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Tuesday, 10 August 2021

कोरोना वैक्सीन और जनता को नियंत्रित करने का षड्यंत्र .



मुंबई लोकल ट्रेन यात्री को वैक्सीन नियमित लगा अनिवार्य .

social active foundation SAFTEAM GUJ.
Date:- 10 Aug 2021

मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवा  15 अगस्त से शुरू हो रही है लेकिन इसमें यात्रा करने की अनुमति उन्हीं लोगों को दी जाएगी जो कोरोना टीके की दोनों खुराक ले चुके हैं। यह कल रात की खबर है , वैसे यह खबर पहले ही आ चुकी है कि देश का रेलवे बोर्ड यात्रियों के लिए कोरोना के टीकाकरण के सर्टिफिकेट को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रहा है. इसका मतलब यह है कि अगर आप ट्रेन से यात्रा करते हैं तो आपको टीका लगवाना जरूरी है और आपके पास टीका लगवाने का सर्टिफिकेट भी होना चाहिए. मुंबई लोकल ट्रेन में सफर के लिए वेक्सीनेशन सर्टिफिकेट का मांगा जाना इसकी शुरुआत है, दिल्ली में भी कह दिया गया है कि वैक्सीन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट दिखाने पर ही दर्शकों को अक्टूबर में रामलीला देखने की अनुमति मिलेगी
NDTV रिपोर्ट 


देश भर में कालेज  खुल रहे हैं, मगर विद्यार्थियों के लिए प्रबंधक कमेटियों की तरफ से वैक्सीनेशन जरूरी कर दिया गया है साफ तौर पर कहा गया है कि 18 साल से अधिक उम्र के विद्यार्थी वैक्सीनेशन लगवाने के बाद ही कालेज आ सकते हैं, बिना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के विद्यार्थियों को कालेज में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा

केरल सरकार भी पीछे नहीं है उसने नए कोविड प्रोटोकॉल लागू कर दिए हैं जो लोग दुकानों, बैंकों और अन्य प्रतिष्ठानों में प्रवेश करते हैं, उन्हें टीके की कम से कम एक डोज लगी होनी चाहिए या उनका आरटी-पीसीआर प्रमाणपत्र 72 घंटे से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए।

कोई बताए यह सब किस आधार पर किया जा रहा है ?

दुनिया की किस स्वास्थ्य एजेंसी ने यह लिख कर दिया है कि जिसे टीका लग गया है वह संक्रमण नहीं फैला सकता ?

केरल की स्वास्थ्य मंत्री कह रही है कि किसी को भी डेल्टा वैरिएंट की उपस्थिति को नहीं भूलना चाहिए। लेकिन पूरी दुनिया से जो आंकड़े आ रहे हैं उससे साफ हो गया है कि कोरोना के डेल्टा वेरियंट के प्रसार को रोकने में वैक्सीन कोई ख़ास सफल नहीं है 


अमेरिकी संस्थान सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की एक अप्रकाशित रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि वैक्सीन दोनों डोज ले चुके लोगों से भी डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण फैल सकता है। चौंकाने वाली बात यह है कि उनसे उतनी ही तेजी से संक्रमण फैलेगा, जितनी तेजी से बिना वैक्सीन लगवाए लोगों से फैल रहा है। CDC के डायरेक्टर डॉ. रोशेल पी वालेंस्की ने बताया कि वैक्सीनेशन करा चुके लोगों की नाक और गले में उतना ही वायरस होता है, जितना कि टीकाकरण न कराने वालों में, जिससे ये आसानी से फैल जाता है.…....

ब्रिटेन के पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) ने अपने लेटेस्ट कोविड-19 अपडेट में साफ़ कह दिया है कि इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, वे भी डेल्टा वेरिएंट को उन्हीं लोगों की तरह तेजी से फैला सकते हैं, जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है. PHE ने कहा कि 19 जुलाई से दो अगस्त तक डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती होने वाले 1467 लोगों में से 55.1 फीसदी मरीजों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी. वहीं, 34.9 फीसदी लोगों को (512 लोग) वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी. 

इस अध्ययन से साफ़ है कि  वेक्सीन नहीं लगवाने वाले, वेक्सीन लगवाने वाले लोगो की तुलना में कही अधिक संख्या में होस्पिटलाइज़ हो रहे हो ऐसा भी नही है दोनो का लगभग ओसत बराबर ही है


आज अमेरिका के बारे में खबर है कि वहाँ कोरोना का आपातकाल वापस लौट आया है ये जब है कि वहाँ 60 प्रतिशत लोगो को कम से कम वेक्सीन की पहली डोज लग गयी है 

मुझे अच्छी तरह से याद है कि जब वेक्सीनेशन की चर्चा शुरू हुई थी तब कहा जा रहा था कि हर्ड इम्यूनिटी के लिए लगभग 70 से 75 फीसदी आबादी को वेक्सीन लगवानी होगी कई देशों में यह वेक्सीन लगा चुके लोगो की संख्या इस आंकड़े के बहुत नजदीक है लेकिन वहाँ आज भी।मरीजो ओर मौतो की संख्या रुकी नही है....अब जिस हिसाब से यह प्रतिबंध लगाए जा रहे है उससे लगता है कि पूरे 100 प्रतिशत आबादी को ही वेक्सीन लगवानी होगी,.....

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...