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Sunday, 13 November 2016

वोटसओप के कुच मेसेज कालाघन के वीसय पर जरुर परहे गा

[11/11, 5:31 PM] ‪+91 98333 90455‬: भारतीय रिजर्व बैंक और उसका राजनैतिक उपयोग :-

शुद्ध रूप से "रिजर्व बैंक आफ इंडिया" के एक काम में देश के प्रधानमंत्री का दखल देना , रिजर्व बैंक आफ इंडिया के कार्यों तथा नीतियों को लीक करना जैसा ही है , 8 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा शुद्ध रूप से "रिजर्व बैंक आफ इंडिया" से संबंधित घोषणा थी ना कि केन्द्र सरकार के कामों से संबंधित। और मेरा यह विश्वास है कि रिजर्व बैंक की इस योजना जिसे "अर्थशास्त्र" में "विमुद्रीकरण" (Denonetization) सिद्धांत कहा जाता है प्रधानमंत्री को बहुत पहले बता दी गयी जो कि बेहद गोपनीय होती है , प्रधानमंत्री ने इसे अपनी इमेज बिल्डिंग के लिए इस्तेमाल किया और चुँकि प्रधानमंत्री बेहद शातिर और साजिश करने वाला व्यक्ति है तो अपने "गुंडे" अमित शाह को उसी इशारे से यह सूचना दे दी होगी जिससे संघ और भाजपा के बड़े बड़े फाईनेन्सर समय रहते अपनी करेन्सी को सुरक्षित कर सकें , ऐसे ही इशारे से इन दोनों ने मिलकर "गुजरात दंगे" कराए , इशारों की प्रमाणिकता नहीं होती और ये दोनों बच गये ये कौन नहीं जानता

मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री ने 8 नवम्बर को 8 बजे शाम में यह झूठ बोला कि अब से कुछ सेकंड पहले तक उनको खुद नहीं पता था कि ऐसा होने वाला है , और यह निर्णय आनन फानन में लिया गया , क्युँकि 500-2000 क्या एक रूपये के नये नोट भी कभी आनन फानन में नहीं बनते बल्कि इसमें कम से कम 6 महीने तो लगते ही हैं , करेन्सी छापने की एक प्रक्रिया होती है , यह युँ ही नहीं छाप दी जाती , जहाँ तक मैंने अर्थशास्त्र के परास्नातक (एम•ए•) में अध्ययन किया है उससे इतना ज्ञान मिला है कि करेन्सी छापने की प्रक्रिया क्या है ?

यह किसी प्रिंटिंग प्रेस से "पम्पलेट" छापने जैसा नहीं है बल्कि "रिजर्व बैंक आफ इंडिया" जितनी करेन्सी छापता है उतने मुल्य का "गोल्ड भंडार" उस करेन्सी को सुरक्षित रखने के लिए अपने पास रखता है , यही कारण है कि वह हर करेन्सी पर "धारक को 100 अथवा 1000 देने का वचन देता है" इस वचन का अर्थ यह है कि यदि बुरी से बुरी स्थिति भी रिजर्व बैंक के सामने आई तो वह उस मुल्य का सोना उस करेन्सी धारक को देगा जो उसने करेन्सी जारी करने से पूर्व "रिजर्व" रखा है। अर्थात जितनी करेन्सी "आरबीआई" ने जारी की है उतने मुल्य का "स्वर्ण भंडार" उसके पास होगा और यदि उसे और करेन्सी जारी करनी है तो उतने ही मूल्य का और "स्वर्ण भंडार" बढ़ाना पड़ेगा , ऐसा इसलिए कि करेन्सी का केन्द्रीय करण (इकट्ठा) करके कोई "रिजर्व बैंक आफ इंडिया" को बंधक ना बना दे , क्युँकि देश का सबसे बड़ा "टकसाल" तो "रिजर्व बैंक आफ इंडिया" ही है। सारी दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था इसी अर्थ सिद्धान्त से चलती है।

देश में प्रचलित कुल करेन्सी के बराबर "स्वर्ण भंडार" को "रिजर्व" रखने की हालत में कोई भी करेन्सी इकट्ठा करके "रिजर्व बैंक आफ इंडिया" को चैलेंज नहीं कर सकता , इसी लिए इस संस्था का नाम "रिजर्व" से प्रारंभ है।

