*मुस्लिम अवाम को उल्माओ की इज्जत कुएँ करनी चाहिये❓क्या परिस्थितियों और जिम्मेदारियों पर मुस्लिम समाज के बडे बडे दीनी रेहबर (रास्ता दिखाने वाले) बडे बडे मदारिस और तंजिमों के सदर इस विषय पर चिंतन कर रहे हे❓.*
*"السلام عليكم ورحمة الله وبركاته"*
*بِسْمِ ٱللَّٰهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ*
Date:- 14 Aug 2021
✒️ Huzaifa Patel
Dedicated Worker
Bharuch, Gujarat.
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*"कर्बला के शहीदों के लिये"*
बाद सलाम मजहबे इस्लाम के शरबरा और *मजहबी रहेनुमा दीनी पेशवा,रेहबर* हमारे इस मेसेज पर खास तवज्जो फरमाए और मुस्लिम अवाम की बुद्धिजीवी और चिंतित लोग इस्लाम और मुसलमानों की परिस्थितियों को समझने वाले तमाम हमारे मुस्लिम भाईयों से अपील हे,*इस लेख मे कही गई बातों पर तवज्जो करे.*
आजके इस फितने और साजिश के डोर मे दीन-ब-दीन मुस्लिम समाज जिन परिस्थितियों से गुजर रहा हे हममें से हर जिंदा दिल इन्सान बखूबी वाकिफ हे,एसे मे बहोत से हमारे दीनी रेहबर, उल्माए किराम समय समय पर मिम्बरे रशुल और बडे बडे मंचों के साथ मिडिया मे आकर *मुस्लिम अवाम को उल्माओ की इज्जत करने को लेकर बडी बडी हदिशे और कुरान की बातें करते नजर आ रहे हे.*
इन सारी परिस्थितियों को अच्छी तरहा समझने के साथ मेरी अपनी जाती जिम्मेदारी और मकसद को लेकर मेरा फर्ज हे, इस विषय मे खास रोशनी डालने का प्रयास किया जाये,जिसको मे कुच दलील और मेरी जिंदगी के अभ्यास और अनुभव के बाद आज पहेली मरतबा मेसेज मे सख्त शब्दों का प्रयास करने जा रहा हु,आपकी नजर मे अगर कोई गुस्ताख़ी हो तो माफ करे, *लेकीन मे हक बात बोलने और लिखने के साथ इसपर अपना जिवन कुरबान करने को मेरा इमानी फर्ज और इन्सानियत की जिम्मेदारी समझते हुये अपनी बात निचे रखने जा रहा हु.*
मेरी इस बात को लेकर आप ये अनुमान *"ना"* लगाये के मे ये चाहता हूं के अवाम उल्मा से दूर हो जाये मे कभी एसा *"नही"* चाहता हूं, *"ना"* मे मुस्लिम अवाम के जाहिलाना और बे-बुनियाद इल्ज़ाम को लेकर अवाम के उल्मा विरोधी *गलत विचारों और सवालों को लेकर अवाम को समर्थन करता हूँ।*
मुस्लिम समाज मे जिस तरहा उल्माओ से गुमराही और इख्तिलाफ के साथ उम्मते मुस्लमा फिरकों (गिरोह) झूठ मे बत गई हे, और इस्लाम से दुर हो रही हे, सायद इतना नुकसान दीने इस्लाम के दुश्मनों ने नही किया जितना उल्माओ के इख्तिलाफ और बातों-बयानों से हुवा हे,ये केहना गलत नही होगा के दुशमने इस्लाम के दुश्मनों से हाथ मिलाकर उम्मते मुहम्मद को तबाह बरबाद करने के साथ जाहिल हुक्मरानो के जुल्म का शिकार बनाने मे इनहों ने कदम से कदम मिलाने की कसम उठाई हो, जिसका मंजर हमारे सामने हे जो सोचने और समझने की शक्ति रखने वाले अपनी खुली आंखों से देख सकते हे।
*"मेरी इस बात पर मुस्लिम समाज की बडी़ बडी़ तंजीमे,संस्थान और जिम्मेदार जरूर तवज्जो करे."*
