12/11/2016. सन्दे
सर्जीकल इसताइग 💰💵💰💸💰💸
ये सर्जीकल काले घन वालो पर नही आम लोगो पर हे ,.
देखो पुरा भारत केसे परेसान हे ,
मदीया की रीपोट सोसीय्ल मीदीया की नीयुज नुयुज पेपर खुल्लेतोर पर साबीत हे के लोग हेरान हे
अगर कोय अकल मंदआदमी ओर देशका सच्चा भगत ओर जीसके दीलमे आमलोगोके लीये अछ्छी सोच रखने वालो की अकल चले तो ये जाहीर मे दीख जायेगा आपको के सरकार केसे काम कररही हे ,
ये काले घन वालो का कुच बीगार नही पायेगा सरकार का ये कदम हा लेकीन आम जंनता जरुर परेसान होजाये गी ये इस देश की जनता को ओर अभी परेशान होना परेगा जबतक के ये लोग ये नही समजेंगे के हम काय हे ओर हमारे साथ ये काय हो रहा हे , ओर कुंयु हो रहा हे ,.
तारीख ०८/११/२०१६ को भारत देशके पीएेम साहाब ने देश की जनताको बरा फेसला सुनाया के रात के बाराबजे से यानी नोव तारीख से ५०० ओर १००० की नोट नही चलेगी ओर उसमे अेक ओर इजाफा करदीया के अब देश मे दो हजारकी नोट चलेगी ओर ये बताया गया जंनता को के कुच जगहा ओ पर ये जरुर चलेगी जीमे सरकारी होसपीटाल, मेदीकलइस्टोर, बेंकोमे, पोस्टओफीस, इन जगाह पर नोट चलेगी , वोभी सीमीत समय तक यानी तारीख ३१/१२/२०१६ तकही चलेगी ,
मे दावे के साथ केहता हु के जीतना इस देश को आजाद होने से लेकर तारीख ८/११/१६ तक जीतना करपसंन ओर कालाघन छुपा नही हे उतना इस पचास दीनो मे काला धन ओर करपसंन छुपेगा ,
ओर ये हालात ये जाहीर कर रहे हे के इस देश मे बहोत बरी मुसीबत आनेवाली हे आम लोगो पर ओर इन दीनो ये नेटा लोग ओर उनके चंमचे बहोत गरबरी करने वाले हे ,
ये सारे के सारे दैश के गद्दार हे अभी भी समज जावो मेेरे देश वासीयो ये देश बहोत बुरे हाल से खुजर रहा हे ,
देशको इन नेटा लोगो ने मजक बनाकर रखदीया हे ,
ये देशके लोग ओर यंहा के लोगोकी समसीया ये अेक मजक बनकर रेह गइ हे ये खुल्ली कीताब हे ,
इनदीनो जीसतरहा लोग अपना घर्म ओर जात को भुलकर अेक साथ लाइन मे पैसे के लीये खरे रहे हे , अगर ये लोग ओर यही समाज अगर देश के नागरीक होने के अघीकार पाने केलीये अगर युही लोग अगर अेक साथ होजाये तो ये देश अेक मीसाल काइम कर सकताहे ,
ओर मे खासकर देशकी समाजीक संघाओ को केहता हु के आप लोग काय वाकीइ मे समाजके लीये काम करते हो,
इतने बरे पेमाने मे देश जारहा हे ओर बरबाद होरहा हे ओर आप समाज सेवाके नाम से NGO खोलकर केहतेहो के हम समाज का काम करते हे काय ये आप को नही दीखताहे ,
सरकार का ये कदम बहोतही वाहीयात हे ये सारे भारतके लोगोको बेवकुफ बनाने की कोसीसकी जारही हे ओर गोरकी बात तो यै हे के लोग बेवकुफ तो बन रहे हे लेकीन वोभी हेरान ओर परेसान होकर दुनीयामे येही अेक देश होगा जीसके लोग इसतरहा बेवकुफ बन्नते हे ओर फिर्री मे परेसानी भी लेते हे ,
इतना याद रखो मेरे देसके नीवासीयो ये दो हजारकी नोट बहोत बरे फीतने की जर बनने जारही हे , आम लोगो के लीये ये अेक बरबादी हे जेसे ही दो हजारकी नोट मारकीत मे चलने लगेगी बहोत समसीया होगी इसमे सबसे बरी छुत्तेकी ओर दुसरी बरी मेहगाय बरहेगी , इस्से आम लोग परेसान होकर रेह जायेंगे ,
दो हजार की नोट की कुच बाते
दो हजार के छत्ते नही मीलेंगे ,
दो हजार की नोट की छपाय मे ही बहोत खामीया हे ,
दो हजार की नोट बहोत ही वाहीयात तरीके के पेपर से बनाइ गइ हे ,
ये देश को आरथीक रुपसे बरबाद ओर तबाह करने वाला काम हे ये सरकार का इसका मे करे सब्दो मे वीरोघ करता हु ,
अेसे कामो से कोय नातो करपसंन दुर होगा ना काला घन वापस अायेगा ,
गोर करने वाली बात तो ये हे के हमारे पीएेम साहाब ये नोट का इस्सीयु बना कर जापान चले जाते हे,
ओर वंहा जाकर लंब्बा लंब्बा भांसन छोरते नजर आते हे नोट के बारेमे मे केहना चाहता हु के अगर आपको नोटके बारे मे ही बात करनी थी तो देशका इतना पैसा बरबाद करके जपान जाकर बोल ने की काय जरुरत थी यंहा भारत मे ही बोलते ,.
