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Saturday, 19 November 2016

सरकार से कुच सवाल जरुर परहे गा !

सरकार को खुला मेसेज ओर कय सवाल

कया ये सरकार  अमीरो की गुलाम हे या उनका ही सोचती हे ?

कया सरकार गरीबोको दबाने ओर उनके हक्क मारने के काम नही करती ?

मेरे भाईयो सोचो नोट बंन्दी के कारान कीतनी तकलीफ हुइ हे आम जनताको ये खुले तोर पर एेटी अेम ओर बेंककी लायान ओर बजारो मे पता चलजा ता हे ,
ओर लोगो के खुस्से के मेसेज वीदीयो या ओदीयो सोसीय मीदीया पर दीखजाता  हे ,

हमारे देशके नेटा ओर सरकारी सीस्सतम आम लोगो को ही हेरान करती हे ये सीस्तम आजादी से लेकर आज तक चली आरही हे ,

हमे फीरसे आजादी पाराप्त करनी परेगी ,

आजादी के बतवारे के समय हमारे कुच अेसे लीदर थे जो अंगरेजो के दलाल ओर उनके इसारे पर काम करते थे जीसका नतीजा ये हुवाके भारतको आजादी दीलाने से पेहले हमारे नेटाओने बतवारे पर अपनी राय हामे देदी , ओर बतवारे मे भारतके आम जंनता ये चाल समज नही पाइ ओर अपने नेटा ओ के जाल मे फस गइ इसका नतीजा ये हुवा के आम जंनता आजादी को मेहसुस करती उसी वक्त घर्मवाद की बीमारी का जहेर भेलाया गया जीसका मे पुरा दलालो ओर अंगरेको पीथ्थु ओको जीम्मेदार मानता हु ,
आजादी के बादकी सारे इतीहास को परहो ओर मालुम करो के काय हुवा उस वक्त ये जान ना जरुरी ओर तर्क जरुर करना ,

ये नोट की जो समसीया हे येभी अेक आम लोगो को हेरान करने वाली बात हे ओर देशको बरबाद ओर तोरने ओर कमजोर करने वाला काम हे ,

इस्से आम लोग ही परेसान होते नजर आते हे नाके नेटा ओर उनको चम्चे ओर अमीर लोग कोय परेसान नजर नही आताहे ,

कय जगाह नोट को बदलने मे भी कर्पसन हो रहा हे इसके वीदीयो सोसीयल मीदीया पर वायरल हो रहे हे आप देखसरकते हो , ओर इस काम को करने वाले बेंक मेनजर या ओर बेंक के कर्मचारी सामील हे हर जगाह गरीब को लम्बी लाइन मे खरे रेहना परता हे ओर अमीर पीछले दरवाजे से बेंके लोगो से बहोत लंम्बी रकम बदल लेते हे इसकी साकीयकत भी कयजगाह की गइ हे लेकीन सरकार कुच करने वाली नही हे उनकै खीलाफ कोय सखत कदम नही उथाया जायेगा बलके सोचो के आम आदमी को अपने ही पैसे को बदल ने के लीये बारबार लाइन मे खरे रेहने पर सरकार ने ये रोकने के लीये मतदान के दीन जीसतरहा उंगली पर सही लगाते वेसे आम लोगो को अपने ही पैसे को लेने से सरकार रोक रही हे ,

मेरा सरकार से सवाल हे के आप इस्तरहा लोगो को उल्लु ना बनाय्ये ,

कालाधन हमे नही चाहीये  हमै हमारा हक्क ओर अधीकार चाहीये ओर सबसे पेहले आपने हमारे कमायके पैसे को आपने ले लीया ओर हमारे हक्क को छीन्ने का काम कीया हे इसमे कोय दो राय नही हे ,

आप को वाकीइ मे कालाधन पर काम करना हे तो सरकारी सीसतम पर काम करे यानी कर्पसंन को दुर करो ओर खुदके नेटा लोगो को पेहले सजा दो ओर सारे नेटा लोगो की पोर्पती को खुल्ला करने की मे मांग करता हु ,

हुजैफा पटेल
मुलनीवासी योध्दा !
गुजरात , भरुच

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