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Friday, 21 February 2020

पुलवामा हमाले को लेकर आवेदन पत्र देने के लिये,गुजरात के भरुच की जमियत दो हिस्से देखे पुरा रिपोर्ट .

 जमायते उलमाऐ हिन्द से जुड़े प्रचारक और भरूच शहर के मुस्लिम समाजके जागृत युवा मित्रों के लिये है,         


SAFTEAMGUJ. 10:00am
21 Feb 2019 फेसबुक पोस्ट.
Huzaifa Patel.
              "पूरा परहे  ओर जवाब जरूरी लिखे"
          जिस प्लेफॉर्म से देशको अंग्रेज हुक़्तम से आजादी दिलाने में सबसे बड़ी कुर्बानी देनेका जज्बा बनाने में देशके मुस्लमान को तैयार करने वाली जमातके हालात पूरे देशके नही हम सिर्फ गुजरात के भरूच जंहा मुस्लिम दुसरे नंबर की संख्या हे वंहा की बात करते है,
         इस पॉस्ट का मकसद है हमारे कहै और माने जाने वाले ओर खुदको रहबर कहने वालो को सही दिशा दिखाना ओर इनकी सोच और कार्यो को देश और जमियत के बारे लीडरो तक शेर करना हैओर जमियत के कार्य को लेकर भरुच शहेर के मुसलमानो को ध्यान करवाना हे.

            ------- इस पॉस्ट को पूरा रहे ------ 

          पुलवामा को लेकर एकही शहर में एकही संगठन के बेनर तले अलग अलग लोगो के माध्यम से अलग अलग दिन जिला कलेक्टर को आवेदन पत्र देने कितना उच्चित है?????? 

                                ये मेरा पहला सवाल है ,

          इस बात को लेकर मुजे बहोत दुख है के जिस जमियत ने इस देशको जुल्म सितम से देशको आजादी दिलाने में हजारों नही लाखो मुसलमानो की कुरबानी दिलाई हो वो आज इतने  नीचे सतह पर  आ चुका है के उसके साथ जुड़े हुये कहे जाने वाले बड़े आलिम ओर रहबर एक दिन के लिये किसी मुद्देको लेकर किसी सरकारी पालिका में एक दिन साथ नही जा सकते है तो सोचो मिल्लत को एक जगह मुत्तहिद करने में ये कहे जाने वाले जमियत के कार्यकर्ता हालात का सामना करने मे सफलता प्रप्त कर सकते है???   ये फिर ये कहे के हालात का समझने  ओर इसका हल निकाल ने के लिये कुच बेहतर रणनीति  बना सकते हे????

                     ये मेरा दूसरा सवाल

         एक ही मुद्दे पर एकहि संगठन के नाम से अलग अलग आवेदन पत्र देकर क्या हम हमारी कमजोरी  सरकारी पालिका में बैठे लोगों के सामने खुद अपनी जहालत ओर ना   इतिफाकी वजहसे खोल नही रहे है???

                      ये मेरा तीसरा सवाल 

        क्या जमियत वाकी में इतने नीचे सतह पर आ चुकी है के उसके पास अपनी क्रन्तिकारी कुर्बानी की सोच और उसके  उद्देश्य  को पुरा करनेकी प्रवुतियां करने वालो की कमी है ???

                         ये मेरा चौथा सवाल 

       हमे जमियत के प्लेटफार्म से लेकर क्या वाकीमे फिकर करने की जरूरत नही है ? उसके साथ जुड़े तमाम ज़िला ओर तहसीला लेवल के तमाम बड़े बड़े पदाधिकारी के जमियत की क्रांतिकारी ओर आजादी जैसे कार्यो को पूरा करने की स्लाहयत ओर अनुभव और समय के साथ हिम्मत "ना" होना क्या जमियत के प्लेटफार्म को लेकर हमे चिंतित होने की जरूरत नही है ???????  
                         ये मेरा पांचमा सवाल 

इस पॉस्ट को लेकर किसी कोभी आपत्ति हो मुजे कोल करे ,

हुजैफा पटेल भरूच गुजरात 
SAF Team 9898335767

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