कहने का तात्पर्य यह है कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया के नये 500-2000 के नोट निकालने की प्रक्रिया में भी इसी पूरी प्रक्रिया को अपनाया गया होगा , उसी अनुपात में "स्वर्ण भंडार" बढ़ाया गया होगा , फाईलें बनाई गयीं होंगी , एक टेबल से दूसरे टेबल तक हस्ताक्षर हुए होंगे , करेन्सी की डिजाइन बनाई गयी होगी , प्रिन्टिंग प्रेस में ही कम से कम 1 महीना प्रिन्ट करने में लगा होगा , और फिर रिजर्व बैंक तक पहुँचा होगा फिर उन्होंने हर बैंक के मुख्यालय तक पहुँचाया गया होगा , हर बैंक से उसके मुल्य का फंड ट्रान्सफर लिया गया होगा तो बैंक ने भी एक निर्धारित प्रक्रिया अपनाई होगी जिसमें पूरा गुणा भाग किया गया होगा , और फिर हर बैंक अपने सभी शाखाओं तक यह नयी करेन्सी पहुँचाया , जो आज जनता तक उपलब्ध है।

बैंक से ₹4000/= के और एटीएम से ₹2000/= ही नये नोट निकालने के पीछे भी यही सिद्धांत है कि पुराने करेन्सी बाजार से आजाएँ तो उनको नष्ट करके नयी करेन्सी छापी जाए क्युँकि पुरानी करेन्सी के बराबर तो आरबीआई के पास "स्वर्ण भंडार" है ही। जैसे जैसे पुरानी करेन्सी आएगी उसको नष्ट करके उसी मुल्य की नई करेन्सी आरबीआई छपवा कर पुनः बाजार में उतार देगी। स्थिति सामान्य होने की यह एक लम्बी प्रक्रिया है जो कम से कम 6 महीने ले सकती है।

अब आप सोच रहे होंगे कि इससे काला धन कैसे बाहर आएगा ? तो बता दूँ कि अपनी घोषित आय और अभी सरकार द्वारा दी गयी "40% पर अपने पास उपलब्ध अघोषित धन की घोषणा" के समय के बाद उन सभी लोगों के भी जो सामान्य रिटर्न दाखिल करते हैं और जिनके जिनके खाते में या बैलेंसशीट में दिखाए धन अथवा कैपिटल से अधिक धन होगा वह बैंक में नहीं जमा कर पाएँगे क्युँकि यदि शो की गयी पूँजी या कैश से अधिक जमा किया तो फिर इस वर्ष के इनकम टैक्स रिटर्न में यह शो हो जाएगा और 200% पेनल्टी लग जाएगी और इनकम टैक्स के दुनिया भर के झमेले झेलने होंगे।

ऐसे लोग इन जमा करेन्सी का पूरा समायोजन नहीं कर पाएँगे और यह छिपी करेन्सी खत्म (इक्सपायर) हो जाएगी , फिर गणना करके रिजर्व बैंक यह आकलन करेगा कि ऐसे कितने मुल्य की करेन्सी इक्सपायर हुई , मान लीजिए दो लाख करोड़ की इक्सपायर हुई तो इतना "स्वर्ण भंडार" बच गया क्युँकि फिर उस इक्सपायर करेन्सी का भुगतान आरबीआई को नहीं करना पड़ेगा और वह उतने "स्वर्ण भंडार" के पुनः करेन्सी छाप देगा जो देश के खजाने में आएगा। यह पुर्ण रूप से रिजर्व बैंक आफ इंडिया के काम करने की सामान्य प्रक्रिया है जिसका राजनीतिक लाभ उठाने के लिए प्रधानमंत्री को श्रेय दिया जा रहा है , यह आरबीआई की गोपनीयता का उल्लंघन भी है।

अब यह मत कहिएगा कि प्रधानमंत्री भी गोपनीयता की शपथ से बंधे हैं इसलिए कोई समस्या नहीं तो मैं कहूँगा कि "शपथ" का बलात्कार सबसे अधिक प्रधानमंत्री और पूरे भारत में फैले उनके लल्लू पंजू ही करते हैं।

