जनता के अधिकार पहले ही छीने जा चुके थे फिर नसंबदी ने घर-घर में दशहत फैलाने का काम किया. उस दौरान गली-मौहल्लों में आपातकाल के सिर्फ एक ही फैसले की चर्चा सबसे ज्यादा थी और वह थी नसबंदी. यह फैसला आपातकाल का सबसे दमनकारी अभियान साबित हुआ.