गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम खुला पत्र
माननीय भरत सोलंकी जी --------- आदाब दिनांक : २७ जुलाई २०१६
केंद्र सरकार अपने गुणगान में कहती फिर रही है '' मेरा देश बदल रहा है '' मै कहता हु '' मेरा गुजरात बदल रहा है ''यहाँ के नव जवान क्रन्तिकारी नेताओं ने गुजरात से भय , भगवा और भगवन के नाम कि राजनीती को समाप्त कर दिया है अब गुजरात में सामाजिक समानता की राजनिति का युग शरू हुआ है हार्दिक पटेल जैसे नेता इसे सरदार युग मानते हैं वहीँ दूसरी तरफ ऊना क्रांति के बाद जिग्नेश जैसे मार्क्सिस्ट आम्बेडकरवादी नेता इसे आम्बेडकर युग की शरुआत मानते हैं गुजरात में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल होने के बावजूद भी उस की भूमिका शून्य रही है पिछले बीस सालों में सभी समाज के साथ अन्याय होता रहा और कांग्रेस ने सही ढंग से कभी भी अपनी भूमिका अदा नहीं की इस आन्दोलन के दौर में कांग्रेस की एक भूमिका रही है वह यह है कि पाटीदारों के आन्दोलन के खिलाफ ओ बी सी के नाम पर अल्पेश ठाकोर को खड़ा कर दिया
क्या आप जानते हैं अल्पेश ठाकोर ने नशा मुक्ति के नाम पर ठाकोर -क्षत्रिय को भाजपा के पक्ष में खड़ा कर दिया है ?
अल्पेश ठाकोर अब अस्सी लाख कि ज़ागुअर गाड़ी से चलता है ?
यह गाडी मुकेश भरवाड ने तोहफे के तौर पर दी ? जो हमेशा साथ साथ होता है ?
आप को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुकेश भरवाड के आपसी रिश्तो की मालूमात होनी चाहिए ? क्या यह है ?
सामाजिक अधिकार की लड़ाई को अल्पेश ने कैसे नशा मुक्ति आन्दोलन का रूप दे दिया ?
गुजरात सरकार अल्पेश पर महेबान होकर सुरक्षा गार्ड दे रखा है ? यह महेरबानी क्यों ?
मै जानना चाहता हूँ कि क्या अल्पेश ठाकोर कांग्रेस की कोख में पैदा होकर भाजपा की गोद में बैठने वाला नेता नहीं है ? यदि नहीं तो पुष्टि करें
सोलंकी साहब , आपके महान नेता माननीय अहमद पटेल साहब की भूमिका भी संदेह के घेरे में है अहमद भाई कि राजनिति कि दूकान कांग्रेस पार्टी में अल्पसंख्यक के नाम पर चलती है मुस्लिम होने कि वजेह से राज्य सभा की कुर्सी फिक्स है लेकिन मुसलमानों से दूरी रखने में ही अहमद भाई अपनी भलाई समझते है यहाँ तक कि जब वह आदर्श ग्राम योजना के तहेत गाँव को गोद लेते हैं तो पहले यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि वान्दरी गाँव में कोई मुसलमान तो नहीं है
अस्सी के दशक से अब तक अहमद भाई के नाम पर कंग्रेस्सी चिराग जलाते हैं यह वही अहमद पटेल हैं जो बाबरी मस्जिद कि शहादत पर निंदा के लिए एक शब्द भी नहीं बोलते हैं और अफगानिस्तान में बामियान की मूर्ती तोड़ने पर भारतीय अखबारों से लेकर बी बी सी लन्दन तक में निंदा करते हैं
नरेन्द्र मोदी के दोस्त हैं अहमद पटेल , मोदी जी ऐसा मानते हैं लेकिन अहमद भाई इनकार करते हैं तो मेरा आप से सवाल है कि निरुपम नानावती जो अहमद भाई के पुराने दोस्त हैं अहमद भाई जब भी गुजरात आते हैं तो मिस्टर नानावती साथ दिखते हैं यहाँ तक कि अहमद भाई राज्य सभा कि सदस्यता के चुनाव का पर्चा दाखिल करने जाते हैं तो भी मिस्टर नानावती अहमद भाई के साथ साथ होते हैं यही नानावती अमित शाह की गिरफ़्तारी पर अमित शाह के वकील बन कर अदालत में नजर आते हैं तहकीकात करने पर पता चलता है कि नानावती जी अमित शाह के भी ख़ास और भरोसेमंद हैं
दो बड़े विरोधी राजनैतिक दल के बड़े नेता आपस में कभी भी खुले तौर पर नहीं मिलते हैं न ही अपने पर्सनल फोन से बात करते हैं यह लोग बीच में ऐसे व्यक्ति को रखते हैं जो दोनों पक्ष का भरोसेमंद हो ऐसा व्यक्ति दलाली करता है यह फार्मूला अधिकतर बड़े नेता उपयोग करते हैं
क्या हम भाजपा और कांग्रेस के इस मकडजाल को जनता से दोखा न समझें ?
