कल जहां बसती थी खुसिया
आज है मातम वहां
भक्त लाया हे ये बहार
भक्त लाया है ये बहार
भक्त से हे ये दिन और रात
भक्त से हे ये भुखमरी का काल
भक्त बने हर वो गुलाम सच जो ना माने
भक्त पे करता हे वो राज हर उल्लु दाश
भक्त से हे ये दिन और रात
भक्त से हे ये भुखमरी का काल
आज है मातम वहां
भक्त लाया हे ये बहार
भक्त लाया है ये बहार
भक्त से हे ये दिन और रात
भक्त से हे ये भुखमरी का काल
भक्त बने हर वो गुलाम सच जो ना माने
भक्त पे करता हे वो राज हर उल्लु दाश
भक्त से हे ये दिन और रात
भक्त से हे ये भुखमरी का काल
भक्त पे करता हे वो राज हर उल्लु दाश
भक्त बने हर वो गुलाम सच जो ना माने
वक़्त की गर्दिश से है
चाँद तारो का नीसाण
वक़्त की गर्दिश से है
चाँद तारो का नीसाण
वक़्त की ठोकर में है
क्या हुकूमत का समाज
क्या हुकूमत का समाज
वक़्त से दिन और रात
वक़्तसे कल और आज
वक़्त की हर शै गुलाम
वक़्त का हर शै पे राज
वक़्त की पाबन्द है
आती जाती रौनके
वक़्त की पाबन्द है
आती जाती रौनके
वक़्त है फूलो की सेज
वक़्त है कांटो का ताज
वक़्त है कांटो का ताज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शै गुलाम
वक़्त का हर शै पे राज
आदमी को चाहिए
वक़्त से डर कर रहे
आदमी को चाहिए
वक़्त से डर कर रहे
कौन जाने किस घडी
वक़्त का बदले मिज़ाज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शै गुलाम
वक़्त का हर शै पे राज.
आज है मातम वहां
वक़्त लाया था बहार
वक़्त लाया है सीजन
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शै गुलाम
वक़्त का हर शै पे राज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शै गुलाम
वक़्त का हर शै पे राज
वक़्त की गर्दिश से है
चाँद तारो का नीसाण
वक़्त की गर्दिश से है
चाँद तारो का नीसाण
वक़्त की ठोकर में है
क्या हुकूमत का समाज
क्या हुकूमत का समाज
वक़्त से दिन और रात
वक़्तसे कल और आज
वक़्त की हर शै गुलाम
वक़्त का हर शै पे राज
वक़्त की पाबन्द है
आती जाती रौनके
वक़्त की पाबन्द है
आती जाती रौनके
वक़्त है फूलो की सेज
वक़्त है कांटो का ताज
वक़्त है कांटो का ताज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शै गुलाम
वक़्त का हर शै पे राज
आदमी को चाहिए
वक़्त से डर कर रहे
आदमी को चाहिए
वक़्त से डर कर रहे
कौन जाने किस घडी
वक़्त का बदले मिज़ाज
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शै गुलाम
वक़्त का हर शै पे राज.