लंब्बा छोरने की आदत मे काय बोला के जबसे भारत आजाद हुवा तबसे आजतकका अेक अेक दीन का हीसाब लुंगा कीसीको नही छोरुंगा सबको पकरुंगा लेकीन पेहले आप अपना ओर आपके सरकार के सभी नेटा लोगोके पुरी पोर्पटी को खुल्ला करो बादमे कीसी ओर को खुल्ला करने की बात करो ,
मेरे देशके मुलनीवासीयो अबभी समज जावो ये देश अब इस पार्टी से उस पार्टी को राज करनै देने का नही हे ,.
ये देश की फीरसे आजादी लेनी परेगी ये नेटालोग देशके सबसे बरे दलाल ओर गद्दार लोगो हे इनके हाथमे हे ओर था ,
संवीघान को बनाया था इस देश को चलानै के लीये लेकीन जबसे इस देसमे कुच अेक तबकै के लोगो ने इस पर कबजा कीया तबसे यै देश वीनास बरबादी की ओर जा रहा हे ,
ओर ये देसको तोरकर ओर बातकर अपनी राजनीटी करते हे ,
ये देसको पेहले अंगेर्जो के जुलम ओर सीतम के सामने हमारे बाप दादओ ने अेक जुथ होकर देसको आजाद कीयाथा आज हमै फीरसे धर्मवाद, जातीवाद, ओर उचनीच, की सोच को छोरकर फीरसे आजादी लेनेके लीये तय्यार होना परेगा ,
ओर संवीघान की रक्सा करने के लीये अेक होना परेगा,
अगर मेरी बात मे कोय भुल होतो माफी मांगता हु ,
ओर अगर आप मेरे इस लेखसे खुस हे ओर आपको लगता हे के वाकीय ये सोच आपसे मीलती हे, या अेसा करने के लीये आप सेहमत हे तो आप ओर जानकारी पाने के लीये मेरा संपर्क कर सरकते हे ,
ओर इस लेख के बारे मे ओर कोय बेहतर सुजाव ओर लेख हो तो आप संपर्क करे
हुजैफा पटेल
मुलनीवासी योध्दा
वोटसओप नंबर 9898335767
ये मेसेज बहोत काम का हे पहेगा जरुर
काला नहीं मेहनत का धन लूट रही है सरकार :-
भारत की 90% जनता मुर्ख है , यह जस्टिस मार्कन्डेय काटजू ने कहा था तो गलत नहीं कहा था। क्युँकि इस जनता को बार बार मुर्ख बनाया जा रहा है और जनता बन रही है।
दरअसल केंद्र में मौजूद मोदी सरकार की एक नीति रही है कि उसके हर फैसले को देश की सेवा से जोड़कर प्रस्तुत किया जाए और जनता के देशप्रेम की भावनाओं का दोहन किया जाए , जो भी उनके फैसले की आलोचना करे उसे देश विरोधी सिद्ध किया जाए।
माफ कीजिएगा , बाजार का काला धन सफेद हो चुका है और उसको सिद्ध करने के लिए मैं कुछ सबूत दे रहा हूँ।
1- सबूत नंबर 1, जिस घोषणा को प्रधानमंत्री 8 नवम्बर को बेहद गोपनीय बता रहे थे और यह कह रहे थे कि अभी कुछ मिनट पहले यह निर्णय लिया गया है और उनको खुद पहले से नहीं पता था , वह सूचना संघी समाचार पत्र "दैनिक जागरण" अपने 26 अक्टूबर 2016 के अंक में छाप चुका है कि 500-1000 के नोट बंद होंगे और ₹2000/= के नोट छप गये हैं , चित्र संख्या 1 देखिए।