क्या यह मुस्लिमो और दलितों के साथ धोखा नहीं है जो कांग्रेस के ट्रेडिशनल वोटर रहे हैं
क्या भाजपा और कांग्रेस मिलकर राजनिति नहीं कर रहे हैं ? जिस कारण विपक्ष कि भूमिका समाप्त हो गयी है जिस कि हानि मात्र गरीब गुजरातियों को हुई
आज ही मुझे एक प्राइवेट जासूस ने बताया है कि दो दिन पहले एम् एल ए गयासुद्दीन शैख़ की अमित शाह से मुलाक़ात हुई है मुझे यकीन नहीं आया तो दिमाग कि बत्ती जलाई तो पता चला दो दिन पहले अमित शाह आहमदाबाद में थे इसके अलावा हाल ही में गयासुद्दीन शैख़ साहब ने विधान सभा में कहा था कि अक्षरधाम हमले में मारे गए आतंकी मुस्लमान थे जबकि उस समय कुछ अखबारों ने लिखा था कि इन आतंकियों कि खतना नहीं हुई है आप को मालूम ही होगा कि मुसलमान कैसा भी हो खतना ज़रूर करवाता है आनंदी बेन की तारीफ़ में एम् एल ए श्री ने इश्तेहार भी दिया था कुछ समय से विधयक जी भाजपा को खुश करने वाले काम ज्यादा कर रहे हैं
मै आपकी जगह होता तो पार्टी के सभी विधायकों के ज़मीन जायदाद के कारोबार कि जाँच करवाता और पता करता कि कितने विधायकों की सत्ता पक्ष के साथ सांठगांठ है
मै आप से जानना चाहता हु क्या गयासुद्दीन शैख़ अमित शाह के संपर्क में हैं ?
क्या आने वाले दिनों में वह भाजपा का एक मुस्लिम चेहरा बनेंगे ?
आप लोग कब तक मुसलमानों को बेवकूफ बनायेंगे ?
मै एक बात साफ़ कर देना चाहता हूँ कि मेरा किसी भी राजनैतिक दल से कोई सम्बन्ध नहीं है मै इंसाफ फाउन्डेशन का चेयरमैन हूँ हमारा संगठन दलित मुस्लिम एकता पर काम कर रहा है साथ ही राजनैतिक रिसर्च कर के दलितों और मुसलमानों को गुजरात में विकल्प सुझा सके इसकी भी कोशिश क्र रहा है
आशा करता हूँ कि मेरे पत्र का जवाब मिलेगा अगले पत्र में हम आप से गुजरात दंगो के बाद हुई इन्वेस्टिगेशन में कांग्रेस की भूमिका पर बात करेंगे ताकि गुजरात की जनता किसी भ्रम में न रहे
धन्यवाद
कलीम सिद्दीकी
President , Initiative for Social Activities Framing (INSAF) Foundation
M. 9276848549
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Wednesday, 2 November 2016
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