मुसलमानो के वर्तमान हालात को सुधार के लिये क्या करने की जरूरत है❓
Da.20/01/2020 TUE.
✍️ Huzaifa Patel (Dedicated Worker)
आजका लेख वर्तमान समयकी समस्याओं को सुल्जाने ओर इसपर बहोत फहराईसे सोचने और सुधार करने के लिये है,जैसाके हमारा विषय ऊपर बताया गया है, ऊसीको ध्यानमें रखते हुये हम वर्तमान समस्याओं की गम्भीरता पर चर्चा करनेसे ज्यादा उसका हल क्या है❓ इस पर हम बात करंगे।
जेसाके आप ओर हम देख रहे है,आजकल सोशियल मीडिया के माध्यमसे समाजके जाग्रुत हालात के जानकार ओर चिंतित युवा समाजके सोशियल,पोलटिकली,रिलिजियस से जुड़े लीडरों से बहोत ज्यादा अपना आक्रोश दिख रहे है, ओर साथमे दिन बदिन हमारी समस्या बढ़ती जा रही है,ऐसे में हमे क्या करने की सबसे कम दर्जे में जरूरी है❓ हमे तीन विषय पर खूब अभ्यास करने के बाद हमे लगता है,अगर हम लोग नीचे बताये गये तीनों विषयों पर प्लांनिग से मेहनत करते है,तो बहोत सी समस्याओं को सुल्जाने ओर सुधार लाने में हमें सफलता मिल सकती है।
नंबर 1- उलमाओं को समाजके सोशियल ओर पोलटिकली लीडरों के दबाव से मुक्त किया जाये.
जैसा के हमारे सोशियल कार्योमें हमे अभ्यास हुवा है, बहोत से उलमा समाजके सोशियल और पोलिटिकली लीडरों ओर समाजके धनवान नामचीन लोंगोंके दबाव में देखा जाता है, वो चाहकर भी समाज के लिये कूच नही कर सकते है,जिसकी वजाहसे आज उम्मतका युवा तबका उलमाओं से सोशियल मीडियम खुलमखला (विध्रोह) विरोध करते नजर आते है.जिसकी एक वीडियो आपकी खिदमत में रखता हूं।
इस लिंक पर आप देख देख सकते है।
अगर हम उलमाओं की जमात में भरोसेमंद ओर ईमानदार उलमाओं को इस दबाव से मुक्त करते है, तो बहोत से कार्य आसान हो सकते है।
👉 इस विषयका इलाज क्या है? वो बहोत बड़ा मनो-मंथन करना अलग विषय है, लेकिन इस पर हम हमारे शक्ति अनुसार हमेशा कार्य करते है.
नंबर 2 - समाजके युवाओ को बेहतर तरीके से समाजके वर्तमान हालातकी समस्याओं पर समाजके सोशियल,पोलटिकली, रिलिजियस लिडोरों से वार्तालाप (डिबेट)करने के लिये तैयार करना बहोत जरूरी है, जिनके पास समाजकी छोटी सी छोटी समस्याओं का अभ्यास के साथ अनुभव और टीमवर्क से मजबूत करना जो समाजके लीडरोंसे मजबूत दलील से सवालोंके साथ डिबेट करने का हुनरबाज बनाया जाये जो अपनी बात रखने में समजदारी ओर शयमता के साथ चेलेंज करने की शक्ति रखने और समस्याओं को सुल्जाने में सक्षम हो.
नंबर 3 - समाजके बुद्धिजीवियों, चिंतित लोग समाजके वर्तमान समयकी गम्भीरता को समजने के लिये ओर समजा ने के लिये खुलकर बहार आये, वैसे ये विषय बहोत अहम ओर जरूरी है, कुयुके येही वो लोग है जो ऊपर के दोनों विषयों पर बहोत अच्छे से अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकते है, ओर ऊपर के दोनों विषयों की तमाम जिम्मेदारी समाजके बुद्धिजीवी, समझदार,फिकरमंद ओर निडर, संघर्ष करने वाले लोंगोंके जिम्मे है,येही लोग इस कार्यो को बखुबी अंजाम "दे" सकते है।
"इस विषय को इर गहराई से परहो ओर आपके आसपास समाजकी संस्थाओं,संगठनों के जिंदा लोंगोको जरूर शेर करे"