अस्लामुअ लय कुम व.व.व.
पत्र लिखने वाला गुजरात भरुच से
नाम: - हुजैफा इ.पटेल
समाज सेवक
नाम: - हुजैफा इ.पटेल
समाज सेवक
पत्र लिखते हे जमियते उलमाअे हिंद गुजरात के पर्मुख
इस नाचीस की सलाम बाद मे अपने अनुभव अोर समाज के फिकर के ज्जबे के साथ ये लिखने की कोसीस करता हु ,
वे से मे इस काबिल नही हू लेकीन मुजे मेरा जमिर पिछले कुच दिनोसे ये लिखकर आप तक ये मेसेज के जरिये बात रखने की बारबार जिन्जोर रहा हे इस लिये ये मे लिखने की आपके समने खुसताखी करने जा रहा हु ,
वे से मे इस काबिल नही हू लेकीन मुजे मेरा जमिर पिछले कुच दिनोसे ये लिखकर आप तक ये मेसेज के जरिये बात रखने की बारबार जिन्जोर रहा हे इस लिये ये मे लिखने की आपके समने खुसताखी करने जा रहा हु ,
मेने अपने जवान नी के इस दोर मे बहोत कुच सिखा हे कुच हालात ने सिखाया कुच समाज ने सीखाया हे अोर कुच समाज की वेव्सथा ने मुजे सिखाया हे ,
अनुभव तो बहोत हुवा लेकिन मे आपके सामने सिधे मोजु को जोरकर वात रखता हु ताके मेरा मेसेज अोर मेरे विचार आपको समज आसके अोर इसके बाद अाप जरर मुजे जवाब देंगे ,
मेने मुसलिम सारी अोर्गेनाय्जिसन का जाइजा लिया हे इसमे ज.उ.हि. के बारे मेने परहा अोर जाना के ये संगधन भारत देशका सबसे पुराना संगधन हे अोर ये उस व्कत बना जब इस देशमे अंगरेज हुकुम भारतमे आम लोगो पर बे पनाह जुलम कर रहे थे इस जुलमसे अोर अंगरेजो की गुलामी से आजादी के लीये ज.उ.हि. ने अपना रोल बखुबी नीभाया हे ,
लेकीन अाज के जितने भी हे ज.उ.हि. के मेम्बर हे वो अपना काम सहि थंगसे करते मुजे नहि आरहे हे अोर मे खासकर मे भरुच की बात करता हु यंहातो ज.उ.हि. जेसे कोय हे हि नही अेसा लगता हे अोर इसवक्त मे जीतना आप अपना परचार कर रहे हे बिलकुल ज.उ.हि.के संगधन के विराध मे हे
लेकीन अाज के जितने भी हे ज.उ.हि. के मेम्बर हे वो अपना काम सहि थंगसे करते मुजे नहि आरहे हे अोर मे खासकर मे भरुच की बात करता हु यंहातो ज.उ.हि. जेसे कोय हे हि नही अेसा लगता हे अोर इसवक्त मे जीतना आप अपना परचार कर रहे हे बिलकुल ज.उ.हि.के संगधन के विराध मे हे
मेरा आपको सवाल हे जवाब देना ताके मुजे ये मालुम हो के मे सही हु के नही ,
सवाल १ कया मुसलिम समाज को अपके संगधन भविसय का काय फायदा हे ,
सवाल २ कया आप मुसलिम समाजके युवा को अागे बरहाने का काम करते हो ,
सवाल ३ कया आप भविसय की नजर रक्ते कोय काम या कोय तंजिम चलाते हो ,
सवाल ૪ कया आप लोग इतनी बरी तंजिम का फायदा मुसलिम समाजो को बरे पलान के साथ संजाते हे ,
सवाल ५ कया आप मुसलिम युवा जो समाज के लिये कुच काम करने का ज्जबा रखते हे उनको आगे बरहा ने का काम करते हो ,
सवाल ६ कया आप समाज को अोर बेहतर आपकी तंजिम का फायदा हो अेसा कोय काम करते हे ,
अल्लाह हाफिज
आपके जवाब का आभारी
मे मेरा नंबर भी देता हु अगर कोय मेसेज देना होता आप इस नंबर 9898335767वोटसअोप पर भेजे
आपके जवाब का आभारी
मे मेरा नंबर भी देता हु अगर कोय मेसेज देना होता आप इस नंबर 9898335767वोटसअोप पर भेजे