सामाजिक राजक्रिय परिस्थियों पर
समीक्षा करने जरुरी है, समीक्षा होगी तो चर्चा होगी, चर्चा होगी तो इस पर जाग्रती होगी और जाग्रति होगी तो दिशा निर्देश कार्य होगा ..
सामाजिक कार्यो माटे समाजन अगेवानो पे भरोशा करना क्या सही है?
हमारे बाप दादा के नजदीक संघर्ष ओर इतिहास को खत्म करने की साजिश हमारे दुश्मनों ने बखुबी निभाई लेकिन इसमे परिस्थितियों विशेष विश्लेषण तो उसको