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Tuesday, 8 November 2016

देसके ये हलात ओर देशके नागरीक

✍✍✍✍साथियों देश की व्यवस्था मिडिया व् राजनेताओ के कब्जे में हो गई है।जो जैसा देश को चलाना चाहे चला रहे है बाकी देश की जनता जाने अनजाने में इस व्यवस्था का हिस्सा बन जाती है।😱😱
         👉👉देश की समस्या वही है जिसे मिडिया उछाल दे और उस समस्या का लाभ उठाने के लिये वहां नेता पहुंच जाये।बाकि कितनी ही बड़ी समस्या क्यों न हो जब तक मिडिया उसे कवरेज नहीं दे वो समस्या नहीं कहलाती है।नेता भी उसे समस्या नहीं मानते हैं।😱
👉👉मिडिया के समाचार व् नेताओ की प्रत्येक नौटँकी का कोई न कोई मकसद होता है जबकि हम उसे समाचार समझ लेते हैं।देश के 15% लोग सत्ता पर बने रहने के लिये यह लोग यह नौटँकी करते हैं।😱😱😱
👉👉 किस समुदाय,जाति व् धर्म की ताकत को कमजोर करना है व् किसको मजबूत करना है यह मिडिया व् नेता तय करते हैं।😱
  👉👉काल्पनिक नाम निर्भया बलात्कार कांड इसलिये मिडिया की नजरों में जघन्य अपराध था क्योंकि निर्भया ब्राह्मण जाति से थी और बलात्कारी मुसलमान व् दलित थे।दलित महिलाओ के साथ इससे भी ज्यादा खौफनाक व् जघन्य बलात्कार व् हत्यायें हुई है देश में लेकिन वो कभी मिडिया की सुर्खियां नहीं बनी।निर्भया की शहादत को चिरस्थाई रखने के लिये निर्भया के नाम से कानून बन गया।😱😱😱😱
👉👉👉दिल्ली जाकर आम आदमी पार्टी के जलसे में आम आदमी पार्टी के कार्येकर्ता ने राजस्थान से जाकर फांसी लगाने का नाटक किया।उसका नाटक हकीकत में बदल गया और मीडिया ने उसे किसान की आत्महत्या बता दिया।नेता सारे उसके दाहसंस्कार में पहुंच गये।सरकार ने मुआवजा घोषित कर दिया।नेताओ ने आर्थिक सहयोग कर दिया।दिल्ली की आम आदमी सरकार ने अलग से घोषणा कर दी।लाखों रूपये उस नौटँकीबाज के परिवार को मिल गये।क्योकि वह राजपूत था।जबकि न तो वो किसान था और न ही वो कर्जदार था।विधायक का चुनाव भी लड़ चुका था।यह क्या है ? यह मिडिया की महेरबानी है।उसकी मौत की हकीकत छुपाकर हाईलाइट किया।नेता तो ऐसे मौके ढूंढते है।जबकि हजारों वास्तविक किसान व् दलित कर्ज में डूबकर आत्महत्या हकीकत में करते है उनको एक रुपया मुआवजा नहीं मिलता है और न ही कोई नेता उस किसान के घर की सुध लेता है।😱😱😱😱😱😱😱
  👉👉👉राजस्थान के पाली जिले के भेड़ कल्ला गांव में गांव के जागीरदार ने दलित युवक को गांव की चौपाल पर टेक्टर से कुचलकर हत्या कर दी।एक दिन अख़बार में आया। दूसरे दिन बन्द।कोई नेता उसके परिजनों से मिलने नहीं गया और न ही सरकार ने कोई मुआवजा दिया।क्योंकि मिडिया नहीं चाहता की ऊँची जाति के लोगो से दलित नाराज हो।जबकि डांगावास में दो परिवारों की लड़ाई को जाट-दलित लड़ाई बनाकर राष्ट्रिय मुद्दा बना दिया।मिडिया व् राजनेताओ की सहानुभूति दलितों के साथ नहीं थी।लेकिन दलितों- जाटों के दिलो में एक दूसरे के प्रति घृणा पैदा करना था।😱😱😱
👉👉👉आज भी जहां स्वर्ण जातियों का दबदबा है वहां दलितों को मंदिरों में नहीं घुसने दिया जाता,सर्वजनिक तालाबों व् कुओं पर पानी नहीं भरने दिया जाता और घोड़ी पर दूल्हा नहीं बैठ सकता लेकिन मीडिया उनको हवा नहीं देना चाहता क्योकि दलितों के मन में स्वर्णो के प्रति घृणा पैदा हो जाये।😱😱
  👉👉👉जबकि जयपुर के चकवाड़ा में तालाब से पानी भरने की घटना को राष्ट्रीय न्यूज बनाया गया।क्योंकि वह घटना दलितों व् जाटों के बीच घटी थी।जाटों व् दलितों को आपस में कमजोर करने का कोई भी मौका मिडिया व् नेता नहीं छोड़ते हैं।😱😱
👉👉👉 पुरे देश में हिन्दुओ व् मुसलमानों के बीच दंगे होते रहते है लेकिन उत्तर प्रदेश के मुज्जफर नगर में हुये दंगे को जितना मिडिया ने उछाला उतना किसी को नहीं उछाला।क्योकि उतर प्रदेश में जाट-मुसलमान का 40 साल से मजबूत गठजोड़ था इन्हें कमजोर करना जरूरी था।इसलिये दंगे को हिन्दू-मुस्लिम दंगा न बताकर जाट-मुस्लिम दंगा बताया गया।मिडिया व् राजनेताओ ने अपना मकशद हासिल करने के लिये जाटों को हिन्दुओ से अलग ही कर दिया।😱😱😱
  👉👉 वन रैंक- वन पेंशन की मांग को लेकर शहीद होने वाला रामकिशन ग्रेवाल की शहादत को भी मीडिया गलत तरीके से पेश कर रहा है व् देशभक्ति का प्रमाण पत्र बाँटने वाले भी इस जवान की शहादत पर चुप है क्योंकि शहीद होने वाला जवान दलित परिवार से था।यही जवान किसी स्वर्ण जाति से होता तो पुरे देश में भक्त केंडल मार्च निकालते।😱😱
    🙏🙏 मेरे कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां व् मिडिया में बैठे लोग सिर्फ बहुसंख्यक वर्ग को गुमराह करके सत्ता में बने रहने का काम करते हैं।🙏🙏
👊👊👊किसानों,दलितों व् अल्पसंख्यको की समस्याओं से इनका कोई लेना देना नहीं है।मिडिया के माध्यम से किसान वर्ग की जातियों,दलितों व् मुसलमानों में आपस में जहर घोलते रहेंगे और लड़ाते रहेंगे।खुद की सत्ता को बचाते रहेंगे।👊
    👍👍 अभिजात्य वर्ग की साजिश को समझो व् किसान,दलित व् अल्पसंख्यक अपनी समस्याओं की ओर ध्यान दें।आपस में लड़ने से अगर लाभ होता तो हम से पहले यह लोग लड़ते।इसलिये लड़ाई को छोड़ प्रेम से विकास की राह पर चलें।💪💪💪💪

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...