इन सारी परिस्थितियों से मिल्लत के सही हमदर्द और फिकरे रशुल रखने वाले उल्मा हजरत इस फितने के डोर मे बहोत से उल्मा जो मिंम्बरे रशुल और मंचों पर मुस्लिम अवाम को मुखातब होते हे,जिनमे से अकसर उल्मा अपने बयान मे लज्जत लाने और बयान सुनने वाली मुस्लिम अवाम को इस्लाम के उसुली अकाई की सोच समझ से दुर करने की साजिश कर रहे, कई उल्मा तो अपने बातों मे कुरान और हदिश की बड़ी बडी़ बातें करने के साथ अल्लाह और रशुल का नाम बारबार लेते नजर आते हे, उनके बयान मे अकसर बातें जाहिलाना और बे-बुनियाद होती हे,कुरान और हदिश से हटकर कमजोर रिवायटो से भी आगे निकल जाते हे,यंहा तक देखने और सुनने को मिलता हे,मुसलमानों के अकिदे को खराब करने की कोशिश करने के साथ वक्त और हालात समझने की सलाहियत से दुर करने की पुरजोर कोशिश की जा रही हे, *इन उलमा को रोकना जरुरी हे,* जिसके लिये मे बड़ी बड़ी तंजीमे और बडे बडे मदारिस के सदर से अपील करना चहाता हु, इसके लिये फिकरमंद हो. *"क्या किया जाये"*
ये बिमारी मुस्लिम समाज के हर गिरोह (झूठ) फिरकों के उलमाओ मे पाई जाती हे, जिसको समझना जरुरी हे, इसके लिये हर मक्कबे फिकर के बडे उल्मा और जिम्मेदार एक कमिटी का गठन करे,जिसमे बडे बडे मदारिस के सदर और बड़ी बड़ी तंजिम के सदर को जौरा जाये, उनका काम इस समस्या पर काम हो जो हर स्टेट मे कमिटी बनाई जाये, हर मक्कबे फिकर खुद इस पर काम करे,जिसमे उलमा किराम के बयान को लेकर एक एसी व्यवस्था बनाई जाये,जो मिम्बरे रशुल और बडे बडे मंचों और मिडिया मे बयान करने वाले उल्माए किराम के बयान को एनालिसिस किया जाये,जिसमे अगर उपर बताये गये उल्मा हो तो ये कमिटी उसको रोकने का पुरजोर लगाकर काम करे.
अगर ये काम जल्द नही किया गया मुस्लिम अवाम का सबसे पहेले परहा लिखा तबका और बाद मे कुच समझने वाला तबका उलमाए दिन से दुर होता जायेगा. जिसके जिम्मेदार आप दिनी रहेबर,सरबरा उल्माए किराम होगें।
*खास नोध* अगर आप उपर बताये उल्माए किराम को रोकने को लेकर फिकरमंद नही हे,आपको कोई हक नही हे उम्मते मुहम्मदिया (मुसलमानों) को दिनी इस्लाम के रेहबर केहने वाले उल्माए किराम की इज्जत करने के बयान करते जाये फजाईल सुना ते जाये, आप सबसे पहेले दिन का बेदागर्क करने वाले और दुनिया की मोहब्बत मे मुसलमानों को गुमराह करने वाले उल्मा को निजामी शकल से रोकने का इलाज करे,*बाद मे उम्मत मे उलमा के फजाईल सुनाने का काम करे।*
*जो उल्मा ज्यादातर जोर उल्मा की इज्जत करने के फजाईल बयान करने मे देते हे,वो मेरी इस बात पर जरुर तवज्जो करे,* साथमे अमल करे,बाकी अवाम मे उल्मा की जिम्मेदारी को लेकर जो सवाल से आवाज उठती हे,जो इस उम्मत का हक हे उसको दबाने की कोशिश करना मतलब हजरत मुहम्मद स.अ.व. के फरमान से रोकना हे,जिसका हवाला आप उल्माए किराम को जरुर ध्यान करे,मुस्लिम शरीफ,जिल्द-1 हदिश नंबर 179 इसका मुताआला जरुर करे,*जिसमे उम्मत को फितनो के डोर मे क्या करना इसका मार्गदर्शन हमारे नबी ने दिया हे.*
इस लिये आने वाली मुसलमानों की गुमराही और तबाही के साथ साजिश को लेकर सोचे वरना एसी आवाज उठेगी दुनियादार, गुमराह परस्त उल्मा के खिलाफ जिसमे सायद बेगुनाह, अच्छे और हक पर्सत उल्मा शिकार हो शकते हे, *अपने आपको खामोश करना जहालत को बढावा देना होता हे.*
मुझे आशा हे मेरी ईन बातों पर गेहराई से सोचा जायेगा, बाकी हमतो जबतक जिंदा हे, *हमारी जिम्मेदारी को नही भुलेंगे.*
*इस मेसेज को अपने अपने नजदिक के उल्मा को जरुर शेर करे.*