कम से कम पिछले 6 महीने से चल रही इस प्रक्रिया की जानकारी प्रधानमंत्री , वित्त मंत्री को थी और गोपनीयता की शपथ का इमानदारी से पालन होता तो भी समस्या नहीं थी , प्रधानमंत्री ने अपने गुर्गे अमित शाह को यह खबर लीक की और संघ तथा भाजपा से जुड़े सभी कालेधन वालों ने इतने दिनों में अपनी करेन्सी को बचा लिया। और तब तो और सोचिएगा कि क्या हुआ होगा जबकि "रिजर्व बैंक आफ इंडिया" का गवर्नर अंबानी का नौकर रह चुका है , पर्दे के पीछे क्या क्या खेल हुआ होगा अब आप अंदाजा लगा सकते हैं।
[11/12, 11:01 AM] Juned American: 😲😲😡😡😡भारत के इतिहास का सबसे बड़ा खेल 😥😥😥😥 दो लोगों ने कैसे सवा सौ करोड़ की जनता को मूर्ख बनाया❓❓❓❓❓❓ क्या मुकेश अंबानी रूपयों के बदलाव के बारे में सबकुछ पहले से ही जानते थे ? उन्होंने अरबों - खरबों रूपये जियो में लगा दिए और उसे 30 दिसंबर तक फ्री कर दिया ? और आश्चर्यजनक बात है कि आप 30 दिसंबर तक ही रूपये बदल सकते हैं। उसके बाद जनवरी 2017 से जियो को पूरा return white money के रूप में मिलेगा। इसको कहते हैं। एक बड़े बिजनेसमैन का masterstroke  या पूरे देश को मूर्ख बनाने वाली एक और शातिर चाल....ये तो वक्त ही बतायेगा। आपको यह जानकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि क्यों रघुराम राजन जैसे ईमानदार, देशभक्त व्यक्ति को हटाकर उनकी जगह मुकेश अंबानी के बहनोई (जीजा) व Reliance कंपनी के CEO को बड़ी जल्दबाजी करके Reserve Bank of India का गवर्नर बना दिया गया।  What a game... कुछ तो देश के बारे में सोचो.......   देशहित में  ज्यादा से ज्यादा  शेयर करें ..........
[11/12, 6:12 PM] ‪+91 98333 90455‬: हमारे देश में प्रधानमंत्री ने अचानक 500 और 1000 के नोट बंद करने की घोषणा करदया.ास के बाद से ही पूरे मीडिया सारे तथाकथित बुद्धिजीवी उसकी प्रशंसा में जुटे होए हीं.तकरेबा सभी राजनीतिक पार्टियां पुरजोर विरोध नहीं कर पा रही हैं। ऐसा क्यों हो रहा है यह समझने के लिए बहुत पहले सुना होाएक घटना याद आता है।
किसी देश में एक मूर्ख राजा राज्य करता था उसके सामने कुछ चालाक लोगों ने एक दर्जी को यह कहकर पेश किया कि यह एक बाकमाल दर्जी हे.बेश मूल्य और शानदार कपड़े बनाता है, खासकर ऐसी गियर तैयार करता है कि जिस बस ..हलाली .. ही देख सकते हैं यानी जो मोहक नज़र न आए वह निश्चय पुत्र हराम होगा .... राजा बहुत खुश हुआ और लाखों रुपये और कीमती कृोजवाहरान को देकर वह कपड़े तैयार करने का आदेश दिया।
कुछ समय के बाद वे लोग एक सुंदर बॉक्स में बंद रंगीन कागज में लिपटा हुआ कुछ सामान लेकर राजा की सेवा में उपस्थित होए.कहा
..हज़ोरआप वस्त्र तैयार है लेकिन इसे हम अपने हाथ से पहनाएं होगा इसलिए जरा एकांत में चलें।
राजा तनहाएक कमरे में गया ये लोग भी पीछे पीछेगए। कमरे में जाकर उन्होंने पहले रंगीन कागज अलग फिर बॉक्स खोला राजा को पास बुलाया और कहने लगे।
.. यह है एक शानदार पोशाक जो भी देखेगा देखता रह जाए गा.दीखए क्या रंग है क्या डिजाइन है।
राजा ने झुककर बॉक्स के अंदर देखा उसे कुछ नजर नहीं आया बॉक्स खाली था ... राजा सोच में पड़ गया कि अगर यह कहता हूँ कि मुझे कुछ नजर नहीं आ रहा तो मैं भे..हलाली .. नहीं रहूं गा.बादशाह को भी खराब विचार मौका दिए बिना वह चरब भाषा लोग कहने लगे।
..हज़ोर अब देर न करें तुरंत इस दुर्लभ कपड़े शोभा तन करे बाहर पूरा दरबार दर्शन का इंतजार कर रहा है।
राजा ने खुशी खुशी अपने बदन के कपड़े ातारे.फर उनके बैठक बाजों ने राजा को फर्जी लिबास पहनाया नियमित अदृश्य बटन लगाए शिकन दूर कें.बादशाह को दरबार से लेकर चले.दरबार में प्रवेश करने से पहले ही उनमें एक आगे बढ़ा घोषणा करने लगा।
.. स्वागत केजएहज़ोर बादशाह सलामत ऐसा बहुमूल्य अच्छा और दुर्लभ पोशाक शोभा तन फ़रमाकर नेविगेट ला रहे हैं जो आज से पहले किसी ने नहीं पहुँा.याद रहे इस बस सही वंश वाले लोग ही देख सकेंगे।
राजा जब दरबार में प्रवेश किया तो पूरा नंगा था मगर सारे दरबारी खड़े होकर तालियां बजाने थे।
.. वाह क्या कहने कपड़ों। क्या शोख रंग हे.डीज़ाईन कितनी उत्कृष्ट है।
ग़रज़ जितने मुंह उतनी बातें थीं.कसी में यह साहस नहीं था कि राजा को नंगा कहकर खुद वंश को खतरे में डाले..एक चापलूस ने सुझाव दिया है कि पवित्र उसी पोशाक में शानदार जुलूस निकालना चाहिए ताकि प्रजा भी दुर्लभ गियर का दर्शन कर सके।
जुलूस निकला सारे लोगों ने नंगे राजा को देखा सबने सराहना की किसी ने फूल बरसाए एक गुलाब सिंचाई की .... किसी में व्यक्त सही हिम्मत नहीी थी.ठाहर है हरामी कहलाने का जोखिम कौन मोल लेता।?
कुछ दूर बाद बचे रास्ते में खेल रहे थे उन्होंने जब राजा दीखातवोह .. मन के सच्चे .. शोर मचाने लगे।
.. देखो देखो राजा नंगा हे.नंगा है ....
बिल्कुल उसी तरह जब मोदी जी ने काले धन और आतंक वादक उन्मूलन के नाम पर 500 और 1000 के नोटों को निरस्त करने की घोषणा की तो सारे ..बधी जेवी .. अर्थ शाशतरी..म्मीदान में आ गए।
वाह वाह क्या कदम क्या है।

