाता हे के ये कमीटी के जंहा जंहा होती हे वंहा समाज हित को छोर कर अपनी अपनी पार्ती को जायदा सपोर्त करते हे जिसकी वजाह बहोत हे दोसतो अगर हम ये देखे के जंहा जंहा मुस्लिम बसती जयादा हे अोर वंहा कोय कमिती हे तो वो बाजाये मुस्लिम के जो हक्क अोर अधीकार जो इस देशमे मीले हे उसका फायदा ना पोहचाते हुये अोर इसका अेहसास ना करवाते हुये ये लोग मुस्लिम समाज के दानिसवरो से समाज के लिये चंदा करते हे अोर कय जगाह ये बात पाइ गइ हे के भरच के कय मुस्लिम आबादी वाले गांव मे मुस्लिम समाजके हित के लिये सामाजिक अोर आरधीक जितने भी काम हुये हे वो मुस्लिम समाजके दानिसवारो के दान से 90% किया हुवा हे अगर मेरी बात गलत हे तो आप अपनी एक नजर गुमालेना आपको इसका अेहसास हो जायेंगा ,
मे मेरे गांव के हालात की बात करु तो हमारे गांव मे अाजसे 30 से 35 साल पेहले के लोग इतनी बेहतर तरीके से मेहनत करतेथे की जिसकी वजाहसे हामारे गांव मे इसलामीक मां आसरे मे बहोत बरी तबदिली आइ थी अोर समाजीक पेहलु मे भी बहोत बरी तरक्की समाज ने पाइथी अोर अारथीक पेहलु अोर समाजके अेजयकेशन पेहलु भी बहोत बरी तरहा कामीयाबी मीली थी जिसकी वजाहथी मुस्लिम समाज के वो हमारे बापदाद हे जिनहोने समाजकौ एक बेजतर तरीकेसे निर्मान किया था अोर उनकी निय्यत इतनी साफथी के उनहोने बिना कोय स्वारर्थ अोर बिना कोय उचनीच अोर मसलकी विवाद ना रखते हुये समाज को बहोत बरी इबरत अोर समाजको एक सबक सीखा के गये थे आज जोभी मुस्लिम समाज की तरक्की हे वा किसि पोलिटिकल पार्ती के बदोलत नही हे बलके ये हमारे बाप दादा की निखालस से समाज के लीये कुरबानी देना की वजाहसे हे ,
हम हमारे बापदादा की मेहनत कौ आगे ना लेगाये जिसकी वजाहसे आज हमारे अंदर सामजीक अोर धार्मीक कंजोरीया आ गइ हे अगर हम ये सोचे के जब उनकी मेहनत थी तो वो मेहनत गइ कंहा तो इसकि दो वजाह हे सबसे पेहले हमने इस मेहनत कौ समजा नही अोर इस मेहतन कौ आगे लेजाने के लिये आगे नही आये अोर दुसरि वजाह हे हमारे समाजके पोलिटिकल लिदरो ने अपने अपने रुतबे को काइम रखने के लिये अेसी मेहनत को जो वो लोग पोलिटिकली इसतीमाल कर सकते थे अेसी मेहनत को पुरी तरहा कबजा करलिया हे इनके मनसे को पुरा करे अोर जो उनकर साथ खरे रहे अेसे लोगो को इसतिमाल किया अोर उस मेहनत को अपने पोलीटीकल फायदे के लिये इसतिमाल किया हे ,
***मुस्लिम समाज का सामाजीक हालात का कुच नजरिया करले ***
हमारे समाज मे जयादातर जबभी चुनाव का वक्त होताहे तो हमारे समाजके लोग अपने अपने लिदर पर पुरी पकर ना करना ये एक बहोत बरी फेक बात हे जिसको हमे जान ना अोर समजना अोर समजाना जरुरी हे अगर जो लोग पोलिटीकस मे अपना वक्त देते हे या इनमे अपनी बात रखने की कोसिस करना चाहते हे अेसे लोगो को चाहीये के हमारे लिदर को जो काम करने चहीये उस काम का पुरा जाइजा लिया जाये अोर इस्से हम खुद वाकीफ हो अोर हमारे दोसतो से इसकी गुफतगू करे जिस्से हमे अोर बहोत कुच सिखने को अोर समजने को मिले गा दोसतो अगर हम हमारे समाज पर्ती अगर कुच करना चाहते हे तो हमे कमसे कम दरजे मे हमारे जिनेभी पोलीटिकल लिदर हे उनके हर काम कौ बारीकी से जाने या जान्ने की कोसीस करे अगर हमारे लिदि समाज हित मे काम नही करते हे तो हमे इसका पुर जोर से विरोध करना होगा
आगे बात बाद मे लिखा जायेगा
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date 01/01/2017 को टाइम 00:22
को मेने ये मेसेज वोाटस अोप अोर फेशबुक पर सेर कीया
अस्सला मुअलय कुम व.व.व.
