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Friday, 20 March 2020

corona

#संक्रामक_रोग_एवं_इस्लाम

आजकल कोरोना वायरस चारों तरफ फैल चुका है, लोगों के अंदर दहशत पैदा हो चुकी है !!
शरीयत इस सिलसिले में क्या कहती है आइए हम जानते हैं !!

आयशा (र) ने रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम) से वबा (संक्रामक रोग) के बारे में सवाल किया तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा :
यह एक अजाब है जिसे अल्लाह तआला जिन लोगों पर चाहता है भेजता है और इसी को ईमान वालों के लिए रहमत बनाता है, तो कोई भी बंदा अगर इस वबा का शिकार हो जाता है और अपने ही शहर में सबर करता है और अजर की नियत करता है तथा इस बात पर यकीन करता है कि अल्लाह तआला ने अगर लिखा हो तभी यह उसे नुकसान पहुंचा सकती है तो उसके लिए शहीद के बराबर सवाब है !! (बुखारी :3474)

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया के जब तुम किसी जगह के बारे में सुनो के वहां पर वबा फैल चुकी है तो वहां ना जाओ, और अगर तुम जिस जगह पर हो वहां पर वबा फैल गई है तो वहां से ना भागो !! (बुखारी :5730)

पहली हदीस के अनुसार वबा गुनहगार लोगों के लिए अज़ाब बनकर आती है जबकि नेक लोगों को कोई नुकसान हो या किसी की मौत हो जाए तो उसे शहादत का दर्जा मिलता है !!
बस इसकी एक शर्त है कि इसे यकीन हो कि सब कुछ अल्लाह ने लिख रखा था और अल्लाह के हुक्म के बिना कुछ नहीं होता !!
यह एक तरफ बुरे लोगों के लिए बड़ी धमकी है जबकि नेक लोगों के लिए बहुत ही बड़ी खुशखबरी है !!

दूसरी हदीस के अनुसार इस वबा से बचाव के लिए दो हिदायतें दी गई हैं :

पहली हिदायत यह है कि अगर किसी क्षेत्र में वबा फैल चुकी हो तो वहां कोई ना जाए ताकि उस वबा का वह भी शिकार ना बन जाए !!

दूसरी हिदायत यह है कि अगर किसी क्षेत्र में वबा फैल चुकी हो तो उस क्षेत्र के लोग दूसरी जगह ना जाए, क्यों कि हो सकता है दूसरे क्षेत्र में उसके आगमन की वजह से वबा का विस्तार हो जाए !

आज मक्का, मदीना और पूरे सऊदी अरब में जो भी कुछ एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं सब हदीस के मुताबिक है, यह इस बात का सबूत भी है कि इस्लाम इंसानियत का सबसे बड़ा रक्षक है जिसने जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शक का रोल निभाया है !!

ह़क़िकत है,, कोई अफसाना नहीं,
मेरा मक़सद किसी को लुभाना नहीं,

साइंस ने तो आज कहा है के मास्क लगाकर, और पुरे जिस्म को छीपाकर, बार बार हाथ धोकर, कोरोना वायरस से बचा जा सकता है !!
हमे तो चौदह सौ साल पहले ही बता दिया गया था, 
के कपड़े साफ और ऐसे पहना करो, जिससे पुरा जिस्म ढका रहे !!
और हर वक्त बा वुज़ू (हाथ मुंह धोकर) रहा करो, और खाना ताज़ा और एक रोटी कम खाया करो !!
हर बिमारी से मह़फुज़ (बचे) रहोगे_____इंशाअल्लाह

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...