अब जरूरत इस बात की है कि कुछ मन के सच्चे लोग सरकार को बताएँ कि सड़कों पर कैसी अफरातफरी। लोग रुपया जेब में रखने के बावजूद भूखे हीं.ासपतालों में इलाज नहीं हो रहा ... उनमें कोई कड़ोड़ पत्ता नहीं है कोई आतंकी घाटी नहीं है.आम भारतीय हैं जो इस उम्मीद पर मोदी को लाए थे कि जादू की छड़ी घुमाकर वह हमारे सारे दलदर दूर कर देंगे 15. 15 लाख रुपये सब मिल जाएंगे मगर मोदी ने तो घर के पैसे भी कागज बना दिए।
लोग इसका विरोध इसलिए नहीं कर पा रहे हैं तथाकथित ..बधी जीवी..ारथ शाज्यरी..ानखें आतंकवादी या काला धन वाला न क़रार देदें।
क्या हमारे देश में ..मन केसचे..अफराद बिल्कुल नहीं।
Mawlana Mahmood daryabadi
[11/12, 10:22 PM] ‪+91 93271 83464‬: *सुप्रीम कोर्ट जा रहे है हम मोदी के खिलाफ*

₹ 500 ₹ 1000

👉मोदी सरकार के 500₹ - 1000₹ के नोटो को बंद करने के फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रहे है|

₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹

👉देश के 70 साल के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार इस तरह का गैरजिम्मेदाराना व्यवहार भारत के किसी प्रधानमंत्री ने दिखाया है...

👉 *भारत के इतिहास का यह पहला हिटलरशाही  फैसला है, जिससे देश के समस्त 125 करोड़ से अधिक नागरिकों के जीवन पर सीधा असर होगा|*

👉चाय वाला, पान वाला, राशन वाला, सब्जी वाला, कोई भी दुकानदार, छोटा- बड़ा बिजनेसमैन, अधिकारी कर्मचारी, हर महिला पुरूष, गृहणी, बुजुर्ग के जीवन को सरकार ने गंभीर परेशानी में डाल दिया है..