गुजरात भरुच के उलमा अे हक्क अोर मुस्लिम समाजके हक्की की समाज सेवक के लिये मेरा ये मेसेज हे ,
मेरा नाम हुजैफा पटेल गुजरात भरुच से हु मेने पिछ्ले कय साल से समाज हित मे सोच रखते हुये बहोत कुच अेसे अनुभव किये हे जिसका आपतक रखने की कोसीस करुंगा
साथीयो दोस्तो अोर वदिलो से मेरा प्यार भरा सलाम ,
हमारे भरुच के मुस्लिम समाज का जाइजा लीया जाये समाज हित की अेक नजर अगर गुमा लिजाये तो ये आम तोर पर देखा जाता हे के हमारे मुस्लिम समाज के समाज सेवक अोर समाज के जिम्मेदार लोग मेरे अनुभव से समाज के युवाअो के पर्ती कुच बेहतर मेहनत के साथ उनको समाज की जिम्मेदारींया समजाकर अगर उनपर मेहनतबहो तो हमारे मुस्लिम युवा एक मिसाल काइम कर सकतेहे लकीन सर्त ये हे के समाज हीतमे हो नाके कीसीभी पार्ती के हितमे हो ,
मे ये लेख लिखकर खास बात समजा ना चाहता हु जिसकी वजाह अभी जो गांम पंचायत के इलेकस्न हुये हे इसका खास तोर पर जाइजा लेतो हमारे मुस्लिम युवा एक बहोत बरी गुमराही के अोर बिना मकसद के अपनी सलाहीयत अोर वक्तको करुबान करते नजर आते हे वोभी अेसी जगाह जंहा कोय फायदा अोर नुकसान देखे बिगेर उस काम मे लग जाते हे मे बात करता हु दो दिन पेहले हुये इलेकस्न के रिजल्त के दिन की करता हु भरुच के जंबुसर तालुका के गांव की जो हालात होती हे चुनाव के वकत वो बहोत ही गंभिर बिमारी की तरहा होती हे जिसमे कय धर, खान्दान, गांव मे अके लाराय जगरे का माहोल होजाता हे अोर इसमे चुनाव के रिजलत के बाद जिसतरहा जुलुसका जो माहोल बन्ता हे उस्से समाजको बचाने की अोर इसका नफा अोर नुकसान समजाने की कोसिस करने की बहोत जरुरत हे चुनावके बाद जिसतरहा बाज गांवमे तो सुबहा के पांच बजे तक मर्द, अोरत, बच्चे, बुरहे , अोर हमारे समाजकी युवा सकती जिसतरहा चुनाव के विजय के बाद पुरे गांव मे लोगो मे अपनी अकलका पदरसन कीया वो भी बहोत सोचने अोर समजने की जरुरत हे हमारे समाजके लिये अेसे लोग तय्यर हो जो सिर्फ अोर सिर्फ समाज हित का काम करे अेसे अफराद तय्यार किये जाये अेसी मेहनत की बहोत जरुरत हे अोर ये काम की जिमदारी मुस्लिम समाजके हर वो फर्द पे लाजीम हे जो अपने आपकौ समाज से जुरा हुवा मांनता हे अोर खास कर मे भरुच के उलमा अोर मुस्लिम लिदर से ये सवाल करना चाहता हु के आपकी अोर से अेसी कोय मेहनत नही होती हे आप लोग जलद से जलद ये काम करना सुरु करदो वरना हमारे युवा अोर आने वाली नसले बहोत बुरी तरहा से गुमराह होजायेंगी अोर अपने हक्क अोर अधीकार को खो बेथेंगी ,
आप ये सोच ते होंगे के आप ने अेसा सवाल कुंयु किया ये मेरे ज्जबात हे समाज पर्ती अोर फिकर हे अोर इसके लिये मे मेहनत भी करता हु अोर जिसतरहा अाप लोगो ने मुस्लिम पर्सनल्लो बोर्द की दस्तखट मुहीम को चलाकर जिसतरहा समाज हित मे काम किया अोर समाज को एक अोर बेदार किया अेसे ही मु.प.बो. की ( दिन अोर दसतुर बचावो तेहरिक ) तेहरीक से एक बहोत बरी मेहनत से समाज को एक करना अोर बरदार करने के लिये इस मेहनत कौ आगे बरहाने की कोसीस करे ताके आप अपने समाज कुच दे सको अोर समाज हित मे काम करपावो ,.
इस नादान से अगर को भुल अोर खता हुइ होतो माफ करना