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Thursday, 23 April 2020

सामाजिक कार्यकर्ता के लिये दिशानिर्देश और संगठन के उद्देश्य से जानकार होना जरुरी हे.

@नेतृत्व करने से पहले कायॅकताॅ को केडर में रुपांतरित       होना चाहिए....,

एक बार मान्यवर कांशीराम हरियाणा में कुछ कार्यकर्ताओं की मीटिंग ले रहे थे।

मीटिंग संबोधित करने के बाद साहब के कान के पास आकर बड़े अदब के साथ एक कायॅकताॅने कहा -
साहब...! हमारे समाज के दो कद्दावर ,नेता हमारे मिशन में काम करना चाहते हैं,..वो उधर पीछे बैठे हुए हैं...उनको किसी पद की जिम्मेदारी दे दें तो...कैसा ?

साहब, थोड़ा पहले रुके, फिर  कार्यकर्ता से कहा- " एक मोमबत्ती और माचिस लाओ..." 

कार्यकर्ता दौडकर दुकान से मोमबत्ती लाया, और उसे साहब को दे दिया। साहब ने मोमबत्ती का धागा निकालकर उसे जलाने को कहा। कार्यकर्ता ने उसे हाथ में लेकर कहा "साहब...यह बिना धागे के नहीं जल सकती।"  साहब ने उसे धागा देते हुए उसे पुन: डालकर जलाने को कहा।

कार्यकर्ता ने जैसे ही धागे को पुन: डालने का प्रयास किया, वैसे ही मोमबत्ती कई टुकड़ों में टूट गयी। 
साहब ने कार्यकर्ता से पूछा - " हमें इस मोमबत्ती को जलाना है, इसके लिए क्या करना होगा?

कार्यकर्ता ने कहा -"साहब! हमें इस मोमबत्ती के मटेरियल को पहले भट्टी में तपाना होगा , फिर मोमबत्ती के सांचे में  धागा डालते हुए मटेरियल डालकर उसे पुन: मोमबत्ती के रूप में ढालना होगा।"

साहब ने कार्यकर्ता की तारीफ करते हुए कहा -" तुम  कुछ समझदार लगते हो..."
तब साहब ने मीटिंग में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा- ".. साथियो! जिस तरह इस मोमबत्ती के मटेरियल को भट्टी में  तपाकर और उसे मोमबत्ती के सांचे में ढालकर मोमबत्ती का रूप दिया जाता है, उसी प्रकार  हर कार्यकर्ता को पहले मिशन की वैचारिक भट्टी में तपना होता है...फिर क्रीटीकल समय में टेस्ट होता है। तब जाकर जिम्मेदार कायॅकताॅ के रुप में पहेचान मिलती है । केडरबेज
संगठन में कोई नेता नहीं होता , सभी कार्यकर्ता होता है, कोई छोटा कार्यकर्ता है, तो कोई बड़ा कार्यकर्ता है। उनके बाद नोन-पोलिटीकल बामसेफ संगठन, मा.डी.के.खापडेॅ , मा. दिनाभाना और वतॅमान में यही मिशन को आगे बढ़ाते हुए ...,मा.वामन मेश्राम सर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बामसेफ, मजबूत नैतृतव समाज को प्रदान कर रहे हैं,..., लोक डाउन के समय में भी हर तरह के प्रश्न का सटीक जवाब देकर कार्यकर्ता की संगठनात्मक ज्ञान की बढोतरी कर रहे हैं।

हमें, इससे सिखना चाहिए की संगठन में कार्यकर्ता को हर एक निणॅय उद्देश्यपुतिॅ के अनुरूप लेना चाहिए । जब उद्देश्य से कायॅकताॅ भटकता है, तब विचलित हो जाता है, और गलत आचरण करता है। जिससे समाज और संगठन को नुक्सान भुगतना पड़ता है।

घर पर रहिए, सुरक्षित रहिए। अपना ख्याल रखें।

धन्यवाद।

जय मुलनिवासी,

कीर्ति कुमार परमार,
प्रभारी गुजरात-बामसेफ

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