👉 *वो लाखों लोग क्या करें जिनके घरों में नवम्बर दिसम्बर में शादी है?*

👉वो नौजवान क्या करें जो नया बिजनेस शुरू करना चाहते है?

*वो बुजुर्ग या बीमार व्यक्ति क्या करें जिनके घरों में कोई रोजाना बैंको में चक्कर काटने वाला नही है??*

वो दूरदराज के गांवो में रहने वाले लोग क्या करें जो रोजाना बैंको में नही आ जा सकते...

*जिन गरीबो के पास बैंक खाते नही है, वो क्या करें...??*

जो किसी दूसरे..के बैंक खाते में जमा करा भी दे तो क्या गारंटी है, कि उसको उसका पैसा लौटा दिया जायेगा???

👉रूपये को बैंक तक लाना ले जाना भी आसान काम नही, जिनके पास अपनी गाड़ी है, उनको दिक्कत, जिनके पास नही है, वो कैसे बैंको तक अपनी गाढ़ी कमाई को पहुंचाये...???

*रूपये लाते ले जाते अगर कोई लूट की वारदात हुई तो कौन होगा जिम्मेवार???*

👉 *स्विस बैंको* में लाखों - करोड़ो नही बस कुछ हजारों लोगों का खाता है, जिनमें से अधिकतर राजनेता है, तो फिर क्यों काले धन के नाम पर आम लोगों को परेशान किया जा रहा है...??

*देश में आर्थिक सशक्तिकरण आर्थिक आपातकाल लगाकर नही लाया जाता|*

👉15 लाख का लालच देकर सत्ता हथियाने वाले माननीय प्रधानमंत्री जी के फैसले के विरूद्व अगर आप अपना राय या सुझाव देना चाहे...

तो आप हमें ईमेल या वॉटस अप करें... केवल 12 नवम्बर तक...या हमारे फेसबुक पर कमेंट करें...
₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹

*Email Id-* dhruvlawassociates@gmail.com

*वॉटस एप्प नम्बर* -  9015631082

Facebook पेज का लिंक ..
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*एड. मनोज धिरयान*
ध्रुव लॉ एसोशिएट
9015631082

इस मुद्वें पर मोदी पर पहला मुकदमा...

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*ज्यादा से ज्यादा लोगों और ग्रुप तक  Share करें...हर भारतीय के हित से जुड़ा हुआ मामला है...*
[11/12, 10:34 PM] azharudin: नई दिल्ली: नोटबंदी के फैसले का कांग्रेस पहले दिन से विरोध कर रही है. इसी बीच बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी का दो साल पुराना वीडियो वायरल जिसने बीजेपी की नींद उड़ा रखी है. इस वीडियो में मीनाक्षी लेखी यूपीए की डिमोनेटाइजेशन फैसले का विरोध करती दिख रही हैं
दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले यूपीए सरकार ने 2005 से पहले के नोटों को बदलने का फैसला किया था. जिसे बीजेपी ने गलत फैसला बताया था. बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने उस निर्णय को एक गिमिक करार दिया था और कहा था कि यह विदेशी खातों में जमा काले धन के मुद्दे की तरफ से ध्यान हटाने की एक कोशिश है. केजरीवाल ने ट्विटर पर मीनाक्षी लेखी के इस वीडियो को रिट्वीट किया. जिसके बाद ये वायरल हो गया. इस वीडियो में मीनाक्षी लेखी वही बातें कह रही हैं जो आज नोटबंदी के बाद कांग्रेस कह रही है.
[11/12, 10:45 PM] ‪+91 80857 02604‬: 🌈नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली कह रहे हैं की नोट बंद करने की पूरी योजना बेहद गोपनीय थी, तो RSS और BJP समर्थक news paper दैनिक जागरण ने 27 अक्टूबर 2016 को इस संबंद्ध में कैसे खबर निकाल दी और जब दैनिक जागरण के पास यह खबर है तो कैसे सरकार और मोदी समर्थक बड़े कॉर्पोरेट घरानों अम्बानी, अडानी इत्यादि के पास यह खबर न हो, क्या यह संभव है, कदापि नहीं ।
#Parvezalam

