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Thursday, 15 December 2016

तबलिग जमात की मेहनत काय हे

तबलीग ए दींन एक ऐसी गाड़ी है
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जो मशवरा उसकी पूरी बॉडी है
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और ईमानदारी ऑक्सीजन है
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और इखलास उसका इंजन है
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और दावत उसका पेट्रोल है
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और इल्म उसका रास्ता है
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और जिक्र उसकी लाइट है
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और तवकल उस्की छत है
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और सबर उसकी ब्रेक है
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और तकब्बुर उसके हादसे का सबब है
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जबकि तौबा इस्तगफार उसकी मरम्मत होती है
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और तरबियत, इज्तेमा उसका वर्कशाप है
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और आखरी स्टॉप जन्नत है
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उसकी कीमत सबके लिए कम से कम चार महीने की मेहनत है
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अल्लाह के रस्ते में निकलने के फायदे.
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१-इमान में तरक्की होना
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२- नमाज़ों का पाबंद होना
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३- इल्म में इज़ाफ़ा होना
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४- ज़िक्र का शौख पैदा होना
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५- मुसलमानो का मक़ाम पहचाना
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६- अमल में इख्लास पैदा होना
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७- जान माल को रब की अमानत समझना
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८- इमान की मजलिस में बैठने का सुख होना
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९- अमल में यकीं पैदा होना
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१०- गुनाहो पर तौबा करने की तौफ़ीक़
पैदा होना
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११- निगाहो की हिफाजत होना
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१२- सुन्नतो पर अमल करना
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१३- सहाबा वाले फ़िक्र पैदा होना
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१४- सहाबा से मोहब्बत होना
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१५- मौत की तैयारी करना
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१६- अल्लाह का क़ुर्ब हासिल होना
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१७- उम्मत के साथ मोहब्बत होना
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१८- तकब्बुर के बजे आजिज़ी के साथ चलना
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१९-हिदायत का मिलना
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२०- अल्लाह की तरफ से दी हुई
ज़िम्मेदारी का पूरी करना.
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अल्लाह हम सब मुस्लमान मर्द औरत को इस अज़ीम रास्तें पे निकलने की तौफ़ीक़ दे.
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आमीन

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