2- भारत के समाचार पत्र सबसे पहले रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर पहुँचते हैं जिसका समय अधिकतम :30 बजे रात या इससे पहले होता है , 8 नवम्बर की रात 8:35 पर प्रधानमंत्री की घोषणा का यह विज्ञापन हिन्दुस्तान टाईम्स 9 नवम्बर के अंक में छाप देता है जिसे छापने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की अनुमति लेनी पड़ती है , और जहाँ तक मैं समझता हूँ कि कितनी भी जल्दी कोई छापे , समाचार पत्र में विज्ञापन छपने की पूरी प्रक्रिया 7 बजे तक बंद हो जाती है। मात्र 2-3 घंटे के अंदर यह विज्ञापन छपना संभव ही नहीं। इसकी पूरी तैयारी पहले से की गयी और प्रधानमंत्री ने देश से झूठ बोला।
3- कालाधन जिनके पास होता है वह बड़े सेटिंग वाले लोग होते हैं , उनकी पैठ बहुत गहरी होती है , ध्यान दीजिए कि दैनिक जागरण को यदि यह खबर लग गयी तो व्यवस्था में पैठ रखने वालों को क्या पहले से पता नहीं रहा होगा ? बिलकुल रहा होगा और उन्होंने अपनी पुरानी करेन्सी सोने इत्यादि में खरीद ली होंगी।
4- भारत में सबसे पहले संभतः आईसीआईसीआई बैंक खुलता है सुबह 8 बजे और आज ही जिसे सबसे पहले भारत में नयी नोट मिली उसे एनडीटीवी ने दिखाया तो कल से यह दो तस्वीरें सोशलमीडिया पर जो घूम रही हैं उनके हाथ में नयी नोट कहाँ से आ गयीं ? चित्र संख्या 3-4-5 देखिए। सोचिए कि एक भाजपा अध्यक्ष की बेटी नलिनी मोर्य के पास नये नोट लांच होने से पहले केसे पंहुच गये???
5- दरअसल जो गरीब लोग अपनी मेहनत की कमाई जोड़ जोड़ कर रखे हुए हैं सारी समस्या उनके लिए इस सरकार ने पैदा की है , भाजपा संघ के धन्नासेठों ने अपने कालेधन का काम तमाम कर दिया है।
6- रिजर्व बैंक आफ इंडिया का गवर्नर उर्जित पटेल अंबानी बंधुओं के बहनोई का भाई है तो समझा जा सकता है कि क्या क्या हुआ होगा।
7- यह सब छोड़िए , प्रधानमंत्री ने अपने 22 अक्टूबर 2016 के बडोदरा के दौरे में मंच से संबोधन किया था उसका यूट्यूब पर मौजूद वीडियो देख लीजिए जिसमें उन्होंने 500-1000 के नोटों पर सर्जिकल स्ट्राईक की जरूरत बताई थी और काले धन की सबसे बड़ी वजह 500-1000 के नोटों को बताया था।
8- मार्कन्डेय काटजू का 90% के मुर्ख का आँकड़ा इस संदर्भ में बिलकुल सही था क्युँकि शेष 10% काला धन वाले व्यवस्था में घुसकर अपने धन को सुरक्षित कर चुके हैं , शेष 90% मुर्ख परेशान हैं जो देशभक्ति की आँड में बैंक के सामने लाईन लगाए हुए हैं।
9- कल से स्थिति यह है कि तमाम ऐसे केंद्र खुलने की अफवाहें हैं जहाँ कल से बट्टे पर नोट बदले जा रहे हैं और बच गया काला धन कुछ अधिक पैसे देकर सफेद हो रहे हैं , सोचिए सेटिंग कि यह लोग किस जरिए यह पुरानी करेन्सी नई कराएँगे ?
देशभक्ति की आँड में अंधीभक्ती उचित नहीं इसलिए सोचिए कि यह सरकार किसके मेहनत का धन निकलवा रही है और किसका कालधन 22 अक्टूबर 2016 से ही सुरक्षित करने का इशारा कर चुकी है।
http://indianexpress.com/…/vadodara-pm-modi-helps-a-divyan…/
■ सवाल यह भी है कि मीडिया और विपक्षी पार्टी कांग्रेस को यह तथ्य क्युँ नहीं मिलते जबकि मैं एक साधारण सा व्यक्ति सब सर्च कर लेता हूँ ?
#COPY