जरा संलग्न न्यूज़ पेपर देखें ।👇👇👇
[11/12, 10:55 PM] ‪+91 99131 73340‬: [http://abpnews.abplive.in/india-news/old-video-of-bjp-mp-meenakshi-lekhi-on-black-money-goes-viral-494727/] [Old video of BJP MP Meenakshi Lekhi on black money goes viral |] is good,have a look at it!
[11/12, 10:55 PM] ‪+91 99131 73340‬: कोहराम न्यूज़ की इस खबर को ज़रूर पढ़े,  असली 2000 का नोट बाजार में पहुंचा नही, नकली नोट ने दी दस्तक http://www.kohraam.com/national/2000-note-fake-currency-in-market-83320.html
[11/12, 10:55 PM] ‪+91 99131 73340‬: Breaking News: सामने आया 2000 का नकली नोट, मोदी सरकार परेशान !

http://h5xz.hotoday.in/hotodayshare/h5/detail/?app=hotoday&uid=01011611071925104801000034929102&id=1025205274&type=0&share=1&lang=Hindi&tm=1478949883
[11/12, 11:06 PM] Farid morbiwala: http://www.jantakiawaz.org/category/state/utterpradesh/news-58072
[11/12, 11:53 PM] FAIZAN AGRA UP: काला नहीं मेहनत का धन लूट रही है सरकार :-

भारत की 90% जनता मुर्ख है , यह जस्टिस मार्कन्डेय काटजू ने कहा था तो गलत नहीं कहा था। क्युँकि इस जनता को बार बार मुर्ख बनाया जा रहा है और जनता बन रही है।

दरअसल केंद्र में मौजूद मोदी सरकार की एक नीति रही है कि उसके हर फैसले को देश की सेवा से जोड़कर प्रस्तुत किया जाए और जनता के देशप्रेम की भावनाओं का दोहन किया जाए , जो भी उनके फैसले की आलोचना करे उसे देश विरोधी सिद्ध किया जाए।

माफ कीजिएगा , बाजार का काला धन सफेद हो चुका है और उसको सिद्ध करने के लिए मैं कुछ सबूत दे रहा हूँ।

1- सबूत नंबर 1, जिस घोषणा को प्रधानमंत्री 8 नवम्बर को बेहद गोपनीय बता रहे थे और यह कह रहे थे कि अभी कुछ मिनट पहले यह निर्णय लिया गया है और उनको खुद पहले से नहीं पता था , वह सूचना संघी समाचार पत्र "दैनिक जागरण" अपने 26 अक्टूबर 2016 के अंक में छाप चुका है कि 500-1000 के नोट बंद होंगे और ₹2000/= के नोट छप गये हैं , चित्र संख्या 1 देखिए।

2- भारत के समाचार पत्र सबसे पहले रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर पहुँचते हैं जिसका समय अधिकतम :30 बजे रात या इससे पहले होता है , 8 नवम्बर की रात 8:35 पर प्रधानमंत्री की घोषणा का यह विज्ञापन हिन्दुस्तान टाईम्स 9 नवम्बर के अंक में छाप देता है जिसे छापने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की अनुमति लेनी पड़ती है , और जहाँ तक मैं समझता हूँ कि कितनी भी जल्दी कोई छापे , समाचार पत्र में विज्ञापन छपने की पूरी प्रक्रिया 7 बजे तक बंद हो जाती है। मात्र 2-3 घंटे के अंदर यह विज्ञापन छपना संभव ही नहीं। इसकी पूरी तैयारी पहले से की गयी और प्रधानमंत्री ने देश से झूठ बोला।

3- कालाधन जिनके पास होता है वह बड़े सेटिंग वाले लोग होते हैं , उनकी पैठ बहुत गहरी होती है , ध्यान दीजिए कि दैनिक जागरण को यदि यह खबर लग गयी तो व्यवस्था में पैठ रखने वालों को क्या पहले से पता नहीं रहा होगा ? बिलकुल रहा होगा और उन्होंने अपनी पुरानी करेन्सी सोने इत्यादि में खरीद ली होंगी।

4- भारत में सबसे पहले संभतः आईसीआईसीआई बैंक खुलता है सुबह 8 बजे और आज ही जिसे सबसे पहले भारत में नयी नोट मिली उसे एनडीटीवी ने दिखाया तो कल से यह दो तस्वीरें सोशलमीडिया पर जो घूम रही हैं उनके हाथ में नयी नोट कहाँ से आ गयीं ? चित्र संख्या 3-4-5 देखिए। सोचिए कि एक भाजपा अध्यक्ष की बेटी नलिनी मोर्य के पास नये नोट लांच होने से पहले केसे पंहुच गये???

