जमियते उल्माए हिंदी के सदर मोलाना मेहबुब मदनि के गुमशुदा होने के लगे पोस्टर युपि के देवबंद के घरों ओर गलियोमे सोशियल मिडिया मे जमकर हो रहे हे वायरल .
SAFTEAM GUJARAT
उम्मते मुस्लिम के युवाओं मे अब बेखोफ होकर समाजके लिये बोलने ओर एकटिविटि कि हिम्मत अब धिरे धिरे बदति नजर आ रहि हे, जो आने वाले समय मे एक नइ क्रांति का आगाज हे.
देवबंद के घरों पर लगे पोस्टर 👇
हमे ये नहि भुलना चाहिये के जमियते उल्माए हिंद संगठन कि देशकि आजादी के लिये कुरबानी का एक इतिहास हे जिसको हम कभि भुला नहि सकते हे, लेकिन मुजादा मुस्लिम समाजके साथ देश के हालात मे जिस तरहा JUH का नेतृत्व रहा हे जिसके बाद वर्तमान हालात के तव्वजु देने वाले मुस्लिम समाजके युवा अब तेजि से जमियते उल्मा ए हिंद के जिम्मेदारों पर सवाल उथाने लगे हे.
देवबंद कि गलियोॉ मे लगे पोस्टर .👇
समाज का कुच तबका आजभि मानसिक गुलामि मे हे जो ना हालात से सहि तरिके से वाकोफ हे ना जमियत असल मकसद के जानकार हे, एसे लोग अाजभि मानसिक गुलामि मे समाजके जिम्मेदारों पर सवाल खदा करना गुनाह समजते हे, जिसकि वजाह से समाज के इतने मजबुत संगठन के बावजुद ये संगठन नसबवाद का शिकार हो गया हे.
देशके मुस्लमान को 73 सालों से पोलिटिकल खिलोंना बनाया गया लेकिन इसमे भि जमियत का कोई खास प्लान रणनीति देखने को नहि मिलि हे, लिंचिंगआतंकवाद,तिन तलाक, 370 कश्मीर ओर बाबरी मस्जिद के साथ अब NRC,CAA,NPR को लेकर महिलाओं का इतना जबरदस्त ओर मजबुत आंदोलन का हिस्सा जब दुसरे समुदाय के संगठन खुलकर दे रहे हो एसे वक्त मे जमियत कि खामोशी इख़्तेयार करना उनकि लिदरशिप पर सवाल उथना लाजिम हे.
समस्या हमारी हे, हमे आवाज उठानी हे.
ऐ खामोश रेहबर तेरि ये खामोशी भरि रेहबरि हमे कबुल नहिं , तु नहि कर सकता संघर्ष तो तेरि ये रेहबरि कबुल नहो.