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Tuesday, 17 March 2020

समाज के नाम पर समाज को भतका ने निकले चंद्रशेखर रावण को लेकर हमे बहोत दुर तक सोचने की जरुरत हे.

चेद्रशेखर रावण को लेकर बहुजन समाज के सुधीर जाटव के विचार सोशल मिडिया मे खुब वायरल हो रहे हे.
SAFTEAM .
17 MARCH 2020


अगर चंद्रशेखर रावण भविष्य में देश का प्रधानमंत्री बनता है तो हमको क्या दिक्कत हो सकती है ? हमको तो खुशी होगी कि चलो हमारे समाज से कोई प्रधानमंत्री तो बना । हम तो वो आदमी हैं जो एक चपरासी को देखकर खुश हो जाते हैं । लेकिन हमारा मानना तब भी यही था कि चंद्रशेखर का उद्देश्य कोई समाजसेवा करना नही है बल्कि वो राजनीति कर रहा है । जब आप कहते थे नही नही भीम आर्मी एक सामाजिक संगठन है । आप गलत साबित हुए और रावण ने राजनीतिक दल बना लिया । आप कल भी गलत साबित हुए लेकिन मुँहजोरी करने की आदत नहीं गयी । उसकी राजनीति करने की महत्त्वाकांक्षा ने कितने ही युवाओं का कैरियर लील लिया । कितने ही युवा अभी भी जेल में हैं और कितने ही युवा अदालतों के चक्कर काट रहे हैं । कोई सा ऐसा क्षेत्र नही बचा जहाँ मुकदमे दर्ज नही करवाये हो । जिन युवाओं का साथ देने का वायदा किया था, जिनके नाम पर चंदा उगाहने का काम किया, वो आज कहाँ किस हालत में हैं, कोई नही जानता । उनमें से ही एक सोनू तो आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या भी कर चुका है । उपकार बावरा को कौन नही जानता ? उनकी हालत किसने नही देखी थी ? बाकी हम आज भी कहते हैं कि चंद्रशेखर का राजनीतिक दल बनाने का उद्देश्य कोई सत्ता प्राप्त करना नही है बल्कि बसपा को नुकसान पहुंचाकर भाजपा कांग्रेस को लाभ पहुंचाना है । आप कहते हैं कि इससे बसपा खत्म हो जाएगी तो आपको पता होगा कि एक समय फूल सिंह बरैया को मध्य प्रदेश में बसपा का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार माना जाता था । चंद्रशेखर से ज्यादा संघर्ष और मेहनत की थी लेकिन बसपा से नाता तोड़ने के बाद खुद के लिए 5000 वोट भी मुश्किल से जुटा पाए । आखिर में भाजपा शरणं गच्छामि कहते हुए कांग्रेस शरणं गच्छामि हो गए और कांग्रेस ने उनको बलि का बकरा बना दिया । चंद्रशेखर को लेकर भी आप इसीलिए उत्साहित हैं क्योंकि चंद्रशेखर भी उसी जाति से संबंध रखता है जो बसपा का कोर वोटर है लेकिन आपको यह गलतफहमी नही होनी चाहिए कि एक जाति से कोई राजनीति नही चलती । अगर चलती भी है तो जल्दी ही ढल जाती है । वो भी तब जबकि जिस जाति के सहारे राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं, वो आज भी वहीँ खड़ी है, जहाँ पहले खड़ी थी । इसके अलावा आपकी कोई सोच नही है, कोई विचारधारा नही है । आपके पास कोई उद्देश्य नही है । ये सामाजिक संगठन नही है कि आप युवाओं को भड़काकर लोकप्रिय हो जाएंगे । हो भी सकता है कि आप ऐसा कर पाओ लेकिन ये एक जाति में ही हो सकता है । बाकी आपको नकार देंगे और यही आपका उद्देश्य है उसी जाति में तोड़फोड़ कर बसपा को नुकसान पहुंचाना ।
अगर चंद्रशेखर रावण भविष्य में देश का प्रधानमंत्री बनता है तो हमको क्या दिक्कत हो सकती है ? हमको तो खुशी होगी कि चलो हमारे समाज से कोई प्रधानमंत्री तो बना । हम तो वो आदमी हैं जो एक चपरासी को देखकर खुश हो जाते हैं । लेकिन हमारा मानना तब भी यही था कि चंद्रशेखर का उद्देश्य कोई समाजसेवा करना नही है बल्कि वो राजनीति कर रहा है । जब आप कहते थे नही नही भीम आर्मी एक सामाजिक संगठन है । आप गलत साबित हुए और रावण ने राजनीतिक दल बना लिया । आप कल भी गलत साबित हुए लेकिन मुँहजोरी करने की आदत नहीं गयी । उसकी राजनीति करने की महत्त्वाकांक्षा ने कितने ही युवाओं का कैरियर लील लिया । कितने ही युवा अभी भी जेल में हैं और कितने ही युवा अदालतों के चक्कर काट रहे हैं । कोई सा ऐसा क्षेत्र नही बचा जहाँ मुकदमे दर्ज नही करवाये हो । जिन युवाओं का साथ देने का वायदा किया था, जिनके नाम पर चंदा उगाहने का काम किया, वो आज कहाँ किस हालत में हैं, कोई नही जानता । उनमें से ही एक सोनू तो आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या भी कर चुका है । उपकार बावरा को कौन नही जानता ? उनकी हालत किसने नही देखी थी ? बाकी हम आज भी कहते हैं कि चंद्रशेखर का राजनीतिक दल बनाने का उद्देश्य कोई सत्ता प्राप्त करना नही है बल्कि बसपा को नुकसान पहुंचाकर भाजपा कांग्रेस को लाभ पहुंचाना है । आप कहते हैं कि इससे बसपा खत्म हो जाएगी तो आपको पता होगा कि एक समय फूल सिंह बरैया को मध्य प्रदेश में बसपा का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार माना जाता था । चंद्रशेखर से ज्यादा संघर्ष और मेहनत की थी लेकिन बसपा से नाता तोड़ने के बाद खुद के लिए 5000 वोट भी मुश्किल से जुटा पाए । आखिर में भाजपा शरणं गच्छामि कहते हुए कांग्रेस शरणं गच्छामि हो गए और कांग्रेस ने उनको बलि का बकरा बना दिया । चंद्रशेखर को लेकर भी आप इसीलिए उत्साहित हैं क्योंकि चंद्रशेखर भी उसी जाति से संबंध रखता है जो बसपा का कोर वोटर है लेकिन आपको यह गलतफहमी नही होनी चाहिए कि एक जाति से कोई राजनीति नही चलती । अगर चलती भी है तो जल्दी ही ढल जाती है । वो भी तब जबकि जिस जाति के सहारे राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं, वो आज भी वहीँ खड़ी है, जहाँ पहले खड़ी थी । इसके अलावा आपकी कोई सोच नही है, कोई विचारधारा नही है । आपके पास कोई उद्देश्य नही है । ये सामाजिक संगठन नही है कि आप युवाओं को भड़काकर लोकप्रिय हो जाएंगे । हो भी सकता है कि आप ऐसा कर पाओ लेकिन ये एक जाति में ही हो सकता है । बाकी आपको नकार देंगे और यही आपका उद्देश्य है उसी जाति में तोड़फोड़ कर बसपा को नुकसान पहुंचाना ।

  सुधीर जाटव....

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...