5- दरअसल जो गरीब लोग अपनी मेहनत की कमाई जोड़ जोड़ कर रखे हुए हैं सारी समस्या उनके लिए इस सरकार ने पैदा की है , भाजपा संघ के धन्नासेठों ने अपने कालेधन का काम तमाम कर दिया है।

6- रिजर्व बैंक आफ इंडिया का गवर्नर उर्जित पटेल अंबानी बंधुओं के बहनोई का भाई है तो समझा जा सकता है कि क्या क्या हुआ होगा।

7- यह सब छोड़िए , प्रधानमंत्री ने अपने 22 अक्टूबर 2016 के बडोदरा के दौरे में मंच से संबोधन किया था उसका यूट्यूब पर मौजूद वीडियो देख लीजिए जिसमें उन्होंने 500-1000 के नोटों पर सर्जिकल स्ट्राईक की जरूरत बताई थी और काले धन की सबसे बड़ी वजह 500-1000 के नोटों को बताया था।

8- मार्कन्डेय काटजू का 90% के मुर्ख का आँकड़ा इस संदर्भ में बिलकुल सही था क्युँकि शेष 10% काला धन वाले व्यवस्था में घुसकर अपने धन को सुरक्षित कर चुके हैं , शेष 90% मुर्ख परेशान हैं जो देशभक्ति की आँड में बैंक के सामने लाईन लगाए हुए हैं।

9- कल से स्थिति यह है कि तमाम ऐसे केंद्र खुलने की अफवाहें हैं जहाँ कल से बट्टे पर नोट बदले जा रहे हैं और बच गया काला धन कुछ अधिक पैसे देकर सफेद हो रहे हैं , सोचिए सेटिंग कि यह लोग किस जरिए यह पुरानी करेन्सी नई कराएँगे ?

देशभक्ति की आँड में अंधीभक्ती उचित नहीं इसलिए सोचिए कि यह सरकार किसके मेहनत का धन निकलवा रही है और किसका कालधन 22 अक्टूबर 2016 से ही सुरक्षित करने का इशारा कर चुकी है।
http://indianexpress.com/…/vadodara-pm-modi-helps-a-divyan…/

■ सवाल यह भी है कि मीडिया और विपक्षी पार्टी कांग्रेस को यह तथ्य क्युँ नहीं मिलते जबकि मैं एक साधारण सा व्यक्ति सब सर्च कर लेता हूँ ?
#COPY
[11/13, 12:09 AM] ‪+91 98244 61886‬: भारत के इतिहास का सबसे बड़ा खेल दो लोगों ने कैसे सवा सौ करोड़ की जनता को मूर्ख बनाया
क्या मुकेश अंबानी रूपयों के बदलाव के बारे में सबकुछ पहले से ही जानते थे ? उन्होंने अरबों - खरबों रूपये जियो में लगा दिए और उसे 30 दिसंबर तक फ्री कर दिया ? और आश्चर्यजनक बात है कि आप 30 दिसंबर तक ही रूपये बदल सकते हैं। उसके बाद जनवरी 2017 से जियो को पूरा return white money के रूप में मिलेगा। इसको कहते हैं। एक बड़े बिजनेसमैन का masterstroke या पूरे देश को मूर्ख बनाने वाली एक और शातिर चाल....ये तो वक्त ही बतायेगा। आपको यह जानकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि क्यों रघुराम राजन जैसे ईमानदार, देशभक्त व्यक्ति को हटाकर उनकी जगह मुकेश अंबानी के बहनोई (जीजा) व Reliance कंपनी के CEO को बड़ी जल्दबाजी करके Reserve Bank of India का गवर्नर बना दिया गया। What a game... कुछ तो देश के बारे में सोचो....... देशहित में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ..........
[11/13, 1:36 AM] ‪+91 99935 42111‬: 😳पुरे देश को मुर्ख बना रहे है,बोलते है 6 महीने से नोट छापने का काम चल रहा है,सारे के सारे नए नोट पे *उर्जित पटेल* के साइन है,ओर उर्जित पटेल को पद पे आये ही 2 महीने हुए है।
अब की बार मुर्ख बनाओ सरकार ?😳

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...